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  1. एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे इस बात का बड़ा अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं!!! ये स्पष्ठ था कि हाथी जब चाहते तब अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से वो ऐसा नहीं कर रहे थे.

    उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास नही कर रहे हैं ? तब महावत ने कहा, ” इन हाथियों को छोटे पर से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है, उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती की इस बंधन को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास करने पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है कि वो इन रस्सियों नहीं तोड़ सकते,और बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते.”
    आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में यकीन करते हैं!!

    इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं.

    याद रखिये असफलता जीवन का एक हिस्सा है ,और निरंतर प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे किसी बंधन में बंधें हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक रहा है तो उसे तोड़ डालिए….. आप हाथी नहीं इंसान हैं.

  2. एक बार एक जंगल में बहुत ज़ोर से बारिश शुरू हो गई! सारे जंगली जानवर अपने -२ घरो में छुप गये ! जिसे जो जगह मिली वो वहाँ घुस गया! सभी जानवर सुरक्षित स्थानों में चले गये! 
    लेकिन एक छोटा सा शेर का बच्चा अपने झुंड से अलग हो गया! उसे अभी जन्म लिए ज़्यादा समय भी नहीं हुआ था! बारिश इतनी ज़ोर से हो रही थी की पूरा जॅंगल सन्नाटे की आगोश में था! 
    उस शेर के बच्चे को बारिश की वजह से ठंड भी लग रही थी! किसी पेड़ की आर में अब वह सिमट कर बैठा था! कहीं भी जाने मे अक्षम वो मायूसी से अपनी माँ को ही याद कर रहा था!
    उसी पेड़ के सामने एक चट्टान के नीचे छोटे से बिल में एक खरगोश का परिवार रहता था! बार - २ वो शेर के बच्चें की हालत देखने आते खरगोश ने कहा देखो ये शेर का बच्चा झुंड से बिछड़ गया हैं और बारिश इतनी तेज हैं की कोई इसे खोजने भी नही आ सकता! 
    ये बारिश ज़्यादा देर और हुई तो ये तो बेचारा मर जाएगा!
    उधर शेरनी भी अपने एक बच्चें को ना देख दुखी होकर मारी- २ उस जॅंगल मे घूम रही थी! कोई भी जॅंगल में दिख भी नही रहा था कि किसी को पूछे ! 
    इधर खरगोशनी उस बच्चें को देख व्याकुल हो उठी! और उसने खरगोश से कहा - हमे कुछ करना चाहिए ये तो मर जाएगा इतना छोटा सा प्यारा बच्चा हैं! 
    भगवान ना करे कभी ऐसा कुछ हमारे बच्चें के साथ हो जाए!
    खरगोश ने कहा अरे हम कर भी क्या सकते हैं अगर हम यहाँ से बाहर गये तो बारिश से मर जाएँगे या फिर अगर शेर ने देख लिया तो बारिश का भोजन का इंतज़ाम हो जाएगा उनका! 
    लेकिन शेरनी ने कहा नहीं मैं ये सब नही देख सकती आप बच्चें को देखो मैं अभी आती हूँ कह कर वो तेज बारिश मे निकल गई! 
    खरगोशनी रास्ते में पेड़ों पर निशान बनती जाती अपने दातों से जिससे पता चले की वो कहा से आ रही हैं ! 
    लेकिन खरगोशनी ना तो शेरनी को खोज पाई ओर ना शेरनी ही उसे !
    लेकिन चलते-२ जब शेरनी तक गई तो एक पेड़ की तरफ़ बैठ कर सोचने लगी अब मैं क्या करूँ?
    तभी उसकी नज़र कतार से लगे पेड़ों पर बने निशान पर गई! 
    और वो उसे देखने लगी! अरे ये तो अभी किसी ने बनाया हैं! ज़्यादा पुराना निशान नही हैं! पर किसी ने इतनी बारिश मे और  क्यूँ ये निशान बनाया हैं! 
    इसका कोई मतलब तो ज़रूर हैं! चल कर देखना चाहिए! ये सोच कर वह फिर से खड़ी हुई और अंदर से उसे लग रहा था की इससे उसे ज़रूर कुच्छ मिल जाएगा ! तेज़ी से दौड़ती वह उस तरफ़ हो चली!

    इधर खरगोशनी निशान बनाने और भीगने की वजह से काफ़ी बहुत ज़्यादा थक चुकी थी पर वो अपना काम कर रही थी! इधर जब  आख़िरी पेड़ पर जब शेरनी भूचि तो उसके खुशी का ठिकाना ना रहा! उसे उसका बच्चा मिल चुका था! पर उसे ये समझ नही आ रहा था की ये निसान किसने बनाए ओर ये सहायता किसने की!

    इधर खरगोशनी निशान बनाने और भीगने की वजह से काफ़ी बहुत ज़्यादा थक चुकी थी पर वो अपना काम कर रही थी! इधर जब  आख़िरी पेड़ पर जब शेरनी भूचि तो उसके खुशी का ठिकाना ना रहा! उसे उसका बच्चा मिल चुका था! पर उसे ये समझ नही आ रहा था की ये निसान किसने बनाए ओर ये सहायता किसने की!
    खरगोश ये सब देख रहा था अब उससे नही रहा गया उसने सोचा जो भी हो मे जाकर सब बता दूँगा मुझे मार कर खाना हो तो खा ले वो!
    खरगोश बाहर निकला और ष्रणी को जाकर सारी बात बता दी!
    शेरनी बोली तुम्हारी खरगोशिनी ने मेरी सहायता की हैं वो बहुत बहादुर हैं मैं अभी उसे खोज कर ले आती हूँ! वो इसी निशान वाले रास्टेन में ही होगी! 
    और शेरनी फिर से पलट कर उस तरफ़ भागी! और देखा तो उसकी आँखें भर आई! खरगोशनी अधमरी सी हालत मे भी पेड़ों पर निसान बना रही थी!
    उसके पास जाकर शेरनी ने उसे चूम लिया और बोली माँ तो माँ ही होती हैं चाहे मैं हूँ या तुम! 
    चलो तुम्हरा ये काम सफल हो गया आज तुम्हारी वजह से मुझे मेरा बच्चा वापस मिल गया वरना इतना बड़े जॅंगल मे मैं उसे ना खोज पाती! 
    और उसने उसे मुँह मे दबा कर उसके घर तेज़ी से लौट गई!

    शिक्षा - कोई भी काम अगर निष्ठा और विश्वास के साथ किया जाए तो ज़रूर सफल होता हैं! और हर माँ एक ही जैसी होती हैं वो अपने बच्चों के लिए जान की बाज़ी लगा देती हैं!


  3. एक दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर भ्रमण करने और वहाँ पर रहने वाले लोगों को देखने की इच्छा माता लक्ष्मी को बतायी ।  तो माता लक्ष्मी ने कहा कि हे प्रभु मैं भी आपके साथ चल सकती हूँ क्या ।  तब विष्णु भगवान ने एक मिनट सोचा और कहा कि ठीक है चलो परन्तु एक शर्त है ।  तुम उत्तर दिशा की तरफ नहीं देखोगी ।

    माता लक्ष्मी ने अपनी सहमति दे दी और वे शीघ्र ही पृथ्वी पर भ्रमण के लिये निकल गये ।  पृथ्वी बहुत ही सुन्दर दिख रही थी और वहाँ पर बहुत ही शान्ति थी ।  देखते ही माता लक्ष्मी बहुत ही खुश हुई और भूल गयी कि भगवान विष्णु ने उनसे क्या कहा था ।  वह उत्तर दिशा में देखने लगी ।  तभी उन्हें बहुत ही खुबसूरत फूलों का एक बगीचा दिखा जहाँ पर बहुत ही सुन्दर खुशबू आ रही थी ।  वह एक छोटा सा फूलों का खेत था ।  माता लक्ष्मी बिना सोचे ही उस खेत पर उतरी और वहाँ से एक फूल तोड़ लिये ।  

    भगवान विष्णु ने जब यह देखा तो उन्होंने माता लक्ष्मी को अपनी भूल याद दिलायी ।  और कहा कि किसी से बिना पूछे कुछ भी नहीं लेना चाहिये ।  इस पर भगवान विष्णु के आँसू आ गये ।

    माता लक्ष्मी ने अपनी भूल स्वीकार की और भगवान विष्णु से माफी माँगी ।  तब भगवान विष्णु बोले कि तुमने जो भूल की है उसके लिये तुम्हें सजा भी भुगतनी पड़ेगी ।  तुम जिस फूल को बिना उसके माली से पूछे लिया है अब तुम उसी के घर में 3 साल के लिये नौकरानी बनकर उसकी देखभाल करोगी ।  तभी मैं तुम्हें बैकुण्ड में वापिस बुलाऊंगा ।

    माता लक्ष्मी एक औरत का रुप लिया और उस खेत के मालिक के पास गयी ।  मालिक का नाम माधवा था ।  वह एक गरीब तथा बड़े परिवार का मुखिया था ।  उसके साथ उसकी पत्नी, दो बेटे और तीन बेटियां एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थी ।  उनके पास सम्पत्ति के नाम पर सिर्फ वही एक छोटा सा भूमि का टुकड़ा था ।  वे उसी से ही अपना गुजर बसर करता था ।  

    माता लक्ष्मी उसके घर में गयी तो माधवा ने उन्हें देखा और पूछा कि वह कौन है ।  तब माता लक्ष्मी ने कहा कि मेरी देखभाल करने वाला कोई नहीं है मुझ पर दया करो और मुझे अपने यहाँ रहने दो मैं आपका सारा काम करुँगी ।  माधव एक दयालु हृदय का इनसान था लेकिन वह गरीब भी था,  और वह जो कमाता था उसमें तो बहुत ही मुश्किल से उसी के घर का खर्चा चलता था परन्तु फिर भी उसने सोचा कि यदि मेरे तीन की जगह चार बेटियाँ होती तब भी तो वह यहाँ रहती यह सोचकर उसने माता लक्ष्मी को अपने यहाँ शरण दे दी ।  और इस तरह माता लक्ष्मी तीन साल तक उसके यहाँ नौकरानी बनकर रही ।  

    जैसे ही माता लक्ष्मी उसके यहाँ आयी तो उसने एक गाय खरीद ली और उसकी कमाई भी बढ़ गयी अब तो उसने कुछ जमीन और जेवर भी खरीद लिये थे और इस तरह उसने अपने लिये एक घर और अच्छे कपड़े खरीदे ।  तथा अब हर किसी के लिये एक अलग से कमरा भी था ।

    इतना सब मिलने पर माधव ने सोचा कि यह सब कुछ मुझे इसी औरत (माता लक्ष्मी) के घर में प्रवेश करने के बाद मिला है वही हमारे भाग्य को बदलने वाली है ।  2.5 साल निकलने के बाद माता लक्ष्मी ने उस घर में प्रवेश किया और उनके साथ एक परिवार के सदस्य की तरह रही परन्तु उन्होंने खेत पर काम करना बन्द नहीं किया ।  उन्होनें कहा कि मुझे अभी अपने 6 महीने और पूरे करने है ।  जब माता लक्ष्मी ने अपने 3 साल पूरे कर लिये तो एक दिन की बात है कि माधव अपना काम खत्म करके बैलगाड़ी पर अपने घर लौटा तो अपने दरवाजे पर अच्छे रत्न जड़ित पोशाक पहने तथा अनमोल जेवरों से लदी हुई एक खुबसूरत औरत को देखा ।  और उसने कहा कि वह कोई और नहीं माता लक्ष्मी है ।

    तब माधव और उसके घर वाले आश्चर्य चकित ही रह गये कि जो स्त्री हमारे साथ रह रही थी वह कोई और नहीं माता लक्ष्मी स्वयं थी ।  इस पर उन सभी के नेत्रों से आँसू की धारा बहने लगी और माधवा बोला कि यह क्या माँ हमसे इतना बड़ा अपराध कैसे हो गया ।  हमने स्वयं माता लक्ष्मी से ही काम करवाया ।

    माता हमें माफ कर देना ।  तब माधव बोला कि हे माता हम पर दया करो ।  हममे से कोई भी नहीं जानता था कि आप माता लक्ष्मी है ।  हे माता हमें वरदान दीजिये ।  हमारी रक्षा करिये ।

    तब माता लक्ष्मी मुस्कुरायी और बोली कि हे माधव तुम किसी प3कार की चिन्ता मत करो तुम एक बहुत ही दयालु इनसान हो और तुमने मुझे अपने यहाँ आसरा दिया है उन तीन सालों की मुझे याद है मैं तुम लोगों के साथ एक परिवार की तरह रही हूँ ।  

    इसके बदले में मैं तुम्हें वरदान देती हूँ कि तुम्हारे पास कभी भी धन की और खुशियों की कमी नहीं होगी ।  तुम्हें वो सारे सुख मिलेंगे जिसके तुम हकदार हो ।

    यह कहकर लक्ष्मी जी अपने सोने से बने हुये रथ पर सवार होकर बैकुण्ठ लोक चली गयी ।

    यहाँ पर माता लक्ष्मी ने कहा कि जो लोग दयालु, और सच्चे हृदय वाले होते है मैं हमेशा वहाँ निवास करती हूँ ।  हमें गरीबों की सेवा करनी चाहिये ।  

    इस कहानी यह उपदेश है कि जब छोटी सी गलती पर भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को भी सजा दी तो हम तो बहुत ही मामूली इनसान है ।  फिर भी भगवान की हमेशा हम पर कृपा बनी रहती है ।  हर किसी इनसान को दूसरे इनसान के प्रति दयालुता का भाव रखना चाहिये हमें जो भी कष्ट और सुख मिल रहे है वह हमारे पुराने जन्मों के कर्म है ।

    अतः अन्त में यही कहना चाहूँगी कि हर किसी को भगवान पर श्रद्घा और सबुरी रखनी चाहिये अन्त में वही हमारी नैया पार लगाते है ।



  4.  ई-संसार में भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण वेबसाइड एवं  वेब पोटर्ल है । जो संबंधित विभाग के महत्वपूर्ण जानकारियों के खजाने  से भरे हुआ है। साथ ही कई वेबसाइड एवं  वेब पोटर्ल विशेष रूप से जनहित के लिए विकसित किया गया है लेकिन प्रचार-प्रसार में कमी के कारण इन  वेबसाइड एवं   वेब पोटार्लो के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है। तो आईये जानते है भारत सरकार के 100 महत्वपूर्ण उपयोगी वेबसाइड एवं वेव पोर्टल के बारे में ।यह जानकारी आपको पांच भाग में प्रदान किया जायेगा, आज जानते है भारत सरकार के शीर्ष के 20 उपयोगी वेब साइटो एवं वेब पोर्टल के बारे में … 

    1. http://india.gov.in/ या http://bharat.gov.in/ :-  यह भारत सरकार का आधिकारिक पोर्टल है। इस पोर्टल को बनाने का उद्देश्यो नागरिकों और अन्यर पणधारियों को भारत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सूचना और सेवाओं तक एकल बिन्दुा अभिगम्योता प्रदान करना है। यहाँ आप भारत और इसके विभिन्नर पहलुओं के विषय में सूचना प्राप्त कर सकते है।  साथ ही यहाँ भारत सरकार के अन्यव पोर्टलों/वेबसाइटों के लिए इसमें विभिन्नत लिंक्सक दिए गए हैं।
    2. http://www.parliamentofindia.nic.in/ :- यह भारत की संसद का अधिकारिक  वेब पोर्टल है । यहाँ भारत की संसद से संबंधित जानकारी देख सकते हैं । यहाँ संसद के तीनो अंग (राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं  लोकसभा) पर जानकारी प्रदान की गयी है।
    3. http://presidentofindia.nic.in/ :-  यह  भारत के राष्ट्रपति का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यहाँ राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही राष्ट्रपति के दैनिक कार्यक्रम के बारे में यहाँ हर दिन सूचना मुहैया कराया जाता है।
    4. http://loksabha.nic.in/ :- भारत की संसद – लोकसभा – यह लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट है। यहाँ लोकसभा के सदस्य, सवाल, बहस, कानून, समिति, सचिवालय, भर्ती और पुस्तकालय आदि पर सूचना दी गई है।
    5. http://rajyasabha.nic.in/ :-भारत की संसद – राज्य सभा – यह  राज्यसभा  की आधिकारिक वेबसाइट है। यहाँ  राज्य सभा  के सदस्य और उनके कार्यकाल की जानकारी दी गयी है, साथ ही आप यहाँ राज्यसभा से जुडी सभी पहलू को समझ सकते है , क्यों कि यहाँ राज्यसभा के सभी विषयो पर विशेष सूचना दिया गया है।
    6. http://vicepresidentofindia.nic.in/ :-  यह  भारत के उपराष्ट्रपति का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यहाँ आप भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही उपराष्ट्रपति के दैनिक कार्यक्रम के बारे में यहाँ हर दिन सूचना मुहैया कराया जाता है।
    7. http://pmindia.nic.in/  :-  यह  भारत के प्रधानमंत्री का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यहाँ आप भारत के प्रधानमंत्री के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ आप भारत के प्रधानमंत्री के भाषणों को सुन सकते है , साथ ही प्रधानमंत्री  के दुर्लभ तस्वीरों को देख सकते है। साथ ही प्रधानमंत्री  के दैनिक कार्यक्रम के बारे में यहाँ हर दिन सूचना मुहैया कराया जाता है।
    8. http://parliamentmuseum.org/indextry.html  :- संसद संग्रहालय – (भारत सरकार)- यह संसद संग्रहालय का अधिकारिक वेब पोर्टल है। संसद संग्रहालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारत की लोकतांत्रिक विरासत, स्वतंत्रता आंदोलन, सत्ता के हस्तांतरण, संविधान और संसदीय कार्यों आदि पर सूचना प्रदान की जाती है। प्रयोक्‍ता के लिए संग्रहालय संसाधन केंद्र के विवरण भी प्रदान किए गए हैं।
    9.  http://rashtrapatisachivalaya.gov.in/ : - यह राष्ट्रपति सचिवालय  का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यहाँ राष्ट्रपति सचिवालय  के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही राष्ट्रपति सचिवालय  के दैनिक कार्यक्रम के बारे में यहाँ हर दिन सूचना मुहैया कराया जाता है । यहाँ  राष्ट्रपति सचिवालय  से जुडी अहम रिपोर्ट, योजना और नियम  को देखा जा सकता है ।
    10. http://cabsec.nic.in/  यह केन्द्रीय सचिवालय का वेब पोर्टल है, यहाँ  केन्द्रीय सचिवालय से जुडी अहम रिपोर्ट, योजना और नियम  को देखा जा सकता है। साथ ही आप  भारत सरकार (कार्य-आबंटन) नियम, 1961 के सही पहलू को समझ सकते है।
    11.  http://www.nic.in/ :- - राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) [ भारत सरकार ] – यह राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र  का अधिकारिक वेबपोर्टल है। राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी)भारत सरकार का एक प्रमुख वैज्ञानिक व तकनीकी संस्थान है जिसकी 1976 में सरकारी क्षेत्र में बेहतर पद्धतियों, एकीकृत सेवाओं तथा विश्वव्यापी समाधानों को अपनाने वाली ई-सरकार/ई-शासन संबंधी समाधानों को प्रदान करने के लिए स्थापना की गयी। राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र ही देश भर के सरकारी तंत्र, विभाग, प्रभाग, संस्थान एवं सभी इकाईयो का वेबसाइड एवं वेब पोर्टल को विकसित करता है। यहाँ आप राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों से  रूबरू हो सकते है।
    12. http://data.gov.in/ :-  यह भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं से संबंधित आकंडे मुहैया करने वाला अधिकारिक वेब पोर्टल है।  यहाँ आप कई योजनाओं से सम्बंधित आंकड़ा एक साथ एख सकते है। साथ ही आप कई योजनाओं एवं रिपोर्ट की पुरानी स्थिति भी देख सकते है और उन्हें आवश्यकता अनुसार डाऊनलोड भी कर सकते है।
    13. http://indg.in/ :- यह भारत विकास प्रवेशद्वार का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यह कई भारतीय भाषाओँ में भारत सम्बंधित आधारभूत सूचना प्रदान करता है। इस पोर्टल का विकास राष्ट्रीय पहल “भारत विकास प्रवेशद्वार”, के अंग के रूप में किया गया है जो ग्रामीण भारत के सशक्तीकरण को समर्पित है।
    14. http://tdil-dc.in/  :-  भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी प्रसारण और वितरण केंद्र ( भारत सरकार) का अधिकारिक वेब पोर्टल है। जिसका विकास भारतीय भाषाओँ की बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यहाँ  कई भाषाओ के संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया कराई गई है। साथ ही यहाँ आप एक भाषा से दुसरे भाषा में कुशल पूर्वक शुद्ध अनुवाद कर सकते है।
    15. https://iib.gov.in/ :- Insurance Information Bureau का अधिकारिक वेब पोर्टल है। यहाँ आप विभिन्न बीमा से संबंधित आवश्यक सूचना प्राप्त का सकते है. साथ ही यहाँ आप कई सालो का बीमा सूची एक ही क्लिक पर देख सकते है एवं आवश्यकतानुसार डाउनलोड कर सकते है।
    16. http://pgportal.gov.in/ :- लोक शिकायत के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा संचालित यह पोर्टल है। यहाँ आप ऑनलाइन लोक शिकायत दर्ज करा सकते है और साथ ही दर्ज शिकायतों का मानीटरिंग भी कर सकते है। ” प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग एक नोडल (आदर्श) एजेंसी है जिसके द्वारा देश में नागरिक-केंद्रित शासन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत निर्मित होते हैं। चूंकि नागरिक शिकायतों का निवारण विभाग की एक सर्वाधिक महत्वंपूर्ण पहल है, इसलिए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग नागरिकों के शिकायतों के निवारण और निपटान हेतु प्रभावकारी और सामयिक तंत्र तैयार करता है ।” यहाँ आप  लोक शिकायत पर दिए गए सूचना के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलुओ को आराम से समझ सकते है।
    17. http://goicharters.nic.in/ :- यह केन्द्र सरकार के संगठनों का नागरिक चार्टर से संबंधित पोर्टल है। यहाँ आप केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनो में निर्धारित नागरिक चार्टर को देख सकते है।  साथ ही यहाँ दिये गए सूचनाओ के आधार पर नागरिक चार्टर के विभिन्न पक्षों को बेहतर समझ सकते है।
    18. http://pensionersportal.gov.in/ :- यह केंद्र सरकार के पेंशन धारकों का अधिकारिक पोर्टल है। यहाँ पेंशन धारकों के सुविधा के लिए कई आवश्यक विन्दुयो को एक ही स्थान पर एक साथ प्रदर्शित किया गया है। साथ ही यहाँ पेंशन धारक सरकार के नए नियम और योजनाओं से भी रूबरू हो सकते है।
    19. http://rkvy.nic.in/ - राष्ट्रीय कृषि विकास योजना – कृषि मंत्रालय – यहाँ आप देश भर में चहल रहे कृषि विकास योजनाओं  के बारे में जान सकते है। राज्यवार कृषि आंकड़ो और ताजा योजना रिपोर्ट को देख सकते है।
    20. http://agmarknet.nic.in/   :-  भारत के विपणन एवं निरीक्षण (डीएमआई), – कृषि मंत्रालय ( भारत सरकार ) – यह एगमार्क संबंधित जानकारी मुहैया करने वाला भारत सरकार का अधिकारिक वेब पोर्टल है. जो छह भारतीय भाषा में एगमार्क संबंधित सूचना प्रदान करता है, साथ ही देश भर में सभी मंडियों का एक बाजार मुल्य की सूचना हर दिन मुहैया करता है, कोई भी भारतीय यहाँ से व्यापर के लिए अपने उत्पादित वस्तु का एगमार्क में पंजीकरण करा सकते है।

  5. फेसबुक यूजर्स यह जान सकते हैं कि उनके कौन से दोस्त आस-पास में हैं। फेसबुक ने नियरबाई फ्रेंड्स नाम से एक नया फीचर पेश किया है।

    जिसके जरिए फेसबुक यूजर्स अपने आस-पास में मौजूद दोस्तों के बारे में पता कर सकते हैं। 'नियरबाई फ्रेंड्स' फीचर बाई डिफॉल्ट ऑफ रहेगा, इसलिए आपको इस बारे में डरने की जरूरत नहीं है कि फेसबुक के दोस्त आपके मौजूद होने की लोकेशन के बारे में जान जाएंगे।

    केवल वही लोग अपने फेसबुक दोस्तों के आस-पास होने के बारे में जान सकेंगे, जो 'नियरबाई फ्रेंड्स' नाम का इस टूल को ऑन करेंगे।



    कैसे करता है काम

     


    ये फीचर स्मार्टफोन के जीपीएस सिस्टम के आधार पर फेसबुक दोस्तों की लोकेशन के बारे में जानकारी देता है। यह फीचर दोस्तों को आपके मौजूद रहने की जगह के बारे में नहीं बताता, यह बस इतना बताता है कि आप उनके नजदीक हैं, जैसे यह बताएगा कि उनके एक किलोमीटर के दायरे में है।

    अगर आप चाहते हैं, तो आप किसी खास दोस्त से अपनी सही-सही लोकेशन भी शेयर कर सकते हैं। उस वक्त दोस्त यह देख सकेगा कि आप कहां पर हैं। हालांकि लोकेशन की जानकारी केवल एक घंटे तक शेयर की जाएगी, लेकिन आप इसको घटा-बढ़ा भी सकते हैं।

    एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए

     


    फेसबुक ने इस फीचर को लोकेशन आधारित मोबाइल डेटिंग एप्लिकेशन टिंडर और हिंज की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर पेश किया है। लेकिन फेसबुक की इस ऐप के जरिए लोकेशन उन दोस्तों को ही शेयर कर सकते हैं जो आपके पहले से ही दोस्त हैं।

    यह फीचर एंड्रॉयड और आईओएस दोनों के लिए है, फिलहाल अभी ये फीचर केवल अमेरिका के यूजर्स ही इस्तेमाल कर सकते हैं, उम्मीद की जा रही है कि यह फीचर बाकी जगहों के लिए भी दिया जाएगा।


  6. जल्द ही बाजार में ऐसा 3डी पेन आने वाला है, जिसके जरिए आप शानदार कला बना सकते हैं। वेबसाइट किकस्टार्टर के अनुसार 6.5 इंच (16.5 सेमी) का 'लिक्स' नाम का एक अल्यूमीनियम पेन है जिसमें एबीएस व पीएलए प्लास्टिक फिलामेंट्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से सिर्फ एक बटन दबाने से 3डी स्कैच बनाना संभव हो सकेगा।

    इस पेन को यूएसबी के जरिए पावर आउटलेट से कनेक्ट कर चार्ज भी किया जा सकेगा। सिर्फ एक मिनट की चार्जिंग के बाद इसके फिलामेंट 3डी स्कैच बनाने के लिए अनुकूल तापमान पर पहुंच जाएंगे।


    यह पेन अपने आउटपुट प्वाइंट से 395 डिग्री फैरनहाइट (202 डिग्री सेल्सियस) तापमान पैदा करेगा।

    ज्यादा खूबसूरती से काम करने के लिए इसकी डिजाइन में दो तरह के स्पीड कंट्रोल बटन दिए गए हैं। इसमें इस्तेमाल किए गए फिलामेंट के अनुसार रंगों व ग्लॉस का चुनाव किया जा सकता है।

    ये बाजार में पहला 3डी पेन नहीं है लेकिन डेवलेपर्स का दावा है कि ये दुनिया का सबसे छोटा 3डी पेन है। वेबसाइट पर इसकी कीमत 139.95 डॉलर करीब 8,440 रुपए बताई गई है।

  7. Hindi Quotes

    Thursday, April 24, 2014


    1) ज़िन्दगी खुद को खोजने के बारे में नहीं है​, ज़िन्दगी खुद को बनाने के बारे में है।
    ~ George Bernard Shaw

     ​2 ) एक सच्चा दोस्त, उचित सलाह देता है, सहजता से मदद करता है,​ ​आसानी से जोखिम उठता है, सब​ ​कुछ धैर्यपूर्वक सहता है, हिम्मत से बचाव करता है और बिना बदले दोस्ती बरक़रार रखता है​।
    ~ William Penn

     ​3 ) जीवन का महत्व तभी है जब वह किसी महान ध्येय के लिए समर्पित हो। यह समर्पण ज्ञान और न्याययुक्त हो।
    ~ Indira Gandhi

     4 ) अगर आपके अन्दर बस एक मुस्कान बची है तो उसे उन्हें दीजिये जिनसे आप प्रेम करते है​।
    ~ Maya Angelou

     ​5 ) दादा-दादी और पोते आपस में इतना क्यों घुलते-मिलते है, क्योंकि उनके दुश्मन एक होते है माता-पिता।
    ~ Claudette Colbert

     6 ) मे​री एकमात्र इच्छा ये हैं कि भारत को एक अच्छा उत्पादक होना चाहिए और यहाँ कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। और भोजन के लिए किसी के आंसू नहीं गिरने चाहिए।
    ~ Sardar Patel

     7 ) अगर हम करोड़ों का धन भी खो दे और हमें जीवन का भी त्याग करना पड़ जाए तो भी हमें ईश्वर में विश्वास रखते हुए अपने आप को खुश और चेहरे पर मुस्कराहट ही रखनी चाहिए।
    ~ Sardar Patel

     8 ) कभी मुसीबत में पड़े व्यक्ति की सलाह पर यकीन मत करो।
    ~ Aesop

     9 ) जैसा आप सोचते हैं, वैसा आप बन जायेंगे।
    ~ Bruce Lee

     10 ) ​जिस काम को आप नहीं कर सकते उसे भी मत छोडो, उसमें भी ऐसे दखल अंदाजी करो कि आप कर सकते हो।
    ~ Author Unknown



  8. यदि कड़ी मेहनत इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। यह
    बात सिंगापुर में रह रहे 59 वर्षीय एड्रिन लोई पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
    एड्रिन लोई सिंगापुर में या कुन कॉफ इंटरनेशनल के कार्यकारी अध्यक्ष हैं
    और वह यहां के 'कॉफी किंग' भी हैं। उनकी सफलता की कहानी जितनी दिलचस्प है
    उतनी हैरान करने वाली भी है।

    एक चीनी-सिंगापुरी परिवार के अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटे लिंग अपने
    पिता आह कून की मशहूर कॉफी की दुकान पर भाई-बहनों के साथ काम करते हुए
    बड़े हुए।

    एक अंग्रेजी समाचार वेबसाइट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, करीब 60 साल तक
    दुकान चलाने के बाद कुन बीमार पड़ गए. तब लोई को लगा कि अगर पैतृक व्यवसाय
    बंद हो गया तो, यह काफी शर्मनाक होगा। उनके सब भाई-बहन उनसे आयु में बड़े
    थे। उनकी सबसे बड़ी बहन उनसे 20 साल बड़ी थीं, लेकिन वो व्यवसाय चलाने की
    इच्छुक नहीं थीं।

    लोई ने अपने पिता और ग्राहकों के बीच के सहज संबंध को देखा था। इसलिए वो
    इसे जिंदा रखना चाहते थे। एक दिन वो और उनके भाई एलगी ने हिम्मत कर पिता
    से पूछा कि क्या वो उनकी दुकान को चला सकते हैं। उनके पिता न कहा, हां
    क्यों नहीं, लेकिन यह बहुत ही मुश्किल काम है। इसका जवाब दोनों भाइयों ने
    हां में दिया।

    साल 1998 में दुकान का कार्यभार संभालने के बाद ही उन्हें लाऊ पा सैट के
    निर्माण की वजह से उन्हें दुकान को कहीं और ले जाना पड़ा। इसके बाद
    उन्होंने अपनी दुकान का नाम बदलकर या कुन काया टोस्ट कर दिया और उसे
    चलाने के लिए 10 हजार सिंगापुरी डॉलर उधार लिया।

    अच्छा-खासा पैसा खर्च कर एक हजार वर्ग फुट की नई दुकान लेने से वो काफी
    चिंतित थे। शुरुआती सफलता के बाद उन्होंने यह जानने के लिए कि कंपनी के
    विकास के लिए बाहरी निवेश की जरूरत है या नहीं एक कंसल्टेंट की सेवाएं
    लीं। दुकान पर अपना मालिकाना हक थोड़ा कम करने की जगह सिंगापुर सरकार से
    मदद के लिए आवेदन करने का फैसला लिया। एक भागीदार और भाई की हिस्सेदारी
    कम करने के बाद इस समय उनकी 75 फीसदी हिस्सेदारी है।

    युवावस्था में एड्रिन लोईसरकारी सहायता ने उन्हें फ्रेंचाइजी खोजने में
    मदद की। छह महीने में ही उनके पास चार सौ आवेदन आए। इसके बाद से वो अबतक
    सिंगापुर में 50 या कुन काफी शॉप और दुनिया के अन्य देशों में 49 दुकानें
    खोल चुके हैं। पिछले साल उनकी कंपनी ने ढाई करोड़ सिंगापुरी डॉलर का
    कारोबार किया। यह 1998 में लोई के दुकान संभालने के समय के कारोबार से
    करीब दो हजार फीसद अधिक है।

    लोई कहते हैं, 'सिंगापुर में अधिकांश लोग एक दिन में पांच बार खाते हैं,
    इसमें शामिल होता है, नाश्ता, दोपहर का खाना, दोपहर बाद की चाय, शाम का
    खाना और रात का खाना। इसलिए वो हर बार कॉफी के लिए आते हैं।'

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  9. मेरा नाम मुनीश गर्ग है , ( .पर बोहत लोग मुझे काला नाम से जानते है
    )में रमन मंडी जिला बठिंडा पंजाब का रहने वाला हु , मेरा जनम 20-09-1985
    को डबवाली में हुआ , शुरुआत से ही मेरी पढ़ाई अच्छी नहीं थी , कुछ तो
    स्कूल ही ऐसा था और कुछ में ही ऐसा था , मेरा दोष इतना नहीं था जितना की
    स्कूल टीचरो को था . क्यों की मुझे पता है जब में आठबी क्लास में था तो
    मेरे टीचर जो मुझे पढ़ाते थे बो खुद दसबी पास थे , ( आज कल बी ऐसा ही हो
    रहा है जो दसबी पास कर लेता है बो स्कूल में पढ़ाने लग जाता है , स्कूल
    वाले बी उन को पहल देते है क्यों की उन टीचरो को पर मंथ सिर्फ 500 से
    1500 ही देना होता है , स्कूल वाले जे नहीं सोचते की उन बच्चो का क्या
    होगा जो उन से पढ़ाई करे गए )

    स्कूल की एक घटना बता रहा हु ,

    मुझे कुछ कुछ पड़ना तो आता था पर लिखना कुछ बी नहीं आता था , कुछ बी मतलब
    मुझे अपना नाम तक नहीं लिखना आता था ,
    क्यों की मुझे याद है जब हम आठबी क्लास के एग्जाम देते है तो एक फॉर्म
    फिल करना पड़ता है जिस पर उस स्टूडेंड के सिग्नेचर करने पड़ते है जो
    एग्जाम दे रहा है जो मुझे नहीं करने आते थे ,
    आप को पता ही है जब आठबी क्लास के एग्जाम देने होते है तो स्कूल वाले
    एग्जाम से पहले टेस्ट एग्जाम लेते है , क्यों की स्कूल वालो को पता चल
    जाता है की कितने स्टूडेंड एग्जाम में पास हो सकते है ,
    मैंने बी बो टेस्ट एग्जाम दिए थे पर मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं हुआ ,, जब
    में एग्जाम दे रहा था तो मेरे टीचर पास आये और मुझे बोहत मारा और कहा की
    तुम नक़ल कर रहे हो , मैंने उन को बोला की आप को बी पता है मुझे कुछ बी
    नहीं आता तो में नक़ल कैसे कर सकता हु क्यों की मुझे नक़ल बी नहीं करनी आती
    तो बो कुछ बी नहीं बोली और मुझे बहा से खड़े कर के किसी और जगह पर बिठा
    दिया ..कुछ टाइम के बाद बो टीचर ने मुझे फिर मारा उस टाइम में बोला की
    अबी तो मेरे पास कोई नहीं बैठा है फिर आप ने क्यों मारा मुझे बोली की
    जायदा मत बोल नहीं तो और मारू गई . में चुप था . पता नहीं की मेरे मन
    में क्या आएया की मैंने एग्जाम पेपर को उस टीचर के मुह पर मारा और रोने
    लगा . रोते रोते में अपने घर चला गया ..और घर पर सब को बता दिया ..मेरे
    मम्मी स्कूल में गए और उन टीचर से पूछा की क्या बात हुई है तो बो बोली की
    कुछ बी नहीं बस आप के लड़के को कुछ नहीं आता है इस लिए बो रोने लगा और घर
    चला गया ..मेरी मम्मी ने टीचर को फिर बी कुछ कहा और घर आ गए क्यों की सब
    को पता था की मुझे कुछ बी नहीं आता है ...

    .रिजल्ट
     कैसे न कैसे कर के मैंने आठबी क्लास के फाइनल एग्जाम दे दिए ....रिजल्ट
    आना तो बाकी था ...2 मंथ के बाद रिजल्ट बी आ ही गया ..में बी रिजल्ट
    देखने गया .. पर मेरे मन में था की अगर फेल हुआ तो क्या होगा ... पर ऐसा
    कुछ बी नहीं हुआ क्यों की में पास था ....बस पास ही था क्यों की 33 %
    मार्क्स थे जो पास होने के लिए जरुरी होते है ...मतलब 600 में से सिर्फ
    216 नो ही थे ...पर मुझे क्या लेना था बड़ी बात तो जे थे की में पास हो
    चूका था मुझे इतनी ख़ुशी थी की में आप को बता ही नहीं सकता क्यों की में
    बी उन स्टूडेंड के साथ नई क्लास ज्वाइन करने वाला था जो मेरे साथ पहले
    पड़ते थे ...

    नोट ......मुझे जे नहीं पता चला आज तक की मुझे जब कुछ आता ही नहीं था तो स्कूल वाले मुझे अगली क्लास में कैसे कर देते थे ...चलो जे तो स्कूल वालो की बात है ..पर में आठबी क्लास में कैसे पास हुआ जे एक बोहत बड़ी बात है मेरे लिए .... 

    अगली 9th  क्लास में दाखिला ........

    फिर क्या था आठबी पास करते ही मैंने 9th में दाखिला ले लिया हिंन्दु हाई स्कूल में क्यों की मेरे स्कूल के सबी स्टूडेंट ने उसी स्कूल में दाखिला लिया था .........

    दाखिले में प्रॉब्लम ... में अपनी एडमिशन फीस माफ़ करबाना चाहता था , इस टाइम  एडमिशन फीस 1300 Rs  थी , फीस उस स्टूडेंड की ही माफ़ की जाती थी जिस के नो अच्छे थे , मेरे तो नो ही बोहत कम थे , फिर बी मैंने अपनी कुछ फीस माफ़ करबा ली थी ,, और मुझे दाखिला मिल चूका था ...

    9Th  क्लास में ...

    आठबी क्लास में मुझे लिखना पड़ना तो आता ही नहीं था फिर बी मैंने सोचा था, की इस बार कुछ अपने आप सिखने की कोशिश की जाये ..फिर तो में लग गया अपनी कोशिश में ...सब से पहले मैंने पंजाबी पर अपना पूरा जोर दे दिया ... क्यों की पंजाब में हर सब्जेक्ट पंजाबी में ही होता है ... मुझे लगा की में कुछ सीख रहा हु ... मुझे कुछ कुछ तो पंजाबी पड़ना आता ही था पर मेरी कोशिश ने मुझे अच्छी तरह पंजाबी पड़ने लगा दिया ... अब लिखने की बारी थी ... ऐसे ही कुछ दिन की कोशिश से मैंने अपना नाम और आता पता लिखना सीख लिया ...6 मंथ के बाद ही मुझे पंजाबी काफी हद तक लिखनी आ चुकी थी ,,( जे मेरी सब से पहली एक छोटी सी कोशिश थी )

    कुछ याद रखने की शक्ति ....

    में जो बी पड़ता था मुझे अच्छी तरह याद हो जाता था ... मेरे नई टीचरो को बी लगने लगा की में पड़ सकता हु ...अब टीचर जो मुझे याद करने को बोलते तो में अच्छी तरह याद करता और और पूरी क्लास में सुना देता ...अब में स्टूडेंडो पर बी छाने लगा था .. मेरे साथ वाले लड़को को लगा की में कुछ ओवर समार्ट बन रहा हु पर ऐसा कुछ बी नहीं था . क्यों की में तो कुछ सीखना चाहता था ... कुछ सीखते सीखते ही मेरे ९ट्य्ह क्लास के फाइनल एग्जाम आ चुके थे ..




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  10. कभी कम्प्यूटर पर काम करते वक्त मोबाइल पर कोई पिंग आ जाए तो कितनी कोफ्त होती है न! फोन उठाओ उसे खोलो फिर रिप्लाई करो। तब लगता है कि काश... ये ऐप्स भी कम्प्यूटर पर इन्स्टॉल हो सकते।

    ऐसा हो सकता है! वॉट्सैप, वाइबर, किक मेसेंजर, काकाओ टॉक, लाइन, ब्लैकबरी मेसेंजर और ऐसे ही कई मोबाइल ऐप्स को आप अपने कम्प्यूटर पर भी चला सकते हैं। यहां तक कि ऐंड्रॉयड गेम्स को भी। इसके लिए एक खास ट्रिक है जिसके लिए आपका ज्यादा टेक सैवी होना भी जरूरी नहीं है।

    ब्लूस्टैक्स इन्स्टॉल करें: ब्लूस्टैक्स एक ऐंड्रॉयड एम्युलेटर है। संक्षेप में कहें तो ऐंड्रॉयड ऐप्स को विंडोज पर चलाने का यह बेस्ट तरीका है।

    पहले ब्लूस्टैक्स को अपने विंडोज पीसी पर इन्स्टॉल करें। इन्सटॉल हो जाने पर ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर स्क्रीन के बाएं कोने में ऊपर की तरफ बने सर्च आइकन पर क्लिक करें और वह मोबाइल ऐप चुनें जो आप यूज करना चाहते हैं।
    ऐप के आइकन पर क्लिक करें। ब्लूस्टैक्स ऐप इन्स्टॉल करने से पहले आपसे एक गूगल अकाउंट सेटअप करने को कहेगा। आप अपने गूगल अकाउंट से साइन-इन भी कर सकते हैं और नया अकाउंट भी बना सकते हैं। ब्लूस्टैक्स को अपने गूगल अकाउंट से लिंक कर अपनी डिवाइस पर ऐप्स डाउनलोड करें।

    ऐप इन्स्टॉल करें: ऐप को डाउनलोड कर वैसे ही अपने पीसी पर इन्स्टॉल करें जैसे मोबाइल पर करते हैं। ऐप इन्स्टॉल हो जाए तो ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर विंडो पर नीचे की तरफ बने होम बटन पर क्लिक करें। विंडो में सबसे ऊपर आपको नई इन्स्टॉल्ड ऐप मिलेगी। अगर न दिखे तो सीधे हाथ की तरफ बने ऑल ऐप्स बटन को क्लिक करें।

    ऐप सेट अप करें: अब अपने ऐप को ठीक उसी तरह सेट अप करें जैसे आप मोबाइल पर करते हैं। उदाहरण के लिए वॉट्सऐप को लेते हैं। सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर डालें और आगे बढ़ें। अगर मोबाइल नहीं है तो यहां आप लैंडलाइन फोन नम्बर भी डाल सकते हैं।

    5 मिनट में आपके पास एसएमएस आएगा। वॉट्सऐप की तरफ से आपको रजिस्टर किये गए नंबर पर एक कॉल आएगी। उसे रिसीव करें और दूसरी तरफ से बताए गए कन्फर्मेशन कोड को वॉटसऐप विंडो में डालें। इसके बाद यह आपके पीसी से ठीक वैसे ही काम करने लगेगा जैसे आपके फोन से करता है।

    ध्यान देने वाली बात ये है कि ये ऐप्स मोबाइल के लिए बने हैं, कम्प्यूटर के लिए नहीं इसलिए कभी भी कोई भी दिक्कत आ सकती है। खासकर जब आप ऐप का इस्तेमाल फोन और कम्प्यूटर दोनों से करेंगे तो दिक्कत होने की संभावना ज्यादा है। इन्हें एक ही डिवाइस से ऑपरेट करने की कोशिश करें।

    कितने ऐप्स चलेंगे: आप जितने चाहें उतने ऐप्स इन्स्टॉल कर सकते हैं। वे सब ब्लूस्टैक्स ऐप प्लेयर विंडो पर ही चलेंगे। इसकी मदद से आप वे सभी ऐप्स इस्तेमाल कर सकते हैं जो विंडोज 8 टैबलेट पर नहीं हैं। आप कई मजेदार ऐंड्रॉयड गेम्स को भी इसकी मदद से अपने पीसी पर खेल सकते हैं।

  11. क्या आप बी अपनी भाषा में लिखना चाहते हो ,तो आप लिख सकते हो , बस आप को
    कुछ इंग्लिश आती हो .मेरे ब्लॉग ( www.kuchkhaskhabar.com )कुछ
    खास खबर में जो विजेट ( लिखिए अपनी भाषा में में लगा है ) आप इस से 15
    भाषा में लिख सकते हो, बस आप अपनी भाषा पर क्लिक करो और जो बी लिखना है
    लिखो, जैसे मैंने 15 भाषा में कुछ खास खबर लिखा है, आप को इस बॉक्स
    में इंग्लिश में लिखना होगा जे बॉक्स अपने आप आप की भाषा लिखा में लिख
    देगा,

    English-------aap kha rehte ho

    Hindi----------आप कहा रहते हो



    English ------------------ kuch khas khabar


    1) Hindi ------------कुछ खास खबर

    2) Bengali-----------কুচ খাস খাবার

    3) Greek-------------κοχ χας χάβαρ

    4) Gujarati---------- કુચ ખાસ ખબર

    5) Kannada--------- ಕುಚ್ ಖಾಸ್ ಖಬರ್

    6) Malayalam------ കുച്ച് ഖസ ഖബര്

    7) Marathi----------- कूच खास खबर

    8) Nepali------------- कुच खस खबर

    9) Punjabi-------------ਕੁਛ ਖਾਸ ਖਬਰ

    10) Russian-----------кух хас хабар

    11) Sanskrit-----------कुच खास खबर

    12) SarBian-----------куч хас хабар

    13) Tamil----------------குச் க்ஹஸ் க்ஹபர்

    14) Telugu---------------కుచ్ ఖాస్ ఖబర్

    15) Urdu ----------------کچھ خاص خبر


    kuchkhaskhabar@gmail.com

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  12. 'सॉफ्टवेयर' उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जिनको हम हार्डवेयर पर चलाते
    हैं.किसी भी कम्प्यूटर को चलाने के लिये जो सबसे आवश्यक सॉफ्टवेयर है वह
    है ऑपरेटिंग सिस्टम. ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना आप कम्प्यूटर में काम नहीं
    कर सकते.

    ऑपरेटिंग सिस्टम:

    ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित रूप से जमे हुए साफ्टवेयर का समूह है जो कि
    आंकडो एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है. आपरेटिंग सिस्टम
    हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है.कम्प्यूटर का अपने
    आप में कोई अस्तित्व नही है.यह केवल हार्डवेयर जैसे की-बोर्ड, मॉनिटर,
    सी.पी.यू इत्यादि का समूह है. आपरेटिंग सिस्टम समस्त हार्डवेयर के बीच
    सम्बंध स्थापित करता है.आपरेटिंग सिस्टम के कारण ही प्रयोगकर्ता को
    कम्प्यूटर के विभिन्न भागों की जानकारी रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती
    है.साथ ही प्रयोगकर्ता अपने सभी कार्य तनाव रहित होकर कर सकता है.यह
    सिस्टम के संसाधनों को बांटता एवं व्यवस्थित करता है. ऑपरेटिंग सिस्टम के
    कई अन्य उपयोगी विभाग होते है जिनके कई काम केन्द्रिय प्रोसेसर द्वारा
    किए जाते है. उदाहरण के लिए आप प्रिटिंग का कोई काम करें तो केन्द्रिय
    प्रोसेसर आवश्यक आदेश देकर वह कार्य आपरेटिंग सिस्टम पर छोड देता है और
    वह स्वयं अगला कार्य करने लगता है. इसके अतिरिक्त फाइल को पुनः नाम देना,
    डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य आपरेटिंग
    सिस्टम के द्वारा किए जाते है.

    आज जो सबसे प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम हैं वह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा
    बनाये गये हैं. इनमें डॉस (DOS), विंडोज-98, विंडोज-एक्स पी,
    विंडोज-विस्टा प्रमुख हैं.लेकिन इन सभी को कम्प्यूटर के साथ आपको खरीदना
    पड़ता है. यदि आप मुफ्त का ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग करना चाहते हैं तो
    उसके लिये लिनक्स के कई ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जो पूरी तरह मुफ्त हैं. इनमे
    से कई विंडोज से कई मायने में बेहतर भी हैं लेकिन इनको सीखने में थोड़ा
    ज्यादा समय लग सकता है. चुंकि अभी विंडोज ही बहु-प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम
    है इसलिये हम उसी से संबंधित उदाहरणों का प्रयोग इस लेख में करेंगे.

    एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर:

    एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आपके रोज मर्रा की जरूरत को पूरा करते हैं. जैसे यदि
    आप यदि कुछ लिखना चाहें तो उसके लिये विंडोज में नोटपैड व वर्डपैड है.
    इसके अलावा आप ओपन ऑफिस का प्रयोग कर सकते हैं जो मुफ्त है या
    माइक्रोसोफ़्ट ऑफिस खरीद सकते हैं जिसमें से आप माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का
    उपयोग लिखने के लिये कर सकते हैं. इसके अलावा आप डाटा के
    गणितीय,सांख्यिकीय उपयोग के लिये माइक्रोसॉफ्ट एक्सल और प्रजेंटेशन बनाने
    के लिये पावर पॉइंन्ट का उपयोग कर सकते हैं.किसी भी प्रकार की ड्राइग के
    लिये विंडोज में पेन्ट नाम का सॉफ्टवेयर होता है यदि आपको एडवांस ड्राइंग
    करनी है तो आप गिम्प (GIMP) का प्रयोग कर सकते हैं जो कि मुफ्त है या फिर
    अडोब कंपनी का फोटोशॉप सॉफ्टवेयर खरीद सकते हैं.

    http://hi.wikipedia.org/s/1rds
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  13. 'हार्टब्लीड बग' से सावधान, सभी पासवर्ड बदलें!

    सॉफ्टवेयर सुरक्षा से जुड़ी एक 'बड़ी गड़बड़ी' सामने आने के बाद कुछ
    तकनीकी कंपनियों ने लोगों से अपने सभी पासवर्ड बदलने की गुजारिश की है।

    याहू ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'टंबलर' ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने सभी
    ई-मेल, फाईल स्टोरेज और बैंकिंग से जुड़े पासवर्ड बदल दें।

    सुरक्षा सलाहकारों ने 'हार्टब्लीड' नामक एक सॉफ्टवेयर बग की चेतावनी देते
    हुए यह आशंका जताई है कि इससे सुरक्षित सूचनाएं दूसरों तक पहुंच सकती
    हैं।

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  14. वॉट्सऐप की दीवानगी

    वॉट्सऐप मैसेजिंग ऐप को हर महीने 45 करोड़ से अधिक लोग इस्तेमाल कर रहे
    हैं। ये उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जो एसएमएस पर खर्चा करना पसंद नहीं
    करते हैं।

    वॉट्सऐप मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करने के लिए डेटा शुल्क तो चुकाना ही पड़ता
    है लेकिन वॉट्सऐप ने अब नया प्लान शुरू किया है जिसमें इंटरनेट का खर्च
    भी नहीं देना होगा।

    नए प्रीपेड सिम के साथ अनलिमिटेड वॉट्सऐप

    वॉट्सऐप ने इसकी शुरुआत जर्मनी से की है। वॉट्सऐप ने जर्मनी की ई-प्लस
    टेलीकॉम कंपनी से साथ साझेदारी की है। ई-प्लस के नए सिम के साथ यूजर्स को
    अनलिमिटेड वॉट्सऐप की सुविधा दी जा रही है।

    ऐसे पहली बार देखा जा रहा है जब किसी इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस को
    ऑपरेटर्स ‌के साथ मिलकर पेश किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस
    तरह की मोबाइल वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर सर्विस अन्य देशों में भी शुरू की
    जाएगी।

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  15. एक लड़का आम के वृक्ष पर पत्थर मारकर आम तोड़ने का प्रयास कर रहा था।
    गलती से एक पत्थर अपने लक्ष्य से भटककर वहां से गुजर रहे राजा को लगा।
    राजा के सैनिकों ने दौड़करउस लड़के को पकड़ लिया और उसे राजा के समक्ष
    प्रस्तुत किया ।

    राजा ने कहा -"इसके लिए तुम सजा के भागीदार हो। ............ताकि फिर कभी
    कोई राजा के ऊपर पत्थर फेंकने की हिम्मत न करे, अन्यथा ऐसे तो शासन चलाना
    मुश्किल हो जाएगा।"

    लड़के ने विनयपूर्वक उत्तर दिया - "हे वीर एवं न्यायप्रिय राजन, जब मैंने
    आम के वृक्ष पर पत्थर मारा तो मुझे उपहार स्वरूप मीठे रसीले फल खाने को
    मिले और जब आपको पत्थर लगा तो आप मुझे दंड दे रहे हैं....आप से भला तो
    वृक्ष है।"

    राजा का सिर शर्म से झुक गया।

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  16. एक बार एक शेर और एक आदमी साथ-साथ यात्रा कर रहे थे। उनके मध्य यह बहस
    होने लगी कि कौन ज्यादा ताकतवर और श्रेष्ठ है। उनके मध्य नोक-झोंक तीखी
    हुई ही थी कि वे चट्टान पर उकेरी गयी एक मूर्ति के पास से गुजरे जिस में
    एक आदमी को शेर का गला दबाते हुए दर्शाया गया था।

    "वो देखो। हमारी श्रेष्ठता को साबित करने के लिए क्या तुम्हें और किसी
    प्रमाण की आवश्यकता है?" - आदमी ने गर्व से कहा।

    शेर ने उत्तर दिया - "ये कहानी कहने का तुम्हारा नजरिया है। यदि हम लोग
    शिल्पकार होते तो शेर के एक पंजे के नीचे बीस आदमी दबेहोते।"

    "इतिहास सिर्फ विजेताओं द्वारा ही लिखा जाता है।"

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  17. सूफी संत जुनैद के बारे में एक कथा है.
    एक बार संत को एक व्यक्ति ने खूब अपशब्द कहे और उनका अपमान किया. संत ने
    उस व्यक्ति से कहा कि मैं कल वापस आकर तुम्हें अपना जवाब दूंगा.

    अगले दिन वापस जाकर उस व्यक्ति से कहा कि अब तो तुम्हें जवाब देने की
    जरूरत ही नहीं है.
    उस व्यक्ति को बेहद आश्चर्य हुआ. उस व्यक्तिने संत से कहा कि जिस तरीके
    से मैंने आपका अपमान किया और आपको अपशब्द कहे, तो घोर शांतिप्रिय व्यक्ति
    भी उत्तेजित हो जाता औरजवाब देता. आप तो सचमुच विलक्षण, महान हैं.

    संत ने कहा – मेरे गुरु ने मुझे सिखाया है कियदि आप त्वरित जवाब देते हैं
    तो वह आपके अवचेतन मस्तिष्क से निकली हुई बात होती है. इसलिए कुछ समय
    गुजर जाने दो. चिंतन मनन हो जाने दो. कड़वाहट खुद ही घुल जाएगी. तुम्हारे
    दिमाग की गरमी यूँ ही ठंडी हो जाएगी. आपके आँखों के सामने का अँधेरा जल्द
    ही छंट जाएगा. चौबीस घंटे गुजर जाने दो फिर जवाब दो.

    क्या आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति पूरे 24 घंटों के लिए गुस्सा रह
    सकता है? 24 घंटे क्या, जरा अपने आप को 24 मिनट का ही समय देकर देखें.
    गुस्सा क्षणिक ही होता है, और बहुत संभव है कि आपका गुस्सा, हो सकता है
    24 सेकण्ड भी न ठहरता हो.

    --
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  18.    

    Writer......HARESH KUMAR SAINI

    Mobile No..9478597326
      
    E-Mail..hareshsaini6@gmail.com



  19. ड्रग साइट विभिन्न प्रकार की दवाओं का एक डाटाबेस है। इसमें किसी भी ड्रग
    का नाम लिखकर खोजने से उसके दुष्प्रभावों के संबंध में ढेर सारे आंकड़े
    प्रस्तुत हो जाते हैं। ड्रग साइट को ये सभी आंकड़े संयुक्त राज्य अमेरिका
    के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से मिलते हैं। इन आंकड़ों को आप सीएसवी फार्मेट
    में डाउनलोड भी कर सकते हैं। दवाओं के विषय में शोध करने वालों के लिए
    बहुत ही काम की साइट हो सकती है।

    वेबसाइट का लिंक यहाँ है.

    http://www.drugcite.com

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  20. अंडा खाना आपके लिए ज्यादा फायेदेमंद है या फिर सेब खाना,किस में किस से
    ज्यदा पोष्टिक तत्व है इन सब के बारे में अगर आप जानकारी चाहते है तो आप
    Twofoods नाम के वेबसाइट की सहयेता ले सकते है|
    इस वेबसाइट पैर आप किन्ही दो खाने की चीजों का आपस में कम्पेयर कर सकते
    है की किस में कितना पोष्टिक तत्व

    वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें
    http://www.twofoods.com

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  21. अकसर आपको कंपनियों या सेवा प्रदातायों की सेवा में शिकायत या कोई सुझाव
    लेने के लिए कस्टमर केयर के नंबर की जरूरत पड़ जाती हैं |

    कभी कभी तो आपको ये नंबर पता होता है , कभी कभी इसकी तलाश करने में काफी
    दिक्कत होती हैं |
    यहाँ एक ऐसी साईट बता रहा हूँ, जहाँ देश के लगभग सारे टोल फ्री (जिन पर
    कॉल करने का कोई चार्ज नहीं लगता ) नंबर मौजूद है |
    काफी उपयोगी साबित हो सकती है |


    इस वेबसाइट पर जाने यहाँ क्लिक करें ।

    http://www.1-800.in/index.php

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  22. सैन फ्रांसिस्को की कंपनी ओपन गार्डन ने आइओएस और एंड्रॉयड यूजर्स के लिए
    फायरचैट नाम से एक चैट सर्विस डेवलप की है, जो बिना मोबाइल नेटवर्क,
    वाई-फाई और इंटरनेट कनेक्शन के काम करेगी।

    पिछले हफ्ते इस एप को आइओएस यूजर्स के लिए लांच किया गया था, एंड्रायड के
    लिए इसे हाल ही में लांच किया गया है। चैट में यूजर को केवल स्क्रीन नेम
    चुनना होता है और एवरीवन टैब में जाकर फायरचैट यूजर्स से चैट कर सकते
    हैं, वहीं नियरबाइ टैब में वाई-फाई के रेंज या ब्लूटूथ की 30 फीट की रेंज
    में आने वाले यूजर्स से चैट कर सकते हैं। ऐसी जगहें जहां नेटवर्क सिग्नल
    नहीं भी है, जैसे- सबवे, बीच, कैंपिंग बेसमेंट या एयरोप्लेन में भी चैट
    कर सकते हैं।

    इसमें मेश नेटवर्क टेक्नोलॉजी यूज की गई है, जिसमें आसपास के लोकल यूजर्स
    के साथ एप एक मिनी-इंटरनेट नेटवर्क क्रिएट कर देती है। आइओएस 7 ओएस में
    भी एक ऐसा ही फीचर है मल्टीपल कनेक्टिविटी फ्रेमवर्क, जिसमें इसी
    टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है। गूगल भी मेश नेटवर्क प्रोजेक्ट पर काम
    कर रहा है और आने वाले समय में कई एप्स इस नेटवर्क पर आधारित होंगी। इस
    एप को गूगल प्ले स्टोर और आइट्यूंस स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

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  23. बैंक कि एक ऐसी वेबसाइट जिस पर आप नोट के बारे में बोहत जानकारी ले सकते हो

    http://www.paisaboltahai.rbi.org.in/hindi/100.htm

    नकली नोट के बारे में अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न..

    1) जाली नोट क्‍या है ?

    कोई भी नोट जिसमें वास्तविक भारतीय करेंसी नोटों की विशेषताएं नहीं होती
    है, वह संदिग्ध जाली नोट, खोटा नोट या नकली नोट है।

    2) मैं नकली नोट कैसे पहचानूं ?

    आप किसी नोट में उन विशेषताओं जो वास्तविक भारतीय करेंसी नोट में मौजूद
    हैं को ढूँढ पाने में असमर्थता पर जाली नोट की पहचान कर सकते है। इन
    विशेषताओं को नोट के अवलोकन से, स्पर्श द्वारा और नोट को झुकाकर आसानी से
    पहचाना जा सकता है।
    ऐसी विशेषताओं का विवरण नीचे प्रस्तुत हैः

    3) भारत में कितने जाली नोट संचलन में हैं ?

    किसी भी एजेंसी द्वारा संचलन में मौजुद जाली नोटों की संख्या के संबंध
    में कोई अनुमान नहीं किया गया है। तथापि, हाल ही के वर्षों में बैंकों
    द्वारा उनके स्तर पर जाली नोटों की पहचान अधिक मात्रा में की जाने के
    कारण बैंकिंग प्रणाली में जाली नोटों का पता लगाने के कार्य में बढ़ोतरी
    हुई है। पिछले तीन वर्षों के दौरान पाये गये जाली नोटों की संख्या
    निम्नानुसार हैं :-

    वर्ष (अप्रैल से मार्च)
    भारतीय रिज़र्व बैंक में पाये गये (नोटों की संख्या)
    अन्य बैंकों में पाये गये (नोटों की संख्या)
    कुल (नोटों की संख्या)

    2007-08
    62,134
    133,677
    195,811

    2008-09
    55,830
    342,281
    398,111

    2009-10
    52,620
    348,856
    401,476

    31 मार्च 2010 को संचलन में मौजुद 56,549 मिलियन बैंकनोटों को देखते हुए,
    2009-10 के दौरान, संचलन में प्रति मिलियन बैंकनोटों में 7.09 बैंकनोट की
    सीमा तक जाली नोटों का पता लगाया गया।

    4) भारतीय रिज़र्व बैंक किस प्रकार से जाली नोटों की समस्या का समाधान करता है?

    भारतीय रिज़र्व बैंक निम्न प्रकार से जाली नोटों की समस्या को सुलझाने के
    प्रयास कर रहा हैः

    भारतीय बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं में आवधिक रूप से सुधार करते हुए,
    ताकि जालीकरण करने वालों के लिए उनका अनुकरण करना कठिन हो।

    इस बात को सुनिश्चित करते हुए कि बैंकों के पास एक ऐसी मजबूत प्रणाली
    उपलब्ध हो जो बैंकिंग प्रणाली में ली नोटों के प्रवेश करते ही तुरंत
    उन्हें पहचानने और पता लगाने में उनकी सहायक हो ।

    वास्तविक भारतीय करेंसी नोटों के संबंध में लोगों में जागरूकता बढ़ाकर।

    जाली नोटों का पता लगाने के बारे में नकदी प्रबंध करनेवालों को प्रशिक्षण देकर।

    बैंकों और विधि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वयन बढ़ाते हुए।

    5) क्या कोई भी अनजाने में प्राप्त जाली नोटों का विनिमय मूल्य प्राप्त कर सकता है?

    जाली नोट होने के कारण, प्रारंभ से हीं उसका कोई मूल्य नहीं होता है।

    6) जाली नोटों के नियंत्रण के लिए कौनसे विधिक प्रावधान हैं ?

    भारतीय दंड संहिता की धारा 489‡ से 489 इ के तहत, जाली भारतीय करेंसी
    नोटों का मुद्रण और/या संचलन करना एक अपराध है।

    7) यदि अनजाने में किसी के पास एक जाली नोट आता है तो उसे क्या करना होगा?

    अपराध संबंधी कार्यविधि संहिता की धारा 39 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति
    के लिए आवश्यक है कि, दूसरे किसी व्यक्ति द्वारा कतिपय अपराध किये जाने
    या अपराध करने की इच्छा रखने, जिसमें मुद्रा के जालीकरण संबंधी अपराध भी
    शामिल हैं, की जानकारी होने पर, ऐसा कोई कार्य किये जाने या इच्छा रखने
    संबंधी सूचना तुरंत पास ही के दंडाधिकारी या पुलिस अधिकारी को दें।

    8) हम जाली नोट को स्वीकारने से कैसे बच सकते है ?

    यह एक अच्छी बात होगी कि नोटों को स्वीकार करते समय, नोटों की वास्तविकता
    की जांच करने की आदत डाली जाए।

    9) यदि कोई व्यक्ति अनजाने में जाली नोट बैंक में जमा कराता है, तो बैंक
    उस मामले में क्या कार्रवाई करेगी ?

    बैंक जाली नोट प्रस्तुत करनेवाले की उपस्थिति में नोट को जब्त कर लेगी।
    बैंक नोट देनेवाले व्यक्ति को प्राप्ति सूचना भी जारी करेगी। रसीद खजांची
    और नोट देनेवाले द्वारा प्रमाणीकृत की जाती है। उन मामलों में भी
    प्राप्ति सूचना जारी की जाती है जहां नोट प्रस्तुतकर्ता प्राप्ति सूचना
    पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी न हो। उसके बाद, बैंक जब्त किये हुए नोट
    को स्थानीय पुलिस प्राधिकारी को जांच के लिए प्रेषित करेगा।

    "अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न" की विस्तृत जानकारी के लिए
    www.faqs.rbi.org.in पर संपर्क करें

    --
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  24. टेक्नॉलोजी ने लाइफ बहुत आसान बनाया है. बिजली, पानी, परिवहन जैसी
    सुविधाएं तो हैं ही लेकिन फोन, कंप्यूटर और टेलीविजन जैसे गैजेट्स जब से
    आम जिंदगी में आए हैं तब से इस टेक्नॉलोजी का जादू हर दिन एक नए रूप में
    नजर आता है. पहले थे साधारण फोन, और बड़े बॉक्स कंप्यूटर-टेलीविजन जिसमें
    तार और बड़ी जगह घेरने की बहुत बड़ी असुविधा थी. फिर मोबाइल, लैपटॉप और
    फ्लैट स्कीन टीवी ने इन्हें पीछे छोड़ दिया. खासकर मोबाइल फोन में स्मार्ट
    फोन के आने के बाद तो पूरी तस्वीर ही बदल गई. टच स्क्रीन फोन और लैपटॉप
    आने के बाद शायद अब आप सोच रहे होंगे कि इससे ज्यादा और क्या सकता है?
    लेकिन हो सकता है?


    'टच' टेक्नॉलोजी के फोन, टैबलेट, लैपटॉप आने के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट 'नो
    टच' टेक्नॉलोजी पर काम कर रहा है. 'नो टच' टेक्नॉलोजी का मतलब मार्केट से
    टच टेक्नॉलोजी को हटाकर वापस पहले की तरह बटन सिस्टम पर काम करने का दौर
    वापस लाना नहीं है बल्कि इस नो टच में आप आपको ऐसी तकनीक मिलेगी जिसमें
    आपको अपने गैजेट्स को ऑपरेट करने के लिए उसे साथ रखने की भी जरूरत नहीं
    होगी. अपने पास अपना मोबाइल, लैपटॉप, टीवी नहीं होने के बाद भी कहीं दूर
    से भी बस अपनी अंगुलियां हिलाकर आप उसे ऑपरेट कर सकते हैं.

    अगर इंटरनेट ही न हो तो….

    इस तकनीक को विकसित कर रही माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार वह एक ऐसा स्क्रीन
    बनाने पर काम शुरू कर चुकी है जिसे बिना टच किए भी ऑपरेट बस हाथों के
    इशारे से चला सकते हैं. इसके लिए बस एक ब्रेसलेट हाथों में पहनने की
    जरूरत होगी, फिर आप किसी दूसरे कमरे में बैठकर भी अपने हाथों के इशारों
    से टीवी, कंप्यूटर ऑपरेट कर सकते हैं. मोबाइल पर आने वाले कॉल रिसीव कर
    सकते हैं, उसके दूसरे फंक्शंस दूर से बैठे-बैठे बिना गैजेट को छुए यूज कर
    सकते हैं. इस ब्रैसलेट की तकनीक कुछ तरह होगी कि हाथों में पहने होने पर
    यह हाथों, अंगुलियों के हर मूवमेंट को पढ़ते हुए गैजेट्स को एक निश्चित
    दूरी से गैजेट्स को ऑपरेट किया जा सकता है. अगले 2 से 5 सालों में यह 'नो
    टच' तकनीक मार्केट में आ जाने की उम्मीद है. तो अब अगर कोई पूछे कि 'टच'
    के बाद नेक्स्ट क्या? तो समझ जाइए विज्ञान का एक और जादू आपको जादूगर
    बनाने आ रहा है.

    --
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  25. आज टेक्नोलॉजी ने हमें बुनियादी जीवन की कई ऐसी सुविधाएं प्रदान की हैं
    जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते. टेक्नोलॉजी का ही एक अहम आविष्कार
    है एटीएम. किसी भी समय कहीं से भी पैसा निकालने की सुविधा देने वाले इस
    एटीएम ने बैंक में जाकर लाइन लगाने की परेशानी से आम जनता को राहत दी है.

    एटीएम कार्ड बैंक की ओर से ग्राहकों को दी गई सुविधा है. एटीएम कार्ड के
    प्रचलन से बैंकों का अपना बोझ काफी कम हुआ है. इससे ग्राहकों को तो बहुत
    फायदा हुआ ही है लेकिन इससे होने वाली धोखाधड़ी और परेशानियां भी कम नहीं
    हैं.


    जिस तरह टेक्नोलॉजी के हर आविष्कार के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान होते हैं
    उसी तरह एटीएम के भी कुछ ऐसे नुकसान हैं जो आम आदमी को जानना जरूरी है.
    कभी मशीन की गड़बड़ी तो कभी अपनी लापरवाही की वजह से कार्ड उपयोगकर्ताओं को
    परेशान होना पड़ता है. थोड़ी सावधानी और जानकारी से इस मुश्किल से बचा जा
    सकता है.


    आइए कुछ ऐसे टिप्स जानें जो आपको एटीएम का इस्तेमाल करते समय याद रखने चाहिए:

    अगर पैसा ना निकले तो

    कई बार ऐसा होता है कि एटीएम मशीन में पिन, अमाउंट आदि डालने के बाद
    स्लिप तो निकल आती है पर पैसा नहीं मिलता और तो और आपके अकाउंट से पैसा
    भी डिडक्ट हो जाता है. ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं. अगर पैसा मशीन से
    नहीं निकला तो अपने ब्रांच में जाकर उसकी शिकायत करें.

    शिकायत किए जाने के अगले 12 कार्यकारी दिवसों के अंदर आपके अकाउंट में
    पैसा वापस आ जाना चाहिए. अगर इतने दिनों में पैसा नहीं आता है तो आप
    प्रतिदिन 100 रुपए की दर से हर्जाना वसूलने के हकदार हैं.


    एटीएम से शॉपिंग के दौरान

    एटीएम कार्ड डेबिट कार्ड की तरह भी इस्तेमाल किए जाते हैं. अगर आप अपने
    एटीएम-कम-डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपके कार्ड
    को दो बार स्वाइप न किया जाए. अगर ऐसा होता है तो इसकी जानकारी लें और
    शॉपिंग की रसीद अपने साथ जरूर रखें.


    CVV Number on ATM : सीवीवी

    एटीएम कार्ड में पीछे की तरफ एक सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) नंबर
    होता है. इस नंबर को आप कहीं सुरक्षित जगह पर लिख लें और कार्ड पर पेन का
    इस्तेमाल करते हुए इसे हटा दें. यह नंबर बहुत अहम है. इसकी मदद से आपकी
    जानकारी और आपके कार्ड के बगैर भी कोई इंटरनेट पर शॉपिंग कर सकता है.


    पिन नंबर

    एटीएम मशीन में कार्ड का इस्तेमाल करते हुए ध्यान रखें कि आसपास कोई ऐसा
    न हो जो आपके कार्ड का पिन नंबर याद कर ले. अपने पिन को गोपनीय रखें और
    हो सके तो लगातार बदलते भी रहें पर ऐसा भी नंबर ना रखें जिसे आप खुद ही
    याद ना रख सकें.


    Invalid ATM Card: इनवैलिड कार्ड

    एटीएम में कार्ड डाले जाने पर यदि इनवैलिड कार्ड शो करे तो अपने बैंक के
    एटीएम पर कार्ड फिर से ट्राई करें. कई बार तकनीकी दिक्कत से ऐसा होता है.
    अगर यह मैसेज बार-बार आए तो अपने कार्ड को ब्रांच से रिप्लेस करा लें.


    पैसा निकालते वक्त ध्यान रखें

    कुछ एटीएम मशीन में ट्रांजैक्शन के लिए कार्ड इंसर्ट करने की जगह कार्ड
    स्वाइप की सुविधा होती है. इस तरह की एटीएम मशीन में ट्रांजैक्शन पूरा
    होने के बाद अगली इंस्ट्रक्शन को ध्यान से देखना चाहिए. अकसर एक
    ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद एटीएम मशीन की स्क्रीन पर डू यू वांट टू
    प्रोसीड फरदर? (Do You Want to Proceed Further) जैसे मैसेज आते हैं. अगर
    आपको कोई दूसरी ट्रांजैक्शन नहीं करनी हो तो नो (NO) बटन पर क्लिक कर
    ट्रांजैक्शन को पूरा करें.


    ATM Card Lost: कार्ड खो जाने की स्थिति में

    एटीएम कार्ड खो जाने पर बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करें और कार्ड की
    पूरी जानकारी दें. कॉल सेंटर पर अपनी शिकायत दर्ज करा कर शिकायत संख्या
    जरूर लें. इसके बाद बैंक आपका एटीएम तुरंत ब्लॉक कर देगा. शिकायत संख्या
    के बाद ही पुलिस स्टेशन में एफ.आई.आर. कराई जा सकती है.


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  26. यदि आप कहीं अनजान के साथ जा रहे हैं या फिर किसी व्यक्ति ने आपका अपहरण
    कर लिया और वह आपका ए टी एम कार्ड का प्रयोग आपको धमकाकर जबरदस्ती कर रहा
    है तो आप घबराएं नहीं क्योंकि अब मैं आपको एक ऐसी जानकारी बता रहा हूं
    जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता वो ये है कि ऐसा यदि आपके साथ हो रहा
    है तो आप उस व्यक्ति का विरोध न करके जैसा वह कह रहा है करते जाएं।

    आप उसकी इच्छानुसार ATM CARD मशीन में डाल दें और जब पिन नम्बर मांगे तब
    अपने वास्तविक कोड न डालकर उनको उल्टे क्रम में लिख दीजिए। उदाहरण के
    अनुसार यदि आपका पिन नम्बर 0123 है तो आप उसकी जगह 3210 लिख दें। जैसे ही
    आप ऐसा करेंगे तो ATM मशीन आपके खतरे को भांपकर पैसा तो निकाल देगी परंतु
    आपका आधा ATM मशीन में फंस जाएगा।

    इसी दौरान ATM मशीन खतरे को भाँपकर बैँक और नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित
    कर देगा और साथ ही ATM का दरवाजा भी अपने आप लॉक हो जाएगा । और इस तरह आप
    विरोधी को बिना किसी भी प्रकार की भनक से पहले उससे बच जाओगे। ATM मेँ
    पहले से मौजूद सिक्योरिटी मैकेनिजम की इस जानकारी का पता हर किसी को नहीं
    होता लेकिन आप अब इस जानकारी को बहुत से लोगों तक पुहुंचाने की कोशिश
    करना ताकि आम इन्सान को फायदा मिल सके

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  27. सशक्त पासवर्ड बनाना

     

    आपके खाते को सुरक्षित बनाए रखने हेतु, सशक्त पासवर्ड बनाने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं:
    अपने महत्वपूर्ण खातों, जैसे अपने ईमेल और ऑनलाइन बैंकिंग खातों के लिए भिन्न पासवर्ड का उपयोग करें. पासवर्ड का पुन: उपयोग करना जोख़िमपूर्ण हो सकता है. यदि कोई व्यक्ति आपके एक खाते का पासवर्ड पता कर लेता है, तो वह व्यक्ति संभावित रूप से आपके ईमेल, पते, और यहां तक कि आपके धन तक भी पहुंच सकता है.
    यदि किसी व्यक्ति ने आपका पासवर्ड पता कर लिया है, तो हो सकता है कि वह आपकी जानकारी के बिना आपका खाता एक्सेस कर रहा हो. अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहने से इस प्रकार की अनधिकृत एक्सेस सीमित रखने में सहायता मिलती है.
    अपने पासवर्ड में संख्याओं, प्रतीकों और अपर तथा लोअर केस अक्षरों के मिश्रण का उपयोग करने से किसी अन्य व्यक्ति के लिए आपके पासवर्ड का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है. उदाहरण के लिए, संख्याओं, प्रतीकों और मिश्रित-केस अक्षरों वाले आठ-वर्ण के पासवर्ड का अनुमान लगाना कठिन होता है क्योंकि उसमें, केवल लोअर केस अक्षरों वाले आठ-वर्ण के पासवर्ड की अपेक्षा 30,000 अधिक संभव संयोजन होते हैं.
    ऐसे अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित न हो और जिसमें अक्षरों, संख्याओं, और प्रतीकों के संयोजन का उपयोग किया गया हो. उदाहरण के लिए, आप यादृच्छिक शब्द या वाक्यांश चुन सकते हैं तथा शुरुआत में, मध्य में, और अंत में अक्षर और संख्याएं डाल सकते हैं जिससे उसका अनुमान लगाना और भी कठिन हो जाए (जैसे "sPo0kyh@ll0w3En"). "password" या "letmein" जैसे सरल शब्दों या वाक्यांशों, "qwerty" या "qazwsx" जैसे कीबोर्ड प्रतिमानों, "abcd1234" जैसे अनुक्रमिक प्रतिमानों का उपयोग न करें जिनसे आपके पासवर्ड का अनुमान लगाना आसान हो जाए.
    अपने पुनर्प्राप्ति ईमेल पते को नियमित रूप से अपडेट करना सुनिश्चित करें ताकि अपने पासवर्ड को रीसेट करने की आवश्यकता होने पर आप ईमेल प्राप्त कर सकें. पाठ संदेश के द्वारा पासवर्ड रीसेट कोड प्राप्त करने के लिए आप फ़ोन नंबर भी जोड़ सकते हैं.

    यदि आप अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो कई वेबसाइटें आपको सुरक्षा प्रश्न का उत्तर देने का विकल्प भी दे सकती हैं. यदि आप अपना स्वयं का प्रश्न बना सकते हैं, तो ऐसा प्रश्न बनाएं जिसका उत्तर केवल आप ही जानते हों. उत्तर ऐसा नहीं होना चाहिए जिसका अनुमान आपके द्वारा ब्लॉग या सामाजिक नेटवर्किंग प्रोफ़ाइल पर ऑनलाइन पोस्ट की गई जानकारी को स्कैन करके लगाया जा सके. यदि आपने विकल्पों की सूची में से कोई प्रश्न, जैसे अपने जन्म का शहर चुना है, तो ऊपर बताई गईं कुछ युक्तियों का उपयोग करके अपने उत्तर को अद्वितीय बनाने का तरीका ढूंढें. इस तरह से यदि कोई व्यक्ति उत्तर का अनुमान लगा भी लेता है, तो उसे सही ढंग से डालने का तरीका पता नहीं चलेगा.
    विविध साइटों के अपने पासवर्ड अपने कंप्यूटर या डेस्क पर नोट के रूप में न रखें. आने-जाने वाले लोग आसानी से यह जानकारी चुरा सकते हैं और उसका उपयोग करके आपके खाते को जोख़िम में डाल सकते हैं. यदि आप अपने पासवर्ड को अपने कंप्यूटर पर किसी फ़ाइल में सहेजने का निर्णय लेते हैं, तो फ़ाइल का कोई अद्वितीय नाम रखें ताकि लोग यह नहीं जान सकें कि फ़ाइल के अंदर क्या है. फ़ाइल को "मेरे पासवर्ड" जैसा स्‍पष्ट नाम देने से बचें. यदि आपको एकाधिक पासवर्ड याद रखने में कठिनाई होती है, तो विश्वसनीय पासवर्ड प्रबंधक एक अच्‍छा समाधान हो सकता है. इन सेवाओं की समीक्षाओं और प्रतिष्ठा के बारे में जानने के लिए कुछ मिनट का समय दें.

    सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ें

    पासवर्ड बना लेने के बाद, आप 2-चरणीय सत्यापन सक्षम करके सुरक्षा की अतिरिक्त परत जोड़ सकते हैं. 2-चरणीय सत्यापन के लिए आवश्यक है कि आपके पास अपने फ़ोन के साथ ही अपने Google खाते में प्रवेश करते समय अपने उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड की एक्सेस हो. इसका अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति आपका पासवर्ड चुरा लेता है या उसका अनुमान लगा लेता है, तब भी वह आपके खाते में प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि उसके पास आपका फ़ोन नहीं है. अब आप ऐसी किसी चीज़ से स्‍वयं को सुरक्षित कर सकते हैं जिसे आप जानते हैं (आपका पासवर्ड) और जो आपके पास है

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