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लिखिए अपनी भाषा में





  1. " दो मित्र थे दोनों के घर में अन्न का अभाव था कई दिन से बच्चे भूखे थे ,दोनों मित्र शिकार की तलाश में जंगल 

    की तरफ चल दिए ,शाम होते होते उन्हें एक शिकार मिला ,शिकार के पास ही उन्हें एक सिक्का मिला . शिकार 

    और सिक्का पाकर दोनों मित्रो के चेहरे चमक उठे . दोनों अब तक बहुत थक चुके थे और  भूख, प्यास से हाल 

    बेहाल था .एक ने  दुसरे से कहा ,'हे मित्र इस सिक्के का बाजार से कुछ खाने को ले आओ जिससे पेट की आग 

    बुझ सके .एक बाजार चला गया और दूसरा जंगल में पेड़ के नीचे शिकार के पास बैठ गया .बाजार से उसने लड्डू 

    ख़रीदे लड्डू खरीदते वक़्त उसके मन में ख्याल आया की अगर में अपने मित्र को मार दूँ तो ये शिकार और ये 

    लड्डू सब मेरे ..............और यही सोचकर वो दूकानदार से कहता है भैया एक लड्डू थोड़ा बड़ा बनाना ,उसके बाद 

    उसने कुछ जहर लिया और उस बड़े लड्डू में मिला दिया ताकि पता चल सके की जहर वाला लड्डू कौन सा है 

    और जंगल की तरफ लौट चला .इधर ऐसे ही कुछ ख्याल दुसरे मित्र के ज़हन में पल रहे थे की क्यूँ ना में इसे 

    आते हुए तीर से मार दूँ  और सब कुछ मेरा .बस फिर क्या था .....जैसे ही उसे वो आता दिखाई दिया उसने धनुष 

    पर बाण चढ़ाया और नजदीक आने का इंतजार करने लगा इस सब से अनजान वो तेज क़दमों से पेड़ के नीचे 

    बैठे अपने मित्र की तरफ बढ़ रहा था ...............जैसे ही वो नजदीक पहुंचा पेड़ के नीचे बैठे उसके मित्र ने तीर 

    चलाया और वो वहीँ ढेर हो गया .उसने लड्डू का थैला उठाया और खोलकर देखा की एक लड्डू कुछ ज्यादा बड़ा है 
     और सोचने लगा की कैसा कमीना था अपने लिए बड़ा लड्डू बनवाया होगा जरूर रास्ते में भी खाए होंगे ,अच्छा 

    हुआ मैंने इसे मार दिया ,.....पहले इस बड़े लड्डू को ही खाता हूँ बस फिर क्या था जैसे ही उसने लड्डू खाया 

    उसके भी प्राण पखेरू उड़ गए ,....................और घर में दोनों के बच्चे भूख से मर गए.


    "सभी देव कलयुग के इस रूप को देखकर बोले की .," इसमें किंचित भी संदेह नहीं की कलयुग में सृष्टि का 
    समूल 
    नाश होगा .

    क्या सच में ,इन्सान कलयुग के उसी दौर से गुजर रहे है?

  2. एक बोध कथा

    Sunday, July 22, 2012

    बोध कथा

    एक बार एक महात्मा ने अपने शिष्यों से अनुरोध किया कि वे कल से प्रवचन में आते समय अपने साथ एक 

    थैली में बडे़ आलू साथ लेकर आयें, उन आलुओं पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होना चाहिये जिनसे वे ईर्ष्या 

    करते हैं । जो व्यक्ति जितने व्यक्तियों से घृणा करता हो, वह उतने आलू लेकर आये । अगले दिन सभी लोग 

    आलू लेकर आये, किसी पास चार आलू थे, किसी के पास छः या आठ और प्रत्येक आलू पर उस व्यक्ति का नाम 

    लिखा था जिससे वे नफ़रत करते थे । अब महात्मा जी ने कहा कि, अगले सात दिनों तक ये आलू आप सदैव 

    अपने साथ रखें, जहाँ भी जायें, खाते-पीते, सोते-जागते, ये आलू आप सदैव अपने साथ रखें । शिष्यों को कुछ 

    समझ में नहीं आया कि महात्मा जी क्या चाहते हैं, लेकिन महात्मा के आदेश का पालन उन्होंने अक्षरशः किया 

    । दो-तीन दिनों के बाद ही शिष्यों ने आपस में एक दूसरे से शिकायत करना शुरू किया, जिनके आलू ज्यादा थे, 


     वे बडे कष्ट में थे । जैसे-तैसे उन्होंने सात दिन बिताये, और शिष्यों ने महात्मा की शरण ली । महात्मा ने कहा, 

    अब अपने-अपने आलू की थैलियाँ निकालकर रख दें, शिष्यों ने चैन की साँस ली । महात्माजी ने पूछा – विगत 

    सात दिनों का अनुभव कैसा रहा ? शिष्यों ने महात्मा से अपनी आपबीती सुनाई, अपने कष्टों का विवरण दिया, 

    आलुओं की बदबू से होने वाली परेशानी के बारे में बताया, सभी ने कहा कि बडा हल्का महसूस हो रहा है… 

    महात्मा ने कहा – यह अनुभव मैने आपको एक शिक्षा देने के लिये किया था… जब मात्र सात दिनों में ही 

    आपको ये आलू बोझ लगने लगे, तब सोचिये कि आप जिन व्यक्तियों से ईर्ष्या या नफ़रत करते हैं, उनका 

    कितना बोझ आपके मन पर होता होगा, और वह बोझ आप लोग तमाम जिन्दगी ढोते रहते हैं, सोचिये 

    कि आपके मन और दिमाग की इस ईर्ष्या के बोझ से क्या हालत होती होगी ? यह ईर्ष्या तुम्हारे मन पर 

    अनावश्यक बोझ डालती है, उनके कारण तुम्हारे मन में भी बदबू भर जाती है, ठीक उन आलुओं की तरह…. 

    इसलिये अपने मन से इन भावनाओं को निकाल दो, यदि किसी से प्यार नहीं कर सकते तो कम से कम 

    नफ़रत मत करो, तभी तुम्हारा मन स्वच्छ, निर्मल और हल्का रहेगा, वरना जीवन भर इनको ढोते-ढोते 

    तुम्हारा मन भी बीमार हो जायेगा ।


  3. जिद नाम है उस होसले का जिसमे नामुमकिन को मुमकिन बनाने का जूनून हो ! बिरले ही होते है ऐसे  जिद्दी 

    लोग और उनके मज़बूत इरादों के सामने दुनिया घुटने टेकने को मजबूर होती है ! लगभग 1200 आविष्कार करने 

    वाले अमेरिकी वैज्ञानिक थामस अल्वा एडिसन की प्रतिभा को उनके  शिक्षक बी पहचान न सके!

    दिन- रात कल्पना की दुनिया में खोए रहने बाले  एडिसन को मंदबुद्धि बे मानते थे ! इसी आधार पर उने स्कूल से 

    निकल दीया गया था ! निर्धन परिवार में जन्मे  एडिसन  ट्रेन में  अखवार बेच कर गुजरा करते थे !

    बिजली के बल्ब का आविष्कार करने के दोरान उन के 100 से बी जायदा  प्रयास बिफल  हुए ! लोगो ने उनका 

     बहुत मजाक उडाया और  उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की सलाह दी !

    फिर बी उन्होंने  हार नहीं मानी ! अंत : जब बल्ब की रौशनी जगमगा उठी तो लोग हेरत  में पड गे !एडिसन को

    अपनी कोशिशो पर पक्का यकीन था !

    इसी लिये बह अडिंग रहे ! आसन नहीं होता अपनी बात पर अडिंग रहना , पर जिस के इरादों में सच्चाई हो  .उसे दुनिया की कोई भी ताकत झुका नहीं सकती।


    जिस के इरादों में सच्चाई हो  .उसे दुनिया की कोई भी ताकत झुका नहीं सकती।

  4. हाथो की लकीर (The lines of hand)


    हाथो की लकीरो पे ना जा ए गालिब

    नसीब उन्कॆ भी हॊते है जिनकॆ हाथ नही होते

    Translation:

    Don't trust your future based on the lines of your handsA

    Destiny has good luck in store for those without hands too.
     
                                                                                                        



  5. 1.  अवगुण नाब  मै एक  के छेद सामान है , जो चाहे छोटा हो जा बड़ा एक 

    दिन उसे डुबो देता है ! 

    -कालिदास

    2.  सज्जन पुरष बिना कहे ही दुसरो कि आशा पूरी कर देते है! जैसे सूर्य 

    स्वयं ही घर घर जाकर परकाश  फैला देता है ! 
                                                                                   -कालिदास                                                                                    

    3.  सब प्राचीन अच्छा और बुरा नहीं होता ! बुदिमान पुरष  स्वयं परीक्षा 

    द्वारा गुण-दोषों का विवेचन करते है !                                                                                                                                            

     -कालिदास

    4.  सज्जन पुरष बादलो के समान देने के  लिए ही कोई वस्तु ग्रहण करते है !                       
    -कालिदास

    5.  कम कि समाप्ति  संतोषप्रद  हो तो परिश्रम कि थकान याद नहीं रहती !                          
    -कालिदास 


    6.  उदय होते  समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय बी ! इसी 

    परकार  संपत्ति और विपत्ति के समय महान पुरुषों मै एकरूपता होती है !                                                                                       
    -कलिदास

    7.  यशस्वियों का  कर्तव्य है कि जो अपने से होड़ करे उससे अपने जश कि रक्षा बी करे !
                 
    -कालिदास

    8.  पृथ्वी पर तीन रत्न है ! जल अन्न और सुभाषित लेकिन  अज्ञानी पत्थर 

    के टुकडो को ही रत्न कहते है !                                                                                                                                               
    -कालिदास

    We will keep adding more Quotes from time to time.

    ———————————————————————–



  6. एक बूढा व्यक्ति था। उसकी दो बेटियां थीं। उनमें से एक का विवाह एक कुम्हार से हुआ और दूसरी का एक किसान के साथ। 

    एक बार पिता अपनी दोनों पुत्रियों से मिलने गया। पहली बेटी से हालचाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार हमने बहुत परिश्रम किया है और बहुत सामान बनाया है।  बस यदि वर्षा न आए तो हमारा कारोबार खूब चलेगा।
    बेटी ने पिता से आग्रह किया कि वो भी प्रार्थना करे कि बारिश न हो।
    फिर पिता दूसरी बेटी से मिला जिसका पति किसान था। उससे हालचाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार बहुत परिश्रम किया है और बहुत फसल उगाई है परन्तु वर्षा नहीं हुई है। यदि अच्छी बरसात हो जाए तो खूब फसल होगी। उसने पिता से आग्रह किया कि वो प्रार्थना करे कि खूब बारिश हो।
    एक बेटी  का आग्रह था कि पिता वर्षा न होने की प्रार्थना करे और दूसरी का इसके विपरीत कि बरसात न हो। पिता बडी उलझन में पड गया। एक के लिए प्रार्थना करे तो दूसरी का नुक्सान। समाधान क्या हो  
    ?
    पीता ने  बहुत सोचा और पुनः अपनी पुत्रियों से मिला। उसने बडी बेटी को समझाया कि यदि इस बार वर्षा नहीं हुई तो तुम अपने लाभ का आधा हिस्सा अपनी छोटी बहन को देना। और छोटी बेटी को मिलकर समझाया कि यदि इस बार खूब वर्षा हुई तो तुम अपने लाभ का आधा हिस्सा अपनी बडी बहन को देना। 

    निवेदन : अगर आप को ये स्टोरी अची  लगे तो आप एक मेल जरुर करना
    kuchkhaskhabar@gmail.com 


  7. एक पढ़ा-लिखा दंभी व्यक्ति नाव में सवार हुआ। वह घमंड से भरकर नाविक से पूछने लगा, ‘‘क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है, नाविक?’’

    नाविक बोला, ‘‘नहीं।’’ 

    दंभी व्यक्ति ने कहा, ‘‘अफसोस है कि तुमने अपनी आधी उम्र यों ही गँवा दी!’’
    थोड़ी देर में उसने फिर नाविक से पूछा, “तुमने इतिहास व भूगोल पढ़ा?”
    नाविक ने फिर सिर हिलाते हुए ‘नहीं’ कहा।

    दंभी ने कहा, “फिर तो तुम्हारा पूरा जीवन ही बेकार गया।“
    मांझी को बड़ा क्रोध आया। लेकिन उस समय वह कुछ नहीं बोला। दैवयोग से वायु के प्रचंड झोंकों ने नाव को भंवर में डाल दिया। 

    नाविक ने ऊंचे स्वर में उस व्यक्ति से पूछा, ‘‘महाराज, आपको तैरना भी आता है कि नहीं?’’
    सवारी ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे तैरना नही आता।’’

    “फिर तो आपको अपने इतिहास, भूगोल को सहायता के लिए बुलाना होगा वरना आपकी सारी उम्र बरबाद होने वाली है क्योंकि नाव अब भंवर में डूबने वाली है।’’ यह कहकर नाविक नदी में कूद तैरता हुआ किनारे की ओर बढ़ गया। 

    मनुष्य को किसी एक विद्या या कला में दक्ष हो जाने पर गर्व नहीं करना चाहिए।


  8. एक व्यापारी को नींद न आने की बीमारी थी। उसका नौकर मालिक की बीमारी से दुखी रहता था। एक दिन व्यापारी अपने नौकर को सारी संपत्ति देकर चल बसा। सम्पत्ति का मालिक बनने के बाद नौकर रात को सोने की कोशिश कर रहा था, किन्तु अब उसे नींद नहीं आ रही थी। एक रात जब वह सोने की कोशिश कर रहा था, उसने कुछ आहट सुनी। देखा, एक चोर घर का सारा सामान समेट कर उसे बांधने की कोशिश कर रहा था, परन्तु चादर छोटी होने के कारण गठरी बंध नहीं रही थी। 

    नौकर ने अपनी ओढ़ी हुई चादर चोर को दे दी और बोला, इसमें बांध लो। उसे जगा देखकर चोर सामान छोड़कर भागने लगा। किन्तु नौकर ने उसे रोककर हाथ जोड़कर कहा, भागो मत, इस सामान को ले जाओ ताकि मैं चैन से सो सकूँ। इसी ने मेरे मालिक की नींद उड़ा रखी थी और अब मेरी। उसकी बातें सुन चोर की भी आंखें खुल गईं।



  9. वो शक्ल सूरत से कैसा था, बताने में असमर्थ हूँ। पर हाँ, उसके हाव-भावों से ये पूर्णतया स्पष्ट था कि वो काफी उदास और चिंतित था।

    मैंने इंसानियत के नाते पूछ लिया क्या बात है? बहुत उदास दिखाई देते हो। कुछ मदद चाहिए क्या?

    'हाँ, मैं उसके लिए काफी चिंतित हूँ। जाने उसपर क्या बीती होगी...जाने कैसी होगी...’ उसने एक लम्बी ठँडी आह भरते हुए कहा।
    'वो..वो कौन?’

    'वो जिससे मेरी शादी होने वाली थी। वो मुझसे बहुत प्यार करती थी और मैं भी उसे जी-जान से चाहता था।’ वो अपनी कहानी सुनाए चला जा रहा था और मैं भी उसकी प्रेम कहानी में दिलचस्पी ले रहा था।

     
    'फिर क्या हुआ?' मैं उसकी कहानी आगे सुनने को उत्सुक था।

    'फिर क्या..उसके घर वाले नहीं माने। लेकिन हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। एक दिन सुना कि उसके घर वालों ने जबरन उसकी शादी कहीं और तय कर दी।'

    'फिर?'


    'मैंने उसे मिलने की बहुत कोशिशें की पर.....'

    'पर क्या.....' मैंने पूछा।
    'पर मैं उसे मिल नहीं सका,' उसने गहरी साँस छोडते हुए कहा, 'और मैंने आत्म-हत्या कर ली।'
    '...आत्म-हत्या....पर तुम तो....'

    'अब मैं जीवित व्यक्ति नहीं हूँ।'

     
    'क् क्या..मेरी उत्सुकता डर में बदल गई थी।
    'डरो मत, मैं तुम्हें कोई नुक्सान नहीं पहुँचाऊंगा। बस तुम मेरी थोड़ी-सी सहायता कर दो।'
    'हाँ कहो' मैंने राहत की साँस ली।

    'मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ, उसकी चाहत ही मुझे इस रूप में भी यहाँ खींच लाई है। मैं सिर्फ जानना चाहता हूँ कि वो ठीक तो है! कहीं मेरे मरने की खबर सुनकर उसने भी ....और मेरे माँ-बाप... क्या तुम मेरी मदद करोगे?'
    ''अरे आज इतनी देर तक सो रहा है! उठ चाय-नाश्ता तैयार है।'' रसोई घर से माँ के तीखे स्वर ने मेरी नींद खोल दी।

    'ओह, आया माँ!’ मुझे उस दूसरी दुनिया के उस प्राणी से अपनी बातचीत अधूरी रह जाने का खेद था। काश! माँ ने 5-10 मिनट बाद आवाज लगाई होती तो कम से कम उसे इतना तो बता देता कि - 'हे भाई, बेवजह परेशान हो रहे हो। यहाँ सब कुशल ही होंगे. तुम्हारे माँ-बाप भी ठीक-ठाक होंगे। और तुम्हारी वो... वो भी तुम्हें भूल चुकी होगी। जानते नहीं, शादी के बाद स्त्री का एक तरह से पुर्नजन्म होता है। और वैसे भी हम धरती के लोग मरे हुओं को याद करना अपशकुन मानते हैं। और भूल से भी कहीं अपने घर या उसके घर ना जा पहुँचना। जिनके लिए तुम इतने उदास और चिंतित हो, वो 'भूत-भूत' चिल्लाएंगे तुम्हें देखकर और दूर भागेंगे तुमसे।’


    अरे भईये, इस धरती के लोग यहीं के लोगों से प्यार निभा लें तो काफी है! तुम तो बहुत दूर जा चुके हो।' पर मुझे खेद है कि यह सब मैं उसे नहीं बता पाया।


  10. एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या  है?
    सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.
    सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
    लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”
    सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना  चाहते थे  तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
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  11.                  


    भिवानी (हरियाणा) में अलखपुरा गांव केबलवान सिंह (52) पेशे से किसान हैं। पढ़ाई भले दसवीं तक ही कर पाए, पर विज्ञान में उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई।


    खेती करते-करते, उन्होंने प्याज की ऐसी किस्म विकसित कर दी, जो न सिर्फ प्याज की बाकी किस्मों की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार देती है, बल्कि कोल्ड स्टोरेज के बिना भी उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने इसे ‘बलवान प्याज’ नाम दिया है। प्याज ही नहीं, वह हरी मिर्च की भी ऐसी ही किस्म विकसित कर चुके हैं और मिर्च को भी उन्होंने अपना ही नाम दिया है।

    बलवान केमन में प्याज की नई किस्म तैयार करने का ख्याल पहली बार 1984 में आया। इससे पहले मन न लगने की वजह से वह भारतीय सेना और जिंदल स्टील की नौकरी छोड़ चुके थे। बलवान कहते हैं, ‘मेरा भाई पड़ोस केगांव से गहरे लाल रंग की प्याज लेकर आया। मैंने उसे अपनी क्यारियों में बोया और उसकी छंटाई की। जो प्याज पैदा हुई,  उसका अच्छा हिस्सा छंटाई करके फिर निकाल लिया।

    छंटाई और सुधार की इसी प्रकिया को जारी रखा। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से मैंने ऐसे उपाय किए कि प्याज को कीड़ों से बचाया जा सके। 10 साल की मेहनत केबाद मैंने प्याज की नई किस्म विकसित कर दी।’ हिसार की चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने उनकी मेहनत को मान्यता दी। वहां टेस्टिंग में उनकी प्याज की पैदावार 368 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पाई गई। बलवान के मुताबिक, ‘मेरे प्याज की औसत पैदावार 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि दूसरे प्याज औसतन 125 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देते हैं।’

    बलवान का खेत उनके लिए किसी प्रयोगशाला से कम नहीं है। यहां वह प्याज और हरी मिर्च केबीज तैयार करते हैं। उनकेबीज की मांग उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों में है। पिछले साल उन्होंने लगभग 80 किलो प्याज और 20 किलो मिर्च के बीज बेचकर तकरीबन 1.25 लाख रुपए और इतनी ही रकम खेती करकेजुटाई।

    बलवान प्याज 6 महीने तक खराब नहीं होती। उनकी मिर्च भी 1 महीने तक हरी रहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्यादा तापमान में भी उनकी प्याज और मिर्च अच्छी पैदावार देती है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल प्याज के लिए 5 लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र देकर बलवान को सम्मानित कर चुकी हैं। बलवान प्याज का जल्द ही पेटेंट होने वाला है। पूसा इंस्टीट्यूट उनकी मिर्च का पूरे देश में ट्रायल करवा रहा है। अगर मिर्च का ट्रायल सफल रहा तो उसका भी पेटेंट होगा।

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    • 1  इस संसार में प्यार करने लायक़ दो वस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। - आचार्य श्रीराम शर्मा 


    • 2  संपदा को जोड़-जोड़ कर रखने वाले को भला क्या पता कि दान में कितनी मिठास है। - आचार्य श्रीराम शर्मा 


    • 3  जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं- एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं, दूसरे जो करते हैं पर सोचते नहीं। - आचार्य श्रीराम शर्मा 


    • 4  मानसिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि हृदय को घृणा से और मन को भय व चिन्ता से मुक्त रखा जाय। - आचार्य श्रीराम शर्मा 


    • 5  मनुष्य कुछ और नहीं, भटका हुआ देवता है। - आचार्य श्रीराम शर्मा 


    • 6  असफलता यह बताती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया गया। — श्रीराम शर्मा आचार्य


    • 7  शारीरिक गुलामी से बौद्धिक गुलामी अधिक भयंकर है। — श्रीराम शर्मा, आचार्य


    • 8  ग्रन्थ, पन्थ हो अथवा व्यक्ति, नहीं किसी की अंधी भक्ति। — श्रीराम शर्मा, आचार्य


    • 9  जैसी जनता, वैसा राजा। प्रजातन्त्र का यही तकाजा॥ — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 10  केवल वे ही असंभव कार्य को कर सकते हैं जो अदृष्य को भी देख लेते हैं। — श्रीराम शर्मा आचार्य 


    • 11  नहीं संगठित सज्जन लोग। रहे इसी से संकट भोग॥ — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 12  मनुष्य की वास्तविक पूँजी धन नहीं, विचार हैं। — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 13  प्रज्ञा-युग के चार आधार होंगे - समझदारी, इमानदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी। — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 14  मनःस्थिति बदले, तब परिस्थिति बदले। - पं श्रीराम शर्मा आचार्य


    • 15  रचनात्मक कार्यों से देश समर्थ बनेगा। — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 16  संसार का सबसे बडा दिवालिया वह है जिसने उत्साह खो दिया। — श्रीराम शर्मा, आचार्य 


    • 17  समाज के हित में अपना हित है। — श्रीराम शर्मा, आचार्य


    • 18  सुख में गर्व न करें, दुःख में धैर्य न छोड़ें। - पं श्री राम शर्मा आचार्य


    • 19  उसी धर्म का अब उत्थान, जिसका सहयोगी विज्ञान॥ — श्रीराम शर्मा, आचार्य


    • 20  बड़प्पन अमीरी में नहीं, ईमानदारी और सज्जनता में सन्निहित है। — श्रीराम शर्मा आचार्य


    • 21  जो बच्चों को सिखाते हैं, उन पर बड़े खुद अमल करें तो यह संसार स्वर्ग बन जाय। — श्रीराम शर्मा आचार्य


    • 22  विनय अपयश का नाश करता हैं, पराक्रम अनर्थ को दूर करता है, क्षमा सदा ही क्रोध का नाश करती है और सदाचार कुलक्षण का अंत करता है। — श्रीराम शर्मा आचार्य 


    • 23  जब तक व्‍यक्ति असत्‍य को ही सत्‍य समझता रहता है, तब तक उसके मन में सत्‍य को जानने की जिज्ञासा उत्‍पन्‍न नहीं होती है। - पं. श्रीराम शर्मा 


    • 24  अवसर तो सभी को जिन्‍दगी में मिलते हैं, किंतु उनका सही वक्‍त पर सही तरीके से इस्‍तेमाल कुछ ही कर पाते हैं। - श्रीराम शर्मा 


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  12.  

    क्रोध पर महान लोगों के विचार

     

    Quote 1 : A man that studieth revenge keeps his own wounds green.
    In Hindi : जो व्यक्ति बदले की भावना रखता है वो दरअसल अपने ही घावों को हरा रखता है.
     
    Francis Bacon फ्रांसिस बैकन
    Quote 2 :An angry man opens his mouth and shuts his eyes.
    In Hindi : एक क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आँख बंद कर लेता है.
     
    Cato केटो
    Quote 3 :Anger and intolerance are the enemies of correct understanding.
    In Hindi :क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं.
     
    Mahatma Gandhi महात्मा गाँधी  
    Quote 4 :Anger is a short madness.
    In Hindi : क्रोध एक तरह का पागलपन है.
     
    Horace होरेस 
    Quote 5 :Anger dwells only in the bosom of fools.
    In Hindi : क्रोध मूर्खों के ह्रदय में ही बसता है.
     
    Albert Einstein अल्बर्ट आइन्स्टाइन 
    Quote 6 :A man who has never made a woman angry is a failure in life.
    In Hindi : जिस आदमी ने कभी किसी औरत को क्रोधित नहीं किया ,वह अपने जीवन में असफल है.
     
    Christopher Morley  क्रिस्टोफर मोर्ले  
    Quote 7 :Always write angry letters to your enemies. Never mail them.
    In Hindi : अपने दुश्मनों को हमेशा खीज भरे ख़त लिखें.उन्हें कभी भेजें नहीं.
     
    James Fallows जेम्स फैल्लोस
    Quote 8 :Anger is an acid that can do more harm to the vessel in which it is stored than to anything on which it is poured.
    In Hindi : क्रोध वह तेज़ाब है जो किसी भी  चीज जिसपर वह डाला जाये ,से ज्यादा उस पात्र को अधिक हानि  पहुंचा सकता है जिसमे वह रखा है.
     
    Mark Twain मार्क ट्वेन
    Quote 9 :Anger is a wind which blows out the lamp of the mind.
    In Hindi : क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है.
     
    Robert Green Ingersoll रोबर्ट ग्रीन इन्गेर्सोल्ल 
    Quote 10: Anybody can become angry – that is easy, but to be angry with the right person and to the right degree and at the right time and for the right purpose, and in the right way – that is not within everybody’s power and is not easy.
     In Hindi : कोई भी क्रोधित हो सकता है- यह आसान है, लेकिन  सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है.
     
    Aristotle अरस्तु 
    Quote 11 :How much more grievous are the consequences of anger than the causes of it.
    In Hindi : क्रोध के कारण की तुलना में उसके परिणाम कितने गंभीर होते हैं!
     
    Marcus Aurelius   मार्कस औरैलिय्स 
    Quote 12:Holding on to anger is like grasping a hot coal with the intent of throwing it at someone else; you are the one who gets burned.
    In Hindi : क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं.
     
    Lord Buddha  भगवान गौतम बुद्ध
    Quote 13 : Anger, if not restrained, is frequently more hurtful to us than the injury that provokes it.
    In Hindi : क्रोध पर यदि काबू ना किया जाये, तो वह  जिस चोट के कारण उत्पन्न हुआ उससे  से कहीं ज्यादा हानि पहुंचा सकता है.
     
    Lucius Annaeus Seneca लुसिउस अन्नेईस सेनेसा  
    Quote 14 :For every minute you remain angry, you give up sixty seconds of peace of mind.
    In Hindi : हर एक मिनट जिसमे आप क्रोधित रहते हैं, आप ६० सेकेण्ड की मन की शांति खोते हैं.
      Ralph Waldo Emerson राल्फ वाल्डो इमर्सन   
    Quote 15 :Every time you get angry, you poison your own system.
    In Hindi : हर बार जब आप क्रोधित होते हैं, तब आप अपनी ही प्रणाली में ज़हर घोलते हैं.
     
    Alfred A. Montapert अल्फ्रेड ऐ. मोंटापर्ट
     

     

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  13. एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक glass पकड़ते  हुए class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी students को दिखाया और पूछा , ” आपके हिसाब से glass का वज़न कितना होगा?”

    ’50gm….100gm…125gm’…छात्रों ने उत्तर दिया.

    ” जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ  मुझे इसका सही वज़न नहीं बता सकता”. प्रोफ़ेसर ने कहा. ” पर मेरा सवाल है:

    यदि मैं इस ग्लास को थोड़ी देर तक  इसी तरह उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?”

    ‘कुछ नहीं’ …छात्रों ने कहा.

    ‘अच्छा , अगर मैं इसे मैं इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ?” , प्रोफ़ेसर ने पूछा.

    ‘आपका हाथ दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा.

    ” तुम सही हो, अच्छा अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो का होगा?”

    ” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके muscle में भारी तनाव आ सकता है , लकवा मार सकता है और पक्का आपको hospital जाना पड़ सकता है”….किसी छात्र ने कहा, और बाकी सभी हंस पड़े…

    “बहुत अच्छा , पर क्या इस दौरान glass का वज़न बदला?” प्रोफ़ेसर ने पूछा.

    उत्तर आया ..”नहीं”

    ” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में तनाव क्यों आया?”

    Students अचरज में पड़ गए.

    फिर प्रोफ़ेसर ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”

    ” ग्लास को नीचे रख दीजिये! एक छात्र ने कहा.

    ” बिलकुल सही!” प्रोफ़ेसर ने कहा.

    Life की problems भी कुछ इसी तरह होती हैं. इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये और लगेगा की सब कुछ ठीक है.उनके बारे में ज्यदा देर सोचिये और आपको पीड़ा होने लगेगी.और इन्हें और भी देर तक अपने दिमाग में रखिये और ये आपको paralyze करने लगेंगी. और आप कुछ नहीं कर पायेंगे.

    अपने जीवन में आने वाली चुनातियों और समस्याओं के बारे में सोचना ज़रूरी है, पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है दिन के अंत में सोने जाने से पहले उन्हें नीचे रखना.इस तरह से, आप stressed नहीं रहेंगे, आप हर रोज़ मजबूती और ताजगी के साथ उठेंगे और सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे .
    ———————————————-निवेदन : यदि  यह  story  आपके लिए लाभप्रद रहा हो तो कृपया  कृपया  comment के  माध्यम  से  मुझे बताएं.और इसे अपने Facebook friends  के साथ ज़रूर share करें .

  14. Shiv Khera Quotes in Hindi

    Monday, July 9, 2012



    Name
    Shiv Khera  / शिव खेड़ा
    Nationality Indian
    Work Areas Personal Development , Author, Motivational Speaker
    Achievement Author of Best Seller “You Can Win” / “जीत आपकी” Amongst world’s most sought after motivational speakers.
    कभी कार धोने का काम करने से लेकर बीमा एजेंट का  काम करने वाले शिव खेड़ा आज दुनिया के जाने-माने motivational guru हैं.

     
    Quote 1:  Winners don’t do different things, they do things differently.

     जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को  अलग तरह से करते हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 2: Winners see the gain; losers see the pain.
     जीतने वाले लाभ देखते हैं, हारने वाले दर्द.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 3:Under Adverse conditions – some people break down, some break records

     विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं , तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 4:If you think you can – you can! If you think you cannot – you cannot! And either way……..you are right !”

     अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं-तो आप कर सकते हैं !अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं- तो आप नहीं कर सकते हैं !और किसी भी तरह से …आप सही हैं.!
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 5:Character building does not start when a child is born; it starts 100 years before when a child is born.

     चरित्र का निर्माण तब नहीं शुरू होता जब बच्चा  पैदा होता है; ये बच्चे के पैदा होने के  सौ  साल पहले से शुरू हो जाता है.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 6:Justice is truth in action

     सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 7:A nation does not become great by shouting slogans

     एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 8:The lack of a degree is actually an advantage. If you are an engineer or a doctor, there is only one job you can do. But if you don’t have a degree, you can do anything.

     किसी डिग्री का ना होने दरअसल फायेदेमंद है. अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं.पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है , तो आप कुछ भी कर सकते हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 9:We don’t have business problems we have people problems.

     हमारी बिजनेस से सम्बंधित समस्याएं नहीं होतीं , हमारी लोगों से सम्बंधित समस्याएं होती हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 10:If we are not a part of the solution, then we are the problem

     अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम समस्या हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 11:It is never the activity of rascals that destroys a society, but always the inactivity of the good people that does it.



     कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्वाद करती है.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 12:Whenever a person says I cannot do this he is really saying two things. Either I don’t know how to do it or I don’t want to do it.

    जब कभी कोई व्यक्ति कहता है कि वो ये  नहीं कर सकता है , तो असल में वो दो चीजें कह रहा होता है. या तो मुझे पता नहीं है कि ये कैसे होगा या मैं इसे करना नहीं चाहता.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 13:Inspiration is thinking whereas motivation is action.

     इन्स्पीरेशन  सोच  है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 14:Self-esteem is inversely related to egos.

    आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 15:People don’t care how much you know they want to know how much you care.

    लोग इसकी परवाह नहीं करते हैं कि आप कितना जानते हैं, वो ये जानना चाहते हैं कि आप कितना ख़याल रखते हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
    Quote 16:Good leaders look to create more leaders, bad leaders look to create followers.

    अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैं, बुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं.
    Shiv Khera शिव खेड़ा
     ——————————————————————
    निवेदन: कृपया अपने comments के मध्यम से बताएं कि Shiv Khera Quotes का हिंदी अनुवाद आपको कैसा लगा.


  15.  
    कभी किसी काल में किसी नगर में राम और श्याम नामक दो धनी व्यापारी रहते थे. वे दोनों ही अपने धन और वैभव का बड़ा प्रदर्शन करते थे. 
    एक दिन राम  अपने मित्र श्याम  के घर उससे भेंट करने के लिए गया. राम  ने देखा कि श्याम  का घर बहुत विशाल और तीन मंजिला था. 2,500 साल पहले तीन मंजिला घर होना बड़ी बात थी और उसे बनाने के लिए बहुत धन और कुशल वास्तुकार की आवश्यकता होती थी. राम  ने यह भी देखा कि नगर में सभी निवासी श्याम  के घर को बड़े विस्मय  से देखते थे और उसकी बहुत बड़ाई करते थे.

    अपने घर वापसी पर राम  बहुत उदास था कि श्याम  के घर ने सभी का ध्यान खींच लिया था. उसने उसी वास्तुकार 
    को बुलवाया जिसने श्याम का घर बनाया था. उसने वास्तुकार से श्याम के घर जैसा ही तीन मंजिला घर बनाने को कहा. वास्तुकार ने इस काम के लिए हामी भर दी और काम शुरू हो गया.

    कुछ दिनों बाद राम काम का मुआयना  करने के लिए निर्माणस्थल पर गया. जब उसने नींव  खोदे जाने के लिए मजदूरों को गहरा गड्ढा  खोदते देखा तो वास्तुकार को बुलाया और पूछा कि इतना गहरा गड्ढा क्यों खोदा जा रहा है.

    “मैं आपके बताये अनुसार तीन मंजिला घर बनाने के लिए काम कर रहा हूँ”, वास्तुकार ने कहा, “सबसे पहले मैं मजबूत नींव बनाऊँगा, फिर क्रमशः पहली मंजिल, दूसरी मंजिल और तीसरी मंजिल बनाऊंगा.”

    “मुझे इस सबसे कोई मतलब नहीं है!”, राम ने कहा, “तुम सीधे ही तीसरी मंजिल बनाओ और उतनी ही ऊंची बनाओ जितनी ऊंची तुमने
    श्याम के लिए बनाई थी. नींव की और बाकी मंजिलों की परवाह मत करो!”

    “ऐसा तो नहीं हो सकता”, वास्तुकार ने कहा.

    “ठीक है, यदि तुम यह नहीं करोगे तो मैं किसी और से करवा लूँगा”,
    राम ने नाराज़ होकर कहा.

    उस नगर में कोई भी वास्तुकार नींव के बिना वह घर नहीं बना सकता था, फलतः वह घर कभी न बन पाया. अतः किसी भी बड़े कार्य को सम्पन्न करने के लिए उसकी नीव सबसे मजबूत बनानी चाहिए एवं काम को योजनाबद्ध
    तरीके से किया जाना चाहिए । 

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  16. 5 चीजें  जो  आपको  नहीं  करनी  चाहिए  और  क्यों ? 

    5THINGS YOU SHOULD NOT DO AND WHY?

    दोस्तों  जाने  अनजाने  हम  ऐसी  कई  चीजें करते  हैं  जो  हमारे  personal development के  लिए  ठीक  नहीं  होतीं. वैसे  तो  इन  चीजों  की  list बहुत  लम्बी  हो  सकती  है  पर  मैं  आपके  साथ  सिर्फ  पांच  ऐसी  बातें  share कर  रहा  हूँ  जो  मैं  follow करता  हूँ .हो  सकता  है  कि  आप  already इनमे  से  कुछ  चीजें  practice करते  हों , पर  अगर  आप  यहाँ  से  कुछ  add-on कर  पाते  हैं  तो  definitely वो  आपके  life को  better बनाएगा . So , let’s see those 5 things

     

    1) दूसरे  की  बुराई  को  enjoy करना 

    ये  तो  हम  बचपन  से  सुनते  आ  रहे  हैं  की  दुसरे  के  सामने  तीसरे  की  बुराई  नहीं  करनी  चाहिए , पर  एक और  बात  जो  मुझे  ज़रूरी  लगती  है  वो  ये  कि  यदि  कोई  किसी  और  की  बुराई  कर  रहा  है  तो  हमें  उसमे  interest नहीं  लेना  चाहिए  और  उसे  enjoy नहीं  करना  चाहिए . अगर  आप  उसमे  interest दिखाते  हैं  तो  आप  भी  कहीं  ना  कहीं  negativity को  अपनी  ओर  attract करते  हैं . बेहतर  तो  यही  होगा  की  आप  ऐसे  लोगों  से  दूर  रहे  पर  यदि  साथ  रहना  मजबूरी  हो  तो  आप  ऐसे  topics पर  deaf and dumb हो  जाएं  , सामने  वाला  खुद  बखुद  शांत  हो  जायेगा . For example यदि  कोई  किसी  का  मज़ाक  उड़ा रहा  हो  और  आप  उस पे  हँसे  ही  नहीं  तो  शायद  वो  अगली  बार  आपके  सामने  ऐसा  ना  करे . इस  बात  को  भी  समझिये  की  generally जो  लोग  आपके  सामने  औरों  का  मज़ाक  उड़ाते  हैं  वो  औरों  के  सामने  आपका  भी  मज़ाक  उड़ाते  होंगे . इसलिए  ऐसे  लोगों  को  discourage करना  ही  ठीक  है .
    2) अपने  अन्दर  को  दूसरे  के  बाहर  से  compare करना 
    इसे  इंसानी  defect कह  लीजिये  या  कुछ  और  पर  सच  ये  है  की  बहुत  सारे  दुखों  का  कारण  हमारा  अपना  दुःख  ना  हो  के  दूसरे   की  ख़ुशी  होती  है . आप  इससे  ऊपर  उठने  की  कोशिश  करिए , इतना  याद  रखिये  की  किसी  व्यक्ति  की  असलियत  सिर्फ  उसे  ही  पता  होती  है , हम  लोगों  के  बाहरी यानि नकली रूप  को  देखते  हैं  और  उसे  अपने  अन्दर के यानि की असली  रूप  से  compare करते  हैं . इसलिए  हमें लगता  है  की  सामने  वाला  हमसे  ज्यादा  खुश  है , पर  हकीकत  ये  है  की  ऐसे  comparison का  कोई  मतलब  ही  नहीं  होता  है . आपको  सिर्फ  अपने  आप  को  improve करते  जाना  है और व्यर्थ की comparison नहीं करनी है.
    3) किसी  काम  के  लिए  दूसरों  पर  depend करना 
    मैंने  कई  बार  देखा  है  की  लोग  अपने  ज़रूरी काम  भी  बस  इसलिए  पूरा  नहीं  कर  पाते क्योंकि  वो  किसी  और  पे  depend करते  हैं . किसी  व्यक्ति  विशेष  पर  depend मत  रहिये . आपका  goal; समय  सीमा  के  अन्दर  task का  complete करना  होना चाहिए  , अब  अगर  आपका  best  friend तत्काल  आपकी  मदद  नहीं  कर  पा  रहा  है  तो  आप  किसी  और  की  मदद  ले  सकते  हैं , या  संभव  हो  तो  आप  अकेले  भी  वो  काम  कर  सकते  हैं .
    ऐसा  करने  से  आपका  confidence बढेगा , ऐसे  लोग  जो  छोटे  छोटे  कामों  को  करने  में  आत्मनिर्भर  होते  हैं  वही  आगे  चल  कर  बड़े -बड़े  challenges भी  पार  कर  लेते  हैं , तो  इस  चीज  को  अपनी  habit में  लाइए  : ये  ज़रूरी  है की  काम  पूरा  हो  ये  नहीं  की  किसी  व्यक्ति  विशेष  की  मदद  से  ही  पूरा  हो .
    4) जो बीत गया  उस  पर  बार  बार  अफ़सोस  करना
    अगर  आपके  साथ  past में  कुछ  ऐसा  हुआ  है  जो  आपको  दुखी  करता  है  तो  उसके  बारे  में  एक  बार  अफ़सोस  करिए…दो  बार  करिए….पर  तीसरी  बार  मत  करिए . उस  incident से जो सीख  ले  सकते  हैं  वो  लीजिये  और  आगे  का  देखिये . जो  लोग  अपना  रोना  दूसरों  के  सामने  बार-बार  रोते  हैं  उसके  साथ  लोग  sympathy दिखाने  की  बजाये उससे कटने  लगते  हैं . हर  किसी  की  अपनी  समस्याएं  हैं  और  कोई  भी  ऐसे  लोगों  को  नहीं  पसंद  करता  जो  life को  happy बनाने  की  जगह  sad बनाए . और  अगर  आप  ऐसा  करते  हैं  तो  किसी  और  से  ज्यादा  आप ही  का  नुकसान  होता  है . आप  past में  ही  फंसे  रह  जाते  हैं , और  ना  इस  पल  को  जी  पाते  हैं  और  ना  future के  लिए  खुद  को prepare कर  पाते  हैं .
    5) जो  नहीं  चाहते  हैं  उसपर  focus करना 
    सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है.  इसलिए   आप  जो  होते  देखना  चाहते  हैं  उस  पर  focus करिए , उस  बारे  में  बात  करिए  ना  की  ऐसी  चीजें  जो  आप  नहीं  चाहते  हैं . For example: यदि  आप अपनी  income बढ़ाना  चाहते  हैं  तो  बढती  महंगाई  और  खर्चों  पर  हर  वक़्त  मत  बात  कीजिये  बल्कि  नयी  opportunities और  income generating ideas पर  बात  कीजिये .
    इन  बातों पर  ध्यान  देने  से  आप  Self Improvement के  रास्ते  पर  और  भी  तेजी  से  बढ़ पायेंगे  और  अपनी  life को  खुशहाल  बना  पायेंगे .HAPPY JOURNY.


  17. एक बार एक  किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक  दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये , जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो,फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम  दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!
    किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप  चाही ,तब धूप  मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी,क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई  थी !  किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे करते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.
    फ़सल काटने का समय भी आया ,किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया!  गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था ,सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी,  बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा ,प्रभु  ये  क्या हुआ ?
    तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था  ,तुमने पौधों  को संघर्ष का ज़रा  सा  भी मौका नहीं दिया . ना तेज  धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,उनको  किसी प्रकार की चुनौती  का अहसास जरा भी नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है.सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी  से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,उसे अनमोल बनाती है !”
    उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती  ना हो तो आदमी खोखला  ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता ! ये चुनोतियाँ  ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं ,उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं, अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ  तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे.  अगर जिंदगी में प्रखर बनना है,प्रतिभाशाली बनना है ,तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा !

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