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लिखिए अपनी भाषा में


  1. दोस्तो किसी ने कहा है कि “आत्महत्या करना पाप है।“ मगर फिर भी आए दिन आप समाचार पढते होंगे कि छात्र ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे परीक्षा मॆ कम अंक मिले या फेल हो गया या फिर किसी ने आत्महत्या इसलिए कर ली, क्योंकि उसकी प्रेमिका ने उसे ठुकरा दिया या फिर किसी कि अपने प्रेमी से शादी नही हो सकी। किसी प्रेमी जोडे ने ट्रेन से कटकर जान दे दी क्यों कि उनके परीवारो को उनका प्यार मंजूर नही था। किसी ने बिजनेस मे नुकसान होने से मौत को गले लगा लिया। इस प्रकार के समाचार पडने के बाद दिमाग मॆ एक प्रश्न उठता है कि क्या जीवन के किसी मोड़ पर एक नाकामयाबी इतनी भारी होती है कि लोग आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठा लेते हैं?
     

    दोस्तो, जीवन में सफलता और असफलता तो लगी ही रहती है, क्योंकि जिस प्रकार गाडी के दो पहिए होते है उसी प्रकार सफलता और असफलता भी जीवनरूपी गाडी के दो पहिए होते है। जीवन मे बिना असफल हुए कोई आदमी कभी सफल नही हो सकता। लेकिन् इससे घबराकर कोई भी आत्मघाती कदम उठाना गलत है। कई बार जिन पढ़े-लिखे युवाओं को मनचाहा रोज़गार नहीं मिलता, वे निराशा से घिर जाते हैं और इनमें से कुछ आत्महत्या कर लेते हैं या करने का प्रयास करते हैं। ये लोग यह क्यों नहीं सोचते कि नौकरी पाना ही जीवन का अंितम लक्ष्य नहीं है। अगर नौकरी नहीं तो कोई व्यवसाय ही सही। किसी ने कहा भी है, ‘जो मैंने चाहा, वह मुझे नहीं मिला, लेकिन जो मुझे मिला, वह तो मैंने चाहा ही नहीं था।‘
    हमे जिन्दगी में कई बार वह मिल जाता है, जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। महत्वपूर्ण है लगातार प्रयास करना और आत्मविश्वाश रखना। परिणाम देर-सवेर ज़रूर मिलेगा। जीवन के कई बार हमें आशातीत सफलता नहीं मिल पाती है, लेकिन इससे घबराकर प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि अपने प्रयासों में और तेज़ी लानी चाहिए।


    लगातार प्रयास करते रहिए सफलता ज़रूर मिलेगी, क्योंकि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।“


  2.  डॉ. जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ
     

    असफलता से बस कुछ कदम आगे ही सफलता हमारा इंतजार कर रही होती है:-
     

    जीवन में सफल होने के लिए यदि हम सही रास्ते अपनाएँ, नीति का सहारा लें, कठोर परिश्रम करें, अपनी असफलताओं से सीख लें, तो उसके बाद मिलने वाली सफलता या असफलता उस व्यक्ति के लिए कोई विशेष मायने नहीं रखती, वरन् व्यक्ति वह चीज हासिल करता है, जिसे संतुष्टि एवं अनुभव कहते हैं और जिसके सहारे वह एक दिन जरूर सफल होता है; लेकिन यहाँ तक का सफर केवल वे ही पूरा कर पाते हैं, जो अपने कार्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण एवं धैर्य रखते हैं। असफलता से बस कुछ कदम आगे ही सफलता फूलों की जयमाल लिए हमारा इंतजार कर रही होती है। सफलता के लिए बस थोड़े से धैर्य की आवश्यकता है। तुम समय की रेत पर छोड़ते चलो निशां, देखती तुम्हें जमीं देखता है आसमां। नाविक क्यों निराश होता है, अरे क्षितिज के पार साहसी नवप्रभात होता है।
     

    एडिसन के कठोर प्रयास सफलता की राह पर निरन्तर बढ़ने का उत्साह जगाता है:-
     

    जीवन में सफलता के लिए कठोर प्रयास किस प्रकार होना चाहिए, इसका एक उदाहरण थॉमस अल्वा एडिसन के जीवन से मिलता है। एडिसन सन् 1870 देर रात अमेरिका के न्यूजर्सी में अपनी किसी एक कार्यशाला में बिजली के बल्ब बनाने की कोशिश में जुटे थे। उन्होंने कई प्रयोग किए, लेकिन हर बार विफल रहे। उनकी हर कोशिश के बाद भी कामयाबी उनके हाथ नहीं लग रही थी। उनकी विफलता की कहानियाँ शहर में तब और मशहूर हो गई, जब उनका 500 वाँ प्रयोग भी असफल रहा। तब एक महिला पत्रकार ने साक्षात्कार के दौरान उनसे पूछा-‘‘आप अपना यह प्रयास बंद क्यों नहीं कर देते?’’ इस पर एडिसन का जवाब था-‘‘नहीं, नहीं मैडम! यह आप क्या कह रहीं हैं !…….मैं 500 बार विफल नहीं हुआ, बल्कि मैंने 500 बार असफल होने के तरीकों की तलाश करने में सफलता पाई है। मैं बल्व की खोज के तरीके के बिलकुल करीब पहुँच चुका हूँ।’’ और इसके बाद सन् 1871 में एडिसन अपने फिलामेंट वाले बिजली के बल्ब का आविष्कार कर सकने में सफल हो सके। यह उनका एक ऐसा आविष्कार था, जिसने पूरी दुनिया को रोशन कर दिया और अपनी मृत्यु के समय तक 500 बार असफल होने वाला यह व्यक्ति’ 1024 आविष्कारों का पेटेंट करा चुका था और उसने आईकोनिक जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी की भी स्थापना की थी।
     

    उत्साह सबसे बड़ी शक्ति है तथा निराशा सबसे बड़ी कमजोरी है:-
    अगर हम सफल होना चाहते हैं तो अपनी असफलताओं पर ध्यान केंद्रित न करें। दूसरों पर दोषारोपण करने तथा इसमें होने वाली समय की बर्बादी से बचें। कभी भी अपनी क्षमताओं पर शक न करें और अपनी गलतियों से सीखें। अपनी हर नाकामी के बाद अपने लक्ष्य पर कहीं ज्यादा पुख्ता तरीके से ध्यान केंद्रित करें और आगे बढ़ना जारी रखें। हमें अपने आप को उत्साह से हर पल भरे रहना चाहिए। सकारात्मक विचारों को अपना घनिष्ठ मित्र बनाये।
     

    आत्म विश्वास का होना सफलता को सुनिश्चित करता है:-
    कई बार कड़ी मेहनत करने के बावजूद मन मुताबिक परिणाम न मिलने पर हम अपने काम से मुंह मोड़ लेते हैं। भले ही सफलता हमसे एक कदम के फासले पर ही क्यों न हो। इसका कारण यह है कि हम यह महसूस ही नहीं कर पाते हैं कि सफलता हमसे बस चंद कदम की दूरी पर है। हमारे जीवन के राजमार्ग पर मील का ऐसा कोई पत्थर नहीं होता, जो हमें यह बताए कि सफलता से अब हमारा फासला कितने किलोमीटर बचा है। ऐसी परिस्थिति में पेशे से फोटोग्राफर और पत्रकार जैकब रीस का दृष्टिकोण बहुत सकारात्मक है। उन्हें जब लगता है कि जीवन में वे कुछ काम नहीं कर पा रहे हैं तो वे पत्थर तोड़ने वालों को देखने चले जाते हैं, जिनके 100 बार किए गए आघात के बावजूद पत्थर के उस टुकडे़ पर सिर्फ दरारें नजर आती हैं, लेकिन जैसे ही 101 वाँ आघात पड़ता है, पत्थर के दो टुकडे़ हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में पत्थर के टूटने में पिछले 100 प्रहारों का बड़ा महत्त्वपूर्ण योगदान था, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। इसी प्रकार हमारी जिंदगी में भी किए गए हमारे हर प्रयास महत्त्वपूर्ण होते हैं; भले ही हम उनके महत्त्व को समझ सकें या नहीं।


  3. वाराणसी का गोविंद रिक्शा चलाने वाले निर्धन, अनपढ़ नारायण जायसवाल का बेटा है। एक कमरे के घर में रहने वाला गोविंद घर के आसपास चलने वाली फैक्टरियों और जेनरेटरों की तेज आवाजों के बीच पढ़ते वक्त कानों में रुई डाले रखता था। उसे पढ़ते देखकर लोग कटाक्ष करते- कितना भी पढ़ लो बेटा, चलाना तो तुम्हें रिक्शा ही है। गोविंद को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसके मन में तो एक ऐसा संकल्प था, जिसे दूसरों को बताना भी संभव नहीं था, सब हंसी जो उड़ाते। लेकिन झोपड़ी में रहने वाले उसी गोविंद जायसवाल को जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चुने जाने की खबर मिली तो उसकी आंखों से आंसू बह निकले। अभावों और कटाक्षों से भरे जीवन को अपनी मेहनत, संकल्प और प्रतिभा के बल पर परास्त करने पर जो खुशी हुई, उसकी अभिव्यक्ति हंसी से नहीं, बल्कि आंसुओं से ही हो सकती थी। आंसू खुशी और दुख के ही नहीं, विजय के भी होते हैं।

    अद्वितीय प्रेरणा के स्रोत

    गोविन्द जैसे युवक, जो तमाम सीमाओं से ऊपर उठकर कुछ कर दिखाते हैं, समाज में अद्वितीय प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं। वे सिद्ध करते हैं कि कोई भी सीमा स्थायी नहीं होती, कोई भी बाधा अजेय नहीं होती। आपके पास साधन हों या नहीं, समर्थन हो या नहीं, सहयोग हो या नहीं, पृष्ठभूमि कितनी भी कमजोर क्यों न हो, यदि संकल्प अडिग है और उसे साकार करने के लिए कष्ट उठाकर भी मेहनत करने का जज्बा मौजूद है तो विजय निश्चित है। डेविड ब्रिन्क्ले ने कहा है कि एक सफल इंसान वह है जो दूसरों के फेंके पत्थरों का इस्तेमाल अपनी सफलता की नींव में करने का माद्दा रखता है।
    गोविन्द अकेला उदाहरण नहीं है उन प्रतिभावान बच्चों का, जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हुए भी तरक्की की ऐसी सीढ़ियां चढ़ गए जो सुख-सुविधासम्पन्न घरों के बच्चों को भी आसानी से नसीब नहीं हो पातीं। ये उदाहरण सिद्ध करते हैं कि लैम्प पोस्ट के नीचे बैठकर पढ़ाई करने वाले बच्चे सिर्फ बीते जमाने में ही नहीं होते थे। वे आज भी होते हैं और जब-तब अंधकार से भरे अपने परिवेश में सितारों की तरह चमचमा उठते हैं, अपने आसपास खुशियां बिखरते हुए, स्थितियां बदलते हुए। जिन्हें अपनी क्षमताओं में विश्वास है, वे असंभव को भी संभव बना सकते हैं, फिर पढ़ाई और कॅरियर की चुनौतियां तो कोई असंभव चुनौतियां हैं ही नहीं।
    मणिपुर में इम्फाल की जेनिथ अकादमी में पढ़ने वाला मोहम्मद इस्मत, जिसने अभी सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा में 500 में से 495 अंक हासिल कर पूरे भारत में पहला स्थान प्राप्त किया, ऐसी ही एक कमाल की मिसाल है। गणित, रसायन शास्त्र, कला और गृह विज्ञान में सौ में से सौ अंक पाने वाले इस्मत को अंग्रेजी में 98 और भौतिक शास्त्र में 97 अंक मिले। एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के पुत्र इस्मत ने न सिर्फ अपने माता-पिता, विद्यालय या अपने थौबाल जिले का नाम रोशन किया, बल्कि उसने तो पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को गौरव दिलाया है, जहां का कोई भी बच्चा अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 'मेरिट' में शीर्ष पर नहीं आया था। पर असंभव कुछ भी नहीं है।

    अटूट आत्मविश्वास

    गोविन्द हो या फिर मोहम्मद इस्मत, एक बात जिसे आप बिल्कुल नजरंदाज नहीं कर सकते वह है उनका अटूट आत्मविश्वास। उन्हें अपनी कक्षा के दूसरे बच्चों की तरह न तो ट्यूशन मिलती है और न ही अच्छे स्कूल। न अतिरिक्त किताबें ही पढ़ने को मिलती हैं और न ही इंटरनेट जैसी कोई सहूलियत है। कई बार तो बुनियादी जरूरत की किताबें और यहां तक कि पढ़ाई में लगाने के लिए समय तक नहीं मिलता।
    चंडीगढ़ में 'थिएटर एज' के नाम का एक गैरसरकारी संगठन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाता है। इस बार भी समाज के सबसे गरीब तबके के बीस बच्चों ने इस संगठन के निर्देशन में पढ़ाई की और बीसों अच्छे अंक लेकर पास हो गए। अभाव सिर्फ आर्थिक नहीं होते और शायद आर्थिक अभावों का मुकाबला फिर भी आसान है, मगर शारीरिक अक्षमताओं, अपंगता, नेत्रहीनता जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों से लड़ते हुए कठिन पैमानों पर खरा उतरना आसान नहीं। ऐसे में गुड़गांव के छात्र सुनीत आनंद चमचमाते सितारे के रूप में सामने आते हैं। आंख के कैंसर के रोगी सुनीत ने अस्पताल में दाखिल कराए जाने के बावजूद पढ़ने-लिखने के प्रति लगन नहीं छोड़ी और बारहवीं में करीब 89 फीसदी अंक लेकर आए। अंबिका खट्टर, क्षिप्रा कुमारी कर्दम, किरण टोकस..... और दर्जनों ऐसे ही दूसरे नेत्रहीन छात्रों ने बारहवीं की परीक्षा में अपने माता-पिता को गौरव दिलाया है और अब जीवन के अगले पड़ाव की तैयारी कर रहे हैं। मुंबई के राम रत्न विद्या मंदिर के गौतम गाबा को कितनी ही शाबाशी दी जाए, कम है, जिसने अस्थि कैंसर से पीड़ित होते हुए भी सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में 92 फीसदी अंक हासिल कर शीर्ष छात्रों की सूची में नाम दर्ज कराया। पिछले एक साल में सात महीने तक वह कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती था।

    प्रतिभा सुविधाओं की मोहताज नहीं

    इन छात्रों की सफलता एक बार फिर सिद्ध करती है कि प्रतिभाएं सुविधाओं की मोहताज नहीं होतीं और प्रतिभाओं को किसी भी किस्म की बाधा रोक नहीं सकती। ऐसे बच्चे कभी हमें डा. अंबेडकर की याद दिलाते हैं तो कभी लाल बहादुर शास्त्री की। अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जीवन भी तो ऐसे ही अभावों में गुजरा था। लेकिन जहां चाह, वहां राह। लिंकन ने बाद में कहा था- हमेशा याद रखो कि सफलता के लिए किसी दूसरी चीज की तुलना में सिर्फ एक बात अहमियत रखती है, और वह है तुम्हारा दृढ़ संकल्प।
    झोपड़ियों के अंधेरे में बैठकर उजाले की तलाश करने वाले आज के नौनिहालों को भी अपने सामने खड़ी विकट चुनौतियों का अहसास है, लेकिन उन्हीं के भीतर से रास्ता निकालने के सिवाय कोई चारा भी नहीं है। ट्यूशन करते हुए अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने वाले गोविन्द ने आईएएस के लिए चुने जाने के बाद कहा था- 'मैं किसी छोटी सरकारी नौकरी के लिए तो चुना ही नहीं जा सकता था, क्योंकि वहां किसे लिया जाएगा, यह पहले से ही तय है। मैं जानता था कि मेरे पास आईएएस के सिवाय कोई चारा ही नहीं है और इसीलिए मैं डटा रहा।' धन्य हैं ये प्रतिभाएं जो कैसी-कैसी विडम्बनाओं के बीच से उभर रही हैं।
    ऐसे में उन लोगों के लिए सहज ही श्रद्धा जगती है जो अभावग्रस्त बच्चों का जीवन बदलने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मिसाल के तौर पर सुपर-30 नामक समूह का संचालन करने वाले आनंद कुमार, जो पटना में बरसों से वंचित, शोषित, पीड़ित और निर्धन परिवारों के तीस बच्चों को प्रतिवर्ष आईआईटी में दाखिले के लिए मुफ्त 'कोचिंग' देते आए हैं। साधारण से बच्चों को तराशकर कोहिनूर बनाना कोई उनसे सीखे। उनके पढ़ाए पच्चीस से ज्यादा बच्चे हर साल अपनी गरीबी को अलविदा कहते हुए विश्व के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में गिने जाने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश पाते हैं। इस साल भी उन्होंने 27 गरीब छात्रों का जीवन बदल दिया। आनंद कुमार खुद भी अभावपूर्ण पृष्ठभूमि से आए हैं इसलिए उनके जज्बे को समझना मुश्किल नहीं है। उन्होंने बड़े-बड़े संस्थानों में ऊंचे पदों पर काम करने और मोटी तनख्वाह लेने के प्रस्ताव ठुकराते हुए गरीब छात्रों को निशुल्क 'कोचिंग' देने का रास्ता चुना। लेकिन वे बच्चे भी कम नहीं हैं जो अपने इस गुरू के विश्वास पर खरा उतरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते।
    गोविंद, इस्मत, सुनीत, गौतम...
    ने दिखाई संकल्प शक्ति की ताकत



  4. STEVE JOBS

    जब कभी दुनिया के सबसे प्रभावशाली entrepreneurs का नाम लिया जाता है तो उसमे कोई और नाम हो न हो ,एक नाम ज़रूर आता है. और वो नाम है STEVE JOBS (स्टीव जोब्स) का. APPLE Company के co-founder इस अमेरिकी को दुनिया सिर्फ एक successful entrepreneur , inventor और businessman के रूप में ही नहीं जानती है बल्कि उन्हें world के अग्रणी motivators और speakers  में भी गिना जाता है.  यह speech उन्होंने Stanford  University के convocation ceremony (दीक्षांत समारोह) में 12 June 2005 को दी थी.



    STEVE JOBS CONVOCATION SPEECH AT STANFORD
    "Stay Hungry Stay Foolish"
     


    "Thank You;  आज world की सबसे बहेतरीन Universities में से एक के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस  कर रहा हूँ. मैं आपको एक सच बता दूं ; मैं कभी किसी college से pass  नहीं हुआ; और आज पहली बार मैंकिसी college graduation ceremony के इतना करीब पहुंचा हूँ.

    Reed College में दाखिला लेने के 6 महीने के अंदर ही मैंने पढाई छोड़ दी, पर मैं उसके 18 महीने बाद तक वहाँ किसी तरह आता-जाता रहा. तो सवाल उठता है कि मैंने college क्यों छोड़ा? ….Actually, इसकी शुरुआत मेरे  जन्म से पहले की है.

    मेरी biological mother*  एक young , अविवाहित  graduate student थी, और वह मुझे किसी और को adoption के लिए देना चाहती थी. पर उनकी एक ख्वाईश थी की कोई college graduate ही मुझे adopt करे. सबकुछ बिलकुल set था और मैं एक वकील और उसकी wife  के द्वारा adopt किया जाने वाला था कि अचानक उस couple  ने अपना विचार बदल दिया और decide किया कि उन्हें एक लड़की चाहिए. इसलिए तब आधी-रात को मेरे parents, जो तब waiting list में थे,को call  करके बोला गया कि , "हमारे पास एक baby-boy है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?" और उन्होंने झट से हाँ कर दी. बाद में मेरी biological mother  को पता चला कि मेरी माँ college pass नहीं हैं और पिता तो High School  पास भी नहीं हैं. इसलिए उन्होंने Adoption Papers sign करने से मना कर दिया; पर कुछ महीनो बाद मेरे होने वाले parents के मुझे college भेजने के आश्वाशनके बाद वो मान गयीं. तो मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई और सत्रह साल बाद मैं college गया..पर गलती से मैंने Stanford जितना ही महंगा college चुन लिया. मेरे working-class parents  की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में जाने लगी. 6 महीने बाद मुझे इस पढाई में कोई value नहीं दिखी.मुझे कुछ idea नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ, और college मुझे किस तरह से इसमें help करेगा..और ऊपर से मैं अपनी parents की जीवन भर कि कमाई खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज drop-out करने का निर्णय लिए…और सोचा जो होगा अच्छा होगा. उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए काफी डरावना था पर जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे लगता है ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा decision था.

    जैसे ही मैंने college छोड़ा मेरे ऊपर से ज़रूरी classes  करने की बाध्यता खत्म हो गयी . और मैं चुप-चाप सिर्फ अपने interest की classes करने लगा. ये सब कुछ इतना आसान नहीं था. मेरे पास रहने के लिए कोई room नहीं था , इसलिए मुझे दोस्तों के room में फर्श पे सोना पड़ता था.मैं coke  की bottle को लौटाने से मिलने वाले पैसों से खाना खता था.,मैं हर Sunday  7 मील पैदल चल कर Hare Krishna Temple  जाता था ,ताकि कम से कम हफ्ते में एक दिन पेट भर कर खाना खा सकूं. यह मुझे काफी अच्छा लगता था.

    .मैंने अपनी life में जो भी अपनी curiosity और intuition की वजह से किया वह बाद में मेरे लिए priceless साबित हुआ. Let me give an example. उस समय Reed College  शायद दुनिया की सबसे अच्छी जगह थी जहाँ Calligraphy* सिखाई जाती थी. पूरे campus में हर एक poster , हर एक label  बड़ी खूबसूरती से हांथों से calligraph  किया होता था .चूँकि मैं college से drop-out कर चुका था इसलिए मुझे normal classes करने की कोई ज़रूरत नहीं थी. मैंने तय किया की मैं calligraphy की classes करूँगा और इसे अछ्छी तरह से सीखूंगा. मैंने serif और sans-serif type-faces के बारे में  सीखा.; अलग-अलग letter-combination के बीच में space vary करना और किसी अच्छी  typography को क्या चीज अच्छा बनाती है , यह भी सीखा . यह खूबसूरत था, इतना artistic था कि इसे science द्वारा capture  नहीं किया जा सकता था, और ये मुझे बेहद अच्छा लगता था. उस समय ज़रा सी भी उम्मीद नहीं थी कि मैं इन चीजों का use कभी अपनी life में करूँगा. लेकिन जब दस साल बाद हम पहला Macintosh Computer बना रहे थे तब मैंने इसे Mac में design कर दिया. और Mac  खूबसूरत typography युक्त दुनिया का पहला computer बन गया.अगर मैंने college से drop-out नहीं किया होता तो Mac मैं कभी multiple-typefaces या  proportionally spaced fonts नहीं होते , और चूँकि Windows ने Mac की copy  की थी तो शायद ये  किसी भी personal computer में ये चीजें नहीं होतीं. अगर मैंने कभी drop-out ही नहीं किया होता तो मैं कभी calligraphy की  वो classes  नहीं कर पाता और फिर शायद personal computers में जो fonts होते हैं , वो होते ही नहीं.

    Of course,  जब मैं college में था तब भविष्य में देख कर इन dots  को connect करना  impossible था; लेकिन दस साल बाद जब मैं पीछे मुड़  कर देखता हूँ तो सब कुछ बिलकुल साफ़ नज़र आता है. आप कभी भी future  में झांक कर dots connect नहीं कर सकते हैं. आप सिर्फ past देखकर ही dots connect कर सकते हैं; इसलिए आपको यकीन करना होगा की अभी जो हो रहा है वह आगे चल कर किसी न किसी तरह आपके future से connect हो जायेगा. आपको किसी न किसी चीज में विश्ववास करना ही होगा —अपने guts में, अपनी destiny में, अपनी जिंदगी या फिर अपने कर्म में…किसी न किसी चीज मैं विश्वास करना ही होगा…क्योंकि इस बात में believe करना की आगे चल कर dots connect होंगे आपको अपने दिल की आवाज़ सुनने की हिम्मत देगा…तब भी जब आप बिलकुल अलग रास्ते पर चल रहे होंगे…and that will make the difference.

  5.                                              

     कई दशकों तक सभी यह मानते रहे कि कोई भी व्यक्ति 4 मिनट में 1 मील नहीं दौड़ सकता. लोगों ने कहा, "ऐसा हो ही नहीं सकता"! वैज्ञानिक और चिकित्सकों ने मानव शरीर की  सीमाओं और क्षमताओं का आकलन करके यह बताया कि 4 मिनट में 1 मील दौड़ पाना संभव नहीं था. उनके अनुसार इसके लिए उपयुक्त गति तक पहुँचने से पहले ही शरीर धराशायी हो जाता. सभी ने यह मान लिया : 4 मिनट में 1 मील दौड़ना असंभव है.

    लेकिन सबको इस बात पर यकीन नहीं था. 4 मिनट में 1500 मीटर (एक मील में 1600 मीटर होते हैं) दौड़ने का रिकार्ड तोड़ने के बाद रोजर बैनिस्टर को यह लगने लगा कि वह ऐसा कर सकता है. उसने अपने मन में यह ठान लिया कि वह 4 मिनट में 1 मील दौड़कर दिखाएगा. उसके आत्मविश्वास ने ही असंभव को संभव कर दिखाया. उसने यह रिकार्ड बनाने की दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर दिया.
    और 6 मई, 1954 के दिन यह संभव हो गया:
    रोजर बैनिस्टर ने यह कर दिखाया. उसने 4 मिनट में 1 मील दौड़कर वह रिकार्ड बना दिया जिसे सब असंभव मानते थे. उसने दुनिया को बता दिया कि ऐसा भी हो सकता है. उसने अपनी दौड़ 3 मिनट और 59.4 सैकंड में पूरी की. इसके 6 हफ्ते बाद ही एक औस्ट्रेलियन जौन लैंड्री ने यह दौड़ 3 मिनट 58 सैकंड में पूरी की. 1957 की समाप्ति से पहले सोलह धावक 4 मिनट से कम में 1 मील दौड़ चुके थे. अब तो हजारों धावक 4 मिनट में 1 मील दौड़ चुके हैं. कुछ धावक तो हर दिन अभ्यास दौड़ में ऐसा कर लेते हैं. इस दौड़ का विश्व रिकॉर्ड मोरक्कन धावक हिचाम एल गेरोज़ के नाम है जिसने 7 जुलाई 1999 को 1 मील की दौड़ 3 मिनट 43.13 सेकंड में पूरी की. 1997 में कीनिया के डेनियल कोमेन ने 8 मिनट से कम में 2 मील की दौड़ पूरी की.

        
    आपके जीवन का वह कौन सा लक्ष्य है जिसे सभी असंभव मानते हैं? लोग बहुत सी बातें करते होंगे और आपको बताते होंगे कि आप यह नहीं कर सकते या वह नहीं कर सकते. उनकी बातें सुनकर शायद आप भी वही मानने लगे होंगे. हो सकता है आपने जीवन में कभी कोई लक्ष्य बनाए हों जिन्हें आपने बीच रस्ते ही छोड़ दिया या उनकी राह में पहला कदम भी नहीं बढ़ाया.आपका लक्ष्य कोई सेल्स टार्गेट भी हो सकता है और किसी ख़ास हुनर में कामयाबी पाना भी. आपका '4 मिनट में 1 मील' कोई ऐसी चीज़ हो सकती है जिसे बहुत से लोग पहले ही कर चुके हैं, लेकिन आप अभी भी इसे असंभव मानते हैं. आपको यह जान लेना है कि यह लक्ष्य असंभव नहीं है और आप यह कर सकते हैं. आप भी अपना '4 मिनट में 1 मील' पूरा कर सकते हैं.

  6.  
    बातें छोटी है,पर बहुत मोटी हैं। अगली बार इनका ध्यान जरूर 

    रखिएगा,ताकि आपके शब्दों के साथ-साथ आपका शरीर भी सच बोले और

    आप एक सफल इंसान बनें। वाकई इंटरव्यू के दौरान सिर्फ अच्छा 

    दिखना,अच्छी डिग्री होना ही काफी नहीं, बॉडी लैंग्वेज भी महत्वपूर्ण है। वह 

    विचार जो हमारे मन में आते हैं और हम उन्हें बोल नहीं सकते,शरीर से 

    आंगिक भाषा के रूप में बाहर आते हैं। ऐसे में कई बार न चाहते हुए भी

    शरीर से कुछ ऐसा बोल जाते हैं,जो इंटरव्यू में आपकी सफलता में बाधा 

    पहुंचाता है। गौर करें इन बातों पर-
     

    फाइल को अपने बायें हाथ में पकड़ कर अंदर प्रवेश करें,ताकि आपका 

    दाहिना हाथ खुला हो और जरूरत होने पर आप हाथ मिला सकें। किसी भी 

    एक्टिविटी के लिए इस हाथ को खुला रखें। फाइल को छोती से लगाकर न 

    रखें।
     

    की भी दस्तक दिए बगैर अंदर न जाएं। वहां ठहर कर दरवाजे को दस्तक दें 

    और आदेश मिलने पर ही अंदर जाएं। तब तक नहीं बैठिए,जब तक कि 

    आपसे कहा न जाए। बैठते वक्त धन्यवाद दीजिए।
     

    चेहरे पर एक स्माइल रखिए। यह न लगे कि आपको जबरदस्ती अंदर 

    भेजा जा रहा है। इंटरव्यू के दौरान कुछ चबाते रहना बुरी आंगिक भाषा है।
     

    अपनी कुर्सी को इंटरव्यू लेने वाले के ठीक सामने नहीं रखिए। बैठते वक्त 

    कुर्सी को खिसकाकर 60 या 45 डिग्री का कोण बना लें, यानी थोडा तिरछा 

    होकर बैठें। पूरी कुर्सी पर न बैठकर कुर्सी के बीचोंबीच बैठिए।
     

    अपना कोई भी सामान टेबल पर मत रखिए। टेबल आपका स्पेस नहीं है। 
     
    टांगें हिलाते रहना,कुर्सी के बाजू पकड कर हाथ घुमाना,टांगें फंसाकर कुर्सी 

    के नीचे करना आदि बातें नर्वस होने की निशानी हैं। इसलिए ऐसा न करें। 

    बात करते वक्त या सुनते वक्त सामने वाले की आंखों में जरूर देखिए। 

    इससे 

    आपका आत्मविश्र्वास झलकता है।
     

    बात करते वक्त चेहरे,आंख,नाक या मुंह को टच मत कीजिए। यह इस बात 

    का संकेत देता है कि आप पूरी तरह से सच नहीं बोल रहे। 

    यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:kuchkhaskhabar@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!


  7.  

    बच्चा जब पैदा होता है ! तो उसके वस्त्रों में जेब नहीं होती और जब मनुष्य 

    मर जाता है, तब उसके कफ़न में भी जेब नहीं होती. जेब तो जन्म और 

    मरण  !

    के बीच में आती है और जब से जेब बीच  में आने लगी है, तब से मनुष्य 

    खिलाड़ी हो गया है. रुपये के लिए कितने बुरे काम होते हैं !




  8.                                                            Indira Gandhi



    Name Indira Priyadarshini Gandhi / इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी
    Born 19 November 1917Allahabad, United Provinces, British India
    Died 31 October 1984 (aged 66)New Delhi, India
    Field Politics
    Nationality Indian
    Achievement 3rd Prime Minister of India, Bharat Ratna, She led India as Prime Minister during the decisive victory of East Pakistan over Pakistan in 1971 war and creation of an independent Bangladesh.

    इंदिरा गांधी उद्धरण


    Quote 1: A nation' s strength ultimately consists in what it can do on its own, and not in what it can borrow from others.

    In Hindi: एक  देश  की  ताकत  अंततः  इस  बात  में  निहित  है  कि  वो  खुद  क्या  कर  सकता  है , इसमें  नहीं  कि  वो  औरों  से  क्या  उधार  ले  सकता  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 2: All my games were political games; I was, like Joan of Arc, perpetually being burned at the stake.

    In Hindi: मेरे  सभी  खेल  राजनीतिक  खेल  होते  थे ; मैं  जोन ऑफ आर्क  की  तरह  थी , मुझे  हमेशा  दांव  पर  लगा  दिया  जाता  था .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 3: Anger is never without an argument, but seldom with a good one.

    In Hindi: क्रोध  कभी  बिना  तर्क  के  नहीं  होता , लेकिन  कभी -कभार  ही  एक  अच्छे  तर्क  के  साथ .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 4: Even if I died in the service of the nation, I would be proud of it. Every drop of my blood… will contribute to the growth of this nation and to make it strong and dynamic.

    In Hindi: यदि  मैं  इस  देश  की  सेवा  करते  हुए  मर  भी  जाऊं , मुझे  इसका  गर्व  होगा . मेरे  खून  की  हर एक  बूँद  …..इस  देश  की  तरक्की  में  और इसे   मजबूत   और  गतिशील  बनाने  में  योगदान  देगी .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 5: Forgiveness is a virtue of the brave.

    In Hindi: क्षमा  वीरों  का  गुण  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 6: Have a bias toward action – let's see something happen now. You can break that big plan into small steps and take the first step right away.

    In Hindi: कुछ  करने  में  पूर्वाग्रह  है - चलिए  अभी  कुछ  होते  हुए  देखते  हैं .  आप  उस  बड़ी  योजना  को  छोटे -छोटे  चरणों  में  बाँट  सकते  हैं  और  पहला  कदम  तुरंत  ही  उठा  सकते  हैं .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 7: If I die a violent death, as some fear and a few are plotting, I know that the violence will be in the thought and the action of the assassins, not in my dying.

    In Hindi: अगर  मैं  एक  हिंसक  मौत  मरती  हूँ , जैसा  की  कुछ  लोग  डर  रहे   हैं  और  कुछ  षड्यंत्र   कर  रहे  हैं , मुझे  पता  है  कि  हिंसा  हत्यारों  के  विचार  और  कर्म  में  होगी , मेरे  मरने  में  नहीं .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 8: Martyrdom does not end something, it only a beginning.

    In Hindi: शहादत  कुछ  ख़त्म नहीं करती , वो  महज़  शुरआत  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 9: My father was a statesman, I am a political woman. My father was a saint. I am not.

    In Hindi:  मेरे  पिता  एक  राजनेता  थे , मैं  एक  राजनीतिक  औरत  हूँ , मेरे  पिता  एक  संत  थे . मैं  नहीं  हूँ .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 10: My grandfather once told me that there were two kinds of people: those who do the work and those who take the credit. He told me to try to be in the first group; there was much less competition.

    In Hindi: मेरे  दादा जी  ने  एक  बार  मुझसे  कहा  था  कि  दुनिया  में  दो  तरह  के  लोग  होते  हैं : वो  जो  काम  करते  हैं  और  वो  जो  श्रेय  लेते  हैं . उन्होंने  मुझसे  कहा  था  कि  पहले  समूह  में  रहने  की  कोशिश  करो , वहां  बहुत  कम  प्रतिस्पर्धा  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 11: One must beware of ministers who can do nothing without money, and those who want to do everything with money.

    In Hindi: उन  मंत्रियों  से  सावधान  रहना  चाहिए  जो  बिना  पैसों  के  कुछ  नहीं  कर  सकते , और  उनसे  भी  जो  पैसे  लेकर  कुछ  भी  करने  की  इच्छा  रखते  हैं .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 12: People tend to forget their duties but remember their rights.

    In Hindi: लोग  अपने  कर्तव्यों  को  भूल  जाते  हैं  पर  अधिकारों  को  याद  रखते  हैं .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 13: The power to question is the basis of all human progress.

    In Hindi: प्रश्न  करने  का  अधिकार  मानव  प्रगति  का  आधार  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 14: There exists no politician in India daring enough to attempt to explain to the masses that cows can be eaten.

    In Hindi: भारत  में   कोई  राजनेता  इतना  साहसी  नहीं  है  कि  वो  लोगों  को  यह  समझाने  का  प्रयास  कर  सके  कि  गायों  को  खाया  जा  सकता  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 15: There is not love where there is no will.

    In Hindi: वहां  प्रेम  नहीं  है  जहां  इच्छा  नहीं  है .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 16: You cannot shake hands with a clenched fist.

    In Hindi: आप  बंद  मुट्ठी  से  हाथ  नहीं  मिला  सकते .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी

    Quote 17: You must learn to be still in the midst of activity and to be vibrantly alive in repose.

    In Hindi: आपको  गतिविधि  के  समय  स्थिर  रहना  और  विश्राम  के  समय  क्रियाशील  रहना  सीख  लेना  चाहिए .
    Indira Gandhi इंदिरा गाँधी
    ————————————————


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  9. हम भारतीयों की दो बुरी आदतें हैं। एक तो हम अपने यहां किसी 

    प्रतिभाशाली व्यक्ति को आगे बढ़ने नहीं देते, और दूसरी; जब वह विदेश जा 

    कर सफल हो जाता है तो हम उसे "अपना आदमी" बताने और उसकी शान 

    में कसीदे काढ़ने में ज़मीन-आसमान एक कर देते हैं।


     

     यही हमने किया कल्पना चावला के साथ और यही हम अब कर रहे हैं 

    इस्पात के व्यापारी लक्ष्मीनिवास मित्तल के साथ।


    कल्पना चावला को अंतरिक्ष यात्री बनने देने का सारा श्रेय अमेरिका को है 

    और इसीलिये कल्पना ने वहां की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। लेकिन जब 

    वे "नासा" की तरफ से अंतरिक्ष यात्रा पर गयीं तो भारतीय लोग ऎसे सीना 

    फुलाने लगे जैसे कल्पना भारत के किसी अंतरिक्ष कार्यक्रम की बदौलत 

    अंतरिक्ष में गयीं थीं।


    लक्ष्मीनिवास मित्तल ब्रिटेन के निवसी हैं, यूरोप की बड़ी इस्पात कंपनी 

    आर्सेलर पर नियंत्रण हासिल कर दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं तो भारत 

    में उनकी जीत "एक भारतीय" की जीत बतायी जा रही है।
     
    क्यों भई, जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है उसके किसी अच्छे- बुरे 

    काम का श्रेय भारत को कैसे जायेगा? सोनिया गांधी के कॉंग्रेस अध्यक्ष 


    बनने पर इटली में तो खुशियां नहीं मनायी जातीं, लेकिन अमेरिका में 



    जन्मे बॉबी जिंदल वहां के लुइसियाना राज्य के गवर्नर पद का चुनाव लड़ते 

    हैं तो भारतीय संचार माध्यम उनकी उपलब्धि को भारत की उपलब्धि 

    बताने के लिये टूट पड़ते हैं। बॉबी बेचारे सिर फोड़-फोड़ कर कहते हैं कि 

    "मुझे अमेरिकी नागरिक होने पर गर्व है; मुझे क्रिश्चियन होने पर गर्व है" 

    लेकिन हमारे मीडिया पर कोई असर नहीं होता। 

    बड़े-बूढ़े इसीलिये सदियों पहले कह गये थे कि घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध!

  10. Bill Gates Quotes in Hindi

    Saturday, August 18, 2012




    Name William Henry "Bill" Gates III / बिल गेट्स
    Born October 28, 1955 (age 57)Seattle, Washington, U.S.
    Nationality American
    Field Business magnate, investor, philanthropist, author.
    Achievement Founded Microsoft, without its products many people cannot imagine their lives. He made Computers a house-hold thing. Founder of Bill & Milinda Gates foundation. Consistently counted amongst World's richest man.

     बिल गेट्स के  अनमोल वचन  


    Quote 1: Whether it's Google or Apple or free software, we've got some fantastic competitors and it keeps us on our toes.

    In Hindi : चाहे  वो  गूगल  हो  या  एप्पल  या  फ्री  सौफ्टवेयर , हमारे  कुछ  शानदार  प्रतिस्पर्धी  हैं  जो  हमें  चौकन्ना रखते  हैं .

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 2:There are people who don't like capitalism, and people who don't like PCs. But In In Hindi :there's no-one who likes the PC who doesn't like Microsoft.

    In Hindi : ऐसे  लोग  हैं  जिन्हें  पूँजीवाद  पसंद  नहीं  है , और   ऐसे  लोग  भी  हैं  जिन्हें  पर्सनल कम्प्यूटर्स  पसंद  नहीं  है . पर  ऐसा  कोई  भी  नहीं  है  जिसे  पी सी  पसंद  हो  और  वो  माइक्रोसोफ्ट  को  पसंद  ना  करता  हो.

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 3:Your most unhappy customers are your greatest source of learning.

    In Hindi : आपके  सबसे  असंतुष्ट  कस्टमर  आपके  सीखने  का  सबसे  बड़ा  श्रोत  हैं .

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 4: Success is a lousy teacher. It seduces smart people into thinking they can't lose.

    In Hindi : सफलता  एक घटिया  शिक्षक  है . यह  लोगों  में  यह  सोच  विकसित  कर  देता  है  कि  वो  

    असफल  नहीं  हो सकते  .

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 5: Life is not fair; get used to it.

    In Hindi : जीवन  न्याययुक्त  नहीं  है , इसकी  आदत  डाल  लीजिये .

                                                                                                                          

     Quote 6: It's fine to celebrate success but it is more important to heed the lessons of failure.

    In Hindi : सफलता  की  ख़ुशी  मानना  अच्छा  है  पर  उससे  ज़रूरी  है  अपनी  असफलता  से  सीख  लेना .

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 7: If I'd had some set idea of a finish line, don't you think I would have crossed it years ago?

    In Hindi : अगर  मैं  पहले  से  कोई  अंतिम  लक्ष्य  बना  के   चलता  तो  क्या  आपको  नहीं  लगता  है  कि  मैं  

    उसे  सालों  पहले  पूरा  कर  चुका  होता .                                                                                                                              


     Quote 8: If you can't make it good, at least make it look good.

    In Hindi : यदि  आप  अच्छा  बना  नहीं  सकते  तो  कम  से  कम   ऐसा  करिए  कि  वो  अच्छा  दिखे .

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 9: If GM had kept up with technology like the computer industry has, we would all be driving $25 cars that got 1000 MPG.

    In Hindi : यदि   जनरल मोटर्स कम्प्यूटर  इंडस्ट्री  के  हिसाब  से  अपनी  प्रौद्योगिकी  का  विकास  करता  तो  

    आज  हम  $25 की  कार  चला  रहे  होते  जो  1000 माईल्स पर गैलन के  हिसाब  से  चलती .
                                                                               

    Quote 10: As we look ahead into the next century, leaders will be those who empower others.

    In Hindi : अगर  हम  अगली  सदी  की  तरफ  देखें  तो   लीडर  वो  होंगे  जो  दूसरों  को  शशक्त  बना  सकें.

    Bill Gates बिल गेट्स


    Quote 11: 640K ought to be enough for anybody.

    In Hindi : 640 किलो  बाईट   किसी  के   लिए  भी  काफी  होगा .

    Bill Gates बिल गेट्स

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  11.  
    Quote 1: Try not to become a man of success but a man of 
    value.

    In Hindi : एक सफल व्यक्ति बनने की कोशिश मत करो , बल्कि मूल्यों 
    पर चलने वाले व्यक्ति बनो.
    Albert Einstein अल्बर्ट आइन्स्टाइन 
     
    Quote 2:We are all here for some special reason. Stop being a 
    prisoner of your past. Become the architect of your future.
     
    In Hindi : “हम सभी यहाँ किसी विशेष कारण से हैं.अपने भूत का कैदी 
    बनना छोड़िये.अपने भविष्य के निर्माता बनिए.
    Robin Sharma रोबिन  शर्मा
     
    Quote 3:If you have built castles in the air, your work need not 
    be lost; that is where they should be. Now put foundations 
    under them.
     
    In Hindi :अगर आपने हवाई किले बना रखें हैं, तो आपका काम बेकार 
     नहीं जाना चाहिए; वे वहीँ होने चाहिए. बस अब उसके नीचे नीव डाल 
    दीजिये.
    Henry David Thoreau हेनरी डेविड थोरौ
     
    Quote 4:What you are is what you have been. What you’ll be is 
    what you do now.
     
    In Hindi : आप वो हैं जो आप रह चुके हैं. आप वो होंगे जो आप अभी 
    करेंगे.
      Lord Buddha     भागवान बुद्ध
     
    Quote 5:Happy are those who dream dreams and are ready to 
    pay the price to make them come true.
     
    In Hindi : जो सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने की कीमत चुकाने को 
    तैयार रहते हैं, वो खुश रहते हैं.
    Leon J. Suenes लेओन जे. स्युंस 
     
    Quote 6:First say to yourself what you would be;and then do 
    what you have to do.
     
    In Hindi : पहले खुद से कहो कि तुम क्या बनोगे, और फिर वो करो जो 
    तुम्हे करना है.
     Epictetus एपिक्तेट्स 
    Quote 7:The tragedy of life doesn’t lie in not reaching your 
    goal. The tragedy lies in having no goals to reach.
     
    In Hindi : जीवन की विडम्बना यह नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं 
    पहुंचे, बल्कि यह है कि पहुँचने के लिए आपके पास कोई लक्ष्य ही नहीं था.
    Benjamin Mays बेंजामिन मेस
    Quote 8:Inspiration and genius–one and the same.
     
    In Hindi : प्रेरणा और प्रतिभा –एक ही हैं.
    Victor Hugo विक्टर ह्यूगो
    Quote 9:The power of imagination makes us infinite.
     
    In Hindi : कल्पना की शक्ति हमें अनंत बनाती है.
    John Muir जॉन मुइर
    Quote 10: No great man ever complains of want of opportunities.
     
    In Hindi :कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता.
    Ralph Waldo Emerson राल्फ वाल्डो एमर्सन

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