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  1. =Premchand quotes in hindi=

    Monday, June 11, 2012

    मूल नाम
    :
    धनपत राय
    जन्म
    :
    31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
    भाषा : हिंदी, उर्दू
    विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य

















    1  केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है | ~ प्रेमचंद

    2  कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है | ~ प्रेमचंद

    3  दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। -प्रेमचंद 


    4  सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं | ~ प्रेमचंद

    5  कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता | कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है | ~ प्रेमचंद

    6  नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है | ~ प्रेमचंद

    7  अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है | ~ प्रेमचन्द
    आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है | ~ प्रेमचन्द

    8  यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं | ~ प्रेमचन्द

    9  जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं | ~ मुंशी प्रेमचंद

    10  लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती | ~ प्रेमचंद

    11  उपहार और विरोध तो सुधारक के पुरस्कार हैं | ~ प्रेमचंद

    12  जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैं, तो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है | ~ प्रेमचंद 

    13  अपनी भूल अपने ही हाथ सुधर जाए तो,यह उससे कहीं अच्छा है कि दूसरा उसे सुधारे | ~ प्रेमचंद

    14  विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला | ~ मुंशी प्रेमचंद

    15  आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है | ~ प्रेमचन्द

    16  सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है | ~ प्रेमचन्द

    17  डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है | ~ प्रेमचंद

    18  चिंता रोग का मूल है। – प्रेमचंद

    19  चिंता एक काली दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती। – प्रेमचंद

     

    We will keep adding more Quotes from time to time.

    ———————————————————————– 



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    Thankes

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