लिखिए अपनी भाषा में
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Wishing You Happy New Year
Monday, December 31, 2012
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Sunday, December 30, 2012
नेट सर्फिंग के दौरान बरतें कुछ एहतियात
बाजार में नई तकनीक के पीसी और टैबलेट की भरमार है। इनके कीमत में भी दिन ब दिन कमी आती जा रही है और यूजर्स की तादाद लाखों से करोड़ों तक पहुंच गई है। मेट्रो शहरों में तो हर घर में इंटरनेट का प्रयोग हो चला है। चाहे सोशल नेटवर्किंग साइट हो या फिर कोई जानकारी लेनी हो इंटरनेट पर वह सब मिलेगा जिसकी आपको दरकार है। इसके लिए बस एक क्लिक कीजिए और जो चाहिए वह हाजिर। इसमें चुनना आपको ही है कि क्या सही है और क्या गलत।
सही और गलत से अनजान होकर या फिर जल्दबाजी में किसी ऐसी साइट में भूलकर भी मत क्लिक करिए जिससे आपके कंप्यूटर की सेहत पर असर पड़े। सस्ती लोकिप्रयता और पैसे कमाने के चक्कर में कई हैकर ऐसे वायरस और फेक साइट्स का प्रयोग करते हैं जिससे वे आपकी पर्सनल जानकारी को चुरा कर उसका फायदा उठा सकें। इसलिए कुछ खास सावधानियां बरतनी जरूरी है जिससे सेफ नेट सर्फिंग कर सकें।
कुछ तरीके अपनाएं जिससे आप अपने सिस्टम या लैटटॉप को सर्फिंग के दौरान सेफ रख सकते हैं। अपने ई-मेल और सोशल साइट्स का पासवर्ड एक न रखें। हमेशा यूआरएल https:// पर ही ई-मेल का प्रयोग करें। एंटीवायस और फायरवॉल्स इंस्टाल करें। अगर आप घर में वायरलेस का प्रयोग करते हों तो नियमित रूप से पासवर्ड बदलें। इनके अलावा आप और भी कुछ एहतियात रख सकते हैं-
पॉपअप ब्लॉक करें
अपने कंप्यूटर पर हमेशा पॉपअप ब्लॉक रखें जिससे थर्ड पार्टी कोई भी साइट आपके कंप्यूटर या लैपटॉप नुकसान न पहुंचा सके।
चर्चित नामों से बचें
बॉलीवुड या हॉलीवुड हस्तियों जैसे कई लोकप्रिय नामों से हानिकारक वायरस के जरिये कई कंप्यूटरों को निशाना बनाया। इसलिए ध्यान रखे कि चर्चित चेहरों को कम से कम सर्च करें। कई बार देखा गया है कि वायरस के अटैक करने पर यूजर्स की हार्डडिस्क खराब हो गई।
फिशिंग फिल्टर
फिशिंग फिल्टर की मदद से आप अपने इंटरनेट एक्सप्लोरर पर फालतू पॉपअप साइटों को आटोमैटिक ब्लॉक कर सकते हैं।
सोच समझकर करें डाउनलोडिंग
अक्सर लोग फ्री गेम या फिर फ्री गानों के चक्कर में डाउनलोडिंग बटन पर क्लिक कर देते हैं, कई बार अनजाने में गलत जगह क्लिक हो जाता है सिस्टम पर वायरस अटैक कर देता है।Posted by Unknown 0 comments | Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook | |
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अनोखा हनीमून ! वर्ल्ड टूर ऑन साइकिल
हनीमून शादीशुदा जोडे़ के लिए जीवन का सबसे अच्छा वक्त होता है। दोनों के पास एक दूसरे के साथ वक्त बिताने का बेहतर मौका होता है। ऐसे में जोड़े हिल स्टेशन, लक्जरी होटल में स्पा लेने या फिर समुद्र तट के पास वक्त बिताने की बात सोचते हैं। लेकिन लंदन के स्टीव टर्नर और कैट ने अपने हनीमून को यादगार बनाने के लिए जो तरीका चुना, वो आपको हैरत में डाल देगा।
लंदन के स्टीव टर्नर और उनकी पत्नी कैट अपने हनीमून को खास बनाने के लिए कुछ अलग करना चाहते थे और इसी बहाने वे गरीबों की मदद भी करना चाहते थे। इसी को ध्यान में रखकर इस जोडे़ ने टैन्डम (दो पैडल वाली साइकिल) पर दो साल तक पूरी दुनिया चक्कर लगाने का फैसला किया। गरीबों के लिए काम करने वाली एक चैरिटी संस्था के लिए फंड जुटाने के लिए वे इस ट्रिप पर निकले हैं। वे टैन्डम यात्रा के अब तक के 38,143 किलोमीटर के रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।
अगस्त 2011 में शादी के बाद स्टीव और कैट लंदन से न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च चले गए। इस साल मई में इन दोनों ने वहीं से अपना सफर शुरू किया। कैट और स्टीव ने अपनी नौकरियां भी छोड़ दी। सफर पर निकलने से पहले दोनों ने अपने पेट्स को फोरेस्ट हिल, लंदन में दोस्तों के पास छोड़ दिया। कैट बताती हैं कि शुरूआत के चार महीने काफी मुश्किल भरे थे। भारी बरसात और तेज आंधियां हमें पीछे की ओर धकेल रही थी। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी। ऐसे भी मौके आए जब रास्ते में कुत्तों ने स्टीव और कैट पर हमला कर दिया। दो लोगों के उनके छोटे से टेंट के बाहर विशालकाय छिपकली को देखकर कैट डर गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। जंगल, पहाड़, मैदान, मूसलाधार बारिश, बर्फीली ठंड और रेगिस्तानी की भीषण गरमी को झेलते हुए यह जोड़ा लगातार आगे बढ़ रहा है।
फिलहाल कैट और स्टीव 9000 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के एक छोर पर पहुंच चुके हैं। इसके बाद वे क्वालालमपुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और फिर चीन पहुंचेंगे। इसके बाद वे पाकिस्तान, ईरान, अर्मेनिया, जॉर्जिया और तुर्की पहुंचेंगे। स्टीव और कैट को उम्मीद है कि फिल और लुइस शैम्ब्रुक के 15 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर 2014 में वे वापस लंदन पहुंच जाएंगे।
मजे की बात यह है कि 31 वर्षीय कैट ने इससे पहले साइकिल बेहद कम चलाई थी। इसके बावजूद कैट ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने पार्टनर स्टीव के साथ इस साल मई में यह सफर शुरू कर दिया। स्टीव कहते हैं कि-‘मुझे मालूम है कि हनीमून मनाने का यह तरीका असाधारण है। लेकिन अब छह महीने पूरे करने के बाद एक एक विश्वास पैदा हुआ है और लगता है कि हमें सफलता जरूर मिलेगी।’ स्टीव कहते हैं कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जिंदगी से जद्दोजहद करते गरीबों को देखने के बाद उनके लिए कुछ करने की धारण और पुख्ता होPosted by Unknown 0 comments | Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook | |
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बढ़ रहे हैं सोशल मीडिया से जुड़े अपराध
फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की संख्या में पिछले चार वर्षों में लगभग आठ गुना बढ़ोतरी हुई है। ब्रिटेन में पुलिस आंकड़ों के मुताबिक़ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में वर्ष 2012 के दौरान सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों के कुल 4908 मामले सामने आए और इनमें 653 लोगों पर मुकदमा चला। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की संख्या में बढ़ोत्तरी ने एक नई चुनौती पेश की है।
दिशा-निर्देश
इंग्लैंड और वेल्स में सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए पिछले सप्ताह ही अंतरिम दिशानिर्देश जारी किए गए थे। इसकी वजह ये थी कि सोशल मीडिया से जुड़े कई विवादास्पद मामले सामने आए थे। पॉल चैंबर्स का मामला 2010 में सुर्खियों में रहा था। चैंबर्स ने दक्षिण यार्कशायर के रॉबिन हुड हवाई अड्डे को उड़ाने की बात ट्विटर पर मज़ाक में कही थी। इस पर उनके ख़िलाफ मुकदमा चला और सज़ा भी हुई, लेकिन इसकी व्यापक निंदा के बाद सज़ा को निरस्त कर दिया गया था।
सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों से संबंधित आंकड़े सूचना के अधिकार के तहत जारी किए गए हैं। चार साल पहले जब सोशल नेटवर्किंग से जुड़ी गतिविधियों का स्तर सीमित था, तब इससे जुड़े 556 मामले सामने आए थे और 46 लोगों पर मुकदमा चला था, लेकिन इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर लगभग पांच हज़ार तक पहुंच गया है और 653 लोगों पर मुकदमा चला है।
सोशल मीडिया के ख़तरे
मुख्य पुलिस अधिकारियों के संघ के चीफ कांस्टेबल एंडी ट्रॉटर ने कहा कि पुलिस सोशल नेटवर्किंग से जुड़े अपराधों को प्राथमिकता दे रही है क्योंकि ये सही मायनों में ख़तरनाक हैं। उन्होंने कहा “हमें इस बात को स्वीकार करने की ज़रूरत है कि लोगों को आपस में संवाद स्थापित करने का पूरा अधिकार है। फिर चाहे वे किसी भी तरह की बातें करें। पुलिस को इस मामले में उलझने की कोई जरूरत नहीं है।”
ट्रॉटर ने आगे कहा “लेकिन सोशल मीडिया में उत्पीडन और हिंसा के खतरे हैं. पुलिस को इस मामले में अपना ध्यान देने की जरूरत है।” पुलिस बलों को फेसबुक और ट्विटर से जुड़े आपराधिक मामलों की जानकारी देने को कहा गया था। इनमें वेबसाइटों पर किए गए अपराधों को भी शामिल किया गया था जैसे अपमानजनक, डराने-धमकाने वाले संदेश भेजना और ऑनलाइन पोस्टिंग से हिंसा के लिए उकसाना। इसके अलावा यौन उत्पीडन के मामले, पीछा करने की शिकायतें, नस्ली भेदभाव संबंधी आरोप तथा धोखाधड़ी के मामले शामिल थे।
ग्रेटर मैनचेस्टर की पुलिस ने सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों में सबसे ज़्यादा 115 लोगों के ख़िलाफ कार्रवाई की। लंकाशायर की पुलिस ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी की छह शिकायतें मिली थीं। ट्रॉटर ने कहा कि इनमें से कुछ अपराध तो ऐसे हैं जिन्हें सोशल मीडिया के बिना भी होना ही था। उन्होंने कहा “हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सोशल नेटवर्किंग से जुड़े लोगों को खुद पर नियंत्रण रखना चाहिए।”Posted by Unknown 0 comments | Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook | |
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क्या आप जानते हैं इन 10 टेक्नालॉजी फैक्ट्स के बारे में
Sunday, December 9, 2012
तकनीकी दुनिया में रोज कोई न कोई बदलाव होते रहते हैं लेकिन जिन्होंने इस दुनियो को नई तकनीक से रूबरू कराया वे आज भी अपने अविष्कारों की वजह से जाने जाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्ट्स बताएंगे जिन्हें आपने कभी सुना नहीं होगा।
1. कंप्यूटर में काम करते समय व्यक्ति 7 बार अपनी पलके झपकाता है जबकि साधारण तौर पर वो 20 बार पलके झपकाता है।
2. बिलगेट्स के घर की डिजाइन बनाने के लिए मैकेनटॉश कंप्यूटर का प्रयोग किया गया था3. दुनिया का पहला कंप्यूटर माउस डॉग एलजबर्ट ने 1964 में बनाया था जो लकड़ी का था।
4. साधारण तौर पर एक टाइपिस्ट की उंगलिया 12.6 मील तक की दूरी तक चलती हैं।
5. पूरी दुनिया में अलासका ही एक ऐसा स्टेट है जहां के कीबोर्ड में सीधे नंबर लिखे रहते हैं।
6. एक महिने में 1 मिलियन यानी 10 लाख से अधिक डोमेन नेम रजिर्स्टड होते हैं।
7. 14 फरवरी 2005 को www.youtube.com डोमेन नेम रजिर्स्टड हुआ था।
8. 1994 को एडवरटाइजमेंट के लिए पहला बैनर यूज हुआ था।
9. पीसी निर्माता कंपनी हेविलेट पेकार्ड पालो ऑल्टो के एक गैराज में 1939 रुपए में शरु हुई थी।
10. अब तक पूरी दुनिया में 17 बिलियल से अधिक डिवाइसेस इंटरनेट से कनेक्ट हो चुकी हैं।Posted by Unknown 0 comments | Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook | |
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आपने क्या कभी गौर किया है कि फोन के कुंजी पटल यानि कीबोर्ड में 1 और 0 की संख्या वाली कुंजियों में दूसरा कोई अक्षर लिखा नही होता है। ऐसा इसलिये होता है कि इन दो नंबरों को “फ्लैग” नंबर माना जाता है यानि कि ये स्पेशियल सर्विस जैसे कि इमरजेंसी या आपरेटर की सर्विस के लिये ऐसे रखे जाते हैं।
दुनिया के सारे महाद्वीपों (continents) के नामों (अंग्रेजी में अगर उच्चारित करें) के अंत में वही अक्षर (अंग्रेजी का) आता है जिससे वो शुरू होते हैं।
धार्मिक राज्य (या नगरी कहें?) वेटिकन दुनिया का सबसे छोटा देश है इसका क्षेत्रफल 0.2 वर्ग मील है और इसकी आबादी लगभग 770 है। इनमें से कोई भी इसका परमानेंट नागरिक नही है।
मास्टर कार्ड के नाम से प्रसिद्ध क्रेडिट कार्ड का ओरिजिनल (वास्तविक) नाम मास्टर चार्ज था।
नील आर्मस्ट्राँग ने सबसे पहले अपना बाँया पैर चंद्रमा पर रखा था।
अंग्रेजी वाक्य “The quick brown fox jumps over the lazy dog” में अंग्रेजी शब्दावली (Alphabet) के सभी अक्षर आते हैं।
धरती के गुरुत्वाकर्षण (earth’s gravity) के कारण पर्वतों का 15,000 मीटर से ऊंचा होना संभव नही हैं।
रोम दुनिया का वो शहर है जिसकी आबादी ने सबसे पहले 1 मीलियन का आंकड़ा पार किया था।
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