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  1. =Money Quotes in Hindi=

    Friday, June 29, 2012


    1.  Penny and penny make many : पैसे से ही पैसा बनता है ! 


    2.  दौलत की संतति ~ अहंकार, दिखावा, आडंबर, अभिमान, निर्दयता। .मार्क ट्वेन



    3.  पैसा और शाबाशी लेना तो सभी चाहते हैं, देना कोई नहीं चाहता|


    4.  संपत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति कि जो इसे अपने पास रखता है | ~ अफगानी कहावत



    5.  एक बार सिकंदर से पूछा गया कि तुम धन क्यों एकत्र नहीं करते ? तब उसका जवाब था कि इस डर से कि उसका रक्षक बनकर कहीं भ्रष्ट न हो जाऊं।


    6.  धन अपना पराया नही देखता।


    7.  धन अच्छा सेवक है, परन्तु ख़राब स्वामी भी है।


    8.  कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे ,तो कंगाल हो जाता है | ~ .चाणक्य

    We will keep adding more Quotes from time to time.

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  2. =Mother Teresa Quotes in Hindi=

    Thursday, June 28, 2012

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    • Quote 1 If you can’t feed a hundred people, then feed just one.
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      In Hindi : अगर आप सैंकड़ो इंसानों का पेट नहीं भर सकते तो केवल एक को भोजन दीजिये.
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    • Quote 2 People are unrealistic; illogical, and self-centered. Love them anyway.
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      In Hindi :
      लोग अवास्तविक, विसंगत और आत्मा केन्द्रित होते हैं फिर भी उन्हें प्यार दीजिये.
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    • Quote 3 If you judge people, you have no time to love them.
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      In Hindi :
      अगर आप यह देखेंगे की लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा.
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    • Quote 4 Discipline is the bridge between goals and accomplishment.
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      In Hindi :
      अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच पुल है.
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    • Quote 5 Live simply so others may simply live.
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      In Hindi :
      सादगी से जिए ताकि दूसरे भी  जी सकें.
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    • Quote 6 Jesus said love one another. He didn’t say love the whole world.
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      In Hindi :
      यीशु ने कहा है की एक दूसरे से प्रेम करो. उन्होंने यह नहीं कहा की समस्त संसार से प्रेम करो.
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    • Quote 7 I think it is very good when people suffer. To me that is like the kiss of Jesus.
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      In Hindi : मुझे लगता है हम लोगो का दुखी होना अच्छा है, मेरे लिए यह यीशु के चुम्बन की तरह है. 
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    • Quote 8 What you spend years building may be destroyed overnight; build it anyway.
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      In Hindi : जो आपने कई वर्षों में बनाया है वह रात भर में नष्ट हो सकता है तो भी क्या आगे बढिए उसे बनाते रहिये.
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    • Quote 9 How can there be too many children? That is like saying there are too many flowers.
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      In Hindi : “ज्यादा बच्चे” कैसे हो सकते हैं ? यह तो बहुत सारे फूलों की तरह हैं.
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    • Quote 10 It’s not how much we give but how much love we put into giving.
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      In Hindi : यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया, बल्कि यह है की देते समय आपने कितने प्रेम से दिया.
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    • Quote 11 I prefer you to make mistakes in kindness than work miracles in unkindness. 
    • The trees, the flowers, the plants grow in silence. The stars, the sun, the moon move in silence. Silence gives us a new perspective. 
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      In Hindi : पेड़, फूल और पौधे शांति में विकसित होते हैं, सितारे, सूर्य और चंद्रमा शांति से गतिमान रहते हैं, शांति हमें नयी संभावनाएं देती है.
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    • Quote 12 We cannot all do great things, but we can do small things with great love.
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    • In Hindi : हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम अन्य कार्यों को प्रेम से कर सकते हैं.


    • Quote 13 Everything that is not given is lost.
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      In Hindi : प्रत्येक वस्तु जो नहीं दी गयी है  खो चुकी है.
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    • Quote 14 Love begins by taking care of the closest ones – the ones at home.
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      In Hindi : प्रेम की शुरुआत निकट लोगो और संबंधो की देखभाल और दायित्व से होती है, वो निकट सम्बन्ध जो आपके घर में हैं.
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    • Quote 15 Peace begins with a smile.
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      In Hindi : शान्ति का आरम्भ मुस्कराहट से होता है. 
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    • Quote 16 We are all pencils in the hand of God.
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      In Hindi : हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के सामान है. 
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    • Quote 17 I do not pray for success, I ask for faithfulness.
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      In Hindi : मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ.
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    • Quote 18 A life not lived for others is not a life.
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      In Hindi : एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है.
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    • Quote 19 I’m a little pencil in the hand of a writing God, who is sending a love letter to the world.
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      In Hindi : मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का सन्देश भेज रहे हैं.
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    • Quote 20 Love is a fruit in season at all times and within reach of every hand.
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      In Hindi : प्रेम हर ऋतू में मिलने वाले फल की तरह है जो प्रत्येक की पहुँच में है.
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    • Quote 21 do not wait for leaders;do it alone, person to person.
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      In Hindi : किसी नेता की प्रतीक्षा मत करो, अकेले करो, व्यक्ति से व्यक्ति द्वारा.
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    • Quote 22 Words which do not give the light of Christ increase the darkness.
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      In Hindi : वे शब्द जो ईश्वर का प्रकाश नहीं देते अँधेरा फैलाते हैं.
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    • Quote 23 Work without love is slavery.
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      In Hindi : बिना प्रेम के कार्य करना दासता है.
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    • Quote 24 One of the greatest diseases is to be nobody to anybody.
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      In Hindi : सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है 
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    • Quote 25 Prayer in action is love, love in action is service.
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      In Hindi : कार्य में प्रार्थना प्यार है, कार्य में प्यार सेवा है.
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    • Quote 26 Be faithful in small things because it is in them that your strength lies.
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      In Hindi : छोटी छोटी बातों में विश्वासयोग्य रहो क्योंकि यह उन में ही आपकी  शक्ति निहित है.
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    • Quote 27Kind words can be short and easy to speak, but their echoes are truly endless.
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      In Hindi : दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूँज अनन्त होती है.
    • Quote 28 Loneliness and the feeling of being unwanted is the most terrible poverty.

    • In Hindi : अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के सामान है. 
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    • Quote 29 What can you do to promote world peace? Go home and love your family.
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      In Hindi : आप दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं ? घर जाइये और अपने परिवार से प्रेम कीजिये !
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    We will keep adding more Quotes from time to time.

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  3. एक बार बुद्ध एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन का आयोजन किया। बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। गांव के लोगों में कानाफूसी होने लगी कि कैसा भक्त है कि प्रवचन का आयोजन करके स्वयं गायब हो गया। प्रवचन खत्म होने के बाद सब लोग घर चले गए। रात में किसान घर लौटा। बुद्ध ने पूछा, कहां चले गए थे? गांव के सभी लोग तुम्हें पूछ रहे थे।
    किसान ने कहा, दरअसल प्रवचन की सारी व्यवस्था हो गई थी, पर तभी अचानक मेरा बैल बीमार हो गया। पहले तो मैंने घरेलू उपचार करके उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो मुझे उसे लेकर पशु चिकित्सक के पास जाना पड़ा। अगर नहीं ले जाता तो वह नहीं बचता। आपका प्रवचन तो मैं बाद में भी सुन लूंगा। अगले दिन सुबह जब गांव वाले पुन: बुद्ध के पास आए तो उन्होंने किसान की शिकायत करते हुए कहा, यह तो आपका भक्त होने का दिखावा करता है। प्रवचन का आयोजन कर स्वयं ही गायब हो जाता है।
    बुद्ध ने उन्हें पूरी घटना सुनाई और फिर समझाया, उसने प्रवचन सुनने की जगह कर्म को महत्व देकर यह सिद्ध कर दिया कि मेरी शिक्षा को उसने बिल्कुल ठीक ढंग से समझा है। उसे अब मेरे प्रवचन की आवश्यकता नहीं है। मैं यही तो समझाता हूं कि अपने विवेक और बुद्धि से सोचो कि कौन सा काम पहले किया जाना जरूरी है। यदि किसान बीमार बैल को छोड़ कर मेरा प्रवचन सुनने को प्राथमिकता देता तो दवा के बगैर बैल के प्राण निकल जाते। उसके बाद तो मेरा प्रवचन देना ही व्यर्थ हो जाता। मेरे प्रवचन का सार यही है कि सब कुछ त्यागकर प्राणी मात्र की रक्षा करो। इस घटना के माध्यम से गांव वालों ने भी उनके प्रवचन का भाव समझ लिया। 


    यह कहानी मुझे मेल से मिली थी.

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  4. एक बहुत बड़े ठेकेदार के यहां हजारों मजदूर काम करते थे। एक बार उस क्षेत्र के मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दी। महीनों हड़ताल चलती रही। नतीजतन मजदूर भूखे मरने लगे और रोजी-रोटी कमाने के लिए दूसरी बस्तियों में चले गए, लेकिन दूसरी बस्तियों के गरीब मजदूर इस बस्ती में आ पहुंचे। ठेकेदार नित्य ही ऐसे लोगों की तलाश में रहता था, जो उसके ठेके का काम पूरा कर सकें। अत: एक दिन वह बस्ती के चौराहे पर आकर खड़ा हो गया। तभी एक मजदूर कंधे पर कुदाली रखे वहां आया। ठेकेदार ने उससे पूछा- क्या मजदूरी लेगा? मजदूर ने कहा- बारह आने। ठेकेदार ने उससे कहा -अच्छा दूंगा, जाकर मेरे ईंटों के भट्ठे के लिए मिट्टी खोदो। इसके बाद एक दूसरा मजदूर वहां आया, ठेकेदार ने उससे भी मजदूरी पूछी। वह बोला- तीन रुपए। ठेकेदार ने उसे खान में कोयला खोदने भेज दिया। तीसरे मजदूर ने बड़े ताव से दस रुपए अपनी मजदूरी बताई। ठेकेदार ने उसे हीरे की खान में भेज दिया। शाम को तीनों मजदूरी लेने पहुंचे। पहले ने सौ टोकरी मिट्टी खोदी। दूसने ने दस मन कोयला निकाला और तीसरे को एक हीरा मिला। तीनों के हाथ पर जब मजदूरी रखी गई तो पहला मजदूर तीसरे मजदूर के हाथ पर दस रुपए देखकर नाराज होने लगा। तब ठेकेदार बोला- तुम्हारी मजदूरी तुमने ही तय की थी। जिसमें जितनी शक्ति और इच्छा थी, उसने उतनी मजदूरी बताई और सभी ने काम भी उसी के अनुरूप किया है। यह सुनकर पहला मजदूर चुप हो गया। सार यह है कि शक्ति ही जीवन है, दुर्बलता ही मृत्यु है। अत: आशावादी, दृढ़ व अनुकूल विचारों को अपनाकर तदनुकूल कर्म करना चाहिए।

  5.                                                              Shree Guru Nanak Dev 

    Quote 1  One cannot comprehend Him through reason, even if one reasoned for ages.
    In Hindi : कोई उसे तर्क द्वारा नहीं समझ सकता, भले वो युगों तक तर्क करता रहे.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 2:Death would not be called bad, O people, if one knew how to truly die.
    In Hindi : बंधुओं ! हम मौत को बुरा नहीं कहते , यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 3:Sing the songs of joy to the Lord, serve the Name of the Lord, and become the servant of His servants.
    In Hindi: प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 4:Sing the songs of joy to the Lord, serve the Name of the Lord, and become the servant of His servants.
    In Hindi: प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 5:Thou has a thousand eyes and yet not one eye; Thou host a thousand forms and yet not one form.
    In Hindi : तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं ; तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 6:Even Kings and emperors with heaps of wealth and vast dominion cannot compare with an ant filled with the love of God.
    In Hindi: धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 7:From His brilliancy everything is illuminated.
    In Hindi : उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 8:I am not the born; how can there be either birth or death for me?
    In Hindi : मेरा जन्म नहीं हुआ है; भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकती है.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 9:Let no man in the world live in delusion. Without a Guru none can cross over to the other shore.
    In Hindi : दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 10:God is one, but he has innumerable forms. He is the creator of all and He himself takes the human form.
    In Hindi : भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव
    Quote 11:I am neither a child, a young man, nor an ancient; nor am I of any caste.
    In Hindi : ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ.
    Shree Guru Nanak Dev  श्री गुरु नानक देव 
     


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  6. =Quotes in Hindi Dhirubhai Ambani=

    Sunday, June 24, 2012

                          
                                                    Dheerubhai Ambani

    Name Dheerubhai Ambani / धीरूभाई अंबानी
    Born 28 December 1932(1932-12-28)Chorwad, Gujarat, India
    Died 6 July 2002(2002-07-06) (aged 69)Mumbai, Maharashtra, India
    Nationality Indian
    Field Business
    Achievement
     Founded Reliance Industries, a Fortune 500 company. पेट्रोल पम्प पर काम करने से लेकर पेट्रो कैमिकल रीफाईनरी बनाने वाले इस महान व्यक्ति ने करोड़ों लोगों के लिए एक आदर्श स्थापित किया. इन्ही की वजह से एक आम- भारतीय भी स्टॉक मार्केट में रुचि दिखाने लगा. धीरुभाई ने साबित कर दिया कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी बड़े से बड़ा सपना देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है.


    Quote 1: Between my past, the present and the future, there is one common factor: Relationship and Trust. This is the foundation of our growth
    In Hindi:मेरे  भूत , वर्तमान  और  भविष्य  के  बीच  एक  आम  कारक  है  : रिश्ते  और  विश्वास  . यही  हमारे  विकास  की  नीव  हैं .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 2: Meeting the deadlines is not good enough, beating the deadlines is my expectation.
    In Hindi:समय  सीमा  पर  काम  ख़तम  कर  लेना  काफी  नहीं  है  ,मैं  समय  सीमा  से  पहले  काम  ख़तम  होने  की  अपेक्षा  करता  हूँ .
     Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 3: Growth has no limit at Reliance. I keep revising my vision. Only when you dream it you can do it.
    In Hindi : रिलायंस  में  विकास  की  कोई  सीमा  नहीं  है . मैं  हमेशा  अपना   वीज़न  दोहराता  रहता  हूँ . सपने  देखकर  ही  आप  उन्हें  पूरा  कर  सकते  हैं .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 4: If you work with determination and with perfection, success will follow.
    In Hindi:यदि  आप  दृढ  संकल्प  और  पूर्णता  के  साथ  काम  करेंगे  तो  सफलता  ज़रूर  मिलेगी.
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 5: Pursue your goals even in the face of difficulties, and convert adversities into opportunities.
    In Hindi: कठिन  समय  में  भी  अपने  लक्ष्य  को  मत  छोड़िये  और  विपत्ति  को  अवसर  में  बदलिए .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 6: Give the youth a proper environment. Motivate them. Extend them the support they need. Each one of them has infinite source of energy. They will deliver.
    In Hindi:युवाओं  को  एक  अच्छा  वातावरण  दीजिये . उन्हें  प्रेरित  कीजिये . उन्हें  जो  चाहिए  वो   सहयोग  प्रदान  कीजिये . उसमे  से  हर  एक  आपार  उर्जा  का  श्रोत  है . वो  कर  दिखायेगा .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 7: Dhirubhai will go one day. But Reliance’s employees and shareholders will keep it afloat. Reliance is now a concept in which the Ambanis have become irrelevant.
    In Hindi :एक  दिन  धीरुभाई  चला  जायेगा . लेकिन  Relaince के  कर्मचारी  और  शेयर  धारक  इसे  चलाते  रहेंगे . रिलायंस अब  एक  विचार  है  , जिसमे  अम्बानियों  का  कोई  अर्थ  नहीं  है .
     Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 8:Think big, think fast, think ahead. Ideas are no one’s monopoly
    In Hindi: बड़ा  सोचो , जल्दी  सोअचो , आगे  सोचो . विचारों  पर  किसी  का  एकाधिकार  नहीं  है .
     Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 9: Our dreams have to be bigger. Our ambitions higher. Our commitment deeper. And our efforts greater. This is my dream for Reliance and for India.
    In Hindi:हमारे  स्वप्न  विशाल   होने  चाहिए . हमारी  महत्त्वाकांक्षा  ऊँची  होनी  चाहिए . हमारी  प्रतिबद्धता  गहरी  होनी  चाहिए  और  हमारे  प्रयत्न  बड़े  होने  चाहिए . रिलायंस  और  भारत  के  लिए  यही  मेरा  सपना  है .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 10: We cannot change our Rulers, but we can change the way they Rule Us.”
    In Hindi:हम  अपने  शाशकों  को  नहीं  बदल  सकते  पर  जिस  तरह  वो  हम  पे  शाशन  करते  हैं  उसे  बदल  सकते  हैं .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
    Quote 11:You do not require an invitation to make profits.
    In Hindi:फायदा  कमाने  के  लिए  न्योते  की  ज़रुरत  नहीं  होती .
      Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
     
    निवेदन: कृपया अपने comments के मध्यम से बताएं कि Dhirubhai Ambani Quotes का हिंदी अनुवाद आपको कैसा लगा.

  7.                                                                      Wooden-bowl

    एक  वृद्ध  व्यक्ति अपने  बहु – बेटे  के  यहाँ  शहर  रहने  गया . उम्र  के  इस  पड़ाव  पर   वह  अत्यंत  कमजोर  हो  चुका  था , उसके  हाथ  कांपते  थे  और  दिखाई  भी  कम   देता  था .  वो एक छोटे से घर में रहते थे , पूरा  परिवार  और  उसका  चार  वर्षीया  पोता  एक  साथ  डिनर  टेबल  पर  खाना  खाते  थे . लेकिन  वृद्ध  होने  के  कारण  उस  व्यक्ति  को खाने  में  बड़ी  दिक्कत  होती  थी . कभी  मटर  के  दाने  उसकी  चम्मच  से  निकल  कर  फर्श  पे  बिखर  जाते  तो  कभी  हाँथ  से  दूध  छलक   कर  मेजपोश   पर  गिर  जाता  .
    बहु -बेटे   एक -दो   दिन   ये   सब   सहन   करते   रहे   पर   अब   उन्हें  अपने  पिता  की  इस   काम  से  चिढ  होने  लगी . “ हमें  इनका  कुछ  करना  पड़ेगा ”, लड़के  ने  कहा . बहु  ने  भी  हाँ  में  हाँ  मिलाई  और  बोली ,” आखिर  कब तक  हम  इनकी  वजह  से  अपने  खाने  का  मजा किरकिरा रहेंगे , और  हम  इस  तरह  चीजों  का  नुक्सान  होते  हुए  भी  नहीं  देख  सकते .”
    अगले दिन जब  खाने  का  वक़्त  हुआ  तो  बेटे  ने  एक  पुरानी  मेज  को  कमरे  के  कोने  में  लगा  दिया  , अब बूढ़े पिता  को  वहीँ  अकेले  बैठ  कर  अपना  भोजन  करना  था .  यहाँ  तक की  उनके  खाने  के  बर्तनों   की  जगह  एक  लकड़ी  का  कटोरा  दे  दिया  गया  था  , ताकि  अब  और  बर्तन  ना  टूट -फूट  सकें . बाकी  लोग  पहले की तरह ही आराम   से   बैठ  कर  खाते  और  जब  कभी -कभार  उस  बुजुर्ग  की  तरफ   देखते  तो  उनकी  आँखों  में  आंसू  दिखाई  देते  . यह देखकर भी बहु-बेटे का मन नहीं पिघलता ,वो  उनकी  छोटी  से  छोटी  गलती  पर  ढेरों  बातें  सुना  देते .  वहां  बैठा  बालक  भी  यह  सब  बड़े  ध्यान  से  देखता  रहता , और  अपने  में  मस्त   रहता .
    एक  रात  खाने  से  पहले  , उस  छोटे  बालक  को  उसके  माता -पिता  ने  ज़मीन  पर  बैठ  कर  कुछ  करते  हुए  देखा ,  ”तुम  क्या  बना  रहे  हो ?”   पिता ने  पूछा ,
    बच्चे  ने  मासूमियत  के  साथ  उत्तर  दिया , “ अरे  मैं  तो  आप  लोगों  के  लिए  एक  लकड़ी  का  कटोरा  बना  रहा  हूँ , ताकि  जब  मैं बड़ा हो  जाऊं  तो  आप  लोग  इसमें  खा  सकें .” ,और  वह  पुनः  अपने  काम  में  लग  गया . पर  इस  बात  का  उसके  माता -पिता  पर  बहुत  गहरा  असर  हुआ  ,उनके  मुंह  से  एक  भी  शब्द  नहीं  निकला  और आँखों  से  आंसू  बहने  लगे . वो  दोनों  बिना  बोले  ही  समझ  चुके  थे  कि  अब  उन्हें  क्या  करना  है . उस  रात  वो  अपने  बूढ़े पिता  को   वापस  डिनर  टेबल  पर  ले  आये , और  फिर  कभी  उनके  साथ  अभद्र  व्यवहार  नहीं  किया .

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  8. जापान में टेटसुगेन नाम का एक जेन शिष्य था। एक दिन उसके मन में ख्‍याल आया कि धर्म सूत्र केवल चीनी भाषा में ही हैं, उन्हें अपनी भाषा में प्रकाशित करना चाहिए। सूत्र के सात हजार ग्रंथ प्रकाशित करने का अनुमान लगा।

    ग्रंथ के प्रकाशन के लिए टेटसुगेन देश में घूमकर धन इकट्‍ठा करने निकला। लोगों ने उदार हृदय से टेटसुगेन की मदद की। किसी-किसी ने तो उसे 100 सोने के सिक्के तक दिए। लोगों को टेटसुगेन ने बदले में धन्यवाद दिया। वह इस काम में दस साल तक लगा रहा और तब जागर टेटसुगेन के पास ग्रंथ प्रकाशन के लिए पर्याप्त धन इकट्‍ठा हो गया।


    उसी समय देश में एक नदी में बाढ़ आई। बाढ़ अपने पीछे अकाल छोड़ गई। टेटसुगेनने जो धन ग्रंथ प्रकाशन के लिए इकट्‍ठा किया था वह लोगों की सहायता में खर्च कर दिया। इसके बाद जब ‍परिस्थितियाँ सामान्य हुईं तो वह फिर से ग्रंथ के प्रकाशन के लिए धन संग्रह करने निकला।


    टेटसुगेन को धन इकट्ठा करते हुए कुछ साल बीत गए। इधर फिर से देश में एक महामारी फैल गई। टेटसुगेन ने अभी तक जो भी धन इकट्‍ठा किया था वह फिर से लोगों की सेवा में खर्च कर दिया। इस तरह उसने कई लोगों को मरने से बचाया।


    ग्रंथ के प्रकाशन के लिए टेटसुगेन ने तीसरी बार धन इकट्‍ठा करने का निश्चय किया। बीस साल बाद जाकर उसकी ग्रंथ प्रकाशित करने की इच्छा पूरी हो पाई। उसने ग्रंथों के संकलन का पहला संस्करण निकाला और वह क्योटो की ओबाकू विहार में आज भी देखा जा सकता है। जापान में आज भी लोग टेटसुगेन को याद करते हुए कहते हैं कि उसने तीन बार सूत्रों के ग्रंथ प्रकाशित करवाए। तीसरा ग्रंथ हमें दिखता है, जबकि पहले दो ग्रंथ जो ज्यादा महत्वपूर्ण हैं हमें दिखलाई नहीं पड़ते। 

    मंत्र : इंसानियत से बढकर कोई धर्म नहीं  होता ! सच्चा धरमात्मा वोह नहीं जो अपने धर्म का प्रचार करे बल्कि वोह हैं जो  मानवता की रक्षा के  लिए अपने आपको समर्पित करे !

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  9. एक बेकार आदमी ने ‘ऑफिस-बॉय’ की जोब के लिए माईक्रोसोफ्ट में अर्जी दी. वहां की एचआर मैनेजर ने उसे देखा और उस बंदे को इंटरव्यु के लिए बुलाया.




    ” अच्छा, तो तुम माईक्रोसोफ्ट में काम करना चाहते हो. तुम्हारा ई-मेल एड्रेस दो. ताकि मैं तुम्हें जवाब भेज सकुं कि कब से तुम्हें काम शुरू करना है.”


    आदमी बोला: ” सर मेरा कोई ई-मेल आईडी नहीं है क्योंकि मेरे पास कम्प्युटर ही नही है.”
    एचआर मैनेजर: ”तो फिर मुझे माफ करना. मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं कर सकती. अगर तुम्हारे पास ई-मेल पता ही नहीं है तो तुम इस नोकरी के लायक नहीं.”


    वह लड़का  बिना कुछ बोले उस ऑफिस से बहार निकल गया.  उसकी जेब में सिर्फ 10 रुपए थे.वह बेकार था और काम करके कुछ कमाना चाहता था. अचानक उसके मन में एक विचार आया. वह सीधा सब्जी मार्केट गया और वहां से उसने 10 रुपए के टमाटर खरीद लिए.


    टमाटर खरीदकर वह उसी मंडी में बैठ गया. दो घंटे में उसके सारे टमाटर बिक गए. अब उसके पास 20 रूपए हो गए थे.


    इस व्यापार में उसको बहुत मजा आया. फिर तो उसने 20 के टमाटर खरीदे और घर घर जाकर उसको बेचने लगा. धीरे-धीरे उसका व्यापार बढ़ने लगा. उसने एक दुकान खरीद ली. फिर उसने ट्रक खरीद लिया और वह उस मंडी का सबसे बड़ा व्यापारी बन गया.





    पांच साल में तो वह शहर के सबसे धनी व्यक्तिओ की सूचि में सामिल हो गया. उसने अपने परिवार के भविष्य के लिए कुछ योजना बनाई और उसके चलते उसने अपना बीमा कराने का सोचा.




    उसने एक बीमा एजेंट को बुलाया. बात बात में ऐजन्ट ने उससे उसका ई-मेल पता पुछ डाला. व्यापारी ने हसकर कहां. न तो मेरा कोई ई-मेल पता है और ना ही मेरे पास कोई कम्य्युटर है.
    एजेंट सकते में पड़ गया: ” क्यां आपके पास ई-मेल पत्ता नही है ? शायद आप मजाक कर रहे हो…आप शहर के सबसे बड़े आदमी है… कभी आपने सोचा है कि अगर आप के पास ई-मेल पता होता तो आज आप क्या होते ?

    ” हां…. तो शायद माईकोसोफ्ट कंपनी का ऑफिस-बॉय होता” व्यापारी हसंते हुए बोला.


    यह कहानी मुझे मेल से मिली थी.

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  10. पिछली सदी के दो बड़े नाम पूछे जाएं, तो सहज ही महात्मा गांधी व आइंस्टीन के नाम आयेंगे. दोनों ही शुरुआती पढ़ाई में औसत थे. आइंस्टीन को तो मंदबुद्धि बालक माना जाता था. स्कूल शिक्षक ने यहां तक कह दिया था कि यह लड़का जिंदगी में कुछ नहीं कर पायेगा.
    बड़े होने पर वह पॉलीटेक्निक इंस्टीच्यूट की प्रवेश परीक्षा में भी फेल हो गये. हालांकि, उन्हें भौतिकी में अच्छे नंबर आये थे, पर अन्य विषयों में वह बेहद कमजोर साबित हुए. अगर वह निराश हो गये होते, तो क्या दुनिया आज यहां होती. उन्हें फादर ऑफ मॉडर्न फिजिक्स कहा जाता है. जिंदगी के किसी एक मोड़ पर असफलता मिलते ही आत्मघाती कदम उठाने वाले युवा आइंस्टीन से सीख सकते हैं. युवाओं को सही दिशा देने में अभिभावकों व शिक्षकों की भी अहम भूमिका है. हमारे यहां बुद्धिमता के बस दो पैमाने हैं-पहला मौखिक (वर्बल), जिसमें सूचनाओं का विेषण करते हुए सवाल हल किये जाते हैं व दूसरा गणित या विज्ञान. देर से ही सही अमेरिकी मनोविज्ञानी गार्डनर के विविध बुध्दिमता के सिद्धांत को बिहार के स्कूलों में भी अपनाया जा रहा है. गार्डनर ने बताया कि बुद्धिमता आठ तरह की होती है. इसीलिए गणित या अंगरेजी में फेल हों या आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में असफलता मिले, तो हार न मानें. असफलता तो सफलता की सीढ़ी है. आइंस्टीन ने भी यही माना और अपने परिवार,पड़ोसी व गुरु जी को गलत साबित कर दिया. जो मानते हैं कि आप जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते, उन्हें आप भी गलत साबित कर सकते हैं.



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  11. विद्यालय में वह मंदबुद्धि कहलाता था। उसके अध्यापक उससे नाराज रहते थे क्योंकि उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था। कक्षा में उसका प्रदर्शन सदैव निराशाजनक ही होता था। अपने सहपाठियों के मध्य वह उपहास का विषय था। विद्यालय में वह जैसे ही प्रवेश करता, चारों ओर उस पर व्यंग्य बाणों की बौछार सी होने लगती। इन सब बातों से परेशान होकर उसने विद्यालय आना ही छोड़ दिया। एक दिन वह मार्ग में निर्थक ही भ्रमण कर रहा था। घूमते हुए उसे जोरों की प्यास लगी। वह इधर-उधर पानी खोजने लगा। अंत में उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह वहां गया और प्यास बुझाई। वह काफी थक चुका था, इसलिए पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया। उसकी दृष्टि पत्थर पर पड़े उस निशान पर गई जिस पर बार-बार कुएं से पानी खींचने के कारण रस्सी के निशान पड़ गए थे। वह मन ही मन विचार करने लगा कि जब बार-बार पानी खींचने से इतने कठोर पत्थर पर रस्सी के निशान पड़ सकते हैं तो निरंतर अभ्यास से मुझे भी विद्या आ सकती है। उसने यह विचार गांठ में बांध लिया और पुन: विद्यालय जाना आरंभ कर दिया। उसकी लगन देखकर अध्यापकों ने भी उसे सहयोग किया। उसने मन लगाकर अथक परिश्रम किया। कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी उद्भट विद्वान वरदराज के रूप में विख्यात हुआ, जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की। आशय यह है कि दुर्बलताएं अपराजेय नहीं होतीं। यदि धैर्य, परिश्रम और लगन से कार्य किया जाए तो उन पर विजय प्राप्त कर प्रशंसनीय लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है।

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  12.                                Keri Russell

    •             Career: Actress
    •             Top celebrities: 1677
    •             BirthDate: 1976, 23 of March , Fountain Valley, California, USA
    •             Spouse: Shane Deary (14 February 2007 - present) 2 children
    •             Zodiac sign: Aries


    1  कभी कभी बहुत छोटे छोटे निर्णय ही हमारे जीवन को हमेशा के लिए बदल देते हैं। ~ केरी रसैल

    2  जिस सभ्यता में बड़ी तादाद में असंतुष्ट और आक्रोशित लोग हैं, वह लंबे समय तक नहीं टिक सकती।   -सिगमंड फ्रायड

    3  दुनिया बदलने की शुरुआत हमें उस चेहरे से करनी चाहिए, जो हमें आईने में नजर आता है | ~ माइकल जैक्सन

    4  बदलाव से पूरी मुक्ति मतलब गलतियों से पूरी मुक्ति है, लेकिन यह तो अकेली सर्वज्ञता का विशेषाधिकार है। – सी सी काल्टन

    5  परिवर्तन ही सृष्टि है,जीवन होना मृत्यु है | ~ अज्ञात

    6  सिर्फ अतीत की जुगाली करने से कोई लाभ नहीं है |

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  13. =Book Quotes In Hind|=

    Sunday, June 17, 2012


    1  सभी अच्छी पुस्तकों को पढ़ना पिछली शताब्दियों के बेहतरीन व्यक्तियों के साथ संवाद करने जैसा है | ~ रेने डकार्टेस

    2  जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वे हमारी सबसे अधिक सहायक हैं | ~ जवाहरलाल नेहरू

    3  किताबों में इतना खजाना छुपा हैं, जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता | ~ वाल्ट डिज्नी

    4  लोगों को मारा जा सकता है | लेखकों को भी, लेकिन किताबों को मारना संभव नहीं | ~ अमोस ओज

    5  किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना| ~ चाणक्य

    6  बिना ग्रंथों का कक्ष , बिना आत्मा की देह है | ~ शरण

    7  पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं | ~ महात्मा गांधी

    8  विचारों के युद्ध में, पुस्तकें ही अस्त्र हैं | ~ जार्ज बर्नार्ड शॉ

    9  आज के लिए और सदा के लिए सबसे बड़ा मित्र है अच्छी पुस्तक | ~ टसर

    10  अच्छा ग्रंथ एक महान आत्मा का अमूल्य जीवन रक्त है | ~ मिल्टन


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  14. =Beauty Quotes in Hindi=

    Saturday, June 16, 2012


    1  सुन्दरता बिना श्रृंगार के मन मोहती है | ~ सादी

    2  वास्तविक सोन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है | ~ महात्मा गांधी

    3  सुन्दर वही हो सकता है जो कल्याणकारी हो | ~ भगवतीचरण वर्मा

    4  सोंदर्य आकार और सममिति पर निर्भर होता है | चाहे कोई जीव छोटा हो या बेहद बड़ा वह खूबसूरती को  परिभाषित नहीं करता , क्योंकि उसको एक दृष्टि मात्र में देखने पर उसकी स्पष्ट नहीं होती है, इसलिए वे परिपूर्ण की श्रेणी में नहीं आते | ~ अरस्तु 


    5  मेरी नजर में मेरा करीबी दोस्त कभी भी वृद्ध नहीं हो सकता | वह वैसा ही रहेगा जैसा मैंने उसे पहली बार देखा था, उसकी खुबसूरती वैसी ही दिखेगी जैसी मैंने पहली नजर में देखी थी | ~ विलियम शेक्सपियर

    6  अतिशय सुंदरता कभी-कभी हमें भयानक रूप से ठेस भी पहुंचा सकती है। -एदुआर्दो गैलियानो

    7  खूबसूरती एक अनुभव है, इसके सिवा कुछ भी नही| इसे बयां करने के लिए स्थापित मानक नही हैं, न ही नाक – नक्श का वणर्न करना काफी है| ~ डी. एच. लॉरेंस़

    8  खूबसूरती चेहरे पर नही होती| ये तो दिल की रोशनी है, बहुत ध्यान से देखनी पड‍़ती है| ~ खलील जिब्रान

    9  जो सुंदरता आंखों द्वारा देखी जाती है , वह कुछ ही पल कि होती है , यह जरूरी भी नहीं कि हमारे भीतर से भी वही खूबसूरती दिखाई दे | ~ जॉर्ज सेंड

    10  दुनिया की सबसे अच्छी और खूबसूरत चीजें कभी देखी या छुई नहीं गई, वे बस दिल के साथ घुल – मिल गईं| ~  हेलेन कलर

    11  सुंदर चीजों पर यकीन बनाये रखिये| याद रहे- सूरज डूब गया तो वसंत भी नहीं आएगा| ~ गिल्सन|

    12  एक शख्स हर दिन संगीत सुने, थोड़ी सी कविता पढ़े और अपने जीवन की सुंदर तस्वीर रोज देखे … उसे सुंदरता की परिभाषा तलाशने की ज़रूरत ही नहीं, क्योंकि भगवान ने सरे संसार का सौंदर्य उसकी झोली में डाल रखा है|~ गोयथे|

    13  खूबसूरती में मानव खुद को पूर्णता के स्तर पर देखता है, कुछ परिस्थितियों में वह खुद की पूजा करता है, मनुष्य यह मान लेता कि यह पूरा विश्व खूबसूरती से भरा हुआ है यह भूल जाता है कि जो सुंदरता वह देख रहा है वह उसके ‌‍द्वारा बनाई हुई है | मानव ने अकेले ही इस जहान को खूबसूरती अर्पित कि है | ~ फ्रेडरिक नीत्शे

    14  सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है, व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है|      ~  अज्ञात

    15  हम सारी दुनिया घूमते और खूबसूरती तलाशते रहते हैं .. कभी मुड़ के भी नहीं देखते .. अपने पास ही छुपी हुई खूबसूरती की और|  ~ इमर्सन

    16  कभी भी कुछ सुंदर देखने का मौका मत छोडो, सच तो यह है कि खूबसूरती भगवान की लिखावट है .. हर चेहरे पर, धुले-धुले आसमान में, हर फूल में उसकी लिखावट नज़र आएगी .. और हे भगवान, इस सौंदर्य के लिये हम आपके आभारी हैं|   ~  राल्फ वाल्डो इमर्सन|

    17  सुंदरता सबको चाहिए| इसके लिये आओ, बाहर आओ| पूजाघर में और खेल के मैदानों में  सौंदर्य बिखरा पड़ा है .. उससे अपना तन और मन भर लो|   ~ जोन मुइर


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  15. =Anger quotes in Hindi=

    Friday, June 15, 2012


    1  ईर्ष्या और क्रोध से जीवन क्षय होता है। ~ बाइबल

       Envy and wrath shorten the life. ~ Bible


    2  क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है | ~ महात्मा गांधी

    3  मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान शांति   से उसे वश में करता है | ~ बाइबिल

    4  क्रोध करने का मतलब है, दूसरों की गलतियों कि सजा स्वयं को देना |
       जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो | ~ कन्फ्यूशियस

    5  क्रोध से धनि व्यक्ति घृणा और निर्धन तिरस्कार का पात्र होता है | ~  कहावत

    6  क्रोध मूर्खता से प्रारम्भ और पश्चाताप पर खत्म होता है | ~ पाईथागोरस

    7  क्रोध के सिंहासनासीन होने पर बुद्धि वहां से खिसक जाती है | ~ एम. हेनरी

    8  जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है | ~ रवीन्द्रनाथ ठाकुर

    9  क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है | अतः हमें सदैव शांत व स्थिरचित्त रहना चाहिए | ~ इंगरसोल

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  16. =Advice Quotes In Hindi=

    Thursday, June 14, 2012

                                                                    वाल्ट डिज्नी
    1  इंसान जितनी सहजता से सलाह देता है, उतनी सहजता से कुछ और नहीं देता| ~ रोचेफोकोल्ड

    2   बिना मांगे किसी को हरगिज नसीहत मत दो | ~ जर्मन कहावत

    3  जब हम किसी नई परियोजना पर विचार करते हैं तो बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं – महज सतही तौर पर नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का। – वाल्ट डिज्नी

    We will keep adding more Quotes from time to time.

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  17. एक भिखारी था| वह न ठीक से खाता था, न   पीता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था| उसकी एक-एक हड्डी गिनी जा सकती थी| उसकी आंखों की ज्योति चली गई थी| उसे कोढ़ हो गया था| बेचारा रास्ते के एक ओर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए भीख मांगा करता था| एक युवक उस रास्ते से रोज निकलता था| भिखारी को देखकर उसे बड़ा बुरा लगता| उसका मन बहुत ही दुखी होता| वह सोचता, वह क्यों भीख मांगता है? जीने से उसे मोह क्यों है? भगवान उसे उठा क्यों नहीं लेते? एक दिन उससे न रहा गया| वह भिखारी के पास गया और बोला - "बाबा, तुम्हारी ऐसी हालत हो गई है फिर भी तुम जीना चाहते हो? तुम भीख मांगते हो, पर ईश्वर से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि वह तुम्हें अपने पास बुला ले?"

    भिखारी ने मुंह खोला - "भैया तुम जो कह रहे हो, वही बात मेरे मन में भी उठती है| मैं भगवान से बराबर प्रार्थना करता हूं, पर वह मेरी सुनता ही नहीं| शायद वह चाहता है कि मैं इस धरती पर रहूं, जिससे दुनिया के लोग मुझे देखें और समझें कि एक दिन मैं भी उनकी ही तरह था, लेकिन वह दिन भी आ सकता है, जबकि वे मेरी तरह हो सकते हैं| इसलिए किसी को घमंड नहीं करना चाहिए|"

    लड़का भिखारी की ओर देखता रह गया| उसने जो कहा था, उसमें कितनी बड़ी सच्चाई समाई हुई थी| यह जिंदगी का एक कड़वा सच था, जिसे मानने वाले प्रभु की सीख भी मानते हैं|

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  18. 1  एक टूटा हुआ दिल, टूटे हुए शीशे के समान होता है. इसको टूटा हुआ छोड़ देना ज्यादा बेहतर होता, क्योंकि दोनों को जोड़ने में खुद को ज्यादा दुख पहुंचता है।


    2  चेहरा ह्रदय का प्रतिबिम्ब है | ~ कहावत


    3  सुन्दर ह्रदय का मूल्य सोने से भी बढ़कर है | ~ शेक्सपियर


    4  भरे दिल में सबके लिए जगह होती है पर खाली दिल में किसी के लिए नहीं |

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  19. =Premchand quotes in hindi=

    Monday, June 11, 2012

    मूल नाम
    :
    धनपत राय
    जन्म
    :
    31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
    भाषा : हिंदी, उर्दू
    विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य

















    1  केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है | ~ प्रेमचंद

    2  कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है | ~ प्रेमचंद

    3  दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। -प्रेमचंद 


    4  सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं | ~ प्रेमचंद

    5  कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता | कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है | ~ प्रेमचंद

    6  नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है | ~ प्रेमचंद

    7  अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है | ~ प्रेमचन्द
    आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है | ~ प्रेमचन्द

    8  यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं | ~ प्रेमचन्द

    9  जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं | ~ मुंशी प्रेमचंद

    10  लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती | ~ प्रेमचंद

    11  उपहार और विरोध तो सुधारक के पुरस्कार हैं | ~ प्रेमचंद

    12  जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैं, तो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है | ~ प्रेमचंद 

    13  अपनी भूल अपने ही हाथ सुधर जाए तो,यह उससे कहीं अच्छा है कि दूसरा उसे सुधारे | ~ प्रेमचंद

    14  विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला | ~ मुंशी प्रेमचंद

    15  आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है | ~ प्रेमचन्द

    16  सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है | ~ प्रेमचन्द

    17  डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है | ~ प्रेमचंद

    18  चिंता रोग का मूल है। – प्रेमचंद

    19  चिंता एक काली दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती। – प्रेमचंद

     

    We will keep adding more Quotes from time to time.

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  20. यह कहानी छोटे छोटे मेंढकों की है जो एक साथ एक जगह पर झूंड बना कर रहते थे. 
    एक बार उन्होंने एक "प्रतियोगिता" का आयोजन करने की ठानी.
    लक्ष्य रखा गया एक ऊंचा सा बिजली का टावर और तय किया गया कि जो भी उस पर सबसे पहले चढ जायेगा वही विजेता घोषित होगा.

    प्रतियोगिता के लिये बहुत से मेंढक एकत्रित हुए साथ ही देखने वालों की भी भीड लगी हुई थी.
    प्रतियोगिता शुरू हुई.
    देखने वालों में से किसी को भी विश्वास नहीं था कि कोई भी मेंढक उस ऊंचे टावर पर चढ पायेगा.

    भीड चिल्ला रही थी.. बहुत मुश्किल है... शायद ही कोई ऊपर तक पहुंच पाये.

    कुछ कह रहे थे सफ़लता का प्रतिशत शून्य है क्योंकि टावर बहुत ऊंचा है.

    बहुत से मेंढकों ने थक कर प्रतियोगिता छोड दी, कुछ बचे हुए अभी भी टावर पर चढ रहे थे.

    भीड की बातें सुन कर एक को छोड कर सभी मेंढकों ने हार मान कर प्रतियोगिता बीच में ही छोड दी.

    एक अकेला मेंढक तेजी से टावर पर चढता जा रहा था.
    उसके प्रयास में कोई कमी नहीं आ रही थी और अन्त में वह टावर पर चढने में सफ़ल रहा.

    सब मेंढक यह जानना चाह रहे थे कि यह कैसे संभव हुआ. एक प्रतियोगी मेंढक ने विजेता मेंढक से प्रश्न किया कि आखिर तुम्हारी जीत का क्या राज है ?


    तब सब को पता चला कि विजेता मेंढक "बहरा" था वह सुन नहीं पाता था.

    ================इस कहानी का सार यह है कि============

    "दूसरे व्यक्तियों की नकारात्मक सोच पर कभी ध्यान न दें क्योंकि वह आपके सुनहरे स्वप्नों को साकार करने में बाधा से अधिक कुछ नहीं. शब्दों की शक्ति को पहचाने और उन्हें अपने प्रयत्नों पर हावी न होने दें. सदा साकारात्मक सोच ले कर लक्ष्य की और बढें. स्वंय पर विश्वास रखें आप सब से ऊपर पहुंचने में सफ़ल होंगे.

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  21. एक भिखारी भीख मांगने निकला। उसका सोचना था कि जो कुछ भी मिल जाए, उस पर अधिकार कर लेना चाहिए। एक दिन वह राजपथ पर बढ़ा जा रहा था। एक घर से उसे कुछ अनाज मिला। वह आगे बढ़ा और मुख्य मार्ग पर आ गया। अचानक उसने देखा कि नगर का राजा रथ पर सवार होकर उस ओर आ रहा है। वह सवारी देखने के लिए खड़ा हो गया, लेकिन यह क्या? राजा की सवारी उसके पास आकर रुक गई। राजा रथ से उतरा और भिखारी के सामने हाथ पसारकर बोला- मुझे कुछ भीख दो। देश पर संकट आने वाला है और पंडितों ने बताया है कि आज मार्ग में जो पहला भिखारी मिले, उससे भीख मांगें तो संकट टल जाएगा। इसलिए मना मत करना। भिखारी हक्का-बक्का रह गया। राजा, देश के संकट को टालने के लिए उससे भीख मांग रहा है। भिखारी ने झोली में हाथ डाला, तो उसकी मुट्ठी अनाज से भर गई। उसने सोचा इतना नहीं दूंगा। उसने मुट्ठी थोड़ी ढीली की और अनाज के कुछ दाने भरे। किंतु फिर सोचा कि इतना भी दूंगा तो मेरा क्या होगा? भिखारी घर पहुंचकर पत्नी से बोला- आज तो अनर्थ हो गया। मुझे भीख देनी पड़ी। पर न देता तो क्या करता। पत्नी ने झोली को उल्टा किया तो उसमें एक सोने का सिक्का निकला। यह देखकर भिखारी पछताकर बोला- मैंने राजा को सभी कुछ क्यों न दिया? यदि मैंने ऐसा किया होता तो आज मेरी जीवनभर की गरीबी मिट जाती। इस प्रतीकात्मक कथा का संकेत यह है कि दान देने से संपन्नता हजार गुना बढ़ती है। यदि हम हृदय की सारी उदारता से दान करें, तो प्रतिफल में दीर्घ लाभ की प्राप्ति होती है।.

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