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लिखिए अपनी भाषा में

  1. जब सारी दुनिया में पानी और बिजली के बेहतर विकल्पों के लिए उठापटक चल
    रही है तब ब्राजील के एक साधारण से मैकेनिक ने बिजली का पर्यावरण के लिए
    सुरक्षित और बहुत ही सहज विकल्प दे दिया है। उसने मोजर लैंप नाम से चालीस
    या साठ वॉल्ट के बल्ब को जलाने का सस्ता और सुलभ उपाय तलाश कर लिया है।
    इतना ही नहीं मैकेनिक अल्फ्रेड मोजर ने अपने नाम के बल्ब से फिलीपींस की
    गरीबी की रेखा से नीचे रह रही आबादी की जिंदगी को रोशन भी कर दिया है।

    फिलीपींस की एक-चौथाई आबादी गरीबी की रेखा के नीचे हैं जिसके लिए बिजली
    बहुत ही महंगी पड़ती है। लेकिन मोजर लैंप अब फिलीपींस के 1,40,000 घरों
    को रोशन कर रहे हैं। मोजर के इस सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल बल्ब अब
    तेजी से अन्य विकासशील देशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। मोजर ने बीबीसी
    को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि ये एक दिव्य रोशनी है। ईश्वर ने सबके
    लिए सूर्य दिया है। रोशनी हर किसी के लिए है। इसके खोजकर्ता मोजर ने कहा
    कि उनके बल्ब से आप धन की बचत कर सकते हैं। इससे आपको बिजली का करंट भी
    लगता है। और सबसे बड़ी बात इस पर आपका एक पैसा भी खर्च नहीं होता है।
    मोजर सौर ऊर्जा के जरिए सूरज की रोशनी को एक दो लीटर की पानी की
    प्लास्टिक बोतल के जरिए बिजली बनाते हैं।

    इस बोतल में साफ पानी भरा होता है। उन्होंने बताया कि इस पानी में वह दो
    कप ब्लीच डालते हैं ताकि पानी सुरक्षित रहे और ये हरा न होने पाए यानी
    इसमें काई न जमे। बोतल जितनी साफ और पारदर्शी होगी उसका उतना ही अच्छा
    असर होगा। मोजर बोतल के मुहाने पर एक काले रंग का ढक्कन लगाते हैं। फिर
    उसे छत में बने छेद के अंदर फंसाते हैं। फिर वह उसे छत के साथ पालीएस्टर
    टेप से सील कर देते हैं। इससे बारिश होने पर भी छत से पानी नहीं टपकता।
    एक रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों के कई हिस्सों में लाखों परिवार
    अपनी झुग्गियों की नन्हीं खिड़कियों से रोशनी की हल्की से किरण तक को
    तरसते हैं। इसीलिए मोजर को ये विचार सन् 2002 में आया कि जब ब्राजील के
    उनके शहर उबेराबा में बिना बिजली के घुप अंधेरा छा गया था। उन्हें अपनी
    दुकान में रोशनी के लिए किसी अनूठे तरीके की तलाश थी। जैसी ही उन्होंने
    इस जादुई तरीके से बिजली बनाने का तरीखा खोजा उनके साथ ही उनके पड़ोसियों
    और शहर के सुपरमार्केट तक बल्ब से रोशन हो गए।

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  2. पानीपत कोहंड (पानीपत) गांव का एक बालक कौटिल्य अर्थशास्त्र रचयिता के
    नक्शे कदम पर चलने को बेताब है। वह देश के राजनीतिक घटनाक्रमों पर राय
    देने में तनिक भी देरी नहीं लगता। यही नहीं पांच साल आठ माह के इस बच्चे
    को देश दुनिया के आंकड़े जुबानी याद हैं।

    मनोविज्ञान विशेषज्ञ उसे असाधारण बालक का दर्जा दे रहे हैं। पानीपत से
    करीब 18 किमी की दूरी पर कोहंड गांव है। गांव में कौटिल्य के नाम से
    मशहूर यह बालक तीन माह पहले गर्मी की छुट्टियों के दौरान अपने दादा से
    देश दुनिया की बातें पूछने लगा। दादा जी ने जो बात बताई उसे एक ही बार
    में सुनकर स्मृति बैंक में सदा के लिए अंकित कर लिया। कौटिल्य की इस
    प्रतिभा से उनके दादा और पिता हैरान हो गए। विश्व के 213 देशों की
    भौगोलिक सीमाएं, क्षेत्रफल व अन्य तमाम जानकारियां उसे जुबानी याद है।
    सौरमंडल से संबंधित सभी ग्रह व उपग्रह के आंकड़े चंद सेकेंडों में बता
    देता है। देश और प्रांतों की जनसंख्या, भाषा और राजनीतिक घटनाक्रम में भी
    उसे गहरी रुचि है। दादा जय किशन शर्मा ने बताया कि जब तक समझ में नहीं
    आती कौटिल्य दूसरों की बात को जल्द स्वीकार नहीं करता।

    एक बार जब कोई बात समझ में आ जाती है तो उसे कतई नहीं भूलता। खेल खेल
    में करोड़ों के आंकड़े सहजता से याद कर लेता है। विष्णु गुप्त (कौटिल्य)
    से प्रेरित उनका पोता देश के लिए स्वच्छ शासन प्रणाली विकसित करने की चाह
    रखता है। मनोविज्ञान के विशेषज्ञों का दावा है कि कौटिल्य की आइक्यू
    (इंटेलिजेंस कोशंट) 130 से अधिक है। सामान्य बच्चों में यह 90-110 तक पाई
    जाती है। बौद्धिक क्षमता अधिक होने से ही इस नन्हें कौटिल्य को
    मनोविज्ञान की भाषा में गिफ्टेडनेस की उपाधि मिलने वाली है। शरीर के
    मुकाबले मस्तिष्क का आकार थोड़ा बड़ा है। मेडिकल साइंस में परीक्षण के
    बाद ही उसके मस्तिष्क की विशेष कोशिकाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

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  3. लंदन। एक ही पेड़ पर आलू और टमाटर लगे देखकर चौंकिए नहीं। शाकाहारी लोगों
    के लिए ये खोज किसी वरदान से कम नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा
    हाईब्रिड पौधा तैयार किया है जिसमें एक ही समय में लाल रसीले टमाटर और
    आलू दोनों लगते हैं। इसे नाम दिया गया है टॉमटैटो।

    इप्सविच की हार्टिकल्चर कंपनी थांपसन एंड मारगन ने ब्रिटेन के बाजार के
    लिए तैयार किए इस हाईब्रिड पौधे के जीन में कोई परिवर्तन नहीं किया है।
    इसलिए ये दोनों सब्जियां सामान्य आलू और टमाटर जितनी ही स्वादिष्ट और
    पौष्टिक हैं। हालांकि कंपनी का कहना है कि इस पौधे के टमाटर दुकान पर
    बिकने वाले टमाटरों से अधिक स्वादिष्ट होंगे। रायल होर्टीकल्चर सोसाइटी
    (आरएचएस) के गाय बारटर ने बताया कि प्रयोग के तौर पर ब्रिटेन में भी ऐसे
    पौधे तैयार किए गए हैं। लेकिन वाणिज्यिक उपयोग के लिहाज से इतने बड़े
    पैमाने पर आलू-टमाटर की एक ही पौधे से खेती पहली बार की गई है। ऐसी संकर
    प्रजातियों के कई पौधों को ग्राफ्टिंग की तकनीक से तैयार किया गया है।

    हालांकि ये तकनीक पुरानी है पर इससे तैयार पौधों पर उगने वाले फलों और
    सब्जियों का स्वाद अच्छा नहीं होता था। कंपनी के निदेशक पॉल हानसोर्ड ने
    दावा किया कि इसके टमाटरों का स्वाद सामान्य टमाटरों से भी अच्छा है। इस
    पौध पर पिछले एक दशक से काम किया जा रहा है। ये लक्ष्य हासिल करना बहुत
    ही मुश्किल रहा चूंकि टमाटर और आलू के तने दोनों ही समान रूप से पतले
    होने चाहिए थे। ये बहुत ही उच्च प्रशिक्षण से अंजाम दी गई तकनीक है। एक
    ही गमले में उगे टमाटर और आलू पर पैनी नजर रखी गई। ताकि आलू का विकास भी
    सही तरीके से हो।

    कंपनी का कहना है कि पिछले मौसम से ही वह एक साथ पौधे से टमाटर और आलू एक
    साथ उगा रहे हैं। अब दोनों ही सब्जियां पककर पौधे से तोड़ने के लिए तैयार
    हैं। उद्देश्य शक्ति और लचीलापन प्रदान करता है कि एक और की जड़ों के साथ
    फूल या फलने के गुणों का गठबंधन है। इसतरह आलू और टमाटर के रूप में
    अधिकांश पौधों अपनी ही प्रजाति के भीतर संकर किए जाने की जरूरत है, लेकिन
    यह कभी-कभी एक भिन्न रूप लेकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ का जरिया भी
    बन सकता है। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है।

    बहुत से लोग अपने बागानों में कम स्थान के कारण ये तकनीक अपना कर ऐसे ही
    हरी सब्जियां और फल अपने किचन गार्ड या लान में उगाना चाहेंगे। इसीतरह का
    उत्पाद पुटैटो टाम नाम से इसी हफ्ते न्यूजीलैंड में भी एक बगीचे में
    उगाया गया है

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  4. जॉब मार्केट में कॉम्पिटिशन काफी बढ रहा है। कंपनीज में डेली न जाने
    कितने ही क्वॉलिफाइड लोगों के सीवी पहुंचते हैं। जाहिर है, सीवी की इस
    भीड में आपकी सीवी स्पेशल न हो, तो बात बनते-बनते रह सकती है। क्योंकि
    रेज्यूमे ही है, जिसकी वजह से इस क्राउड में आप नोटिस हो पाते हैं। अब
    अगर आप भी ऐसी सीवी बनाना चाहते हैं, जिसे देखते ही एम्प्लॉयर इंप्रेस हो
    जाए, तो बताते हैं आपको कुछ खास टिप्स, जिन्हें फॉलो करके आप पा सकते हैं
    न्यू जॉब..

    बताएं क्वॉलिटीज

    कोई भी कंपनी जॉब देने से पहले देखती है कि वह आखिर आपको ले क्यों? इसके
    लिए सीवी में बताना होगा कि आपके पास उस पोस्ट के लिए क्वॉलिटी क्या है?
    अपनी क्वॉलिटी को पहले पहचानें, फिर दो या तीन सेंटेंस में उसे लिखें। आप
    कंपनी की ग्रोथ में किस तरह हेल्पफुल हो सकते हैं, इसे डिस्क्राइब करना
    भी जरूरी है। यहां इस बात का ध्यान रखें कि सीवी में वही लिखें जो आप कर
    सकते हैं। आपकी क्वॉलिफिकेशन खुद बता देगी कि आप क्या कर सकते हैं।

    अचीवमेंट्स करें हाईलाइट

    सीवी में सबसे पहले उन अचीवमेंट्स को शामिल करें, जो दूसरी कंपनी में जॉब
    के समय या स्टूडेंट लाइफ में हासिल कर चुके हैं। रेज्यूमे के पहले
    पैराग्राफ में इनकी डिटेल होगी, तो एचआर पर्सन की नजर सबसे पहले इसी पर
    पडेगी और इन्हें देखकर वह आपको इंटरव्यू या टेस्ट के लिए चूज कर लेगा।
    ध्यान रखें, अचीवमेंट्स को बहुत डिटेल में लिखने की जरूरत नहीं है।

    एक्सपीरियंस मैटर्स

    ज्यादातर कंपनियां जॉब के लिए उन्हीं को प्रॉयरिटी देती हैं, जिनके पास
    एक्सपीरियंस होता है। सीवी में अपने एक्सपीरियंस को एक सीरीज में लिखें।
    अगर पॉसिबल हो, तो जिन कंपनियों में वर्क किया है, उनके नाम के साथ उनकी
    डिवीजन का एड्रेस भी लिख दें। चाहें तो, इसमें अपने उस हेड का नाम भी
    शामिल कर सकते हैं, जिसके गाइडेंस में आपने वहां वर्क किया है।

    डिस्क्राइब पर्सनल प्रोजेक्ट

    अधिकतर सीवी लगभग एक जैसे ही होते हैं। इसमें चेंज कैसे किया जाए, यह एक
    बडा क्वैश्चन है। अगर आपने अपना कोई पर्सनल प्रोजेक्ट बनाया है, चाहे वह
    किसी भी फील्ड से रिलेटेड हो, तो उसे सीवी में जरूर मेंशन करें। एचआर
    डिपार्टमेंट को सीवी में नई चीज की तलाश रहती है। जिस प्रोजेक्ट को मेंशन
    किया है, उसके बारे में इंटरव्यू के दौरान निश्चित ही आपसे कुछ न कुछ
    जरूर पूछा जाएगा और अगर आपने अपने आंसर से इंटरव्यूवर को सेटिस्फाई कर
    दिया, तो समझिए जॉब पक्की।

    मेंशन करियर ग्रोथ

    सीवी में एक पैरा में अलग से वर्क एक्सपीरियंस के दौरान अपनी ग्रोथ को
    जरूर हाईलाइट करें। जब-जब आपको प्रमोशन मिला हो, आउट ऑफ टर्म इंक्रीमेंट
    मिला हो, तो उसके बारे में कुछ न कुछ एक-दो लाइन में जरूर लिखें। इन
    चीजों से पता चलता है कि वर्क को लेकर आप कितने सिंसियर रहते हैं।
    कंपनियां लोगों को प्रमोशन उनके क्वॉलिटी वर्क के बेस पर ही देती हैं।
    इसका बेनिफिट नई कंपनी में भी आपको मिलेगा। सीवी में इन चीजों का ध्यान
    रखेंगे, तो जॉब मार्केट में जॉब के लिए ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी
    पडेगी।

    एक्सपर्ट ओपिनियन

    रिज्यूमे में सबसे इंपॉर्टेट प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और एजुकेशन होती है।
    इन्हें सबसे पहले हाईलाइट करें। सीवी पूरी तरह प्रोफेशनल लैंग्वेज में हो
    और उसमें किसी भी तरह की एरर नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह एक मार्केटिंग
    टूल है। अगर आपने लाइफ में कुछ खास अचीवमेंट्स हासिल किए हैं, तो उन्हें
    सीवी में हाईलाइट करना कभी न भूलें।

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  5. होम सिक्योरिटी सिस्टम

    आपके पीसी का वेबकैम आपकी ऐबसेंस में घर या ऑफिस में होने वाली
    एक्टिविटीज पर नजर रखेगा और इसकी लाइव फीड को आप दूर बैठे किसी भी पीसी
    पर देख सकेंगे। इससे आपका वेबकैम रिमोट सिक्योरिटी सिस्टम में कन्वर्ट हो
    जाएगा। साथ ही, मोशन सेंसिंग फीचर से जैसे ही चलती-फिरती चीज नजर आएगी तो
    वह तुरंत रिकॉर्डिग शुरू कर देगा।

    वेबसाइट : www.yawcam.com

    www.vitamindinc.com

    लिनक्स यूजर्स : www.lavrsen.dk

    फेस को बनाएं पासवर्ड

    पीसी में फेस रिकग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद जैसे ही
    कंप्यूटर के सामने बैठेंगे, वह वेबकैम की मदद से खुद ही लॉग-इन कर देगा,
    यानी आपका चेहरा पासवर्ड का काम करेगा।

    वेबसाइट : www.keylemon.com

    luxand.com/blink

    bananascreen.en.softonic.com

    ऑप्टिकल करेक्टर रिकग्नाइजेशन

    आप अब वेबकैम से किताब, नोट्स या बिजनेस कार्ड को रियलटाइम टेक्स्ट में
    कन्वर्ट कर सकते हैं। यूजर वेबकैम को ओसीआर यानी ऑप्टिकल करेक्टर
    रिकग्नाइजेशन की तरह भी यूज कर सकते हैं और माइक्रोसॉफ्ट डॉक्यूमेंट
    इमेजिंग, गूगल डॉक्स, एबी फाइन रीडर और एवरनोट की हेल्प से इमेज को
    टेक्स्ट में कन्वर्ट कर सकते हैं।

    वेबसाइट : www.abbyy.com

    evernote.com

    वीडियो ई-मेल

    आप फ्रेंड्स-रिलेटिव्स से ईमेल या चैट से कॉन्टैक्ट में रहते होंगे। अगर
    उनके पीसी में वेबकैम नहीं है, तो वीडियो चैटिंग मुश्किल है, लेकिन आप
    उन्हें वीडियो ई-मेल कर सकते हैं। आईजॉट सॉफ्टवेयर वेबकैम के जरिए
    रिकॉर्डिग करके उसे फ्रेंड्स या रिलेटिव्स को मेल कर सकते हैं। साथ ही,
    अगर रिलेटिव के पास एंड्रॉयड या आईफोन है, तो वह आपके वीडियो ईमेल को फोन
    पर ही एक्सेस कर सकता है।

    वेबसाइट : www.eyejot.com

    फोटोबूथ

    कैमरॉयड एक वेब बेस्ड फोटो एप्लीकेशन है, जहां यूजर सीधे लॉग-इन करके
    अलग-अलग फोटो इफेक्ट्स के साथ अपनी फोटो खींच सकते हैं। इसके लिए कोई
    सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है। यहां फोटो इफेक्ट्स के अलावा
    कई फिल्टर्स और फ्रेम्स भी हैं।

    वेबसाइट : www.cameroid.com

    www.seenly.com

    www.webcammax.com

    www.shiningmorning.com

    हैंडराइटिंग को बनाएं फॉन्ट

    आप यूजर वेबकैम की हेल्प से खुद की हैंडराइटिंग में फॉन्ट भी बना सकते
    हैं। यूजर इन फॉन्ट्स को पर्सनल टच देने के लिए ईमेल या डॉक्यूमेंट्स में
    यूज कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर टैंपलेट डाउनलोड कर लें और अपनी
    राइटिंग में टैंपलेट फिल कर दें। इसके बाद वेबकैम से स्कैन कर फॉन्ट को
    साइट पर अपलोड कर दें और टीटीएफ फॉर्मेट में सेव कर लें।

    वेबसाइट : www.myscriptfont.com

    बारकोड रीडर

    अपने स्मार्टफोन पर बारकोड या क्यूआर कोड को एप्स की हेल्प से रीड करना
    आसान है। आप अपने पीसी के वेबकैम पर भी इसे आजमा सकते हैं। बस वेबकैम को
    बारकोड या क्यूआरकोड के सामने रखें। सॉफ्टवेयर कुछ ही सेकंड में छिपे हुए
    कंटेन्ट को पढ लेगा।

    वेबसाइट : www.bcwebcam.de

    बनाएं टाइम लेप्स वीडियो

    टाइम लेप्स फोटोग्राफी टेक्नोलॉजी है, जिससे मोशन में मल्टीपल
    फोटोग्राफ्स लिए जाते हैं। इन फोटोग्राफ्स में मोशन का आभास होता है।
    इसके लिए आपका टेक्नोसेवी होना जरूरी नहीं। यह काम वेबकैम और सॉफ्टवेयर
    खुद कर लेंगे।

    वेबसाइट :

    sourceforge.net/projects/tilaphos

    3डी गेमिंग

    वेबकैम के साथ गेमिंग के लिए पीसी में एडोब फ्लैश प्लेयर डाउनलोड करना
    होगा। इंटरनेट पर ऐसे ऑनलाइन गेम्स हैं, जिनमें वेबकैम यूज कर सकते हैं।
    यहां तक कि 3डी इफेक्ट्स वाले गेम्स भी।

    वेबसाइट : www.newgrounds.com

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  6. 1. सही रास्ता चुनें

    हम तभी कुछ हासिल करते हैं, जब एक टारगेट बनाकर उसी ओर चलते रहते हैं।
    ऐसा करने से हमें सक्सेस मिलती है, लोग हमारी तारीफ करते हैं। हमारी
    कामयाबी का गुणगान भी करते हैं। हमें भी खुशी मिलती है, लेकिन यह तभी
    संभव है, जब हम सही रास्ते पर चलें। इस बात का ध्यान रखें कि गलत रास्ते
    पर चलकर कभी सक्सेस नहीं मिल सकती। करियर बनाने के लिए हमें बस एक ही राह
    पर चलना चाहिए। बस, उसी राह को पकडकर आप भी आगे बढते रहें।

    2. जरूरी हैं एटिकेट्स

    बहुत से लोग कहते हैं कि जो व्यक्ति अच्छा इंसान नहीं बन सका, वह भला
    रेस्पेक्ट कैसे हासिल कर सकता है। आप अच्छे इंसान बनेंगे, अच्छे-बुरे का
    ध्यान रखेंगे, तभी लोग आपकी अच्छाइयों को देखकर आपकी तारीफ करेंगे। अगर
    आप किसी से सम्मानजनक भाषा में बात नहीं करेंगे, समझदारी नहीं दिखाएंगे,
    तो सक्सेस भी आपके पास नहीं आएगी। आपको न तो सोशल माना जाएगा और न ही
    किसी खुशी में आपको शरीक होने दिया जाएगा। इन बातों से भी जुडी हुई है
    आपकी सक्सेस। अगर आप मा‌र्क्स लाने में परफेक्ट हैं, लेकिन बिहेवियर ठीक
    नहीं है, तब भी आपकी राह में बैरियर आएंगे। इसी बिहाफ पर सेलेक्शन करने
    वाले सीनियर्स आपको रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर आपने स्माइल के साथ सही
    आंसर दिया, तो सक्सेस श्योर है।

    3. लीक से हटकर

    काम तो सभी करते हैं, लेकिन हमें ऐसा कुछ करना है, जिसे देख कर दुनिया
    कहे- वाह, यह तो कमाल हो गया। तभी आपकी ओर लोगों का ध्यान खिंचेगा।
    दुनिया में आप जाने जाएंगे और इसी के साथ आपके घर तक कामयाबी आ जाएगी।
    सामान्य कामों में वक्त जाया करना अच्छी बात नहीं है। अगर खुद को अलग
    दिखाना है, तो आपको अलग करना ही होगा और इसके लिए जरूरी है, अच्छी सोच के
    साथ प्रॉपर तैयारी। एक्टिंग की दुनिया में बलराज साहनी, ओमपुरी, नसीर जी,
    दिलीप कुमार, अशोक कुमार अमिताभ बच्चन का ही नाम क्यों लिया जाता है?
    इसीलिए न कि उन्होंने अपने काम को उस बखूबी के साथ अंजाम दिया, जो बाकी
    लोगों के बस की बात नहीं थी।

    4. राइट डिसीजन

    कोई भी काम शुरू करने से पहले उसके बारे में सोचें जरूर। सबसे पहले यह
    डिसाइड करें कि वर्क शुरू कैसे करना है? अगर हम सही डिसीजन लेंगे, तो
    क्वॉलिटी वर्क भी होगा और काम में अडचन भी नहीं आएगी। मुश्किल वक्त में
    लिया गया हमारा डिसीजन और कॉन्फिडेंस ही हमें सक्सेस दिलाता है। हमारी
    लाइफ में हर टाइम कोई न कोई मुसीबत आती है, लेकिन हम सही डिसीजन लेकर
    उससे आसानी से निपट सकते हैं।

    5. सच के साथ रहें

    अगर आप झूठ का सहारा लेते हैं, तो बहुत बडी गलती कर रहे हैं। कई बार ऐसा
    होता है कि बच्चे करते कुछ हैं और घर में बताते कुछ और हैं। इससे दूसरे
    का नुकसान नहीं होता। आपकी जिंदगी का गोल्डेन पीरियड होता है जब आप युवा
    होते हैं। यंग एज में लिया गया आपका एक सही डिसीजन आपकी जिंदगी को स्वर्ग
    बना सकता है और अगर डिसीजन गलत लिया है तो नर्क। इसलिए हमेशा सच की राह
    पर ही चलें।

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  7. दुनियाभर में हर दो मिनट पर एक बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है. यह
    जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है. समाचार एजेंसी एकेआई के अनुसार,
    अध्ययन में कहा गया है कि अकेले इटली से हर वर्ष कम से कम 80,000 पर्यटक
    बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए विदेशों, खास तौर से विकासशील
    देशों की यात्राएं करते हैं.

    एकपैट इटालिया के अध्ययन के मुताबिक, दुनियाभर में हर दो मिनट पर एक
    बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है. अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है, 'बाल
    वेश्यावृति, बाल यौन पर्यटन, बाल अश्लीलता और यौन शोषण के लिए बच्चों की
    तस्करी अब पुरानी बातें हो चुकी हैं.

    इन दिनों गरीब विकासशील राष्ट्रों और यहां तक कि इटली जैसे संपन्न
    राष्ट्र बाल प्रेमियों की बढ़ती तादाद के कारण बच्चों की तस्करी के लिए
    उपयुक्त बाजार बन रहे हैं.' रिपोर्ट के अनुसार तस्करी के शिकार गुलामों
    में पांचवा हिस्सा बच्चे हैं. एकपैट 70 देशों में अपने नेटवर्क और शाखा
    के जरिए दूसरे देशों के संस्थानों, एजेंसियों के सहयोग से बच्चों और
    किशोरों के यौन शोषण के खिलाफ संघर्षरत है.

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  8. भारत में सूचीबद्ध कंपनियों में सन टीवी के प्रमोटर कलानिधि मारन तथा
    उनकी पत्नी कावेरी बीते वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा वेतन पैकेज पाने वाले
    कार्यकारियों में हैं. इन दोनों में प्रत्येक का सालाना वेतन पैकेज 56.25
    करोड़ रुपये रहा.

    इस सूची में इन दोनों ने जिंदल स्टील एवं पावर के सीएमडी नवीन जिंदल को
    भी पीछे छोड़ दिया है. हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर
    तीनों के वेतन पैकेज पर दिख रहा है. तीनों ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना
    में इस बार कम पैकेज लिया. सूची में तीसरे स्थान पर रहे जिंदल का वेतन
    पैकेज 2012-13 में 54.98 करोड़ रुपये रहा, 2011-12 में उन्‍हें 73.42
    करोड़ रुपये का पैकेज मिला था. इसी तरह मारन दंपति के पैकेज में एक फीसदी
    की कटौती हुई.

    दिलचस्प तथ्य यह है कि इस सूची में शीर्ष स्थान पर मारन और जिंदल पिछले
    चार साल से बने हुए हैं. मारन 2009-10 और 2012-13 में सूची में शीर्ष में
    रहे, वहीं जिंदल 2010-11 और 2011-12 में सूची में शीर्ष पर रहे.

    आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को उनकी पांच सूचीबद्ध
    कंपनियों ने 49.62 करोड़ रुपये का वेतन पैकेज दिया और वह सूची में पांचवे
    स्थान पर रहे. हीरो मोटो कार्प के बृजमोहन लाल मुंजाल को 32.72 करोड़
    रुपये का वेतन पैकेज मिला. पवन मुंजाल को 32.80 करोड़ रुपये और सुनीलकांत
    मुंजाल को 31.51 करोड़ रुपये का वेतन पैकेज मिला.

    बीते वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा वेतन पैकेज पाने वाले 10 शीर्ष
    कार्यकारियों का पैकेज मात्र 4 फीसदी यानी 15 करोड़ रुपये बढ़ा और यह 402
    करोड़ रुपये रहा.

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  9. आने वाले समय में अगर आप अपना शहर और राज्‍य बदलते हैं फिर भी आपको अपना
    मोबाइल नंबर नहीं बदलना पड़ेगा. दूरसंचार नियामक ट्राई अगले छह महीने में
    मोबाईल नंबर पोर्टेबिलिटी को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर लागू करने की योजना पर
    काम कर रहा है.

    राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस सेवा के लागू हो जाने के बाद ग्राहक अगर एक
    सर्किल से दूसरे सर्किल में जाते हैं फिर भी उनको अपना मोबाइल नंबर नहीं
    बदलना पड़ेगा. एक ही सर्किल में नंबर पोर्टिब‍िलिटी की सुविधा तो अभी
    मौजूद है लेकिन सर्किल बदलने पर यह सुविधा अभी मौजूद नहीं है.

    इस सेवा का राष्‍ट्रीय स्‍तर पर शुरू होने का मतलब यह हुआ कि अगर दिल्‍ली
    में रहने वाला कोई व्‍यक्ति मुंबई चला जाता है फिर भी उसको अपना मोबाइल
    नंबर बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वह व्‍यक्ति मुंबई में सेवा दे रहे
    किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवा अपने पुरोन मोबाइल नंबर पर ले सकता है.

    ट्राई ने इस सेवा को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर लागू करने के लिए टेलीकॉम
    कंपनियों की राय मांगी थी. इससे संबंधित सभी पहलुओं का मुआयना करने के
    बाद ट्राई ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एमएनपी को लागू करने के लिए अपनी
    सिफारिशें दूरसंचार विभाग को सौंप दी है.

    इस सेवा को शुरू करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को छह महीने का समय दिया
    जाएगा. ट्राई की सिफारिशों को लागू करने के लिए डिपार्टमेंट आफ टेलीकॉम
    एमएनपी से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव भी कर सकता है.

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  10. मोबाइल कंपनियों के बढ़ते टैरिफ प्‍लान और कॉल रेट के चलते एसटीडी और
    आईएसडी कॉल करने में आपका काफी पैसा खर्च हो जाता होगा। ऐसे में अगर फ्री
    में कॉल करने को मिल जाए तो भला कौन नहीं करना चाहेगा हम आपको आज एक ऐसी
    ट्रिक के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप न सिर्फ देश में बल्‍कि
    विदेशों में भी फ्री कॉल कर सकेंगे। अगर आपके पास अपना लैपटॉप या फिर
    पीसी है और साथ में इंटरनेट कनेक्‍शन भी है तो आपको कॉल करने के लिए फोन
    से नंबर डॉयल करने की कोई जरूरत नहीं क्‍योंकि ऑनलाइन स्‍काइप और याहू की
    मदद से आप कहीं भी फ्री कॉल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपने पीसी
    में याहू मैसेंजर और स्‍काइप इंस्‍टॉल करें। स्‍काइप और याहू को इंस्‍टॉल
    करने के लिए गूगल सर्च की मदद से इनके लेटेस्‍ट वर्जन ही डाउनलोड करें
    ताकि आपको सभी फीचर मिल सकें।

    अब अगर आपका याहू आईडी हैं तो अपनी याहू आईडी और पासवर्ड डालकर उसमें
    लॉगइन करें, अगर याहू या फिर स्‍काइप में एकाउंट नहीं है तो सबसे पहले
    अपना एक एकाउंट बनाएं। एकाउंट बन जाने के बाद दोनों में से किसी भी
    एकाउंट में लॉगइन करें। लॉगइन करने से पहले ध्‍यान रखें आपके पास एक माइक
    हेडसेट होना चाहिए जिससे आप बात कर सकें। याहू मेसेंजर में लॉग इन करने
    के बाद आपको स्‍क्रीन पर 18003733411 डायल का ऑप्‍शन दिखेगा जिसमें क्लिक
    करें और कंप्‍यूटर द्वारा बोले गए सभी इंस्‍ट्रक्‍शन को ध्‍यान से सुनें।
    ये एक तरह का वेलकम मैसेज होगा, मैसेज में आपको फ्री 411 सर्विस चुनने को
    कहा जाएगा। कंप्‍यूटर द्वारा बोले जा रहे मैसेज को ध्‍यान से सुनें और
    जैसे ही "फ्री कॉल" के बारे में कंप्‍यूटर कहे वैसे ही आप भी "फ्री कॉल"
    हेडसेट लगाकर दोहराएं । फ्री कॉल बोलने पर कंप्‍यूटर आपकी आवाज को
    डिटेक्‍ट कर लेंगा। बाद में आप जिस नंबर पर फ्री कॉल करना चाहते हैं वो
    नंबर डायल करके फ्री कॉल कर सकते हैं।





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  11. जल्‍द आप अपने मोबाइल में यू टयूब एप्‍लीकेशन की मदद से बिना इंटरनेट के
    वीडियो देख सकेंगे। रिपोर्ट के अनुसार गूगल इसके लिए एप्‍लीकेशन में एक
    ऑप्‍शन देगा, अगर यूजर किसी वीडियो को बाद में देखना चाहता है तो वो उसे
    ऐड टू डिवाइस ऑप्‍शन सलेक्‍ट करके वीडियो को बाद में बिना इंटरनेट के देख
    सकता है। गूगल ने अपने नोट में कहा है यूजर ऑफलाइन वीडियो को 48 घंटे तक
    ही देख सकेगा इसके बाद यूजर को इंटरनेट कनेक्‍टीविटी की जरूरत पड़ेगी। यू
    ट्यूब की मेल के अनुसार यूजर बिना इंटरनेट कनेक्‍टीविटी के वीडियो 48
    घंटे तक ही देख सकता है लेकिन अगर उसे वीडियो देखने की अवधि बढ़ानी है तो
    उसे दुबारा नेट कनेक्‍ट करके वहीं वीडियो रीफ्रेश करना होगा।

    रीफ्रेंश करने के बाद यूजर वहीं वीडियो दोबारा 48 घंटे तक देख सकेगा। अगर
    यू ट्यूब को होने वाले फायदे की बात की जाए तो जब भी यूजर कोई ऑफलाइन
    वीडियो देखेगा उससे पहले उसके स्‍क्रीन पर कुछ विज्ञापन दिखेंगे जिससे यू
    ट्यूब को फायदा होगा। यू ट्यूब के अनुसार इसमें सिर्फ इन स्‍ट्रीम ऐड ही
    आएंगे बाकी किसी भी तरह के ऐड फार्मेट एप्‍लीकेशन में नहीं दिखेंगे। यू
    ट्यूब इस नई सर्विस को नवंबर तक लांच कर देगा। ऑफ लाइन मोड में देखे जाने
    वाले वीडियो में मूवी और ऐसा कोई कंटेंट नहीं देखा जा सकेगा जिसे खरीदने
    की जरूरत पड़े।


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  12. आज के समय में चीजें बहुत तेजी से बदल रहीं हैं, साथ ही बदल रहा हमारे
    आस-पास का परिवेश। पहले के समय में हर चीज का एक वक्‍त होता था, मसलन
    शादी ब्‍याह, नौकरी हर बात का ए‍क नीयत समय होता था। लेकिन आज ऐसा बिलकुल
    नहीं हैं जिस प्रकार से समय की रफ्तार बढ़ रही है वैसे ही इंसानी जरूरतें
    बढ़ती जा रही हैं और वक्‍त का दयारा सिमट कर रह गया है। इस फास्‍ट लाईफ
    में एक बात जो कि हर किसी के जेहन में रहती है वो है रोजगार, जी हां,
    रोजगार की चिंता हर किसी को है।


    आज के समय में लगभग सभी कंपनियां अपने उत्‍पाद से जुड़ी हुई बातों के
    समाधान के लिए अपने ग्राहकों के बीच एक तार जोड़ने की कोशिश में लगी हुई
    हैं। वहीं ग्राहक भी जब कोई उत्‍पाद खरीदता है तो वो चाहता है कि उन्‍हें
    भविष्‍य में कोई भी परेशानी आये तो वो उक्‍त कंपनी के कस्‍टमर स्‍पोर्ट
    से बात कर सकें और समस्‍या का समाधान कर सकें। इस मामले में आप किसी फर्म
    से जुड़ सकतें हैं जो कि आपको ऑनलाईन कस्‍टमट एक्‍जीक्‍यूटिव के तौर पर
    ग्राहकों के सामने पेश करता है। इस कार्य में आपको ऑनलाई मेल या फिर चैट
    के माध्‍यम से जानकारी दी जायेगी और आपको उक्‍त ग्राहक से बात कर उसे
    सलाह देनी होगी। ऐसी ही एक वेबसाई (www.talk2rep.com) है। इस तरह आप घर
    बैठे ही पैसे कमा सकतें हैं।


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  13. फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि मकड़ी के जाले से बने
    सूक्ष्म ट्यूब में उष्मा और बिजली का संचार हो सकता है. फ्लोरिडा
    विश्वविद्यालय के भौतिकशास्त्री ईडन स्टीवन को मकड़ी के जाले और कार्बन
    नैनोट्यूब पर किए गए प्रयोग आश्चर्यजनक और पर्यावरण अनुकूल परिणाम मिले.

    स्टीवन ने कहा कि यदि हम विज्ञान के मूल को समझ जाए और जानें की प्रकृति
    कैसे काम करती है तो हम इसका प्रयोग करने की विधि समझ सकेंगे. इसके
    प्रयोग से हम नई स्वच्छ तकनीक का विकास कर सकेंगे. यह नई खोज शोध पत्रिका
    नेचर कम्युनिकेशंस में ऑनलाइन प्रकाशित हुई है.

    नैनोट्यूब को कार्बन की एक परमाणु के आकार की मोटाई वाली चादर के तौर पर
    समझा जा सकता है, जिसे मोर कर गोल कर एक नली बनाई गई है. नैनोट्यूब की
    चौड़ाई मनुष्य के बाल से 10 हजार गुना कम होती है. भौतिकशास्त्री ने कहा
    कि जब कोई चीज इतना सूक्ष्म हो, तो यह काफी अजीब व्यवहार करती है.

    स्टीवन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस नई खोज को कई जगहों पर इस्तेमाल किया
    जा सकता है. इसका उपयोग ह्यूमिडिटी सेंसर, स्ट्रेन सेंसर, वजन को उठाने
    और बिजली के तार की तरह किया जा सकता है.


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