एक मां अपने बच्चे को ढूंढ रही थी। बहुत देर तक जब वह नहीं मिला, तो वह रोने
लगी और जोर-जोर से बच्चे का नामलेकर पुकारने लगी। कुछ समय बाद बच्चा दौड़ता
हुआ उसके पास आ पहुंचा। मां ने पहले तो उसे गले से लगाया, जी भर कर लाड़ किया,
फिर उसे डांटने लगी। उससे पूछा कि इतनी देर तक वह कहां छुपा हुआ था।
बच्चे ने बताया, 'मां! मैं छुपा हुआ नहीं था, मैं तो बाहर की दुकान से गोंद
लेने गया था। मां ने पूछा कि गोंद से क्या करना है, तो बच्चा भोलेपन से बोला,
मैं उससे चाय की प्याली जोडूंगा। वह टूट गई है।
मां ने आगे पूछा, टूटी प्याली जोड़ कर क्या करोगे? वह तो बहुत खराब दिखेगी।
तब बच्चे ने भोलेपन से कहा, जब तुम बूढ़ी हो जाओगी तो उसी कप में तुम्हें चाय
पिलाया करूंगा। यह सुन कर मां पसीने-पसीने हो गई। कुछ पल तक तो उसे समझ ही
नहीं आया कि वह क्या करे?
फिर होश संभालते ही उसने बच्चे को गोद में बिठाया और प्यार से कहा, बेटा! ऐसी
बातें नहीं करते। बड़ों का सम्मान करते हैं। उनसे ऐसा व्यवहार नहीं करते।
देखो, तुम्हारे पापा कितनी मेहनत करते हैं ताकि तुम अच्छे स्कूल में जा सको।
मम्मी तुम्हारे लिए तरह-तरह के भोजन बनाती है। सब लोग तुम्हारा ख्याल रखते हैं
ताकि जब वे बूढ़े हो जाएं तो तुम उनका सहारा बनो........
बच्चे ने मां की बात बीच में ही काटते हुए कहा, 'लेकिन मां! क्या दादा-दादी ने
भी यही नहीं सोचा होगा, जब वे पापा को पढ़ाते होंगे? आज जब दादी से गलती से
चाय का कप टूट गया तो तुम कितने जोर से चिल्लाई थीं। इतना गुस्सा किया था आपने
कि दादा जी को आपसे दादी के लिए माफी मांगनी पड़ी। पता है मां, आप तो कमरे में
जा कर सो गईं, लेकिन दादी बहुत देर तक रोती रहीं। मैंने वहकप संभाल कर रख लिया
है, और अब मैं उसे जोड़ दूंगा।
kuchkhaskhabar@gmail.com
( Arun Kumar--9868716801)
लगी और जोर-जोर से बच्चे का नामलेकर पुकारने लगी। कुछ समय बाद बच्चा दौड़ता
हुआ उसके पास आ पहुंचा। मां ने पहले तो उसे गले से लगाया, जी भर कर लाड़ किया,
फिर उसे डांटने लगी। उससे पूछा कि इतनी देर तक वह कहां छुपा हुआ था।
बच्चे ने बताया, 'मां! मैं छुपा हुआ नहीं था, मैं तो बाहर की दुकान से गोंद
लेने गया था। मां ने पूछा कि गोंद से क्या करना है, तो बच्चा भोलेपन से बोला,
मैं उससे चाय की प्याली जोडूंगा। वह टूट गई है।
मां ने आगे पूछा, टूटी प्याली जोड़ कर क्या करोगे? वह तो बहुत खराब दिखेगी।
तब बच्चे ने भोलेपन से कहा, जब तुम बूढ़ी हो जाओगी तो उसी कप में तुम्हें चाय
पिलाया करूंगा। यह सुन कर मां पसीने-पसीने हो गई। कुछ पल तक तो उसे समझ ही
नहीं आया कि वह क्या करे?
फिर होश संभालते ही उसने बच्चे को गोद में बिठाया और प्यार से कहा, बेटा! ऐसी
बातें नहीं करते। बड़ों का सम्मान करते हैं। उनसे ऐसा व्यवहार नहीं करते।
देखो, तुम्हारे पापा कितनी मेहनत करते हैं ताकि तुम अच्छे स्कूल में जा सको।
मम्मी तुम्हारे लिए तरह-तरह के भोजन बनाती है। सब लोग तुम्हारा ख्याल रखते हैं
ताकि जब वे बूढ़े हो जाएं तो तुम उनका सहारा बनो........
बच्चे ने मां की बात बीच में ही काटते हुए कहा, 'लेकिन मां! क्या दादा-दादी ने
भी यही नहीं सोचा होगा, जब वे पापा को पढ़ाते होंगे? आज जब दादी से गलती से
चाय का कप टूट गया तो तुम कितने जोर से चिल्लाई थीं। इतना गुस्सा किया था आपने
कि दादा जी को आपसे दादी के लिए माफी मांगनी पड़ी। पता है मां, आप तो कमरे में
जा कर सो गईं, लेकिन दादी बहुत देर तक रोती रहीं। मैंने वहकप संभाल कर रख लिया
है, और अब मैं उसे जोड़ दूंगा।
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Thankes