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  1. अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि
    आप साइबर अपराधियों के निशाने पर हो सकते हैं. त्योहारों के मौके पर
    साइबर क्राइम के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें साइबर अपराधी इंटरनेट
    इस्तेमाल करने वालों को अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं.

    कंप्‍यूटर या स्मार्टफोन की स्क्रीन पर पूरी दुनिया का बाजार सिमट आया
    है. लोग ऑनलाइन शॉपिंग का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि जो लोग
    ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर पूरी तरह से बेफिक्र हैं, वे सावधान हो जाएं,
    क्योंकि साइबर अपराधी की नज़र आप पर हो सकती है.

    नॉर्टन बाई सीमनटेक के कंट्री मेनेजर रितेश चोपड़ा कहते हैं, 'अभी दिवाली
    का टाइम है, हमने कुछ ऐसे केस देखे हैं जहां ईमेल भेजी गई हैं और फेक
    डोमेन नेम यूज किया गया है, ताकि ग्राहक उस ईमेल को खोलें और उस साइट पर
    जाएं जहां फेक डोमेन नेम यूज किया गया है.

    ये मेल पॉपुलर ब्रांड के नामों से भेजे गए हैं और इन पर 80 फीसदी
    डिस्काउंट भी दिए गए हैं, ताकि लोग दिवाली पर नई चीजें खरीदें.

    ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार ही इतना बड़ा है कि साइबर अपराधी इस बाजार में
    अपने शिकार की फिराक में रहते हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत में ऑनलाइन
    शॉपिंग का बाजार 4 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.

    ऐसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डी. एस. रावत कहते हैं, 'ऑनलाइन शॉपिंग
    हिंदुस्तान में धीरे-धीरे वेस्टर्न पैटर्न पर आ गई है, इसमें बहुत ज्यादा
    बढ़त आई है. एक अनुमान के मुताबिक इसमें 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है,
    कुछ आंकड़ों के मुताबिक यह 4 हजार करोड़ रुपये का बाजार हो गया है.

    आजकल ऑनलाइन ऑफर्स की बरसात करने वाले ई-मेल्स का आना आम बात है लेकिन
    इसमें से कई ई-मेल आपको गलत वेबसाइट की तरफ ले जा सकते हैं. अगर आपने
    इनमें अपनी जानकारी दे दी तो साइबर अपराधी इसका फायदा उठा सकते हैं. इस
    तरह के मामलों को स्पियर फिशिंग कहते हैं.

    यूं बचें ऑनलाइन शॉपिंग में धोखा खाने से:
    - अनजान वेबसाइट पर शॉपिंग न करें.

    - डिस्काउंट्स के चक्कर में पड़कर किसी स्कैम का शिकार न हों.

    - पेमेंट करते हुए सचेत रहें.

    - किसी और के मोबाइल फोन से शॉपिंग करना भी खतरनाक हो सकता है.

    - अनसेक्योर्ड इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट या शॉपिंग के लिए न करें.

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  2. एक बार की बात है एक कबूतर पेड़ की डाल पर बैठा था। वो पेड़ नदी के
    किनारे था। कबूतर ने डालपर बैठे बैठे देखा कि नदी के पानी में एक चींटी
    बहती जा रही है। वह बेचारी बार बार किनारे आने की कोशिश करती है लेकिन
    पानी की धारा बहुत तेज है जिससे वो किनारे नहीं आ पा रही है। ऐसा लगता है
    कि चींटी थोड़ी देर में पानी में डूबकर मर जायेगी। कबूतर को दया आ गयी।
    उसने अपनी चोंच से एक पत्ता तोड़कर चींटी के पास पानी में गिरा दिया।
    चींटी उस पत्ते पर चढ़ गयी। पत्ता बहकर किनारे आ गया। इस तरह चींटी की
    जान बच गयी। चींटी ने मन ही मन कबूतर का धन्यवाद किया।

    उसी समय एक बहेलिया वहाँ आया और पेड़ के नीचे छुपकर बैठ गया। कबूतर ने
    बहेलिये को नहीं देखा। बहेलिया अपना बांस कबूतर को फँसाने के लिए ऊपर
    बढाने लगा। चींटी ने यह सब देखा तो वो पेड़ की और दौड़ी। वह बोल सकती तो
    जरूर बोलकर कबूतर को सावधान कर देती लेकिन वह बोल नहीं सकती थी। चींटी ने
    सोचा कबूतर ने मेरी जान बचायी थी इसलिए मैं भी इसकी जान बचाउंगी। पेड़ के
    नीचे पहुंचकर चींटी बहेलिये के पैर पर चढ़ गयी और उसने बहेलिये के पैर
    में पूरे जोर से काटा। चींटी के काटने से बहेलिया हिल गया और उसका बाँस
    भी हिल गया। जिससे पेड़ के पत्तों की आवाज से कबूतर सावधान होकर उड़ गया।
    इस तरह से कबूतर को अपनी नेकी का फल मिल गया और उसकी जान बच गयी।

    सीख : जो संकट में पड़े लोगों की सहायता करता है, उसपर संकट आनेपर उसकी
    सहायता भगवान् अवश्य करते हैं।

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  3. एक युवक एक किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास गया. किसान
    ने उसकी ओर देखा और कहा, " युवक, खेत में जाओ. मैं एक- एक करके तीन बैल
    छोड़ने वाला हूँ. अगर तुम तीनों बैलों में से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो
    तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा."युवक खेत में बैल की पूँछ
    पकड़ने की मुद्रा में खड़ा हो गया. किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा
    खोला और एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला. युवक ने ऐसा बैल
    पहले कभी नहीं देखा था. उससे डर कर युवक ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल
    का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल
    गया.

    दरवाजा फिर खुला. आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा और भयंकर बैल
    निकला. युवक ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था. फिर उसने एक ओर
    होकर बैल को निकल जाने दिया.
    दरवाजा तीसरी बार खुला. युवक के चहरे पर मुस्कान आ गई. इस बार एक छोटा और
    मरियल बैल निकला. जैसे ही बैल युवक के पास आने लगा, युवक ने उसकी पूँछ
    पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले. पर उस बैल
    की पूँछ थी ही नहीं.

    इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जिन्दगी अवसरों (opportunities) से
    भरी हुई है. कुछ सरल हैं और कुछ कठिन. पर अगर एक बार अवसर गवां दिया तो
    फिर वह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा. अतः हमेशा प्रथम अवसर को हासिल करने का
    प्रयास करना चाहिए.

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  4. ग़लतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
    दोनो इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नही ... !
    " तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,

    अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही " ... !!
    " ग़लत फ़हमियों ने कर दी दोनो मैं पैदा दूरियाँ,
    वरना फितरत का बुरा तू भी नही, मैं भी नही...!


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  5. Quote 1: A fanatic is one who can't change his mind and won't change
    the subject.

    In Hindi : कट्टरपंथी वो होता है जो अपना दिमाग बदल नहीं सकता
    और विषय वो बदलता नहीं है .


    Quote 2: A joke is a very serious thing.

    In Hindi : मज़ाक एक बहुत ही गंभीर चीज होती है .


    Quote 3: A pessimist sees the difficulty in every opportunity; an
    optimist sees the opportunity in every difficulty.

    In Hindi : एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखाई देती है
    ; एक आशावादी को हर कठिनाई में अवसर दिखाई देता है .


    Quote 4: A politician needs the ability to foretell what is going to
    happen tomorrow, next week, next month, and next year. And to have the
    ability afterwards to explain why it didn't happen.

    In Hindi : एक राजनीतिज्ञ में ये क़ाबिलियत होनी चाहिए की वो
    पहले से बता सके कि कल ,अगले हफ्ते , अगले महीने ,और अगले साल
    क्या होने वाला है . और उसमे ये क्षमता होनी चाहिए की बाद में
    वो बता सके कि ऐसा क्यों नहीं हुआ .

    Quote 5: A prisoner of war is a man who tries to kill you and fails,
    and then asks you not to kill him.

    In Hindi : एक युद्ध्बन्धी वो व्यकी होता है जो तुम्हे मारना
    चाहता है , पर मार नहीं पता ,और फिर तुमसे कहता है कि उसे मत
    मारो .


    Quote 6: All the great things are simple, and many can be expressed in
    a single word: freedom, justice, honor, duty, mercy, hope.

    In Hindi : सभी महान चीजें सरल होती हैं ,और कईयों को एक शब्द
    में व्यक्त किया जा सकता है : स्वतंत्रता ,न्याय , सम्मान ,कर्तव्य
    ,दया , आशा .


    Quote 7: Although prepared for martyrdom, I preferred that it be postponed.

    In Hindi : हालांकि मैं शहीद होने को तैयार हूँ पर मैं चाहूँगा
    कि वो स्थगित हो जाये .

    Quote 8: Attitude is a little thing that makes a big difference.

    In Hindi : नजरिया एक छोटी सी चीज होती है जो बड़ा फ़रक डालती है .


    Quote 9: Courage is rightly esteemed the first of human qualities…
    because it is the quality which guarantees all others.

    In Hindi : साहस मानवीय गुणों में प्रमुख है क्योंकि ….ये वो गुण
    है जो बाकी सभी गुणों की गारंटी देता है .


    Quote 10: Difficulties mastered are opportunities won.

    In Hindi : दिक्कतों को पार पाना अवसरों को जीतना है .


    Quote 11: Eating words has never given me indigestion.

    In Hindi : अपने शब्द वापस लेने से मुझे कभी बदहज़मी नहीं हुई .


    Quote 12: Courage is what it takes to stand up and speak; courage is
    also what it takes to sit down and listen.

    In Hindi : खड़े होकर बोलने के लिए साहस चाहिए होता है , बैठ कर
    सुनने के लिए भी साहस चाहिए होता है .


    Quote 13: Everyone has his day and some days last longer than others.

    In Hindi : सभी के दिन आते हैं और कुछ दिन औरों से ज्यादा
    लम्बे होते हैं .


    Quote 14: Great and good are seldom the same man.

    In Hindi : महान और अच्छा कभी – कभार ही एक ही आदमी होता है .


    Quote 15: Healthy citizens are the greatest asset any country can have.

    In Hindi : स्वस्थ्य नागरिक किसी देश के लिए सबसे बड़ी संपत्ति
    होते हैं .


    Quote 16: History is written by the victors.

    In Hindi : इतिहास जीतेने वालों द्वारा लिखा जाता है .


    Quote 17: I always avoid prophesying beforehand, because it is a much
    better policy to prophesy after the event has already taken place.

    In Hindi : मैं हमेशा पहले से भविष्यवाणी करने से बचता हूँ ,
    क्योंकि घटना घट जाने के बाद भविष्यवाणी करना काफी बेहतर होता
    है .


    Quote 18: I am always ready to learn although I do not always like being taught.

    In Hindi : मैं हमेशा सीखने के लिए तैयार हूँ , पर मैं हमेशा
    सीखाया जाना पसंद नहीं करता .


    Quote 19: I am easily satisfied with the very best.

    In Hindi : मैं सबसे अच्छे से आसानी से संतुष्ट हो जाता हूँ .


    Quote 20: I like a man who grins when he fights.

    In Hindi : मैं उस आदमी को पसंद करता हूँ जो झगड़ते वक़्त
    मुस्कुराता है .


    Quote 21: I may be drunk, Miss, but in the morning I will be sober and
    you will still be ugly.

    In Hindi : मैं नशे में हूँ मोहतरमा , पर सुबह मेरा नशा उतर
    जायेगा और तुम तब भी बदसूरत ही रहोगी .


    Quote 22: I never worry about action, but only inaction.

    In Hindi : मैं कभी कारवाई के बारे में चिंता नहीं करता हूँ ,
    पर निष्क्रियता के बारे में करता हूँ .

    Quote 23: I'm just preparing my impromptu remarks.

    In Hindi : मैं बस अचानक दी जाने वाली तिपादी के लिए तैयारी कर
    रहा हूँ .


    Quote 24: If we open a quarrel between past and present, we shall find
    that we have lost the future.

    In Hindi : यदि हम भूत और भविष्य के विवाद में फंसते हैं तो
    हम पायेंगे कि हमने भविष्य खो दिया है .


    Quote 25: If you're going through hell, keep going.

    In Hindi : यदि आप नरक से गुज़र रहे हों तो चलते जाइये .


    Quote 26: In war, you can only be killed once, but in politics, many times.

    In Hindi : युद्ध में आप एक ही बार मारे जा सकते हैं , लेकिन
    राजनीति में कई बार .


    Quote 27: Democracy is the worst form of government, except for all
    those other forms that have been tried already.

    In Hindi : लोकतंत्र सरकार का सबसे खराब रूप है सिवाय उन
    सरकारों के जिन्हें इससे पहले आजमाया जा चुका है .


    Quote 28: It is a mistake to look too far ahead. Only one link of the
    chain of destiny can be handled at a time.

    In Hindi : बहुत आगे देखना एक गलती है . एक वक़्त में किस्मत की
    जनजीर की एक ही कड़ी संभाली जा सकती है .


    Quote 29: Kites rise highest against the wind – not with it.

    In Hindi : पतंगें हवा के विपरीत सबसे अधिक ऊँचाई छूती हैं –
    उसके साथ नहीं .


    Quote 30: Meeting Franklin Roosevelt was like opening your first
    bottle of champagne; knowing him was like drinking it.

    In Hindi : फ्रैंकलिन रूजवेल्ट से मिलना शैम्पेन की अपनी पहली
    बोतल खोलने जैसा था ; उन्हें जानना उसे पीने के समान था .


    Quote 31: Never, never, never give up.

    In Hindi : कभी नहीं , कभी नहीं , कभी नहीं हार मानो .


    Quote 32: No crime is so great as daring to excel.

    In Hindi : कोई अपराध इतना बड़ा नहीं है जितना की श्रेष्ठ बनने
    कि धृष्टता करना


    Quote 33: Now this is not the end. It is not even the beginning of the
    end. But it is, perhaps, the end of the beginning.

    In Hindi : अभी ये अंत नहीं है . यहाँ तक की ये अंत की शुरआत
    भी नहीं है , बल्कि शायद ये शुरआत का अंत है .


    Quote 34: Russia is a riddle wrapped in a mystery inside an enigma.

    In Hindi : रूस किसी रहस्य के अन्दर छिपे ऱाज में लिपटी पहेली है .


    Quote 35: Study history, study history. In history lies all the
    secrets of statecraft.

    In Hindi : इतिहास पढ़िए ,इतिहास पढ़िए . इतिहास में ही राज्य
    चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं .


    Quote 36: Success consists of going from failure to failure without
    loss of enthusiasm.

    In Hindi : बार बार असफल होने पर भी उत्साह ना खोने में ही सफलता है .


    Quote 37: Success is not final, failure is not fatal: it is the
    courage to continue that counts.

    In Hindi : सफलता अंत नहीं है , असफलता घातक नहीं है : लगे रहने
    का साहस ही मायने रखता है .


    Quote 38: The inherent vice of capitalism is the unequal sharing of
    blessings; the inherent virtue of socialism is the equal sharing of
    miseries.

    In Hindi : पूंजीवाद की बुराई है अच्छी चीजों का बराबर से ना
    बंटना , समाजवाद की अच्छाई है बुरी चीजों का बराबर से बंटना.


    Quote 39: The length of this document defends it well against the risk
    of its being read.

    In Hindi : इस दस्तावेज़ की लम्बाई इस पढ़े जाने के जोखिम से बचाती है .


    Quote 40: The price of greatness is responsibility.

    In Hindi : महानता का मूल्य जिम्मेदारी है .


    Quote 41: There are two things that are more difficult than making an
    after-dinner speech: climbing a wall which is leaning toward you and
    kissing a girl who is leaning away from you.

    In Hindi : ऐसी दो चीजें हैं जो रात के खाने के बाद भाषण देने
    से अधिक कठिन हैं : कोई ऐसी दीवार चढ़ना जो आपके ओर झूकी हो
    और ऐसी किसी ऐसी लड़की को चूमना जो आपसे दूर झूकी हो .

    Quote 42: There is no such thing as a good tax.

    In Hindi : अच्छे कर जैसी कोई चीज नहीं होती .


    Quote 43: There is no such thing as public opinion. There is only
    published opinion.

    In Hindi : पब्लिक ओपिनियन जैसी कोई चीज नहीं होती , केवेल
    पब्लिश्ड ओपिनियन होते हैं .


    Quote 44: War is mainly a catalogue of blunders.

    In Hindi : युद्ध मुख्या रूप से भूलों की एक सूची है .


    Quote 45: We are masters of the unsaid words, but slaves of those we
    let slip out.

    In Hindi : हम अनकहे शब्दों के मालिक हैं , पर जिन शब्दों को हम
    मुंह से निकलने देते हैं उनके ग़ुलाम .


    Quote 46: We make a living by what we get, but we make a life by what we give.

    In Hindi : हमें जो मिलता है उससे हम जीवन चलाते हैं , पर हम
    जो देते हैं उससे हम जीवन बनाते हैं .


    Quote 47: We shall show mercy, but we shall not ask for it.

    In Hindi : हमें दया दिखानी चाहिए , पर माँगना नहीं चाहिए .


    Quote 48: When you have to kill a man, it costs nothing to be polite.

    In Hindi : जब आपको किसी को मारना ही है तो विनम्र होने में
    क्या जाता है .


    Quote 49: You have enemies? Good. That means you've stood up for
    something, sometime in your life.

    In Hindi : आपके दुश्मन हैं ? अच्छा है. इसका मतलब है कि आप अपने
    जीवन में कभी किसी चीज के लिए खड़े हुए होंगे .


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  6. क्या आप कई धंधों में फेल होने के बाद 50 हजार रुपये की पूंजी लगाकर
    हजारों करोड़ रुपये की पूंजी वाली कंपनी खड़ी करने का सपना देख सकते हैं?
    और फिर अमिताभ बच्चन जैसे महंगे सितारे को अपनी कंपनी के साथ जोड़कर
    उन्हें भी 6014 फीसदी का मुनाफा दिलवा सकते हैं?


    कारोबार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहे वीएसएस मणि ने न सिर्फ ऐसे
    सपने देखे, बल्कि उन्हें हकीकत में तब्दील भी कर डाला है। प्रोडक्ट और
    सर्विस सर्च कंपनी 'जस्टडायल' ने मई में आईपीओ जारी कर बाजार से 905
    करोड़ रुपये जुटाए थे। चालू वर्ष में जस्टडायल का आईपीओ सबसे बड़ा रहा।
    इसके लिए 12 गुना अधिक आवेदन मिले थे।

    गैरज से लेकर स्टॉक एक्सचेंज का सफर

    लोकल सर्च इंजन कंपनी जस्टडायल के मालिक वीएसएस मणि ने 1996 में महज 50
    हजार रुपये की पूंजी, 6 कर्मचारियों, किराए पर लिए कुछ कम्प्यूटर, मांग
    कर लाए गए फर्नीचर के साथ एक गैराज में जस्ट डायल की शुरुआत की थी। तब
    मणि की उम्र 29 साल थी। उस दौर को याद करते हुए मणि बताते हैं, 'जब आपके
    पास पैसे नहीं होते हैं तो आप नई सोच के साथ कारोबार खड़े करने के बारे
    में सोचते हैं।' मणि मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'आप जस्टडायल और गूगल के
    बीच समानताएं देख सकते हैं। लेकिन हमारा जन्म गूगल से पहले हुआ था।'
    कंपनी को कामयाबी मिलती गई। 2007 में मणि ने जस्टडायल को इंटरनेट पर लाने
    का फैसला किया और जस्टडायल.कॉम की शुरुआत की। 5 जून को जस्टडायल की शेयर
    लिस्टिंग के बाद 611 रुपये पर बंद हुए। यह इश्यू प्राइस से 15 फीसदी
    ज्यादा है। इससे कंपनी के फाउंडर वीएसएस मणि की दौलत 1,241 करोड़ रुपये
    है। उनकी कंपनी में 30.28 फीसदी हिस्सेदारी है। आईपीओ में मणि ने अपने
    हिस्से के 15.57 लाख शेयर बेचे, जिससे उन्हें 87 करोड़ रुपये मिले। 31
    मार्च, 2013 तक जस्टडायल के पास 91 लाख ग्राहकों का डेटाबेस है।
    जस्टडायल.कॉम के मुताबिक 31 दिसंबर, 2012 तक उस वित्तीय वर्ष के पहले नौ
    महीनों में जस्टडायल ने 26.72 करोड़ लोगों के सवालों के जवाब दिए थे।
    आप कंपनी की कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस समय
    जस्टडायल में करीब 2700 लोग नौकरी करते हैं।

    नौकरी करते हुए आया धंधे का आइडिया

    मणि ने 1987 में येलो पेजेस कंपनी यूनाइटेड डेटाबेस इंडिया में नौकरी
    शुरू की। यहां उन्होंने दो साल नौकरी की। इसी दौरान उनके दिमाग में ख्याल
    आया कि येलो पेजेस की तर्ज पर अगर टेलीफोन पर डेटाबेस दिया जाए तो अच्छा
    बिजनेस हो सकता है। इसी सोच को हकीकत में तब्दील करते हुए मणि ने कुछ
    दोस्तों की मदद से 'आस्क मी' की 1989 में शुरुआत की। लेकिन वह बिजनेस
    फ्लॉप हो गया। मणि मानते हैं, 'आस्क मी का प्रयोग इसलिए नाकाम हो गया,
    क्योंकि उस दौर में सिर्फ एक फीसदी भारतीय टेलीफोन का इस्तेमाल करते थे
    और अर्थव्यवस्था भी खस्ताहाल थी। हमने जो टेलीफोन नंबर चुने थे, वे भी
    गलत थे। आस्क मी तो लोगों की जुबान पर रहता था, लेकिन नंबर किसी को याद
    नहीं रहता था।'

    पेट पालने के लिए शादियां तक करवाईं

    'आस्क मी' के नाकाम होने के बाद मणि पर परिवार का पेट पालने का दबाव था
    और उन्हें कुछ जल्दी करना था। इसी दबाव में मणि और उनके दोस्तों ने
    50,000 रुपये लगाकर वेडिंग प्लानर बिजनेस चालू किया। उसके बारे में मणि
    बताते हैं, 'हमने उस धंधे में 2-3 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। लेकिन मुझे
    वह काम कुछ अटपटा लगा और मैंने उससे बाहर आने का फैसला किया। इसके बाद
    मैं अपने पुराने सपने को पूरा करने में जुट गया।' 1992 से लेकर 1996 तक
    का समय मणि के लिए बहुत संघर्ष भरा था। मणि जस्टडायल को और जल्दी शुरू
    करना चाहते थे। लेकिन उनके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी। उन दिनों ओवाईटी
    के तहत फोन लाइन का खर्च 15,000 रुपये था या फिर आप कुछ साल का इंतजार
    करना पड़ता था। मणि के पास यह पूंजी भी नहीं थी। मणि ने 3 हजार रुपये
    लगाकर फोन के कनेक्शन के लिए अप्लाई किया। एक साल बाद उन्हें फोन कनेक्शन
    मिला और उन्होंने जस्टडायल की शुरुआत की।


    बिजनेस मॉडल

    'आस्क मी' की नाकामी से सीखते हुए मणि ने 'जस्टडायल' की शुरुआत की। लेकिन
    पुरानी गलतियां नहीं दोहराईं। बकौल मणि, 'हमने इस बार ब्रांड नेम की जगह
    टेलीफोन नंबर पर ध्यान दिया और हमें ऐसा नंबर मिला जिसमें 7 बार 8 आता
    है। हमने तजुर्बेकार पेशेवरों को नौकरी देने के बजाय कॉलेज के स्टूडेंट्स
    को नौकरी दी। इन लोगों ने मुंबई में दुकान-दुकान जाकर सूचनाएं इकट्ठी कीं
    और फिर उनका एक डेटाबेस तैयार किया। इसके बाद कंपनी ने अपना सॉफ्टवेयर
    तैयार किया, ताकि कुछ ही पलों में डेटाबेस से जरूरी सूचना सामने आ जाए।
    हम प्रचार नहीं कर सकते थे। इसलिए अपने विज्ञापनदाताओं से कहा कि वे अपने
    कर्मचारियों से हमारी सर्विस का इस्तेमाल करने को कहें। जहां तक बात
    आमदनी की है तो जिस दसवें क्लाइंट से हमने बात की थी, वह अपनी सूचना
    लिस्ट करवाने के एवज में पैसे देने को राजी हो गया था। इसके बाद हमने कभी
    पीछे मुड़कर नहीं देखा।' मणि की कंपनी जस्टडायल यलो पेजेस की तर्ज पर
    विभिन्न उत्पाद और सेवाएं देने वाली कंपनियों के बारे में सूचनाएं मुहैया
    कराती है। ऐसी सूचनाएं पहले टेलीफोन के जरिए दी जाती थीं। लेकिन मणि ने
    अब इनका विस्तार इंटरनेट, प्रिंट और एसएमएस तक कर दिया है।

    परिवार की मदद के लिए छोड़ा सीए का इम्तिहान

    मणि उस सोच को धवस्त करते हैं, जिसके मुताबिक कामयाबी के लिए बहुत ज्यादा
    पढ़ाई-लिखाई और डिग्रियां जरूरी होती हैं। लाखों युवाओं की तरह मणि का
    कभी सपना सीए बनना था। इसके लिए मणि ने ग्रैजुएशन के साथ सीए का कोर्स
    शुरू किया। लेकिन कुछ समय बाद परिवार को आर्थिक मदद देने की वजह से
    उन्हें सीए का इम्तिहान छोड़ना पड़ा और उन्होंने येलो पेजेस के साथ
    सेल्समैन का काम शुरू किया।

    अब भी दौलत नहीं, लिस्टिंग की कामयाबी से ज्यादा खुश हैं मणि

    करोड़ों रुपये का कारोबारी 'साम्राज्य' खड़ा करने के बाद मणि अभी अपनी
    दौलत के बारे में नहीं सोच रहे। उन्हें तो जस्ट डायल की लिस्टिंग के रूप
    में 14 साल की मेहनत का इनाम मिला है। 1999 में उन्होंने लिस्टिंग की तरफ
    पहली बार कदम बढ़ाए थे। वह इसके लिए छह बार कोशिश कर चुके हैं। अमेरिकी
    एक्सचेंज नैस्डेक पर लिस्टिंग की उन्होंने दो बार कोशिश की। भारत में भी
    मणि ने दो बार आईपीओ लाने की कोशिश की। पहली बार अगस्त, 2011 और दूसरी
    बार इसके साल भर बाद। एक बार तो उनके मन में किसी छोटे एक्सचेंज पर भी
    कंपनी की लिस्टिंग का ख्याल आया था। उनकी आखिरी कोशिश कामयाब रही और मई
    में आया आईपीओ कामयाब रहा। जस्ट डायल का 950 करोड़ रुपये का आईपीओ इस साल
    का सबसे बड़ा इश्यू था। यह किसी भारतीय इंटरनेट कंपनी का भी सबसे बड़ा
    आईपीओ है। यह 12 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ था। पीई इन्वेस्टर्स को इश्यू
    में अपने शेयर बेचने पर 850 फीसदी का रिटर्न मिला। सिकोइया कैपिटल ने इस
    कंपनी में 2009 और उसके बाद 2012 में इन्वेस्टमेंट किया था। इसके एमडी
    शैलेंद्र सिंह ने बताया, 'हम जानते थे कि मणि के रूप में हमें स्पेशल
    फाउंडर मिला है। वह प्रोडक्ट और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए
    छोटी से छोटी बात पर ध्यान देते हैं।'

    अमिताभ को भी करवाया जबर्दस्त फायदा

    कई धंधों में हाथ आजमा चुके और कारोबार में नाकामियों का लंबा दौर देख
    चुके बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन दिसंबर, 2010 में जस्टडायल से जुड़े थे।
    तब से वे इसके ब्रांड एम्बेसडर हैं। अमिताभ की कंपनी में एक फीसदी की
    हिस्सेदारी है।
    जस्टडायल का आईपीओ आने के महज 20 दिनों में अमिताभ बच्चन को 6014 फीसदी
    का फायदा हुआ है। दरअसल, जस्टडायल ने प्रति शेयर 10 रुपये के हिसाब से
    अमिताभ को 62,794 शेयर आवंटित किए थे। बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
    में कंपनी के शेयर 590 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए। इसके बाद इनमें करीब
    15 फीसदी बढ़त हुई और वे 611.45 पर बंद हुए। इस तरह अमिताभ के शेयरों की
    कीमत 6.27 लाख रुपये से बढ़कर 3.84 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने आईपीओ की
    इश्यू प्राइस 530 रुपये प्रति शेयर तय की थी। हालांकि, एक साल के लॉक-इन
    पीरियड के कारण अमिताभ को इस बढ़त का लाभ नहीं मिल पाएगा। लेकिन उनकी
    पूंजी बढ़ गई है।

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  7. दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मन में कुछ करने की ठान लिया जाए और जज्बा व
    जुनून के साथ अनरवरत लक्ष्य की ओर पहुंचने के लिए प्रयासरत रहा जाए तो
    असंभव सा दिखने वाला लक्ष्य भी संभव हो जाता है। इसी तर्ज पर जब प्रकाश
    उपाध्याय ने दुनिया की सबसे छोटी किताब लिखने की ठानी तो उसे पूरा करके
    दिखाया। अब वह अपने इस कारनामे को गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज
    करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

    प्रकाश का दावा है कि अब तक विश्व में इतनी छोटी साइज की पुस्तक किसी ने
    नहीं लिखी है। इसका साइज चार गुणा चार एमएम और मोटाई 8 एमएम है। 192
    पृष्ठ की इस पुस्तक में 192 देशों के नाम उनके राष्ट्र ध्वज के साथ है।
    राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में पैथोलॉजी विभाग में आर्टिस्ट पद पर
    कार्यरत प्रकाश ने इस छोटी सी किताब को वाटर कलर व एक्रेलिक पेंट से लिखा
    है। कई दिनों की कड़ी मेहनत से यह पुस्तक तैयार की गई है। इसकी बाइंडिंग
    व कटिंग भी स्वयं लेखक ने की है। उल्लेखनीय है कि अभी तक का जो रिकार्ड
    है, वह उत्तर प्रदेश के तरुण कुमार के नाम है। उनकी पुस्तक 5 गुणा 8 एमएम
    साइज की है, जिसमें हनुमान चालीसा लिखी गई है। 31 दिसंबर 2012 को गिनीज
    बुक में इसे दर्ज किया गया था। प्रकाश का दावा है कि अब उनकी किताब
    दुनिया की सबसे छोटी किताब के रूप में दर्ज जरूर होगी। उन्हें अपने कार्य
    पर पूरा भरोसा है। प्रकाश ऑयल पेटिंग व वाटर पेटिंग बनाते हैं।

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  8. नमस्कार दोस्तो मैं विकास आज आपको इस लेख के माध्यम से आपको बताना चाहता
    हूँ की जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष हैं अगर किसी की लाइफ मे संघर्ष नही
    है तो उसकी लाइफ की स्टोरी पढ़ने मे कोई भी इंटरेस्ट नही लेगा क्योंकि
    इंसान की आदत हैं संघर्षशील जीवनी पढ़ने की चाहे उसने खुद ने अपनी लाइफ
    मे किसी को अस्पताल भी नही पहुँचाया हो पर वो भी संघर्षशील जीवनी ही
    पढ़ेगा ये तो हो गई इंसान की आदत वाली बात अब मैं आपको इस बात से अवगत
    करवाता हूँ कि एक असफल इंसान की स्टोरी पढ़कर अपने आप मे हार मान लेते
    हैं पर एक सफल इंसान की स्टोरी पढ़कर कोई अपने आप को सफल क्यों नही मान
    लेता ?

    दोस्तो रात के समय अंधेरे मे भी आपको रोशनी मिलती हैं और जैसे दिन मे काम
    करते हैं ठीक उसी प्रकार आप हर काम आसानी से कर लेते हैं क्या आपने कभी
    सोचा हैं कि जिस इंसान ने ये बल्ब बनाया हैं उसका क्या नाम था ? और उसने
    कितनी बार असफल होने के बाद इस बल्ब का अविष्कार किया है ???

    हो सकता हैं आप मे से किसी को याद हो या किसी को नही हो कोई बात नही सब
    धीरे धीरे ही सीखते व जानते हैं कोई भी अपनी माँ के पेट से परिपूर्ण होकर
    नही आता हैं मैं आपको थोड़ा सा बता देता हूँ जितना मुझे याद है या सुना
    ,पढ़ा हैं|

    मेरे प्यारे दोस्तो जिसने बल्ब का अविष्कार किया था उसका नाम था Thomas
    Alva Edison जिसका जन्म अमेरिका मे February 11, 1847 को हुआ था उस जमाने
    मे तो जैसे अभी आप जिन सुख-सुविधाओ का आनंद ले रहे हैं वो भी नही थी फिर
    भी उस बंदा विपरीत परिस्थतियों के होते हुए भी पूरी दुनिया के इतिहास के
    पन्नो मे अपनी छाप छोड़ गया हैं उसने बल्ब बनाते समय इतनी बार असफलता का
    मुहं देखना पड़ा था दोस्तो कि आप सोच भी नही सकते उस महाशय को 9999 बार
    असफलता का मुहं देखना पड़ा और 10000 वी बार उनको सफलता मिली और जब उनसे
    पूछा गया कि आपको 9999 बार असफलता मिली तो आपने इतनी बार मे क्या सीखा तो
    उन्होने एक बहुत ही अच्छी सी लाइन बोली जो इस प्रकार थी ...."मुझे 9999
    बार असफलता नही मिली बल्कि मैने 9999 तरीके निकाल लिए हैं जिन तरीकों से
    बल्ब नही बन सकता"

    दोस्तो अगर 100 बार भी असफल होकर Thomas Alva Edison सोच लेता की अपने से
    ये काम नही होने वाला तो क्या वो आज बल्ब के अविष्कारक होते ? नही कोई और
    ही होता पर उन्होने कभी अपने आप को कमजोर नही समज़ा इसलिए हम आज भी उनकी
    जीवनी पढ़ते है

    दोस्तो मैं आज आपसे यहीं कहने वाला था कि 90% लोग एसे ही होते हैं जो जंग
    लड़ने से पहले ही मैदान छोड़ देते हैं और उनकी तो हार निश्चित होती ही
    हैं पर बाजी कोई और जीत लेता हैं जो हारने वाला था अपने आपको कभी भी कम
    नही सजना चाहिए हो सकता हैं आपने जो लक्ष्य बनाया है वो पूरा नही हो पर
    कम से कम दूसरी बार आप उस ग़लती की वजह से नही रुकेंगे जिसकी वजह से पहली
    बार रुक गये थे |

    अंत: मे मैं आपसे ये ही कहना चाहूँगा दोस्तो कि "

    " एसी भी क्या जवानी जिसकी कोई नही हो कहानी "

    अगर आपने इस जवानी मे ही कुछ नही किया तो शायद आप आगे कुछ नही कर सकते |


    जिस व्यक्ति के पास लक्ष्य नही होता |

    वह जीवन भर दूसरो के लक्ष्य को पूरा करने में लगा रहता हैं ||

    ALL THE BEST................
    विकास

    07567646013
    ROYALGENEX2013@GMAIL.COM


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  9. दोस्तो एक पानी के गिलास मे अगर पानी आधा भर दिया जाए तो उसको लोग दो
    तरीके से व्यक्त करेंगे

    1. पहला बोलेगा गिलास आधा भरा हुआ हैं

    2. दूसरा बोलेगा गिलास आधा खाली हैं

    दोस्तो इन दोनो वाक्यों का मतलब व अंतर तो आप ही समझ गये होंगे अर्थ दोनो
    का एक ही हैं पर दोनो लोगो की सोच अलग अलग हैं जो पहला आदमी था उसकी सोच
    सकारात्मक है वह बुराइयों मे भी अच्छाइयाँ निकालने वाला हैं और दूसरा
    वाला अच्छाइयाँ मे भी बुराई निकालने वाला है।

    ठीक उसी प्रकार एक सिक्के के दो पहलु होते हैं मेरे दोस्त निर्भर आप पर
    करता हैं आप किस तरीके की सोच रखते हैं | दोस्तो अपनी लाइफ मे अगर कुछ
    बड़ा करना हैं तो आपको सकारात्मक सोच रखनी होगी सकारात्मक के बिना आप
    अपनी लाइफ मे कुछ भी नही कर सकते कुछ लोग अपने फैंसले पर निर्भर रहते हैं
    कि मैने तो यार फैंसला ही ग़लत लिया हैं सफल कहाँ से होता ,पर वास्तव मे
    बात ये है कि ये तो एक अपने मन की शांति या संतुष्टि के लिए बहाना खोज
    लिया हैं |

    दोस्तो रतन टाटा ने कहा है कि "" मैं ग़लत फैंसले पर विश्वास नही करता ,
    बल्कि ग़लत फ़ैसले को भी सही साबित करने मे विश्वास करता हूँ |"" बात
    बिल्कुल सही हैं दोस्तो आपकी हर परेशानी को दूर करने वाला इस दुनिया मे
    अगर कोई हैं तो वो तुम हो सिर्फ़ तुम अगर विश्वास नही होता तो एक बार
    पीछे मुड़कर देख लीजिये जहाँ पर आप खड़े हैं यहाँ तक आपको किसने पहुँचाया
    हैं|

    मेरे हिसाब से तो आपके दिमाग़ मे एक ही मूर्ति आई होगी जो आपकी सकल से
    मिलती है| आपकी परेशानी के दो ही कारण हो सकते हैं 1. एक तो जो निकल गया
    वो कल जिसमे आपको एसा करना था और वो वेसा हो गया |, 2. दूसरा आने वाला कल
    जिसमे आप सोच रहे हैं कि मेरे को जो वो काम करना हैं उसको किस तरीके से
    करना चाहिए कि वो सही हो जाए या अगर जैसा मे सोचता हूँ वो नही हुआ तो
    क्या होगा ?

    बस इन दो दिनो या बातो को लेकर आप परेशान रहते हैं और आज का जो खुशी वाला
    दिन था उसको भी आप खो देते हैं | और इस दिन को खो देने के बाद भी आपको
    कुछ नही मिलता जो होना हैं वो ही होता है फिर भला आप क्यों परेशानी मे
    पड़ते हो ?

    दोस्तो महान लोग मुश्किलो मे उनसे निकले का उपाय सोचते हैं और साधारण लोग
    उनसे बहाना निकलते हैं | अगर आपको जिंदगी मे सफल होना हैं तो हर परेशानी
    या प्रस्थिति का डटकर मुकाबला करना होगा पीछे मुड़कर देखने वाले कभी
    इतिहास नही रचते | सफलता कोई मेगी नही हैं जो 2 मिनट मे तैयार हो जाए अगर
    इस तरह की बात होती तो जीतने भी महान लोग हैं उनको इतने पाप्पड़ नही
    बेलने पड़ते और नही आप उनकी जीवनी पढ़ते सफलता सब्र व मेहनत का इम्तिहान
    लेती हैं।

    दोस्तो आपके लिए किसी डिग्री या डिप्लोमा नही होना फ़ायदेमंद हैं
    क्योंकि अगर आप डॉक्टर या इंजीनियर हैं तो आप एक ही काम कर सकते है और
    नही हैं तो आप कुछ भी कर सकते है हाँ कुछ भी और विश्वास नही होता तो एक
    बार इतिहास उठाकर देख लो जीतने भी businessman है लगभग कुछ ही लोग है
    जिनके पास डिग्री या डिप्लोमा हैं नही सब की कहानी एक जैसी ही हैं या तो
    किसी ने बीच मे ही पढ़ाई छोड़ दी या फिर पढ़ने मे कम ज़ोर था|

    दोस्तो आख़िर मे मैं आपसे ये ही कहना चाहूँगा की अपनी सोच सकारात्मक रखो
    व बड़ी रखो ,सपने देखो , क्योंकि बड़ी सोच व सपने किसी के बाप की
    जागीरदारी नही हैं | और बड़ी सोच और बड़े सपने आपको बड़ा बना सकते हैं |

    ALL THE BEST
    शुभकामनाए .........
    विकास शर्मा
    MAIL -US-
    ROYALGENEX2013@GMAIL.COM
    07567646013

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  10. दिनभर की आपा-धापी भरी जटिल जिंदगी का हमारे मानसिक स्तर पर सीधा असर
    पड़ता है. वास्तव में यह असर हमारे मस्तिष्क में पाचन के वक्त उत्पादित
    होने वाले विषाक्त पदार्थो के कारण होता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना
    है कि इसके लिए किसी मनोचिकित्सक के पास जाने की जरूरत नहीं है.

    एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि एक अच्छी नींद ही हमारे मस्तिष्क के इन
    विषाक्त पदार्थो की सफाई कर देता है, और यह सफाई नींद लेते वक्त हमारा
    मस्तिष्क स्वयं करता है. हमारे मस्तिष्क का अद्भुत अपशिष्ट निष्कासन
    प्रणाली सोते वक्त बेहद सक्रिय हो जाता है और अल्जाइमर एवं अन्य मस्तिष्क
    संबंधी विकारों तक को पैदा कर सकने वाले खतरनाक विषाक्त तत्वों की सफाई
    करता रहता है. अमेरिकी विज्ञान शोध पत्रिका 'साइंस' में इससे संबंधित शोध
    अध्ययन प्रकाशित हुआ है.

    एक एजेंसी के अनुसार, न्यूयार्क के रोचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं
    ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि सोते वक्त मस्तिष्क की कोशिकाओं का
    आकार घट जाता है, जिससे कि अपशिष्ट का निष्कासन बेहतर तरीके से हो सके.
    रोचेस्टर विश्वविद्यालय के चिकित्सा केंद्र के मैकेन नीडरगार्ड ने बताया,
    'इस अध्ययन से पता चलता है कि सुसुप्तावस्था में एवं जाग्रत अवस्था में
    मस्तिष्क अलग-अलग कार्य करता है.'

    ताजा अध्ययन में यह भी कहा गया है कि सोने से याददाश्त अच्छी होती है, और
    अधिक से अधिक स्मृतियां अपने मस्तिष्क में संजोई जा सकती हैं.
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  11. शाम अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। जानकी और सतपाल ने लाड़ प्यार के
    आँचल में ममता की छाँव तले उसे पालकर बड़ा किया , और उसकी हर आरज़ू को
    पूरा करने को तत्पर रहते थे। ज्यों ज्यों शाम प्राइमरी से मिडिल, फिर
    मिडिल से हाई स्कूल का फासला तय करता रहा, उसकी ख़ूबियाँ भी प्रेम का
    पानी पाकर निखरती रही। शक्ल सूरत से तो वह मनमोहक था पर बुद्धिमान भी
    बहुत साबित हुआ। जब वह कालेज पहुंचा तो माँ-बाप के सामने अमरिका जाकर
    पढ़ने की इच्छा प्रकट की, और साथ में वह वादे भी करता रहा कि वह पढ़ाई
    पूरी करते ही वापस आकर पिता के नक़्शे-क़दम पर चलकर, यहीं पर बसेरा डालकर
    उन दोनों की देखभाल भी करता रहेगा। इस प्रकार माता-पिता की ममता का
    क़र्ज़ भी उतारता रहेगा। उसकी मीठी बातें और सलीके दार सोच सुनकर दोनों
    जानकी और सतपाल बहुत खुश हुए और अपनी तमाम उम्र की बाक़ी जमा पूँजी
    लुटाकर उसे बाहर रवाना करने में मदद की। यूं वक्त आने पर अमर उनकी आँखों
    में नए सपने सजाकर उनकी आँखों से दूर चला गया।

    पहले शाम जल्दी-जल्दी उन्हें ख़त लिखा करता था, उन्हें अपनी पढ़ाई के
    बारे में, अपने बारे में, माहौल के बारे में बताता, पर बहुत जल्द ही उन
    ख़तों की रफ़्तार ढीली पड़ गयी और वक्त ऐसा आया की वासुदेव के लिखे हुए
    ख़तों का जवाब आना भी बंद हो गया। यूं दो साल और बीत गए। निराशा आंखें
    उठाये हर सूनी डगर पर ख़त के इंतज़ार में पथराई आँखों से निहारा करती थी।
    और एक दिन डाकिया एक बड़ा सा लिफाफा उन्हें दे गया, जिसमें ख़त के
    साथ-साथ कुछ फोटो भी थे। जल्दी में सतपाल ख़त पढ़ने लगा जिसको
    सुनते-सुनते उसकी पत्नि जानकी वहीं बेहोश हो गयी। ये शाम की शादी के फोटो
    थे जो उसने वहाँ की अंग्रेज़ लड़की के साथ कर ली थी और ख़त में लिखा था "
    पिताजी हम दोनों फक़त पांच दिन के लिए आपके पास आ रहे हैं और फिर घूमते
    हुए वापस लौटेंगे। एक ख़ास बात है अगर हमारे रहने का बंदोबस्त किसी होटल
    में हो जाये तो बेहतर होगा। पैसों की ज़रा भी चिंता न कीजियेगा।"

    यह ख़बर थी जो पढ़ने के बाद सतपाल का बदन गुस्से से थर-थर कांपने लगा,
    जिसे क़ाबू में रखते हुए वह अपनी पत्नी को होश में लाने की कोशिश करता
    रहा और वहीं ज़मीन पर बैठकर बच्चों की तरह रोने लगा। उम्मीदें और अरमान
    सब बिखर गए, सामने उनके ममता का शीशमहल टूटा और खँडहर हो गया। जिसको अपने
    लहू से सींचा, वह अपनाइयत को भूल कर गैर देश को अपना मान बैठा, वह गैरों
    से भी बदतर है। ऐसा बेटा प्यार तो छोड़ो, नफ़रत के क़ाबिल भी नहीं है,
    यही कुछ सोचते-सोचते आँख से आंसुओं का झरना बह निकला। दूसरे दिन सुबह तार
    के ज़रिये बेटे को जवाब में लिखा " तुम्हारा हाल पढ़ा। पढ़कर जो दिल को
    धक्का लगा है उसी को कम करने के लिए हम पति-पत्नी कल तीर्थों के लिए
    रवाना हो रहे हैं, कब लौटेंगे पता नहीं और अब हमें किसी का इंतज़ार भी
    नहीं। इसलिए तुम पराये मुल्क को अपना समझ कर नये रिशतों को निभाने की
    कोशिश करना। यहाँ अब तुम्हारा अपना कोई नहीं है."...सतपाल।

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  12. एक बार एक अमीर आदमी ने देखा कि एक
    गरीब फटे हाल बच्चा बड़ी उत्सुकता से उसकी महंगी कार को निहार रहा था।
    गरीब बच्चे पर तरस खा कर अमीर आदमी उसे अपनी कार में बैठा कर घुमाने ले गया।
    लड़के ने कहा : साहब आपकी कार बहुत अच्छी है, यह तो बहुत कीमती होगी न...
    अमीर आदमी ने गर्व से कहा : हां यह लाखों रुपए की है।
    गरीब लड़का बोला : इसे खरीदने के लिए तो आपने बहुत मेहनत की होगी?
    अमीर आदमी हंसकर बोला: यह कार मुझे मेरे भाई ने उपहार में दी है।
    गरीब लड़के ने कुछ सोचते हुए कहा : वाह! आपके भाई कितने अच्छे हैं।
    अमीर आदमी ने कहा : मुझे पता है कि तुम सोच रहे होगे कि काश तुम्हारा भी कोई
    ऐसा भाई होता जो इतनी महंगी कार तुम्हे गिफ्ट देता!!

    गरीब लड़के की आखों में अनोखी चमक थी, उसने कहा : नहीं साहब, मै तो आपके भाई
    की तरह बनना चाहता हूं...

    सार : अपनी सोच हमेशा ऊंची रखो,
    दूसरों की अपेक्षाओं से कहीं अधिक
    ऊंची तो तुम्हें बड़ा बनने से कोई रोक
    नहीं सकता।

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  13. Quote 1: A man paints with his brains and not with his hands.

    In Hindi : व्यक्ति अपने दिमाग से पेंट करता है अपने हाथों से नहीं.

    Michelangelo माइकलैंजिलो

    Quote 2:A great artist is always before his time or behind it.

    In Hindi :एक महान कलाकार हमेशा अपने समय से आगे या पीछे होता है.

    George Edward Moore जॉर्ज एडवर्ड मूर

    Quote 3: A picture is a poem without words.

    In Hindi :तस्वीर एक कविता है जिसके शब्द नहीं.

    Horace होरेस

    Quote 4: A picture is worth a thousand words.

    In Hindi :एक चित्र हज़ार शब्दों के बराबर होता है.

    Napoleon Bonaparte नेपोलियन बोनापार्ट

    Quote 5: A sculptor is a person who is interested in the shape of
    things, a poet in words, a musician by sounds.

    In Hindi :एक मूर्तिकार चीजों को आकार देने में रुचि रखता है, एक कवी
    शब्दों में और एक संगीतकार ध्वनि में.

    Henry Moore हेनरी मूर

    Quote 6: A work of art is the unique result of a unique temperament.

    In Hindi :एक कलाकृति एक अद्वितीय स्वभाव का अद्वितीय परिणाम है.

    Oscar Wilde ऑस्कार वाइल्ड

    Quote 7: A writer should write with his eyes and a painter paint with his ears.

    In Hindi :एक लेखक को अपने आँखों से लिखना चाहिए और एक चित्रकार को अपने
    कानो से चित्रकारी करनी चाहिए.

    Gertrude Stein गैरत्रुद स्टेन

    Quote 8: Ads are the cave art of the twentieth century.

    In Hindi :विज्ञापन बीसवीं सदी की केव आर्ट हैं .

    Marshall McLuhan मार्शल मैकलुहान

    Quote 9: All art is but imitation of nature.

    In Hindi :सभी कलाएं प्रकृति की नक़ल हैं.

    Lucius Annaeus Seneca लुसिअस अन्निअस सेनिसा

    Quote 10: An artist is not paid for his labor but for his vision.

    In Hindi :एक कलाकार को उसकी मेहनत के लिए पैसे नहीं मिलते बल्कि उसकी
    दूरदृष्टि के लिए मिलते हैं.

    James Whistler जेम्स विस्लर

    Quote 11: An artist never really finishes his work, he merely abandons it.

    In Hindi :एक कला कार सचमुच कभी अपना काम ख़तम नहीं करता, वो बस उसको छोड़ देता है.

    Paul Valery पॉल वैलेरी

    Quote 12: Art is either plagiarism or revolution.

    In Hindi :कला या तो साहित्यिक चोरी है या फिर एक क्रांति.

    Paul Gauguin पॉल गौगइन

    Quote 13: Art is not a thing; it is a way.

    In Hindi :कला कोई वास्तु नहीं ; यह एक तरीका है.

    Elbert Hubbard ऐल्बर्ट हब्बार्ड

    Quote 14: Art is the only way to run away without leaving home.

    In Hindi :कला ही बिना घर छोड़े भाग जाने का एकमात्र तरीका है.

    Twyla Tharp त्वयला थार्प

    Quote 15: Art produces ugly things which frequently become more
    beautiful with time. Fashion, on the other hand, produces beautiful
    things which always become ugly with time.

    In Hindi :कला कुरूप चीजों को जन्म देती है जो समय के साथ खूबसूरत होती
    जाती हैं. वहीँ दूसरी तरफ, फैशन खूबसूरत चीजों को जन्म देता है जो समय के
    साथ कुरूप होती जाती हैं.

    Jean Cocteau जीन कोक्टे

    Quote 16: Artists who seek perfection in everything are those who
    cannot attain it in anything.

    In Hindi :ऐसे कलाकार जो हर चीज में पूर्णता चाहते हैं, वो इसे किसी भी
    चीज में नही पा पाते.

    Gustave Flaubert गौसटैव फ्लौबेर्ट

    Quote 17: By the work one knows the workman.

    In Hindi :काम से कलाकार जाना जाता है.

    Jean de La Fontaine जीन डी ला फोंटेन

    Quote 18: Creativity is allowing yourself to make mistakes. Art is
    knowing which ones to keep.

    In Hindi :खुद को गलतियाँ करने देना रचनात्मकता. ये जानना कि कौन सी
    गलतियों को रखना है ; कला है.

    Scott Adams स्कॉट एडम्स

    Quote 19: Even a true artist does not always produce art.

    In Hindi :एक सच्चा कलाकार भी हमेशा कला का निर्माण नहीं करता.

    Carroll O'Connor कैरोल ओ' कौन्कार

    Quote 20: Every artist was first an amateur.

    In Hindi :सभी कलाकार पहले नौसिखिया थे.

    Ralph Waldo Emerson रल्प वाल्डो एमर्सन

    Quote 21: Every creator painfully experiences the chasm between his
    inner vision and its ultimate expression.

    In Hindi :हर एक निर्माता अपनी अंतर्दृष्टि और परम अभिव्यक्ति के बीच एक
    अंतर होने की पीड़ा अनुभव करता है.

    Isaac Bashevis Singer आइजैक बैशेविस सिंगर

    Quote 22: Every good painter paints what he is.

    In Hindi :एक अच्छा चित्रकार हमेशा वो पेंट करता है जो वो है.

    Jackson Pollock जैक्सन पोल्लोक

    Quote 23: Fine art is that in which the hand, the head, and the heart
    of man go together.

    In Hindi :फाइन आर्ट वो है जिसमे व्यक्ति का हाथ,दिमाग और दिल एक साथ काम करते हैं.

    John Ruskin जॉन रस्किन

    Quote 24: Great art picks up where nature ends.

    In Hindi :महान कला की शुरुआत वहां होती है जहाँ प्रकृति का अंत होता है.

    Marc Chagall मार्क चैगैल

    Quote 25: I don't paint things. I only paint the difference between things.

    In Hindi :मैं चीजों को पेंट नहीं करता. मैं बस उनके बीच के अंतर को पेंट करता हूँ.

    Henri Matisse हेनरी मतिस्से

    Quote 26: I don't want to be interesting. I want to be good.

    In Hindi :मैं रोचक नहीं होना चाहता . मैं अच्छा होना चाहता हूँ .

    Ludwig Mies van der Rohe लुड मिस वें डर रोहे

    Quote 27: I found I could say things with color and shapes that I
    couldn't say any other way.

    In Hindi :मैंने पाया है कि जो चीजें मैं रंगों और आक्र्तियों के माध्यम
    से कह सकता हूँ वो और किसी तरह से नहीं कह सकता .

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  14. एक अमीर आदमी था. उसने समुद्र मेँ अकेले घुमने के लिए एक नाव बनवाई.
    छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सेर करने निकला. आधे समुद्र तक
    पहुचा ही था कि अचानक एक जोरदार तुफान आया.

    उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जेकेट की मदद से
    समुद्र मेँ कुद गया. जब तुफान शांत हुआ तब वह तेरता तेरता एक टापु पर
    पहुचा लेकिन वहा भी कोई नही था. टापु के चारो और समुद्र के अलावा कुछ भी
    नजर नही आ रहा था. उस आदमी ने सोचा कि अब पुरी जिदंगी मेँ किसी का कभी भी
    बुरा नही किया तो मेरे साथ ऐसा क्यु हुआ..?

    उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत से बचाया तो आगे का रास्ता भी भगवान ही
    बताएगा. धीरे धीरे वह वहा पर उगे झाड-पत्ते खा कर दिन बिताने लगा. अब
    धीरे-धीरे उसकी श्रध्दा टुटने लगी भगवान पर से उसका विश्वास उठ गया. उसको
    लगा कि इस दुनिया मेँ भगवान है हि नही.!

    फिर उसने सोचा कि अब पुरी जिंदगी यही इस टापु पर बितानी है तो क्यु ना एक
    झोपडी बना लु..? फिर उसने झाड कि डालियो और पत्तो से एक छोटी सी झोपडी
    बनाई. उसको लगा कि, हाश, आज से झोपडी मेँ सोने को मिलेगा आज से बाहर नही
    सोना पडेगा. रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला बिजलीया जोर जोर से
    गिडगिराने लगी.! तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर आ गिरी और झोपडी धधकते
    हुए जलने लगी. यह देखकर वह आदमी टुट गया आसमान की तरफ देखकर बोला तु
    भगवान नही , राक्षस है, तुज मे दया जैसा कुछ है ही नही तु बहुत क्रुर है.
    हताश होकर सर पर हाथ रखकर रो रहा था. कि अचानक एक नाव टापु के पास आई.
    नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आये. और बोले कि, हम
    तुमे बचाने आये है, तुम्हारा जलता हुआ
    झोपडा देखा तो लगा कि कोई उस टापु पर
    मुसीबत मेँ है.! अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते तो हमे पता नही चलता कि
    टापु पर कोई है! उस आदमी कि आँखो से आँसु गिरने लगे. उसने ईश्वर से माफी
    माँगी और बोलाकि मुझे क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए मेरी झोपडी
    जलाई थी !

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  15. 1. घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है

    2. वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है,
    जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है

    3. स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता
    सबसे अच्छा संबंध है

    4. क्रोधित रहना, किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ
    में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलती है

    5. आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें, लेकिन जब तक उनपर
    अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है

    6. मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है

    7. जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है

    8. सत्य के रस्ते पर कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है, या तो वह पूरा सफ़र
    तय नहीं करता या सफ़र की शुरुआत ही नहीं करता

    9. हजारों दियो को एक ही दिए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा
    सकता है | ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती

    10. तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता, सूर्य, चन्द्रमा और सत्य

    11. शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को
    मजबूत अवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे

    12. हम आपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं; हम वही बनते हैं जो हम
    सोचते हैं| जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ
    चलती है

    13. अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें. दूसरों पर निर्भर नहीं रहें

    14. सभी गलत कार्य मन से ही उपजाते हैं, अगर मन परिवर्तित हो जाय तो क्या
    गलत कार्य रह सकता है

    15. एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना
    चाहिए ; क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है,
    लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा.

    16. एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लाता है

    17. अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है| परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो
    अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान
    क्षण पर ध्यान केंद्रित करो

    18. आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्यांकन न करें और न ही दूसरों से
    ईर्ष्या करें. वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, उन्हें मन को शांति
    कभी प्राप्त नहीं होती

    19. चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है

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  16. 1) प्राचीनकाल में जो लोग अपनी नींद, भोजन, हंसी, परिवार एवं अन्य
    सांसारिक सुखों का त्याग करके एकांतवासी हो जाते थे, उन्हें संत कहा जाता
    था ……. परन्तु, आजकल उन्हें प्रोफेशनल कहा जाता है।- अज्ञात"

    2) गलती होने पर माफ़ी मांगने वाले इंसान को समझदार कहते हैं, पर गलती ना
    होने पर भी माफ़ी मांगने वाले को ब्वॉय फ्रैंड कहते हैं।"- अज्ञात

    3) बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी याददास्त के लिए कल्पना करने
    में भी गल्तियां करते हैं।- जोश बिलिंग्स"

    4) इंसान उस वक्त सबसे ज्यादा बेवकूफ बनता है जब वह किसी और को बेवकूफ
    बनाने की कोशिश कर रहा होता है।"

    5) जब हम भगवान से बात करते हैं... तो हम प्रार्थना करते हैं लेकिन जब
    भगवान हमसे बात करते हैं तो हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है।- Jane
    Wagner"

    6) मंदी तब आती है जब आपका पड़ोसी जॉब खो देता है और तनाव तब आता है जब
    आप स्वयं की जॉब खो देते हैं। -रोनाल्ड रीगन"

    7) शादी हो जाने के बाद पुरुषों को अपनी गलतियां याद नहीं रखनी चाहिए...
    क्योंकि, एक ही बात को दो लोगों को याद रखने का कोई मतलब नहीं है!!

    8) एक सफल इंसान वही है जो बीवी के खर्च करने से ज्यादे कमा सके, और एक
    सफल महिला वही है ऐसे इंसान को खोज सके।- लाना टर्नर"

    9) यदि किसी आदमी से ये पूछा जाए कि वह लव मैरिज करना पसंद करेगा या
    अरेंज मैरिज…? तो ये कुछ वैसा ही है, जैसे किसी से ये पूछा जाए कि . . .
    आप ख़ुदकुशी करना पसंद करेंगे या क़त्ल होना…?

    10) अगर कोई आदमी अपनी कार का दरवाज़ा पत्नी के लिए अपने हाथ से खोले तो
    समझ लीजिए... . . या तो कार नई है या फिर पत्नी…"

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  17. अत्यंत गरीब परिवार का एक बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में किसी दूसरे
    शहर जाने के लिए रेलगाड़ी से सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी
    बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी |
    आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी,
    और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने

    लगा | उसकेखाने का तरीका कुछअजीब था , वह रोटी का एक टुकड़ा लेता और उसे टिफिन के
    अन्दर कुछ ऐसेडालता मानो रोटी केसाथ कुछ और भी खा रहा हो, जबकि उसके पास
    तो सिर्फ रोटीयां थीं!! उसकी इस हरकत को आस पास के और दूसरे यात्री देखकर
    हैरान हो रहे थे | वह युवक हर बार रोटी का एक टुकड़ा लेता और झूठमूठ का
    टिफिन में डालता और

    खाता | सभी सोच रहे थे कि आखिर वह युवक ऐसा क्यों कर रहा था | आखिरकार एक
    व्यक्ति से रहा नहीं गया और उसने उससे पूछ ही लिया की भैया तुम ऐसा क्यों
    कर रहे हो, तुम्हारे पास सब्जी तो है ही नहीं फिर रोटी के टुकड़े को हर
    बार खाली टिफिन में डालकर ऐसे खा रहे हो मानो उसमे सब्जी हो | तब उस युवक
    ने जवाब दिया, "भैया , इस खाली ढक्कन में सब्जी नहीं है लेकिन मै अपने मन
    में यह सोच कर खा रहा हू की इसमें बहुत सारा आचार है, मै आचार के साथ
    रोटी खा रहा हू |"

    फिर व्यक्ति ने पूछा , "खाली ढक्कन में आचार सोच कर सूखी रोटी को खा
    रहे हो तो क्या तुम्हे आचार का स्वाद आ रहा है ?" "हाँ, बिलकुल आ रहा है
    , मै रोटी के साथ अचार सोचकर खा रहा हूँ और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा है
    |", युवक ने जवाब दिया| उसके इस बात को आसपास के यात्रियों ने भी सुना,
    और उन्ही में से एक व्यक्ति बोला , "जब सोचना ही था तो तुम आचार की जगह
    पर मटर-पनीर सोचते, शाही गोभी सोचते….तुम्हे इनका स्वाद मिल जाता |
    तुम्हारे कहने के मुताबिक तुमने आचार सोचा तो आचार का स्वाद आया तो और
    स्वादिष्ट चीजों के बारे में सोचते तो उनका स्वाद आता | सोचना ही था तो
    भला छोटा क्यों सोचे तुम्हे तो बड़ा सोचना चाहिए था |" मित्रो इस कहानी
    से हमें यह शिक्षा मिलती है की जैसा सोचोगे वैसा पाओगे | छोटी सोच होगी
    तो छोटा मिलेगा, बड़ी सोच होगी तो बड़ा मिलेगा | इसलिए जीवन में हमेशा
    बड़ा सोचो | बड़े सपने देखो , तो हमेश बड़ा ही पाओगे | छोटी सोच में भी
    उतनी ही उर्जा और समय खपत होगी जितनी बड़ी सोच में, इसलिए जब सोचना ही है
    तो हमेशा बड़ा ही सोचो|


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  18. Great Hindi Kahani with beautiful moral: जनवरी की एक सर्द सुबह थी
    ,अमेरिका के WASHINGTON DC का मेट्रो स्टेशन .एक आदमी वहां करीब घंटा भर
    तक वायलिन बजाता रहा .इस दौरान लगभग 2000 लोग वहां से गुज़रे ,अधिकतर लोग
    अपने काम से जा रहे थे .उस व्यक्ति ने वायलिन बजाना शुरू किया उसके तीन
    मिनट बाद एक अधेड़ आदमी का ध्यान उसकी तरफ गया .उसकी चाल धीमी हुई वह कुछ
    पल उसके पास रुका और फिर जल्दी से निकल गया .

    4 मिनट बाद : वायलिन वादक को पहला सिक्का मिला .एक महिला ने उसकी टोपी
    में सिक्का और बिना रुके चलती बनी .

    6 मिनट बाद : एक युवक दीवार के सहारे टिककर उसे सुनता रहा ,फिर उसने घडी
    पर नजर डाली और चलता बना .

    10 मिनट बाद : एक 3 वर्षीय बालक वहां रुक गया ,पर जल्दी में दिख रही उसकी
    माँ उसे खींचते हुए वहां से ले गयी .माँ के साथ लगभग घिसटते हुए चल रहा
    बच्चा मुड -मुड़कर वायलिन वादक को देख रहा था .ऐसा ही कई बच्चो ने किया और
    हर बच्चे के अभिभावक उसे घसीटते हुए ही ले गये .

    45 मिनट बाद : वह लगातार बजा रहा था ,अब तक केवल छः लोग ही रुके थे और
    उन्होंने भी कुछ देर ही उसे सुना .लगभग 2 0 लोगो ने सिक्का उछाला पर रुके
    बगैर अपनी सामान्य चाल में चलते रहे .उस आदमी को कुल मिलकर 3 2 डॉलर मिले
    .

    1 घंटे बाद : उसने अपना वादन बंद किया .फिर से शांति छा गयी .इस बदलाव पर
    भी किसी ने ध्यान नहीं दिया .
    किसी ने वादक की तारीफ नहीं की .

    किसी भी व्यक्ति ने उसे नहीं पहचाना .वह था , विश्व के महान वायलिन
    वादकों में से एक ,जोशुआ बेल .जोशुआ 1 6 करोड़ रुपए की अपनी वायलिन से
    इतिहास की सबसे कठिन धुन बजा रहे थे .महज दो दिन पहले ही उन्होंने बोस्टन
    शहर में मंचीय प्रस्तुति दी थी ,जहा प्रवेश टिकिटो का औसत मुल्य 1 0 0
    डॉलर (लगभग 4 6 0 0 ) रुपए था .

    यह बिलकुल सच्ची घटना हैं .जोशुआ बेल प्रतिष्ठित समाचार पत्र 'WASHINGTON
    POST' द्वारा ग्रहणबोध और समझ को लेकर किये गए एक सामाजिक प्रयोग का
    हिस्सा बने थे .इस प्रयोग का उद्देश्य यह पता लगाना था की किसी
    सार्वजानिक जगह पर किसी अटपटे समय में हम खास चीजो और बातो पर कितना
    ध्यान देते हैं ? क्या हम सुन्दरता या अच्छाई की सराहना करते हैं ? क्या
    हम आम अवसरों पर प्रतिभा की पहचान कर पाते हैं ?

    इसका एक समान अर्थ यह निकलता हैं : जब दुनिया का एक श्रेष्ठ वादक एक
    बेहतरीन साज़ से इतिहास की सबसे कठिन धुनों में से एक बजा रहा था ,तब अगर
    हमारे पास इतना समय नहीं था की कुछ पल रूककर उसे सुन सके ,तो सोचिये हम
    कितनी सारी अन्य बातो से वंचित हो गये हैं ,लगातार वंचित हो रहे हैं
    .इसका जिम्मेदार कौन हैं?

    अब आप कुछ पल बैठिये और सोचिये. आपने जिंदगी की इतनी तेज़ी से भागदौड़ में
    कितनी खुबसूरत चीज़े miss कर दी दोस्तों..

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  19. सपने वे नहीं होते जो आपको रात में सोते समय नींद में आए लेकिन सपने वे
    होते हैं जो रात में सोने न दें। ऐसी बुलंद सोच रखने वाले मिसाइल मैन
    अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम (ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) ने जब देश के
    सर्वोच्च पद यानी 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली तो देश के हर वैज्ञानिक का
    सर फक्र से ऊंचा हो गया।

    कलाम का बचपन : -

    आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए हवाई जहाज और अन्य साधनों से भी जरूरी
    चीज है हौसला। हौसला आपकी सोच को वह उड़ान देता है जिसका शिखर कामयाबी की
    चोटी पर है। कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की आपने यूं तो हजारों कहानियां
    पढ़ी होंगी लेकिन ऐसी ही एक जीती जागती कहानी हैं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे
    अब्दुल कलाम की।

    भारत के पूर्व राष्ट्रपति जिन्हें दुनिया मिसाइलमैन के नाम से भी जानती
    है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ। ए.पी.जे.
    अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है।

    कलाम अपने परिवार में काफी लाडले थे, लेकिन उनका परिवार छोटी-बड़ी
    मुश्किलों से हमेशा ही जूझता रहता था। उन्हें बचपन में ही अपनी
    जिम्मेदारियों का एहसास हो गया था। उस वक्त उनके घर में बिजली नहीं हुआ
    करती थी और वह केरोसिन तेल का दीपक जलाकर पढ़ाई किया करते थे।

    अब्दुल कलाम मदरसे में पढ़ने के बाद सुबह रामेश्वरम के रेलवे स्टेशन और बस
    अड्डे पर जाकर समाचार पत्र एकत्र करते थे। अब्दुल कलाम अखबार लेने के बाद
    रामेश्वरम शहर की सड़कों पर दौड़-दौड़कर सबसे पहले उसका वितरण करते थे।
    बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम रहा।

    कलाम की शिक्षा : -

    कलाम जब मात्र 19 वर्ष के थे, तब द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका को भी
    महसूस किया। युद्ध की आग रामेश्वरम के द्वार तक पहुंच गई थी। इन
    परिस्थितियों में भोजन सहित सभी आवश्यक वस्तुओं का अभाव हो गया था। कलाम
    एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आए, तो इसके पीछे उनके पांचवीं कक्षा के
    अध्यापक सुब्रह्मण्यम अय्यर की प्रेरणा जरूर थी।

    अध्यापक की बातों ने उन्हें जीवन के लिए एक मंजिल और उद्देश्य भी प्रदान
    किया। अभियांत्रिकी की शिक्षा के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ
    टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया। वहां इन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में
    अध्ययन किया।

    मिसाइल क्रांति की तरफ कदम :-

    1962 में वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' में आए। डॉक्टर अब्दुल
    कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह
    (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है। अब्दुल कलाम
    भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं।

    उन्होंने 20 साल तक भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो में काम किया और
    करीब इतने ही साल तक रक्षा शोध और विकास संगठन यानी डीआरडीओ में भी। वे
    10 साल तक डीआरडीओ के अध्यक्ष रहे। साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री के
    वैज्ञानिक सलाहकार की भूमिका भी निभाई। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी
    मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया था।

    राष्ट्रपति का सफर :-

    18 जुलाई, 2002 को कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
    इन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए घटक दलों ने अपना उम्मीदवार
    बनाया था, जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समर्थन किया। 25 जुलाई
    2002 उन्होंने संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 25
    जुलाई 2007 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया।

    ए.पी.जे अब्दुल कलाम को दिए गए सम्मान : -
    * ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान
    के लिए भारत के नागरिक सम्मान के रूप में 1981 में पद्म भूषण, 1990 में
    पद्म विभूषण दिया गया।

    * इन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी
    सम्मानित किया गया।

    ए.पी.जे अब्दुल कलाम के बारे में कुछ और खास बातें : -
    * डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला
    स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल
    है।

    * जुलाई 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट
    स्थापित किया था।

    * ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर विस्फोट भी
    परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के
    निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अर्जित की।

    * इसके अलावा डॉक्टर कलाम ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के
    क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच भी प्रदान की।

    * कलाम ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्हें भारत रत्न का सम्मान राष्ट्रपति
    बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है, अन्य दो राष्ट्रपति सर्वपल्ली
    राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन हैं।

    * यह प्रथम वैज्ञानिक हैं जो राष्ट्रपति बने हैं और प्रथम राष्ट्रपति भी
    हैं जो अविवाहित हैं।

    * इसके अतिरिक्त कलाम ही ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जो राष्ट्रपति पद से
    मुक्त होने के बाद अभी जीवित हैं। इनके पूर्व के सभी राष्ट्रपति अब इस
    संसार में नहीं हैं।

    * एक राष्ट्रपति के अलावा वह एक आम इन्सान के तौर पर वह युवाओं की पहली
    पसंद और प्रेरक हैं। उनके बातें, उनका व्यक्तित्व, उनकी पहचान न केवल एक
    राष्ट्रपति के रूप में हैं बल्कि जब भी लोग खुद को कमजोर महसूस करते हैं
    कलाम का नाम ही उनके लिए प्रेरणा बन जाता है।


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  20. 1. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

    2. भारत विश्व का छठा सबसे बड़ा देश है।

    3. भारत का अंग्रेजी में नाम 'इंडिया' इं‍डस नदी से बना है|

    4. वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, आज विश्व का सबसे
    पुराना और निरंतर बसे रहने वाला शहर है।

    5. शतरंज की खोज भारत में की गई थी।

    6. बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन भारत में ही आरंभ हुआ था।

    7. 'स्थान मूल्य प्रणाली' और 'दशमलव प्रणाली' का विकास भारत में 100 ईसा
    पूर्व में हुआ था।

    8. सांप सीढ़ी का खेल भारत में तेरहवीं शताब्दी में तैयार किया गया था।

    9. तिरुपति शहर में बना विष्णु मंदिर जो 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया
    गया था, विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक तीर्थ यात्रा गंतव्य है।

    10. विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडु के तंजौर में है।

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  21. एक बार की बात है एक राजा था। उसका एक बड़ा-सा राज्य था। एक दिन उसे देश
    घूमने का विचार आया और उसने देश भ्रमण की योजना बनाई और घूमने निकल पड़ा।
    जब वह यात्रा से लौट कर अपने महल आया। उसने अपने मंत्रियों से पैरों में
    दर्द होने की शिकायत की। राजा का कहना था कि मार्ग में जो कंकड़ पत्थर थे
    वे मेरे पैरों में चुभ गए और इसके लिए कुछ इंतजाम करना चाहिए।

    कुछ देर विचार करने के बाद उसने अपने सैनिकों व मंत्रियों को आदेश दिया
    कि देश की संपूर्ण सड़कें चमड़े से ढंक दी जाएं। राजा का ऐसा आदेश सुनकर सब
    सकते में आ गए। लेकिन किसी ने भी मना करने की हिम्मत नहीं दिखाई। यह तो
    निश्चित ही था कि इस काम के लिए बहुत सारे रुपए की जरूरत थी। लेकिन फिर
    भी किसी ने कुछ नहीं कहा। कुछ देर बाद राजा के एक बुद्घिमान मंत्री ने एक
    युक्ति निकाली। उसने राजा के पास जाकर डरते हुए कहा कि मैं आपको एक सुझाव
    देना चाहता हूँ।

    अगर आप इतने रुपयों को अनावश्यक रूप से बर्बाद न करना चाहें तो एक अच्छी
    तरकीब मेरे पास है। जिससे आपका काम भी हो जाएगा और अनावश्यक रुपयों की
    बर्बादी भी बच जाएगी। राजा आश्चर्यचकित था क्योंकि पहली बार किसी ने उसकी
    आज्ञा न मानने की बात कही थी। उसने कहा बताओ क्या सुझाव है। मंत्री ने
    कहा कि पूरे देश की सड़कों को चमड़े से ढंकने के बजाय आप चमड़े के एक टुकड़े
    का उपयोग कर अपने पैरों को ही क्यों नहीं ढंक लेते। राजा ने अचरज की
    दृष्टि से मंत्री को देखा और उसके सुझाव को मानते हुए अपने लिए जूता
    बनवाने का आदेश दे दिया।

    यह कहानी हमें एक महत्वपूर्ण पाठ सिखाती है कि हमेशा ऐसे हल के बारे में
    सोचना चाहिए जो ज्यादा उपयोगी हो। जल्दबाजी में अप्रायोगिक हल सोचना
    बुद्धिमानी नहीं है। दूसरों के साथ बातचीत से भी अच्छे हल निकाले जा सकते
    हैं।

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  22. त्यौहारों की वजह से अचानक बाजार में दूध, घी और मावा की डिमांड कई गुना
    बढ़ जाती है। यही डिमांड मिलावट को जन्म देती है। नकली दूध, घी और मावा
    बनानेवाले त्यौहारों के मौसम में हरकत में आ जाते हैं। नकली मिठाई और
    सिंथेटिक दूध से गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। आखिर कैसे
    बनता है मिलावटी मावा और दूध। कैसे करें असली-नकली की पहचान।

    कैसे बनता है नकली मावा

    एक किलो दूध से सिर्फ दो सौ ग्राम मावा ही निकलता है। जाहिर है इससे मावा
    बनाने वालों और व्यापारियों को ज्यादा फायदा नहीं हो पाता है। लिहाजा
    बनाया जाता है मिलावटी मावा। इसे बनाने में अक्सर शकरकंदी, सिंघाडे़ का
    आटा, आलू और मैदे का इस्तेमाल होता है। नकली मावा बनाने में स्टार्च,
    आयोडीन और आलू इसलिए मिलाया जाता है ताकि मावे का वजन बढ़े। वजन बढ़ाने
    के लिए मावा में आटा भी मिलाया जाता है। नकली मावा असली मावा की तरह दिखे
    इसके लिए इसमें कुछ केमिकल भी मिलाया जाता है। कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर
    में वनस्पति घी मिलाकर मावे को तैयार करते हैं।

    कैसे बनता है सिंथेटिक दूध

    सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले उसमें यूरिया डालकर उसे हल्की आंच
    पर उबाला जाता है। इसके बाद इसमें कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा
    स्टार्च, फॉरेमैलिन और वाशिंग पाउडर मिलाया जाता है। इसके बाद इसमें
    थोड़ा असली दूध भी मिलाया जाता है। मिलावटी मावा और सिंथेटिक दूध पीने से
    आपको फूड पॉयजनिंग हो सकती है। उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है।
    किडनी और लिवर पर भी बेहद बुरा असर पड़ता है। स्किन से जुड़ी बीमारी भी
    हो सकती है।

    अधिक मात्रा में नकली मावे से बनी मिठाइ खाने से लीवर को भी नुकसान पहुंच
    सकता है। इससे कैंसर तक हो सकता है।

    कैलाश हॉस्पिटल के डॉक्टर डॉ. प्रवीण मिश्र के मुताबिक जो खाने की चीजों
    में मिलावट से फ़ूड पॉइजनिंग से लेकर कैंसर तक बीमारियां हो सकती हैं।
    स्किन डिसीस स्टमक डिसीस हो सकता है। लगातार मिलावटी खाना खाने से कैसर
    भी हो सकता।

    नकली मावा तो मिठाई में इस्तेमाल होता है। असली और नकली मिठाई में पहचान
    करना मुश्किल है। लिहाजा आप अच्छी और भरोसेमंद दुकान से ही मिठाई खरीदें।
    हमेशा बिल के साथ मिठाई लें ताकि किसी किस्म की खराबी होने पर दुकानदार
    को पकड़ सकें। जहां तक दूध का सवाल है तो आप थोड़ा सजग रहकर असली और नकली
    दूध में फर्क कर सकते है।

    सिंथेटिक दूध में साबुन जैसी गंध आती है, जबकि असली दूध में कुछ खास गंध
    नहीं आती। असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, नकली दूध का स्वाद
    डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है। असली दूध स्टोर
    करने पर अपना रंग नहीं बदलता, नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता
    है। अगर असली दूध में यूरिया भी हो तो ये हल्के पीले रंग का ही होता है,
    वहीं अगर सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाए तो ये गाढ़े पीले रंग का
    दिखने लगता है।

    अगर हम असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने
    पर पीले रंग का हो जाता है।

    असली दूध को हाथों के बीच रग़ड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। वहीं,
    नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी
    चिकनाहट महसूस होगी।

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  23. कैरियर सलाह डॉट कॉम में आज भारत में उपलब्ध तमाम सामान्य व्यावसायिक,
    गैर व्यावसायिक व तकनीकी कोर्स से सम्बन्धित जानकारियां उपलब्ध हैं, जहां
    से आप किसी भी तरह की मदद या सुझाव मांग सकते हैं।

    साइट द्वारा छात्र-छात्राओं को इस बात के लिए तैयार किया जाता है कि वे
    अपने लिये कैरियर का चुनाव किसी भी तरह चांस से नहीं सदैव अपने च्वाइस से
    हीं करें।

    पिछले एक दशक में शिक्षा तथा रोजगार के क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे अवसर पैदा
    हुए हैं जिसके बारें में अधिकांश लोगों को आज भी कोई जानकारी नहीं।
    माता-पिता अपनी अपूर्ण इच्छा व आकांक्षा अपने बच्चों पर थोप देते हैं तथा
    बच्चे भी पर्याप्त जानकारी के अभाव में या फिर पारिवारिक अनुशासन का
    लिहाज करते हुए अनिच्छापूर्वक उसी कोर्स-विशेष को अपनाने के लिए मजबूर
    होते हैं। हालांकि यह सबसे खतरनाक स्थिति होती है और उसके नतीजे भी
    कालान्तर में कष्टदायक ही होते हैं।

    आज उच्च शिक्षा मे सिर्फ उन्ही लोगों को जाना चाहिए जिनकी दिलचस्पी वाकई
    अध्ययन तथा शोध मे है, अन्यथा उन्हे देश मे उपलब्ध अन्य अवसरो मे से ही
    अपने भविष्य की सुरक्षा की तलाश करनी चाहिए। आज स्पोर्टस, मेडिसिन,
    बॉयोटेक्लॉजी, कास्मेटॉलॉजी, फैशन, डिजायन तथा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों
    में सैकड़ों स्वर्णिम संभावनाएं उपलब्ध हैं, फिर क्यों नहीं उनमें अपनी
    क्षमता व प्रतिभा आजमायी जाये।

    स्कूल शिक्षा समाप्त हो जाने के बाद कैरियर की चिंता व उसका चुनाव की
    प्रक्रिया इतनी अव्यावहारिक ;पर आज भी प्रचलन मेंद्ध है कि अधिकांश
    छात्र-छात्राएं आगे चलकर अपने ही चयन पर तथा अपने ही कोर्स से घृणा करने
    लग जाते हैं। लेकिन तब तक देर इतनी हो चुकी होती है कि सिवाय पश्चाताप व
    सिर धुनने के और कोई चारा भी नहीं रह जाता। दूसरी ओर जो कैरियर का सही
    चुनाव ;यहां 'सही' से तात्पर्य योग्यता, क्षमता व अभिरूचि के अनुरूप
    हैंद्ध करने से असफल हो जाते हैं, वे भारत छोड़कर विदेशों में जाने की बात
    तो अपने आसपास फटकने भी नहीं देते। भारतीय शिक्षा को कोसने का काम भी
    उन्हीं का रह जाता है जो कैरियर के विवेकपूर्ण चुनाव में विफल रहते हैं।

    एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुझाव यह कि कैरियर के चुनाव का सही वक्त दसवीं
    कक्षा होनी चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब छात्र-छात्राओं में
    सर्वाधिक अनिर्णय की स्थिति होती है पर साथ ही साथ उन्हें सबसे अधिक सही
    सुझाव और दिशा-निर्देश की भी आवश्यकता होती है। विषयों के चुनाव का यह
    सबसे सही वक्त होता है, पर्याप्त सोच-विचार कर अपनी रूचि के विषय का चयन
    उसमें कैरियर की संभावनाओं के मद्देनजर ही करना चाहिए। ऐसा नहीं कि
    आर्ट्स पढ़ने की इच्छा हो और साइंस में दाखिला लेने की मजबूरी, कॉमर्स में
    दिलचस्पी हो तथा इंजीनियरिंग कोर्स को अपनाने का दबाव, मेडिकल मे जाने की
    इच्छा हो, एम.बी.ए. मे दाखिला लेने की विवशता। इस तरह आधे-अधूरे मन से
    किये गये कैरियर के चुनाव में वांछित सफलता तो संदिग्ध रहती ही है,
    इच्छित नतीजे न मिलने से जीवन भर के लिए ही वह कोर्स अभिशाप बन जाता है।

    होना तो यह चाहिए कि आप जो भी कोर्स करने जा रहे हों, उसके बारे में अथवा
    उसकी संभावनाओं से आपको पूर्णतया वाकिफ होना चाहिए कि आखिर आप वह कोर्स
    किस लिये कर रहे हैं। कोर्स का अनायास चयन नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर
    न तो आप उस कोर्स के प्रति सीरियस हो सकेंगे और न ही अपने प्रति समुचित
    न्याय कर सकेंगे। आपको उक्त कोर्स में संतुष्टि भी नहीं मिलेगी, न
    पर्याप्त दिलचस्पी जगेगी और फिर नतीजा निराशा ही निराशा।

    छात्र-छात्राओं को हताशा अथवा निराशा का शिकार होने से बचाने के लिए
    कैरियर सलाह डॉट कॉम , कंचन मेडिकल स्टोर, आयुष्मान हॉस्पीटल, खन्दारी
    बाईपास, आगरा-202005 (उ.प्र.) (मोबाइल फोन नम्बर-9897267851) द्वारा
    सर्वप्रथम छात्र-छात्राओं से यह पता किया जाता है कि किस तरह के विषय में
    उनकी रूचि है, तदनुसार ही उक्त क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों से उसे वाकिफ
    कराया जाता है ताकि बगैर किसी दबाव के कैरियर के चयन की स्वतंत्रता में
    स्वविवेक के भी पर्याप्त इस्तेमाल का मौका उन्हें मिल सके। कभी-कभी तो
    ऐसा होता है कि मां-बाप अपने बेटे के आई.ए.एस. बनने का ख्वाब देखते है और
    उसी अनुसार उसकी शिक्षा पर भी बल देते है पर वह एक बिजनेंसमैन बनकर रह
    जाता है। कैरियर के चयन मे स्वतंत्रता न देने का ही यह नतीजा है कि
    उहापोह का शिकार छात्र कभी-कभार न घर का रह जाता है और न घाट का। कैरियर
    सलाह डॉट कॉम द्वारा छात्र-छात्राओं की अभिरूचि जान लेने पर उन्हें स्वयं
    'कैरियर प्लान' बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसा देखा गया है कि
    रूचि के किसी भी क्षेत्र विशेष में कैरियर बनाने की तमन्ना के विभिन्न
    रास्ते दिखा देने भर से ही छात्र-छात्राओं में उसे पूरा करने की इच्छा भी
    प्रबल होने लगती है। उनमें अनिर्णय जैसी स्थिति हर्गिज नहीं रहती तथा वे
    कैरियर विशेष के विभिन्न पहलुओं व विभिन्न रास्तों से परिचित होकर फैसला
    करने की स्थिति में होते हैं।

    फिर आज तो दर्जनो ऐसे व्यावसायिक कोर्स है जिनमे रोजगार की पूरी गारंटी
    तो है ही, सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्कूल से निकलने के साथ ही दाखिला भी
    संभव है। उदाहरण के लिए 10+2 के बाद कोई भी छात्र चाहे तो लॉ,
    मैनेजमेन्ट, डिजायन, होटल मैनेजमेन्ट तथा पत्रकारिता मे दाखिला ले सकता
    है। सिर्फ जानकारी होनी चाहिए कि वह शिक्षा कहां ग्रहण की जाये।

    कैरियर सलाह डॉट कॉम द्वारा छात्र-छात्राओं को शिक्षा व कैरियर में उनकी
    अभिरूचि के अनुसार यह जानकारी दी जाती है कि वे अपने देश में उपलब्ध
    अवसरों से किस तरह फायदा लेकर अपना भविष्य बना सकते हैं

    कैरियर के चुनाव मे उधेड़बुन की स्थिति नहीं होनी चाहिए। फैसला बिल्कुल
    अपने लक्ष्य को केन्द्र में लेकर होना चाहिए। यदि आई.ए.एस. बनना है तो
    अपको किस रूचि के विषय को अपना कर आसानी से कामयाबी हासिल की जा सकती है,
    इसका चयन भी सर्वप्रथम अत्यावश्यक है। मैनेजमेंट में जाना है तो वह भी
    स्पष्ट होना चाहिए कि होटल, बिजनेस अथवा पर्सनल मे। डॉक्टर बनने की
    तमन्ना हो या फैशन डिजाइनर बनने की चाह उसे पूरा कर पाने के लिए प्रयास
    भी बिल्कुल सही ढंग व गंभीरता से होने चाहिए।

    अपनी समस्या पत्राचार द्वारा लिखे या मेल करे।


    MB ...09897267851


    E-mail...sumanupkar@gmail.com
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  24. किताबें हमें अंधेरे से रोशनी की तऱफ ले जाती हैं. किताबें इंसान की सबसे
    अच्छी दोस्त होती हैं, क्योंकि अच्छे दोस्त न होने पर किताबें ही हमारी
    सबसे अच्छा साथी साबित होती हैं. किताबें कितना सुकून देती हैं, यह कोई
    किसी पुस्तक प्रेमी से पूछे. यह कहना क़तई ग़लत न होगा कि किताबें उस
    पारसमणि की तरह होती हैं, जिसकी छुअन से अज्ञानी भी ज्ञानी बन जाता है.
    बाल गंगाधर ने कहा था, अच्छी किताबों के साथ मैं नर्क में रहने के
    प्रस्ताव का भी स्वागत करूंगा. मानव की ज्ञान पिपासा का बेहतरीन साधन
    किताबें ही हैं. अब अंतरजाल यानी इंटरनेट के ज़रिए ऑनलाइन किताबें प़ढी
    जा सकती हैं. ऐसी अनेक वेबसाइट्‌स हैं, जहां पर यह सुविधा दी गई है.
    ई-किताब यानी इलेक्ट्रॉनिक किताब, जिसका मतलब है डिजिटल रूप में किताब.
    ई-किताबें काग़ज़ की बजाय डिजिटल संचिका के रूप में होती हैं, जिन्हें
    कंप्यूटर, मोबाइल और इसी तरह के अन्य डिजिटल यंत्रों पर पढ़ा जा सकता है.
    इन्हें इंटरनेट पर प्रकाशित भी किया जा सकता है. साथ ही इसका
    प्रचार-प्रसार भी आसानी से किया जा सकता है. ये किताबें कई फाइल फॉर्मेट
    में होती हैं, लेकिन पीडीएफ यानी पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट सर्वाधिक
    प्रचलित फॉर्मेट है.

    ग़ौरतलब है कि गूगल ने 6 दिसंबर, 2010 से इलेक्ट्रॉनिक बुक स्टोर की
    दुनिया में क़दम रखते हुए अमेजन को टक्कर दी थी. 2004 में गूगल बुक्स
    प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से गूगल ने सौ देशों से चार सौ भाषाओं में
    क़रीब डेढ़ करोड़ किताबें डिजिटाइज की हैं. हालांकि लेखकों और प्रकाशकों
    ने गूगल के किताबें डिजिटाइज करने पर ऐतराज़ जताया था. जिन किताबों का
    कॉपीराइट है या फिर जिनके लेखकों का कोई पता नहीं है, ऐसी किताबें ई-बुक
    स्टोर पर नहीं बेची जाएंगी. गूगल पर पढ़ी जा सकने वाली मुफ्त किताबों की
    वजह से विवाद भी हुआ, लेकिन गूगल का कहना है कि इससे ज़्यादा लोग किताबें
    पढ़ सकेंगे. हमें विश्वास है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ई-बुक पुस्तकालय
    होगा. मुफ्त पढ़ी जा सकने वाली किताबों को मिलाकर इनकी कुल संख्या तीस
    लाख से ज़्यादा है. मैकमिलन, रैन्डम हाउस, साइमन एंड शूस्टर जैसे मशहूर
    प्रकाशकों की हज़ारों डिजिटल किताबें ई-बुक स्टोर में बेची जाएंगी. जहां
    तक क़ीमतों का सवाल है, ई-बुक्स स्टोर की किताबें बाज़ार के हिसाब से
    होंगी, जबकि कई फ्री किताबें पहले ही गूगल पर मौजूद हैं. एक शोध के
    मुताबिक़, अकेले अमेरिका में ई-बुक डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों
    की संख्या 2015 तक 2 करोड़ 94 लाख तक पहुंच जाएगी. फॉरेस्टर सर्वे के
    मुताबिक़, ई-बुक पढ़ने वाले लोगों में 35 फीसदी लोग लैपटॉप पर किताब
    पढ़ते हैं, 32 फीसदी अमेजन के किंडल पर और 15 फीसदी लोग एप्पल के आई फोन
    पर पढ़ते हैं. कई ऐसी वेबसाइट्‌स हैं, जहां जाकर आप अपनी मनपसंद किताब
    प़ढने का लुत़्फ उठा सकते हैं.

    www.gutenberg.org

    यह वेबसाइट किताबों का खज़ाना है. यहां दुनिया भर की क़रीब 60 भाषाओं में
    38 हज़ार किताबें मौजूद हैं, जिन्हें ऑनलाइन प़ढा जा सकता है. यहां
    इन्हें डाउनलोड करने की भी सुविधा है. यहां कॉपीराइट फ्री किताबें रहती
    हैं. वेबसाइट इन किताबों का ई संस्करण तैयार कराती है. गुटनबर्ग का
    लक्ष्य अगले साल तक पुस्तक प्रेमियों को ऑनलाइन एक लाख किताबें मुहैया
    कराना है. हर रोज़ दो लाख यूजर इसका इस्तेमाल करते हैं. गुटनबर्ग एक ऐसी
    योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत लोग अपनी मर्ज़ी से वेबसाइट को
    किताबें दान करते हैं. यहां किताब तलाशना बेहद आसान है.

    Books.google.co.in

    यहां भी किताबें ही किताबें हैं. यहां पर किसी भी लेखक का नाम या किताब
    का नाम सर्च करके अपनी मनपसंद किताब तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां
    भी गीत, ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास सहित विभिन्न विषयों पर आधारित किताबें
    मौजूद हैं. किसी की आत्मकथा प़ढनी हो, किसी की जीवनी प़ढनी हो या कोई और
    रचना, सब कुछ यहां एक क्लिक की दूरी पर उपलब्ध है.

    www.bartleby.com

    यह वेबसाइट भी बहुत पसंद की जाती है. इस वेबसाइट पर इनसाइक्लोपीडिया,
    रिफ्रेंस बुक, शब्दकोष भी हैं. साहित्य और पत्रकारिता के छात्र इसे खूब
    पसंद करते हैं. कुल मिलाकर यह वेबसाइट छात्रों, विशेषकर शोध के छात्रों
    के लिए बेहद उपयोगी है.

    Onlinebooks.library.upenn.edu

    इस वेबसाइट पर भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. यहां आप अपनी मनपसंद
    किताबें प़ढ सकते हैं. यहां भी कॉपीराइट फ्री किताबें उपलब्ध हैं. इसके
    प्रशंसकों की तादाद भी दिनोंदिन ब़ढ रही है.

    www.free-ebooks.net

    यहां नए लेखकों की रचनाएं रहती हैं. यहां आपको विभिन्न विषयों पर रोचक
    किताबें मिल जाएंगी. यहां विभिन्न विषयों की उपयोगी किताबें हैं. यहां पर
    अलग-अलग फॉर्मेट में किताबें उपलब्ध हैं. आप अपनी सुविधा के हिसाब से कोई
    भी फॉर्मेट चुन सकते हैं.

    www.easylib.com

    यहां भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. आप किसी भी विषय से संबंधित किताबें
    यहां देख सकते हैं.

    www.amazon.co.uk

    यहां भी किताबों का खज़ाना मौजूद है. इस वेबसाइट पर ऑनलाइन किताबें
    खरीदने की सुविधा भी दी गई है. अलबत्ता, आप मनपसंद किताबों को डाउनलोड कर
    अपनी एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बना सकते हैं, ताकि जब चाहें, किताबों को
    आसानी से प़ढ सकें. ये किताबें दोस्तों और परिचितों को बतौर उपहार भी
    भेजी जा सकती हैं.

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