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  1. क्या आपको पता है दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट कौन सी है? अमूमन आपका जवाब होगा गूगल। लेकिन यह गलत जवाब है। गूगल दुनिया की नंबर 1 वेबसाइट नहीं है। क्या आपको पता है दुनिया की बीस सबसे बड़ी वेबसाइट कौन-कौन सी है? इनमें से कितनी चायनीज वेबसाइट्स हैं? 
    आगे की स्लाइड में आप जानेंगे कि कौन है दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट। साथ ही जानेंगे दुनिया की बीस सबसे बड़ी वेबसाइट्स के बारे में। देखेंगे कहां की है वो वेबसाइट्स और कैसे बना इनका इतना बड़ा यूजर्स बेस?

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Facebook.com – 83 करोड़ 67 लाख यूनीक विजिटर्स  
    क्या है यह: फेसबुक एक सोशल नेट्वर्किंग साइट है। इसकी शुरुआत मार्क जुकेरबर्ग ने हार्वर्ड में अपने पढ़ाई के दौरान की थी।
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: शुरुआत में यह सिर्फ हार्वर्ड के स्टूडेंट्स के लिए थी, जिसे बाद में दूसरे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स के लिए ओपन किया गया। जब कंपनी ने 13 साल की उम्र से अधिक किसी को भी इससे जोड़ना शुरू किया, तब से अब तक यह बन गई दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Google.com – 78 करोड़ 28 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: गूगल एक वेब सर्च इंजन है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इसकी शुरुआत 1998 में तब हुई जब सर्च इंजन मार्केट में और भी बहुत सारी कंपनियां थीं। लेकिन यह अपने सबसे तेज सर्च और सबसे क्लीन होम-पेज के कारण बन गया वेब सर्चिंग का बेताज बादशाह। आज इसके पास जी-मेल, गूगल मैप्स, गूगल+ आदि बहुत सारे वेब प्रोडक्ट्स हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    YouTube.com72 करोड़ 19 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यू-ट्यूब यूजर्स के ही द्वारा वीडियो शेयरिंग, अपलोडिंग एंड वाचिंग प्लेटफ़ॉर्म है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: गूगल ने इसे 2006 में जब से खरीदा, तब से यूजर्स में इसका क्रेज कई गुना बढ़ गया। यू-ट्यूब से आज कल बहुत सारे नए स्टार भी बन रहे हैं। जस्टिन बीबर इसके लेटेस्ट एग्जाम्पल हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Yahoo.com – 46 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: याहू सर्च इंजन तो है ही,  साथ ही एक ऐसा प्लेटफॉर्म भी है जिससे यूजर्स इसके दूसरे चैनल, जैसे याहू फिनांस और फ्लिकर से भी जुड़ते हैं।
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: याहू 90 के दशक के शुरुआती वेब-पोर्टल में से एक है। लोग इसका यूज न्यूज, स्पोर्ट्स, फिनांस और ई-मेल के लिए करते हैं।

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    Wikipedia.org – 46 करोड़ 96 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: विकिपीडिया एक फ्री वेब-बेस्ड इन्सायक्लोपीडिया है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: विकिपीडिया किसी को भी अपने यहां कंटेंट पोस्ट और एडिट करने की छूट देता है। इस वजह से यह बन गई इतनी बड़ी एजुकेशनल कंटेंट साइट। इसका सारा ट्रैफिक गूगल के माध्यम से आता है।

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    Live.com – 38 करोड़ 95 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: लाइव.कॉम माइक्रोसॉफ्ट का नया ई-मेल सर्विस है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने दोनों मेल सर्विस आउटलुक और हॉटमेल को Live.com के माध्यम से एक्सेसिबल बनाया है। आप हॉटमेल या आउटलुक कहीं भी जाएं, आपको Live.com पर री-डायरेक्ट कर दिया जाता है।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    QQ.com – 28 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यह चीन में स्थित सर्च इंजन और पोर्टल है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: QQ.com को जिस कंपनी (Tencent) ने बनाया है, वह चीन की सबसे बड़ी इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर है। Tencent की इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस के पास 70 करोड़ यूजर्स हैं। इसके इसी यूजर्स बेस का फायदा QQ.com को भी मिलता है।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Microsoft.com – 27 करोड़ 17 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यहां आप खरीद सकते हैं माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट, इसके सॉफ्टवेयर और अपडेट्स.      
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: दुनिया में बहुत सारे कम्प्यूटर माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। कस्टमर सपोर्ट और अपडेट के लिए इस साइट पर पहुंचते हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Baidu – 26 करोड़ 87 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: चीन की यह साइट सर्च इंजन है जो वेबसाइट, ऑडियो और इमेज के लिए काम करती है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: Baidu चीन की सबसे पॉपुलर सर्च इंजन है। चीन के बेस्ट इंजीनियर्स की बहुत बड़ी टीम इस सर्च इंजन को अपडेट और इसके स्पीड के लिए काम करती है।


    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    MSN.com – 25 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े इंटरनेट प्रोडक्ट का कलेक्शन है यह साइट.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से यह कंपनी बन गई ऑनलाइन डेस्टिनेशन। इसमें हॉटमेल और एमएसएन मैसेंजर जैसी वेब सर्विसेज हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Blogger.com – 22 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यह है ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: सैन फ्रांसिस्को में शुरू की गई इस छोटी-सी कंपनी ने डॉटकॉम बूम के समय बहुत संघर्ष किया। गूगल ने जब इसे 2002 में खरीदा, तब यह ब्लॉगर्स की पसंद बन गई।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Ask.com – 21 करोड़ 84 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यह गूगल पावर्ड सर्च इंजन है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 90 के दशक में यह शुरू हुआ था AskJeeves के नाम से। इसकी पेरेंट कंपनी IAC ने जब About.com को खरीदा, तब इसके कंटेंट में काफी इजाफा हुआ। अब यह गूगल सर्च का री-ब्रांडेड वर्जन है।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Taobao.com – 20 करोड़ 70 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: चीन की वेबसाइट जहां कपड़े, एक्सेसिरिज, ज्वैलरी, फूड आइटम, इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ और भी बहुत कुछ बिकता है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इ-बे और अमेजन की तरह ही यह भी ऑनलाइन मार्केट-प्लेस है। इसकी पेरेंट कंपनी अलीबाबा ने जब 2003 में इसे पब्लिक किया तो यह बन गया दुनिया का सबसे बड़ी शॉपिंग सर्च इंजन।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Twitter.com – 18 करोड़ 98 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: ट्विटर है रियल टाइम कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 2009 में लॉन्च के बाद से ही ट्विटर बन गई ऐसी साइट, जहां आप जाते हैं दुनिया भर की ख़बरों से लगातार अपडेट होने के लिए। नेता, न्यूज कंपनी, इंडस्ट्री के टॉप लोगों का यह अड्डा आपको देता है हमेशा लेटेस्ट अपडेट।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Bing.com – 18 करोड़ 40 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: बिंग है गूगल की तरह ही एक वेब सर्च इंजन.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने बिंग को काफी अग्रेसिव तरीके से प्रमोट किया है। सोशल साइडबार, इम्प्रूव्ड अल्गोरिदम से इसे ज्यादा से ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने दुसरे वेबसाइट को बिंग से जुड़ने के लिए पैसे भी दिए हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Sohu.com – 17 करोड़ 58 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: चीन की पोर्टल और सर्च इंजन.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 1997 में चीन में शुरू किया गया यह पहला सर्च इंजन था। तब से लेकर अब तक यह बन गया है इतने बड़े यूजर्स बेस वाली कंपनी। अब इसके साथ गेम पोर्टल और रियल इस्टेट पोर्टल भी हैं।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Apple.com – 17 करोड़ 17 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: एप्पल के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का ऑनलाइन स्टोर.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: एप्पल के किसी भी प्रोडक्ट और सर्विसेज के लिए यह ऑनलाइन स्टोर है। सफारी वेब-ब्राउजर के होम पेज में यह बुक-मार्क्ड होती है और एप्पल के किसी भी प्रोडक्ट में सफारी ब्राउजर ही डिफ़ॉल्ट रहता है। तो एप्पल के करोड़ों यूजर्स इस पर अपने आप आ जाते हैं।


    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    WordPress.com – 17 करोड़ 9 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: वर्ड प्रेस है एक ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इसके सिंपल टूल्स यूजर्स को देते हैं अपने ब्लॉग को रिप्रेजेंट करने की आजादी। साथ ही यह ओपन सोर्स है, जिसके कारण यह दुसरे प्लेटफॉर्म से थोड़ा आगे निकल जाता है।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Sina.com.cn – 16 करोड़ 90 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: यह चीन की मीडिया और यूजर्स जेनरेटेट कंटेंट का मोबाइल पोर्टल है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 2000 के आस-पास इसे चीन का याहू कहा जाता था। 2009 में इसने जब माइक्रो-ब्लॉगिंग सर्विस Weibo शुरू किया तो इसके यूजर्स में 4 करोड़ का इजाफा हो गया।

    TOP 20 वेबसाइट, जिन्हें सेक्स या पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग
    Amazon.com – 16 करोड़ 30 लाख यूनीक विजिटर्स
    क्या है यह: एक ऐसी वेबसाइट है, जहां कपड़े, एक्सेसिरिज, ज्वैलरी, फूड आइटम, इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ और भी बहुत कुछ बिकता है.
    कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब यह कुछ चंद लोगों को किताबें पैक कर भेजने वाली कंपनी मात्र थी। अब यह कंपनी आपके जरूरत की लगभग हर सामान बेचती है।





  2. सहनशीलता जिसमें नहीं है, वह शीघ्र टूट जाता है. और, जिसने सहनशीलता के कवच को ओढ़ लिया है, जीवन में प्रतिक्षण पड़ती चोटें उसे और मजबूत कर जाती हैं.
    मैंने सुना है, एक व्यक्ति किसी लुहार के द्वार से गुजरता था. उसने निहाई पर पड़ते हथौड़े की चोटों को सुना और भीतर झांककर देखा. उसने देखा कि एक कोने में बहुत से हथौड़े टूटकर और विकृत होकर पड़े हुए हैं. समय और उपयोग ने ही उनकी ऐसी गति की होगी. उस व्यक्ति ने लुहार से पूछा, ”इतने हथौड़ों को इस दशा तक पहुंचाने के लिए आपको कितनी निहाइयों की जरूरत पड़ी?” लुहार हंसने लगा और बोला, ”केवल एक ही मित्र. एक ही निहाई सैकड़ों हथौड़ों को तोड़ डालती है, क्योंकि हथौड़े चोट करते हैं और निहाई चोट सहती है.”
    यह सत्य है कि अंत में वही जीतता है, जो सभी चोटों को धैर्य से स्वीकार करता है. निहाई पर पड़ती हथौड़ों की चोटों की भांति ही उसके जीवन में भी चोटों की आवाज तो बहुत सुनी जाती है, लेकिन हथौड़े अंतत: टूट जाते हैं और निहाई सुरक्षित बनी रहती है.


  3. मां ने अपने बेटे अमन को बड़े ही प्यार से उठा कर उसे उसके जन्मदिन की मुबारक देते हुए कहा कि अब जल्दी से उठ जाओ। देखो सूरज कब से निकल आया है। अमन ने मां से कहा कि आपको सूरज के जल्दी निकलने का तो मालूम है लेकिन आप षायद यह नही जानती की वो सोता भी तो मुझ से पहले है। बेटा आज घर में तेरे जन्मदिन की पूजा रखवार्इ है। तू जल्दी से नहां कर मुझे पूजा के फूल ला दे। अमन ने मसखरी करते हुए पूछा कि मां कौन सी पूजा के फूल चाहिये, पूजा बेदी के या पूजा भê के। अब मां को थोड़ा तल्ख होते हुए कहना पड़ा कि हर समय मज़ाक अच्छा नही लगता। तू अपने घर के सामने वाले पार्क से अच्छे वाले फूल तोड़ कर ला दे। लेकिन एक बात का ध्यान रखना कि कालोनी के प्रधान वहां ना बैठे हो। मां अगर बैठे भी हो तो हमें क्या फर्क पड़ता है, यह पार्क कोर्इ उनका निजी तो है नही। मां ने बेटे को समझाया कि यह बात नही है। असल में सारे बाग-बगीचे की देख रेख वो प्रधान जी ही करते है। वो एक-एक पौधे को अपने बच्चो की तरह संभाल कर पालते है। इसलिये जब कोर्इ फूल तोड़ता है तो उन्हें बहुत तकलीफ होती है और वो गुस्सा करने लगते है। फिर अगर वो पार्क में बैठे हो तो मैं फूल कैसे तोड़ूगा, बेटे ने पूछा? मां ने कहा, तू उन्हें किसी बहाने से पार्क के बाहर भेज देना। कुछ देर बाद जब अमन पार्क में फूल तोड़ने के लिये पहुंचा तो उसने देखा कि प्रधान अंकल वही सामने बैंच पर बैठे हुए है। अमन ने होषियारी दिखाते हुए कहा कि अंकल आपको घर में बुला रहे है। प्रधान अंकल जल्दी से अपने घर की और चले गये। अमन ने बड़े चैन से पार्क से अच्छे-अच्छे ढ़ेर सारे फूल तोड़ कर अपना थैला भर लिया। घर आते ही इतने खुषबूदार फूल देख कर अमन की मम्मी बहुत खुष हुर्इ। अमन का ध्यान जैसे ही सामने पड़े लìूओं के थाल की और गया तो उसने उसमें से झट एक लìू उठा लिया। उसकी मम्मी ने कहा कि बेटा यह क्या कर रहे हो, यह तो प्रसाद है। अगर तुमने यह झूठा कर दिया तो भगवान जी नाराज हो जायेगे। अमन ने पूछा लेकिन भगवान को कैसे मालूम पड़ेगा कि मैने प्रसाद के थाल में से एक लìू खा लिया है। मम्मी ने प्यार से समझाया कि भगवान हमारे हर कर्म को हर समय देखते रहते है। कुछ देर बाद अमन के घर में उसके जन्मदिन की पूजा षुरू हो गर्इ। सारा परिवार पूजा में षामिल हो गया, परंतु अमन उदास सा होकर अपने कमरे में जा बैठा। कर्इ बार बुलाने पर भी वो पूजा में षामिल नही हुआ। जब पूजा खत्म हो गर्इ तो पुजारी जी ने अमन से उसकी उदासी का कारण पूछा। अमन ने कहा कि ऐसी पूजा का क्या फायदा? जिसको करने के लिये हम समाज के साथ भगवान को भी धोखा दे रहे है। एक तरफ तो मेरी मम्मी कहती है कि भगवान हर समय हमारे साथ रहते है और हमारी हर अच्छी बुरी बात पर नज़र रखते है। दूसरी और मुझे झूठ बोलने और चोरी करने के लिये कहती है। आज हमने यह जो फूल चोरी करके भगवान को अर्पण किये है क्या इसके बदले वो मुझे सच में कोर्इ अच्छा सा आर्षीवाद देगे? पुजारी जी ने कहा कि आज तक तो मैं दुनियां को ज्ञान-ध्यान की बाते समझाता रहा हू। परंतु आज इस नन्हें से बालक की बाते सुन कर मेरी भी आखें खुल गर्इ है। मैं वादा करता हू कि आज से अपने हर प्रवचन में सभी भक्तजनों को यह बात जरूर समझाऊगा कि यदि हम पेड़-पौधे लगा नही सकते तो हमें उन पर लगे हुए फूलों को तोड़ने का भी कोर्इ हक नही बनता। अमन की बातो से प्रभावित होकर जौली अंकल भी यह प्रण लेते है कि आज के बाद मुझे जब भी र्इष्वर के चरणों में फूल अर्पित करने होगे तो मैं या उन्हें अपनी मेहनत से लगाऐ हुए बगीचे से लाऊगा या अपनी नेक कमार्इ से खरीद कर। क्योंकि यह बात सच है कि भगवान चोरी की कोर्इ भी चीज कभी स्वीकार नही करते फिर चाहे वो पूजा के फूल ही क्यों ना हो?







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    मुंबई। पारिवारिक रिश्ते को तार-तार कर देने वाली एक घटना में एक सौतेले भाई ने पहले बहन के साथ सेक्स किया, फिर उसे अपने दोस्तों की हवस का शिकार बनवाया। उसने पूरे घटनाक्रम का टेप तैयार कराया और उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया। पीड़ित महिला को फिल्म के रोल के नाम पर पैसा देने का लालच देकर सेक्स के लिए राजी किया गया था। अब उक्त भुक्तभोगी महिला ने सौतेले भाई और चार अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
    पश्चिम बंगाल निवासी पीड़ित महिला को अपने सौतेले भाई की करतूत का पता चार दिन पहले ही चला। मुंबई महानगर के माटुंगा इलाके में रहने वाली शादीशुदा भुक्तभोगी महिला के चाचा ने बंगाल से उसे फोन करके बताया कि उसका सेक्स टेप इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया है। चाचा ने पीड़ित महिला को फटकार लगाई कि उन्हें उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी। इस घटना के बाद उसने वडाला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसे बाद में माटुंगा थाने ट्रांसफर कर दिया गया।
    पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला की मां ने 2009 में अपने पति को छोड़ किसी और पुरुष से शादी कर ली। उस शख्स का पहले से ही एक 25 वर्षीय बेटा था। इस प्रकार वह युवक पीड़ित महिला का सौतेला भाई बन गया। उसने महिला को एक अश्लील फिल्म के लिए सेक्स टेप बनाने हेतु राजी कर लिया। सौतेले भाई बने युवक ने महिला को झांसा दिया कि इससे वह काफी कमाई करेगी और टेप में उसका चेहरा छिपा दिया जाएगा। इस प्रकार उसकी पहचान भी गुप्त रहेगी। पीड़ित महिला की सगी बहन ने भी उसे काम के लिए हामी भरने को कहा।
    पुलिस के मुताबिक जब महिला सेक्स टेप के लिए सीन देने को राजी हो गई तो सौतेला भाई उसे लेकर दिल्ली गया। पीड़ित महिला के साथ युवक की पत्‍‌नी, उसका एक दोस्त और उसकी पत्‍‌नी भी दिल्ली गई। दिल्ली में वे एक बंगले में ठहरे, जहां पहले दिन सौतेले भाई ने पीड़ित महिला के साथ सेक्स किया और पूरे दृश्य का वीडियो टेप तैयार कराया। अगले दिन महिला के सौतेले भाई के दोस्त ने उसके साथ सेक्स किया। पीड़िता को सेक्स टेप शूटिंग के लिए आठ हजार रुपये दिए गए। लड़की मुंबई लौट आई। उसने दुबई में काम करने वाले एक शख्स से शादी कर ली। उसे एक वर्ष की एक बेटी भी है। पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने धारा-363, 366(ए), 294, 376 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

  5. Stage set for veerappan's aides, lodged in separate cell and medical examined



    नई दिल्ली/बेलगाम। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वीरप्पन के चार साथियों की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर देने के बाद उनको फांसी देने की तैयारी भी शुरू हो गई है। शनिवार को डाक्टरों ने चारों दोषियों के वजन और बीपी की जांच की थी। वहीं चारों को ही अन्य कैदियों से अलग कर लिया गया है।
    सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन कैदियों ने स्नान के बाद मिठाई खाने की इच्छा जताई है। जेल मेनुवल के मुताबिक फांसी की सजा पाए दोषियों को अन्य कैदियों से तभी अलग किया जाता है जब उन्हें फांसी दी जानी होती है। यह चारों कर्नाटक की बेलगाम जेल में बंद हैं।
    इससे पहले इनकी फांसी की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद फांसी की सजा पाए इन चारों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जानकारी के मुताबिक इन चारों दोषियों के लिए फांसी की तारीख रविवार, 17 फरवरी तय की गई थी।
    चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर के कार्यालय के से मिली जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस के सामने यह मामला रखा गया लेकिन उन्होंने इस पर सुनवाई करने से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि दोषियों को रविवार को फांसी दी जानी है, लिहाजा यह मामला नियमानुसार ही देखा जाएगा।
    गौरतलब है कि वर्ष 1993 में कर्नाटक के पलार में बारूदी सुरंग विस्फोट मामले में वीरप्पन के बड़े भाई ज्ञानप्रकाश, सिमोन, मीसेकर मदैया और बिलावेन्द्रन को वर्ष 2004 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 13 फरवरी को उनकी दया याचिकाएं खारिज कर दी थीं। चारों दोषी कर्नाटक के बेलगाम की एक जेल में बंद हैं। वर्ष 2001 में मैसूर की एक टाडा अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी लेकिन शीर्ष अदालत ने सजा को बढ़ाकर मृत्युदंड कर दिया। गिरोह का सरगना वीरप्पन अक्टूबर 2004 में तमिलनाडु पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
    इससे पहले राष्ट्रपति द्वारा संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की दया याचिका खारिज करने के पांच दिन के अंदर उसको दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। वीरप्पन के साथियों का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोनसाल्वेस ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने इस आधार पर इस मामले पर सुनवाई नहीं की कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि मौत की सजा पर रविवार को अमल किया जाना है। उन्होंने कहा कि अल्तमस कबीर ने उनसे कहा है कि इस मामले में तय प्रक्रिया के अनुसार विचार किया जाएगा।
    हालांकि गोनसाल्वेस और उनके सहयोगी अधिवक्ता समीक नारायण ने उम्मीद जताई है कि फांसी की सजा पाए चारो दाषियों को अब रविवार को फांसी नहीं दी जाएगी। अब इस मामले को वह सोमवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे।
    वीरप्पन के चारों सहयोगियों की रिहाई चाहती है भाकपा
    इरोड [तमिलनाडु]। भाकपा ने केंद्र से मृत्युदंड की सजा को खत्म करने और बीस साल जेल में काट चुके चंदन तस्कर वीरप्पन के चार सहयोगियों को रिहा करने की मांग की है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चारों की दया याचिकाएं खारिज कर दी हैं और उन्हें कभी भी फांसी दी जा सकती है।
    भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने रविवार को यहां कहा, 'केंद्र सरकार को तत्काल मृत्युदंड की सजा खत्म करने के लिए कानून में पर्याप्त बदलाव करना चाहिए। फांसी या मृत्युदंड गंभीर अपराधों को समाप्त करने की दवा नहीं है। ऐसे अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए।' राजा ने वीरप्पन के खिलाफ अभियान के दौरान स्पेशल टॉस्क फोर्स के कर्मियों द्वारा पीड़ितों पर कथित अत्याचार के लिए अनुग्रह राशि की मांग के लिए आयोजित बैठक में कहा कि राज्य सरकार को पीड़ितों को पर्याप्त सहायता देनी चाहिए।
    हेलीकॉप्टर घोटाले पर जवाब दें मनमोहन
    वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस घोटाले की जिम्मेदारी लेनी और अगले सत्र में संसद में विस्तार से इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने पेट्रोल और डीजल में हालिया मूल्यवृद्धि की आलोचना करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से सभी वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे।



  6. लंदन।रोजाना अरबों लोगों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले क्रांतिकारी संचार माध्यम इंटरनेट ने मंगलवार एक जनवरी 2013 को तीस वर्ष पूरे कर लिए। समाचार पत्र टेलीग्राफ के मुताबिक पुरानी नेटवर्किंग प्रणाली को पूरी तरह से हटाकर कंप्यूटर नेटवर्क ने औपचारिक रूप से एक जनवरी 1983 को काम करना शुरू किया था।

    उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क की जगह संपूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। इसी से आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) मार्ग प्रशस्त हुआ।

    ल्स के वैज्ञानिक डोनाल्ड डेविस की डिजाइन पर आधारित अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षों में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था।

    कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई संस्थानों ने इसकी विकास प्रक्रिया में मदद की। 1973 में आईपीएस और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी पर काम शुरू हुआ। इसे इसलिए तैयार किया गया क्योंकि पुराने नेटवर्क कंट्रोल प्रोग्राम (एनसीपी) में खामियां थीं।

    ब्रिटेन के कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने बाद में 1989 में हाईपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग किया। जिसे वर्ल्ड वाइड वेव के नाम से जाना जाता है।



  7. दुबई। कंप्यूटर के सामने घंटों बैठे रहने वाले लोग सावधान हो जाएं क्योंकि इससे ‘कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम’ नाम की बीमारी होने का खतरा होता है।
    हम खूबसूरत चेहरों में क्यों खो जाते हैं?

    दुबई में एस्टर मेडिकल सेंटर के जाने-माने नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सलेम मोपेन ने बताया कि कंप्यूटर के आगे ज्यादा वक्त गुजारने वाले लोगों की आंखों को चीजों को फोकस करने और समन्वय स्थापित करने में दिक्कत आती है। अगर आप कोई ऐसी नौकरी करते हैं जहां लम्बे समय तक स्क्रीन के आगे बैठना होता है तो नौकरी शुरू करने से पहले आंखों की पूरी जांच कराना बेहद जरूरी होता है। अगर लोग अपनी आंखों की नियमित जांच कराते रहते हैं तो उनको आंखों से जुड़ी समस्याओं से बचने में काफी मदद मिलती है।
    ‘हम हैं आंखों का चेकअप नहीं करवाने में सबसे आगे’!

    कंप्यूटर के सामने ज्यादा समय बिताने से आंखों की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ता है। सिर में दर्द रहने लगता है। चीजों को साफ देखने में परेशानी होती है और आंखों पर बहुत जोर पड़ता है।

    कम्प्यूटर में स्क्रीन पर उभरती तस्वीरों और उनसे निकलने वाली चमक, स्क्रीन पर रंगों का समायोजन ठीक नहीं होने और सही प्रकाश की व्यवस्था नहीं होने जैसे कारणों से भी आंखों में दिक्कत महसूस होने लगती है।
    तेजी से पैर फैला रही है आंख की बीमारी ‘ग्लूकोमा’

    डॉ. मोपेन ने सलाह दी कि अगर कंप्यूटर से आंखों को होने वाली दिक्कतों को कम करना या बचना चाहते हैं तो कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते समय विशेष प्रकार के चश्मों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा काम करते समय बीच-बीच में आंखों को आराम देने और कुछ समय के लिए स्क्रीन के सामने से हटने से भी आंखों को होने वाले खतरों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।



  8. सिडनी।वीडियो गेम्स बच्चों में समस्या को हल करने का कौशल और आत्म सम्मान की भावना को बढ़ाने के अलावा उन्हें व्यायाम के लिए प्रेरित कर होशियार बनाते हैं। यह जानकारी हाल ही में हुए नए अध्ययन से मिली है। क्वींसलैंड स्थित ऑस्ट्रेलिया गेम्स रिसर्च एंड इंटरेक्शन डिजाइन(जीआरआईडी) लैब के पेनी स्वीटसेर, डैनियल जॉनसन और पेटा येथ ने अध्ययन के दौरान बच्चों द्वारा वीडियो गेम्स की तुलना में टीवी और डीवीडी देखने में गुजारी गई समयावधि की आपस में तुलना की।

    ऑस्ट्रेलियन जर्नल फॉर अर्ली चाइल्डहुड की रिपोर्ट के अनुसार टीवी देखना एक निष्क्रिय अनुभव रहा, जबकि वीडियो और कम्प्यूटर गेम्स प्रभावी, बच्चों के आत्म सम्मान,समस्या को हल करने का कौशल और कुछ मामलों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं।

    क्वींसलैंड के बयान के अनुसार जॉनसन ने बताया कि शोध से पता चलता है कि निनटेंडो विई,सोनी प्लेस्टेशन मूव और एक्सबोक्स किनेक्ट जैसी वीडियो गेम्स युवा बच्चों को व्यायाम के लिए प्रेरित कर सकती हैं।



  9. कोलकाता।रंक से राजा बनने की कहानी सिर्फ पंचतंत्र की कहानियों में ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी देखी जा सकती है।ऐसी ही एक कहानी है चंदा जावेरी की जो 17 साल में जबरदस्ती शादी करने के दबाव में भाग गयी थी और 30 साल बाद एक अरबपति बनकर लौटी है। 17 साल की उम्र में तीन साड़ी लेकर निकली यह लड़की आज की तारीख में एक सफल स्किन केयर कंपनी की सी.ई.ओ है।
    पुरानी विचार धारा का था परिवार
    एक पुरानी विचारधारा की मारवाड़ी परिवार में जन्मी चंदा जावेरी को उनकी मां शादी करने को लेकर दबाव बना रही थी। जावेरी ने कहा कि उन्होंने अपनी मां को कई बार समझाया कि यह उनका रास्ता नहीं है पर वह नहीं मानी। मेरी मां ने मुझे धमकाया कि अगर मैं (चंदा)शादी के लिए राजी नहीं हो ती तो फिर वह खुद को मार देंगी।
    तीन साड़िया के साथ भागी गई थी घर से
    17 साल की उम्र में चंदा के पास न पैसा था। उसके पास सिर्फ तीन साड़ी थी।चंदा अपने दोस्तों की मदद से अमेरीका पहुंच गयी। इसके बाद वही दोस्त उसके परिवार का हिस्सा बन गए। चंदा ने कहा कि मैंने अपना देश खो दिया। अपना घर खो दिया। लेकिन मुझे उस वक्त खोने के गम से ज्यादा आजादी की खुशी थी।
    समाज ने उड़ाया परिवार का मजाक
    दूसरी ओर परिवार में उसका भाग जाना एक शर्म की तरह देखा जा रहा था। चंदा के भाई अरुण कुमार ने कहा कि इस घटना के बाद परिवार को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। पडो़सियों ने परिवार का मजाक उड़ाया।पर अब चंदा उसके समुदाय के लिए एक उदाहरण बन चुकी है।वह एक सफल मोलिक्यूलर बायलोजिस्ट बन चुकी हैं जिसके पास 4 पेटेंट है। वह अमेरीका की एक सफल स्किन केयर कंपनी की सी.ई.ओ है। यह उसकी जिंदगी थी और वह आज अपनी जिंदगी से खुश है।
    पहले भी गाढ़े महिलाओं ने झंडे
    19 वर्षीय साची सोनी को दुनिया की सबसे उंची पर्वतीय चोटी माउंड एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए उनका चयन हुआ। वह पहले भी भारत के बड़े बड़े पहाड़ो पर चढ़ाई कर चुकी है। उन्हें हिमालयन माउंटेनियरिंग संस्थान द्वारा चयनित किया गया।

    एक ओर जहां महिला सुरक्षा पर देश में बवाल मचा हुआ है वहीं प्रिया साचन देश की महिलाओं के लिए एक उदाहरण के तौर पर उभरी हैं। 21 वर्षीय प्रिया गुड़गांव के रेपिड मेट्रो प्रोजेक्ट के स्टेशन मैनेजर और 50 ट्रेन ऑपरेटर में अकेली महिला है।
    वेश्यावृत्ति के पेशे को लोग हेय द्रष्टि से देखते हैं पर बिहार में मुज़फ्फरनगर जिले की सेक्स वर्कर ने समाज के लिए ऐसा काम किया है जिसकी जिम्मदारी सामान्य नागरिक लेने में भी कतराते हैं। रानी बेगम नाम का नाम एक वेश्या नहीं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाम से जाना जाता है।आज रानी अपने इलाके के 20,000 स्थानीय लोगों की आवाज बन चुकी हैं। जिसमें से एक बड़ी तादाद सेक्स वर्कर की है।रानी बेगम ने बच्चों के लिए भी व्यावसायिक कार्यक्रम शुरु किए हैं।



  10. भुवनेश्वर। कटक के एक छोटे से टी-स्टॉल का मालिक गरीब बच्चों की मदद करत करते उनके लिए एक शिक्षक भी बन गया।हर सुबह चाय के ठेला चलाने वा प्रकाश राव कुछ गरीब बच्चों को दूध बेचता है जो उसके स्टॉल के करीब आते हैं। अगर यह 55 साल का चायवाला इस ओर कदम नहीं बढ़ाता तो शायद यह बच्चे कभी पढ़ ही नहीं पाते।

    प्रकाश को 11 कक्षा में छात्रवृत्ति के बाद भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसके कारण वह शिक्षा की अहमियत जान चुका था। इसके कारण ही प्रकाश ने बस्ती में रहने वाले बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इस गांव के 2 किमी के आस पास 4 सरकारी स्कूल हैं पर ज्यादातर मां बाप बेहद गरीब परिवार से हैं और वह अपने बच्चों को इस कारण वहां नहीं भेज सकते।

    ऐसे बच्चों की मदद प्रकाश ने करी जिससे वह पास में ही अच्छी शिक्षा मुफ्त में ले पाएं।राव ने सभी बच्चों को कक्षा 3 तक पढ़ाता है और इसको पास करने वाले छात्रों को वह सरकारी स्कूल भेजने में भी मदद करता है।बस्ती में रहने वाली एक मां बी नागरातनम के मुताबिक स्कूल से बच्चों का मन पढ़ने में लग गया।इससे पहले सभी बच्चे आवारा घूमते रहते थे अब पढ़ाई में अपना ध्यान लगाकर वह अपना भविष्य बना रहे हैं।

    हालांकि स्कूल बनाने का यह सपना इतना आसान नहीं था। प्रकाश को किसी वित्तीय संस्थान से कोई मदद नहीं मिली और उसने अपने बल पर यह काम पूरा किया। स्कूल के लिए पूरे महीने के किराया 10,000 रुपए होता है जिसमें 4 शिक्षकों का वेतन अलग होता है। प्रकाश अपने टी स्टॉल से 20,000 रुपए का फायदा महीने में कमाता है और कभी किसी बिल के भुगतान में देरी नहीं करता।



  11. ब्रिटेन में एक ऐसे घोड़े का जन्म हुआ है, जिसका वजन 2.7 किलोग्राम है और ऊंचाई केवल 14 इंच। जी हां, तीन दिन पहले पैदा हुए केवल 14 इंच के इस नर घोड़े का नाम ‘आइंस्टाइन’ रखा गया है। सोमवार को ‘डेली मेल’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक न्यू हैम्पशायर के बर्नस्टीड में जन्म के समय इस घोड़े का वजन 2.7 किलोग्राम दर्ज किया गया था


  12. सन 1951 की बात है। ह्यूज बीवर उन दिनों गिनीज ब्रेवरीज में काम करते थे। एक दिन वे अपने दोस्तों के साथ चिड़ियों का शिकार करने के लिए निकले। युवा शिकारियों का यह दल कुछ समझ पाता इससे पहले ही उनके सामने से चिड़ियाओं का एक झुंड बहुत तेजी से निकल गया। ह्यूज और उनके दोस्त हैरत में पड़ गए कि आखिर ये कौन सी चिड़ियाएँ है थीं जो इतनी तेजी से उड़ती हैं। कुछ का अंदाजा था कि वह बया जैसा कोई पक्षी था जबकि कुछ कह रहे थे कि वह तीतर से मिलती कोई प्रजाति थी। यह तय नहीं हो पाया कि आखिर वे कौन सी चिड़ियाएँ थीं।

    ह्यूज ने घर आकर यह पता लगाने के लिए किताबें अलटी-पलटी कि आखिर योरप का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी कौन सा है। कई किताबें उलटने के बाद भी उन्हें अपनी जिज्ञासा का उत्तर नहीं मिला। ह्यूज अपने काम में लगे रहे। 1954 में एक किताब में उन्होंने अपने प्रश्न का उत्तर पाया, यह भी कोई बहुत प्रामाणिक उत्तर नहीं था।


    इस पूरी घटना से ह्यूज बीवर के मन में यह बात आई कि कई लोगों के मन में इस तरह के प्रश्न उठते होंगे और उनका उत्तर न मिलने पर इन्हें कितनी निराशा होती होगी। ह्यूज ने यह विचार अपने मित्रों को सुनाया।


    मित्र ने उन्हें नोरिस और रॉस मॅक्विटर नाम के दो युवकों से मिलाया। ये दोनों लंदन में एक तथ्यों का पता लगाने वाली एजेंसी के लिए काम करते थे। ‍तीनों ने मिलकर 1955 में पहली गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्‍स निकाली और फिर धीरे-धीरे यह नई किताब लोगों को इतनी पसंद आने लगी कि इसकी प्रतियाँ हर साल बढ़ती गईं।


    आज इस रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज करवाने के लिए दुनियाभर के लोग उत्सुक रहते हैं और तरह-तरह के काम करते हैं। ह्यूज एक मुश्किल में पड़े और उससे एक नया रास्ता निकला। याद रहे, हर मुश्किल के पास सिखाने के लिए बहुत कुछ होता है।

  13. जर्मनी के कंप्यूटर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लोग इंटरनेट सर्फिग के दौरान सावधानी बरतें क्योंकि कुछ खतरनाक वेबसाइटों पर जाते ही ड्राइव बाई डाउनलोड नाम का नुकसानदेह प्रोग्राम आपकी इच्छा के बगैर स्वत: डाउनलोड होने लगता है।
    जर्मन फेडरल एसोसिएशन फॉर इन्फार्मेशन टेक्नॉलॉजी, टेलीकम्यूनिकेशन्स एंड न्यू मीडिया(बिटकॉम) के अनुसार इस समय ड्राइव बाई डाउनलोड सबसे बडा खतरा है।
    बिटकॉम के अध्यक्ष डीटर केम्प का कहना है कि साइबर अपराधी बहुत जटिल तरीके से काम करने लगे हैं।
    ड्राइव बाइ डाउनलोड नामक यह प्रोग्राम बेहद घातक है क्योंकि इसकी पहचान भी बहुत मुश्किल है।
    द हैसो प्लैट्नर इंस्टीट्यूट फॉर सॉफ्टवेयर सिस्टम्स इंजीनियरिग(एचपीआई) ने इंटरनेट उपभोक्ताओं को अपने पासवर्ड चुनने में और सावधानी बरतने के लिए कहा है।
    द एचपीआई ने लोगों से अपने पासवर्ड में छोटे-बडे अक्षरों, नंबरों तथा विशेष चिन्हों को सम्मिलित रूप से इस्तेमाल करने की सलाह दी है।



  14. भारत में जो ईनो की 100 ग्राम की शीशी लगभग 60 रुपए की मिलती है उसमें केवल 5 रुपए मूल्य की सामग्री है। 

    100 ग्राम ईनो में लगभग 45 ग्राम साइट्रिक एसिड होता है इसका मूल्य है साढ़े तीन रुपए 
    और 55 ग्राम मीठा सोडा होता है जिसका मूल्य है डेढ़ रूपए। 
    साइट्रिक एसिड - 60 रूपए/किलो 
    मीठा सोडा- 30 रूपए/किलो

  15. कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    दुनिया में दौलत कमाने वालों की कमी नहीं है। कुछ को यह दौलत उनके वंशजों और रियासतों से मिलती है तो कई इस दौलत को खून-पसीना बहाकर कमाते हैं और इस कमाई से वो दुनिया के चंद अमीरों में शामिल हो जाते हैं। एक ऐसी ही महिला है ओप्रा विन्फ्रे। दुनिया की सबसे दौलतमंद ब्लैक वुमन का खिताब पाने वाली विन्फ्रे के पास आज करीब 14850 करोड़ रुपये की दौलत है।
    अकेले साल 2012 में विन्फ्रे ने 9.70 अरब रुपये की कमाई की है। एक गरीब घर से ताल्लुक रखने वाली विन्फ्रे के अमीर बनने की कहानी काफी संघर्षपूर्ण है। बचपन में 9 साल की उम्र में विन्फ्रे का कई बार रेप हुआ। ओपेरा और उनके दौलतमंद बनने के बीच का संघर्ष इसके आगे भी जारी रहा। कई बार उनके करीबियों ने उनका शारीरिक शोषण भी किया। वो मात्र 14 साल की उम्र में ही मां भी बन गईं। 
    लेकिन आज ओप्रा विन्फ्रे अपने इतिहास को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे अमीर ब्लैक वुमन बन गईं हैं। विन्फ्रे के रहन-सहन से लेकर उनका घर तक सब राजा-महाराजाओं की तरह है।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    विनफ्रे बहुत ही गरीब परिवार में जन्मी थी। उनका जन्म अमेरिका के मिसीसिप्पी के कोस्कियस्को में 29 जनवरी, 1954 को हुआ था। उनकी मां अविवाहित थीं। वह एक घरेलू नौकरानी थी। विनफ्रे को बचपन में कठिन हालात का सामना करना पड़ा था।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    नौ साल की उम्र में रेप और 14 साल की उम्र में हुई थी गर्भवती : छह साल में विनफ्रे की मां उसे दादी के पास छोड़कर दूसरी जगह चली गई थी। दादी ने उन्हें तीन साल की उम्र के पहले ही पढ़ाना शुरू कर दिया था। वह उन्हें स्थानीय चर्च में ले गई थीं, जहां वह बाइबिल की पंक्तियां बहुत जल्द याद कर लेती थीं। 
    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    बचपन में गरीबी से जूझती विनफ्रे नौ साल की उम्र में ही रेप की शिकार हो गई थीं। यह रेप उनके नजदीकी व्यक्ति ने ही किया था। रिश्ते में वह चचेरा भाई था। इसके बाद चाचा और पारिवारिक दोस्तों ने उनका शारीरिक शोषण किया। 13 साल की उम्र तक ज्यादती का शिकार होती रही विनफ्रे अपने घर से भाग गईं। वह 14 साल की उम्र में ही गर्भवती हो गईं, लेकिन उनके बेटे की मौत गरीबी के कारण हो गई। 


    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    इसके बाद विनफ्रे ने यह बयान दिया कि उनकी फैमिली के लोगों ने उनके साथ धोखा किया है। आखिरकार, विनफ्रे ने लिंकन हाई स्कूल में जाना शुरू किया, लेकिन उनकी अपवार्ड बाउंड प्रोग्राम की आरंभिक सफलता के बाद उन्हें निकोलेट हाईस्कूल ट्रांसफर कर दिया गया। आर्थिक रूप से परेशान विनफ्रे ने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मां के पैसे भी चुराने शुरू कर दिए। इससे   निराश उनकी मां ने उन्हें टेन्नेस्सी स्थित नाशविल में वेरनन के साथ रहने के लिए भेज दिया।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    17 साल की उम्र में विनफ्रे ने मिस ब्लैक टेन्नस्सी ब्यूटी स्पर्धा जीती। इसके बाद स्थानीय ब्लैक रेडियो स्टेशन डब्ल्यू ओएल ने उसे पार्ट टाइम के लिए अनुबंधित कर लिया और वह कॉलेज की दिनों में दो साल तक वहां काम करती रही।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    जन्मजात भाषण की कला ने मददगार बनी पढ़ाई में : 
    विनफ्रे के लिए यह कठिन समय था। वेरन बहुत ही कड़क थी, लेकिन वह उत्साह बढ़ाती थी और उसने विनफ्रे को  शिक्षा का महत्व समझाया। मौका मिलते ही विनफ्रे एक सम्मानित छात्रा के रूप में लोकप्रिय हो गईं। वह ईस्ट नैशविल हाईस्कूल में भाषण देने वाली टीम में शामिल हो गईं और नेशनल स्तर ड्रामेटिक इंटरप्रिटेशन में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने भाषण प्रतियोगिता में जीत हासिल की। उन्हें स्कॉलरशिप मिली, जिससे वह टेन्नस्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर सकीं। यह ऐतिहासिक ब्लैक इंस्टीट्यूशन है, जहां उसने कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    सेल्फ मेड मीडिया मुगल विनफ्रे 100 मिलियन डॉलर के मकान में रहती हैं। 23000 वर्ग फीट में विनफ्रे का यह मकान 42 एकड़ के विशाल भूखंड में बना है। 
    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    अमेरिकी मीडिया की सबसे चर्चित हस्ती विनफ्रे शो होस्ट, मीडिया मालकिन, अभिनेत्री, प्रोड्यूसर और सबसे अधिक अपने चर्चित टाक शो 'द ओपरा विनफ्रे शो' के लिए जानी जाती हैं। 


    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    दुनिया की सबसे अमीर ब्लैक वुमन
    फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक ओप्रा विनफ्रे की संपत्ति 2011 में 290 मिलियन डॉलर से घटकर 125 मिलियन डॉलर रह गई, फिर भी वह दुनिया की सबसे ज्यादा पैसा पाने वाली सेलिब्रिटी बनी हुई हैं। विनफ्रे अपनी परोपकारी कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    ओप्रा विनफ्रे का चर्चित टॉक शो 25 वर्ष तक लगातार चला। एक सप्ताह में दर्शकों की संख्या 40 मिलियन तक पहुंच जाती थी। अकेले रेडियो पर ही 35 मिलियन श्रोता विनफ्रे के इस टॉक शो को सुनते थे। उनका निजी मीडिया हाउस 'द ओप्रा विनफ्रे नेटवर्क ओडब्ल्यूएन' है।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    ऐसे शुरुआत हुई ओप्रा विनफ्रे शो की
    1983 में पहुंची शिकागो : विनफ्रे 1983 में शिकागो पहुंची और यहां उन्होंने ब्ल्यूएलए-टीवी के आधे घंटे का टॉक शो एम शिकागो से शुरुआत किया। यह शिकागो में रैंकिंग में टॉप शो बन गया। इसके बाद फिल्म आलोचक रेजर इबर्ट ने उन्हें किंग वर्ल्ड के लिए राजी कर लिया। इबर्ट ने यह घोषणा कर दी कि विनफ्रे इस टीवी शो के मुकाबले एट द मूवी शो से 40 गुना अधिक कमा सकेंगी। इसके बाद इस प्रोग्राम का नाम बदल कर 'द ओप्रा विनफ्रे शो' कर दिया गया और सयम भी आधा घंटे से बढ़ाकर एक घंटे कर दिया गया। 8 सितंबर, 1986 को इसका पहला प्रसारण शुरू हुआ। इस शो ने अमेरिका में भारी लोकप्रियता हासिल की।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    पहली नौकरी परचून की दुकान में:
    विनफ्रे को पहली नौकरी परचून की एक दुकान में मिली थी। लेकिन वह मीडिया में अपना कॅरियर बनाना चाहती थी। उसने अपनी दादी को इसके बारे में बताया। इसके बाद उसने लोकल मीडिया में काम करना शुरू कर दिया। वह सबसे कम उम्र की न्यूज एंकर थी और पहली ब्लैक वुमन एंकर थी नेश विले्ज के डब्ल्यूएलएसीए-टीवी। इसके बाद विनफ्रे 1976 में बालटमोर्स् के डब्ल्यूजेजेड-टीवी में को-एंकर बन गईं।  इसके बाद विनफ्रे ने डब्ल्यूजेजेड के लोकल टॉक शो पीपुल आर टॉकिंग में रिचर्ड शेर को ज्वाइन करने के लिए को-होस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया।

    कभी परचून की दुकान में करती थी नौकरी, आज बन गई 14850 करोड़ की मालकिन
    दुनिया में दौलत कमाने वालों की कमी नहीं है। कुछ को यह दौलत उनके वंशजों और रियासतों से मिलती है तो कई इस दौलत को खून-पसीना बहाकर कमाते हैं और इस कमाई से वो दुनिया के चंद अमीरों में शामिल हो जाते हैं। एक ऐसी ही महिला है ओप्रा विन्फ्रे। दुनिया की सबसे दौलतमंद ब्लैक वुमन का खिताब पाने वाली विन्फ्रे के पास आज करीब 14850 करोड़ रुपये की दौलत है।
    अकेले साल 2012 में विन्फ्रे ने 9.70 अरब रुपये की कमाई की है। एक गरीब घर से ताल्लुक रखने वाली विन्फ्रे के अमीर बनने की कहानी काफी संघर्षपूर्ण है। बचपन में 9 साल की उम्र में विन्फ्रे का कई बार रेप हुआ। ओपेरा और उनके दौलतमंद बनने के बीच का संघर्ष इसके आगे भी जारी रहा। कई बार उनके करीबियों ने उनका शारीरिक शोषण भी किया। वो मात्र 14 साल की उम्र में ही मां भी बन गईं। 
    लेकिन आज ओप्रा विन्फ्रे अपने इतिहास को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे अमीर ब्लैक वुमन बन गईं हैं। विन्फ्रे के रहन-सहन से लेकर उनका घर तक सब राजा-महाराजाओं की तरह है।

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